अदृश्य चीजे, खजाना देखने वाली कजली बनाने की विधि हाजरात सिद्धि | Kajali banane ki vidhi

कजली बनाने की विधि हाजरात सिद्धि kajali banane ki vidhi : दोस्तों आपने कई बार यह बात सुनी होगी कि कजली लगाकर किसी गायब ही वस्तु का पता लगाया जाता है अक्सर बहुत से लोग कजरी लगाकर ऐसी चीजों का पता लगाते हैं जो चोरी हो जाती थी या फिर बहुत से अदृश्य चीजों को देखने के लिए कजली लगाकर पता लगाया जाता था।

कजली लगाकर लोग भविष्य की घटनाएं देखते थे और जमीन के अंदर अगर कहीं पर कोई सोने चांदी की जेवरात गड़े होते थे तो उनको भी पता लगाया जाता था इसके अलावा तंत्र मंत्र पर आधारित यह विद्या कई अदृश्य चीजों को पता लगाने के लिए प्रयोग की जाती रही है। आज भी बहुत सारे लोग कजली बनाने की विधि जानने के उत्सुक हैं.

कजली बनाने की विधि हाजरात सिद्धि

परंतु इस विद्या का धीरे-धीरे लॉक हो जाने के कारण लोगों तक जानकारी नहीं हो पाती है और बहुत कम लोग इस विद्या के जानकार रहे हैं इस विद्या को सुलेमानी हाजरात सिद्धि के नाम से भी जाना जाता है जो इस्लाम पर आधारित है। इस्लाम के साथ-साथ यह हिंदू देवी देवताओं से ही संबंधित विद्या है।

कजली लगाकर भूत भविष्य और वर्तमान में होने वाली विभिन्न प्रकार की घटनाओं को देखा जाता है अगर आपको ऐसे कार्य करनी है तो आपको इस साधना के विषय में जानकारी होना जरूरी है यह साधना प्रमुख रूप से ग्रहण काल में संपन्न होती है. आज के समय में हाजरात सिद्धि या कजली बनाना जैसी विद्या को सिद्ध करके लोग लूटने लगे हैं.

यहां तक कि उसे रोजी-रोटी का जरिया बना चुके हैं। कजली लगाना या हाजरात सिद्धि के माध्यम से लोग हाथ की हथेली या अंगूठे पर अथवा आंखों में काजल लगा कर देखते हैं जब किसी अदृश्य वस्तु को देखना होता है तो इसे लगाकर देवताओं का आवाहन किया जाता है. जिससे किसी प्रकार की परेशानी ना हो नवरात्रि के शुभ अवसर पर इसे हाजरा सुमेरु मंत्र के माध्यम से साधना को सफल किया जाता है।

यह एक दुर्लभ साधना है जिसे हाजरात मंत्र द्वारा सिद्ध करके भी प्राप्त किया जाता है किसी भी साधना में ईमानदारी विश्वास धैर्य और श्रद्धा के साथ किया जाता है इस साधना करके आप भी इसका लाभ उठा सकते हैं आइए हम आपको इस साधना या कजली बनाने की विधि के बारे में बताते हैं

कजली बनाने की विधि हाजरात सिद्धि | Kajali banane ki vidhi hajrat sidhi

कजली बनाने के लिए हाजरात सुमेरु मंत्र का जाप किया जाता है जिसे ग्रहण काल में 108 बार 10 माला के साथ घी की आहुति देने पर सिद्ध किया जाता है।

हाजरात सुमेरु मंत्र

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॥ ओम ह्रीं श्रीं क्लीं हाजरात सिद्धि कुरू कुरू स्वाहा ॥

इस मंत्र का जाप करने के बाद आपको हाजरात भराने का मंत्र जाप करना है

हाजरात भराने का मंत्र

॥ ॐ नम: उमा महेश गणेश,गुरु ब्रम्हा ,विष्णु फणीश,विष्णु-रूप हिए धारु धारु धारु धारु शिवजी को ध्यान,हाजरात कुरु नाम: हाजरात कुरु नाम: हाजरात कुरु नम:॥

सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण के दिन 10 माला के साथ मंत्रों को 108 बार सिद्ध किया जाता है जिसके बाद काजल बनाने के लिए समय अमावस्या या पूर्णिमा का दिन लिया जाता है। अमावस्या पूर्णिमा के दिन काजल बनाने के बाद इसका जल का उपयोग किसी गुप्त वस्तु को खोजने घटना को जानने या किसी अदृश्य वस्तु को पहचानने के लिए किसी लड़की के हाथों में या अंगूठे में लगाया जाता है लगाने के बाद आपको सिद्ध मंत्र पढ़ना पड़ता है।

