सम्पूर्ण माँ दुर्गा पूजन विधी, सामग्री और मनोकामना पूर्ति हेतु सफल उपाय

Durga mata ki pooja kaise kare ? हमारे भारत देश में हर साल बड़ी धूमधाम से नवरात्रि मनाई जाती है|नवरात्रि में माता दुर्गा की आराधना की जाती है|आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हर साल 2 बार नवरात्रि आती है जिसमें से एक चैत्री नवरात्रि होती है और एक मुख्य नवरात्रि होती है,फिलहाल चैत्री नवरात्रि 14 अप्रैल को आने वाली है| durga mata kaun hai ?

मुख्य नवरात्रि हर साल अक्टूबर अथवा नवंबर के महीने में चालू होती है, जिसमें हमारे भारत देश में कई जगहों पर माता दुर्गा की मूर्ति पंडालों में बैठाई जाती है|

मुख्य नवरात्रि के समय बंगाल में दुर्गा पूजा काफी हर्ष उल्लास के साथ मनाई जाती है|बंगाल में दुर्गा माता के काफी बड़े-बड़े पंडाल सजाए जाते हैं और 9 दिनों तक उनके पूरी विधि विधान से पूजा की जाती है और दसवें दिन उनकी मूर्ति को किसी नदी अथवा तालाब में जाकर विसर्जन किया जाता है|

इसके अलावा गुजरात राज्य में 9 दिनों तक गरबा का आयोजन किया जाता है| गुजरात राज्य का गरबा पूरी दुनिया में काफी प्रसिद्ध है और इसमें भाग लेने के लिए कई विदेशी लोग भी नवरात्रि के समय गुजरात में आते हैं| इसके अलावा विदेशों में भी गरबा का आयोजन गुजराती लोगों के द्वारा किया जाता है, जिसमें विदेशी लोग भी गरबा खेलते हैं|

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नवरात्रि में उत्तर प्रदेश तथा अन्य सभी राज्यों के लोग काफी खुश रहते हैं और वह माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न प्रकार के उपाय करते रहते हैं|कोई व्रत करता है, तो कोई माता दुर्गा की साधना करता है|

परंतु बहुत से लोगों को यही नहीं पता होता है कि दुर्गा माता की पूजा कैसे की जाती है, अगर आप भी इससे अनजान है तो चिंता बिल्कुल भी ना करें क्योंकि आज हम आपको बताएंगे की दुर्गा माता की पूजा कैसे की जाती है, आइए जानते हैं|

माता दुर्गा कौन है ? | Who Is Goddess Durga

राक्षस जाति से संबंध रखने वाले हिरण्याक्ष के वंश में एक बहुत ही बलवान दैत्य उत्पन्न हुआ था जिसका नाम दुर्गामासुर था और इससे सभी देवता परेशान हो गए थे और इससे कोई भी देवता लड़ने का साहस नहीं जुटा पा रहे थे,जिसके कारण सभी देवता भागकर पर्वतों की गुफा में जाकर छुप गए|

और सहायता के लिए शक्ति अंबिका की आराधना करने लगे, जिसके बाद देवी प्रकट हुई और उन्होंने इस बलवान राक्षस का वध किया, तब से ही यह देवी दुर्गा कहलाने लगी|

देवी दुर्गा के अन्य नाम क्या है ? 

हमारे हिंदू धर्म में देवियों में माता दुर्गा का सबसे ऊंचा स्थान माना जाता है| माता दुर्गा को दुर्गा के अलावा अन्य कई नामों से भी पुकारा जाता है| जैसे कि अंबे, जगदंबे, शेरावाली, पहाड़ा वाली इत्यादि|

हमारे भारत देश में माता दुर्गा के सैकड़ों मंदिर है,जहां पर उनकी पूजा की जाती है|हमारे भारत देश में ज्योतिर्लिंग से ज्यादा शक्ति पीठ है और सरस्वती माता, लक्ष्मी माता और पार्वती माता यह त्रिदेव की पत्नियां है|

माता दुर्गा की पूजा करने की सामग्री क्या लगती है ? 

  • माता दुर्गा की पूजा करने के लिए आपको निम्न सामग्री की आवश्यकता पड़ेगी|
  • रोली, चंदन, कुमकुम, धूपबत्ती, एक लोटा पानी, प्रसाद, दुर्गा माता की आरती अथवा दुर्गा चालीसा, फुल

माता दुर्गा की पूजा करने की विधि क्या है ? 

हम यहां पर आपको सामान्य तौर पर माता दुर्गा की पूजा करने की विधि बताने वाले हैं| नवरात्रि की विधि हम आपको किसी दूसरे आर्टिकल में बताएंगे|

माता दुर्गा के दिन के तौर पर शुक्रवार को जाना जाता है, इसीलिए अगर आप माता दुर्गा की पूजा शुक्रवार को करते हैं तो आपको मनचाहा वरदान अवश्य प्राप्त होगा| शुक्रवार के दिन माता दुर्गा की पूजा करने के लिए आपको शुक्रवार को सुबह जल्दी उठ जाना है और साफ पानी से आपको स्नान करना है|

उसके बाद आपको साफ और स्वच्छ कपड़े पहनने हैं और फिर अपने घर के मंदिर में स्थापित दुर्गा माता की मूर्ति के सामने जाना है| अगर आपके घर में दुर्गा माता की मूर्ति नहीं है तो आप फोटो से भी काम चला सकते हैं|

उसके बाद आपको सबसे पहले एक लोटा पानी लेना है| लौटा तांबे का ही होना चाहिए, पानी लेने के बाद आपको सबसे पहले एक साफ कपड़े से दुर्गा माता की मूर्ति पर लगे हुए पुराने सिंदूर को पोछना है और उनकी मूर्ति अथवा फोटो को साफ करना है|

इसके बाद आपको अपने हाथ में जल लेकर तीन बार माता दुर्गा के मूर्ति के ऊपर या फिर फोटो के ऊपर घुमाना है और बीच-बीच में आपको ओम दुर्गाय नमः मंत्र का जाप करना है| उसके बाद आपको कुश की सहायता से 3 बार पानी