कजली लगाने की विधि | Kajli lagane ki vidhi

कजली लगाने के लिए किसी कुंवारी कन्या का चयन किया जाता है उसके हाथ में एक सिक्के के बराबर कजली लगाई जाती है जिसके पश्चात आपको एक नाग दिखाई देगा उसको प्रणाम करके आप अपनी कामना व्यक्त करते हैं।

जैसे ही आप अपनी कामना व्यक्त करेंगे वह नाम उड़ता हुआ या चलता हुआ उस स्थान पर जाएगा जहां पर जिस वस्तु के लिए आपने कामना किया है और आपकी कामना को पूर्ण करने के लिए वह सब कुछ दिखाई देने लगेगा जो आपने उस नाग से इच्छा व्यक्त किया।

अगर आपने जमीन में गड़ी हुई कोई अदृश्य वस्तु देखने के लिए कामना किया है तो जिस स्थान पर वह वस्तु होगी वहां पर वह नाग जाकर वस्तु को दिखा देगा इस दौरान केवल आपको वस्तु दिखाई देगी और कुछ भी दिखाई नहीं देता है।

कजली बनाने का साबर मंत्र

अगर आप कजली बनाने के लिए हाजरात सिद्धि साधना नहीं करना चाहते हैं तो आप इस साबर मंत्र के द्वारा भी कजली बना सकते हैं। कजली बनाने का साबर मंत्र इस प्रकार है

मन्त्र :

“काला भेरुं काला काल काला भेज्या चारों धाम काल्या काला कहाँ गया मैंने भेज्या वहाँ गया कौन को दिखाए भगे भगाए को रूठे रुठाय को धरती में दबे धन माल को देव दानव को चोर चौपाए को जहाँ के तहाँ को न बताए तो माता कालिका के खप्पर में जरे मेरी भक्ति गुरू की शक्ति।”

इस साबर मंत्र को भी किसी ग्रहण काल में प्रारंभ करें और अमावस्या के दिन काजल बनाएं।

माता काली के मंत्र से कजली बनाने की विधि या हाजरात सिद्धि

माता काली का कजली बनाने का भी एक मंत्र है इस मंत्र से भी हम किसी वस्तु को खोए हुए व्यक्ति को या भागे हुए व्यक्ति को अथवा चोरी हुए सामान को या कहीं छुपी हुई वस्तु को देख सकते हैं। कजली बनाने की विधि या हाजरात सिद्धि एक प्रकार की दिव्य दृष्टि सिद्धि होती है.

kali mata

जिससे ऐसी वस्तुओं का रहस्य खोला जा सकता है जिनका खोलना असंभव था तंत्र शास्त्र में काली मां के इस मंत्र के अलावा अन्य देवताओं के मंत्र से भी हाजरात सिद्धि की जा सकती हैं।

मंत्र इस प्रकार है

ॐ काली माता काली माता ओतो रे।

माता काली के मंत्र से कजली बनाने में ध्यान देने योग्य बातें

किसी भी प्रकार की साधना को करने से पहले हमें कई प्रकार की बातों को ध्यान में रखना बेहद आवश्यक होता है ऐसे में अगर आप कजली बनाने की विधि सीख रहे हैं और उससे संबंधित साधना कर रहे हैं तो साधना से पहले इन बातों को भी ध्यान में।

  • तंत्र मंत्र की दुनिया में जाने से पहले एक ही योग्य गुरु का होना आवश्यक है बिना गुरु के सानिध्य में कोई भी साधना और ज्ञान प्राप्त नहीं किया जा सकता अर्थात साधना से पहले आप एक गुरु निश्चित रूप से करें।
  • साधना करने से पहले अपने पित्र देवता कुल देवता और ग्राम देवता का स्मरण अवश्य करें।
  • गुरु के आदेशानुसार ही साधना प्रारंभ करें और हमेशा गुरु का सम्मान रखें क्योंकि गुरु का अपमान करना आपके ज्ञान में कमी हो सकती हैं।
  • कजली बनाने की विधि या हाजरात सिद्धि प्राप्त करने के बाद कम से कम 21 दिन का अनुष्ठान अवश्य करें जो अनिवार्य है।
  • तंत्र मंत्र में कोई भी साधना करने से पहले हमें पूर्ण रूप से मन क्रम वचन से शुद्ध और सात्विक होना जरूरी है तथा ब्रम्हचर्य का पालन विशेष रूप से करना होता है।
  • अगर आप कजली बनाने की विधि की साधना कर रहे हैं तो बीच में ना छोड़ें अर्थात अधूरी साधना ना करें।
  • साधना के लिए एकांत साफ सुथरा और शांत वातावरण जरूरी है ऐसे में अगर आप घर या बाहर जहां पर भी साधना कर रहे हैं वहां पर शांति और साफ सफाई होना जरूरी है। जिससे साधना के दौरान वहां पर कोई आ ना सके।
  • साधना के दौरान मुख पूर्व की ओर होना जरूरी है आम की लकड़ी के पटरी पर गणेश गुरु की पूजा के बाद काली मां का आवाहन स्थापन करना जरूरी है।
  • अगर आप माता काली के मंत्र के द्वारा साधना कर रहे हैं तो इस मंत्र को 11000 बार 21 दिनों तक करना जरूरी है।
  • माता काली के मंत्र के द्वारा साधना करने से पहले माता को साक्षी मानकर संकल्प लेना पड़ेगा।
  • गुलाब की 11 फूल और गुलाब की सेंट का प्रयोग किया जाता है.

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  • भोग के रूप में लड्डू, पेड़ा, बर्फी, पान बतासा, लॉन्ग, इलायची, मिश्री, मेवा का प्रयोग करना होता है
  • साधना के दौरान साधना स्थान पर हमेशा सरसों के तेल को जलते रहना जरूरी है जाप के समय देसी घी का दीपक जलाएं और धूप सुलगाकर बैठना है।
  • अनुष्ठान करने से पहले आत्मरक्षा का प्रबंध करना जरूरी है अर्थात देह रक्षा मंत्र को भी सिद्ध कर लें।
  • तंत्र मंत्र की साधना के नियमों का पालन इमानदारी पूर्वक करना होता है और साधना को हमेशा गुप्त रखें
  • काजल बनाने के लिए कपूर को जलाकर बनाएं तथा मंत्र पढ़ते हुए बनाना होता है।
  • जब भी हजरत करना हो तो 10 से 2 साल के लड़के को स्नान करवाने के बाद साफ-सुथरे आसन पर बैठाकर 121 बार मंत्र जाप करके गुड़ खिलाएं
  • इसके बाद दाएं हाथ के अंगूठे पर काजल वाली स्याही लगाकर बच्चे को उस काजल को ध्यान से देखने के लिए कहें जिससे बच्चा अंगूठे पर ध्यान एकाग्र करेगा। जब बच्चा उसका जल पर ध्यान लगाएगा तो उसे एक मैदान सा दिखाई देगा जिसमें कुछ आकृतियां भी दिखाई देगी।
  • जब बच्चे को आकृतियां दिखाई देने लगेंगे तब उससे झाड़ू लगाने के लिए कहेंगे जिसमें आपने काजल लगाया है तो झाड़ू लगाने वाला हाजिर हो जाएगा।
  • जब झाड़ू लगाने वाला हाजिर हो जाए तो उसके बाद झाड़ू लगाने वाला खड़ा हो जाए तो लड़के से कहें कि वह कह दे भंगी साहब आप जाएं और पानी छिड़कने वाले को भेजें
  • पानी छिड़कने वाला पानी छिड़ककर खड़ा हो जाएगा तो उस से निवेदन करें कि फर्श सजाने वाले को भेज दे फर्ज सजाने वाला फर्ज सजा देगा तो उसे कहे कि मुंशी जी को बुला दे।
  • जब मुंशी आ जाए तो उससे निवेदन करें कि मैं आपसे कुछ पूछना चाहता हूं अगर मुंसिफ हां कर दे तो लड़का मुंशी से कहे कि माता काली को आदर सहित सिंहासन पर लाएं। से ही मां काली सिंहासन पर विराजे तो बालक को 11 फूल मिठाई अगरबत्ती से पूजा करें
  • जब मुंशी जी से पूछना चाहे पूछ ले मुंशी जी कालिका से प्रश्न के उत्तर पूछ कर बालक को हां या ना में जवाब देंगे। अगर उसे स्लेट पर लिखकर उत्तर प्राप्त करना चाहते हैं तो वह लिखकर भी देगा।
  • इसके बाद आपको माता जी की सवारी को वापस ले जाने का निवेदन करना है इस प्रकार से साधक अपने हर प्रश्न का जवाब प्राप्त कर सकता है।

निष्कर्ष

दोस्तों तमाम तंत्र मंत्र की साधना ओं के बीच कजली बनाने की विधि या हाजरात सिद्धि भी एक साधना है जिसे सिद्ध करने के बाद व्यक्ति हजारों किलोमीटर दूर रखी हुई वस्तु या अदृश्य वस्तु को देख सकता है यह साधना एक प्रकार की दिव्य दृष्टि साधना है जो हम जमीन के अंदर कहीं पर कोई भी वस्तु देख सकते हैं।

इस साधना को सिद्ध करने के बाद व्यक्ति के अंदर अदृश्य चीजों की देखने की क्षमता आ जाती है अगर कहीं आदमी गायब हो गया है वह जिंदा है या मर गया है इस बात की भी पुष्टि कर सकता है के अलावा कोई व्यक्ति किस हालात में है उसकी भी हम जानकारी कर सकते हैं इसीलिए यह साधना एक बहुत ही जटिल साधना में एक है।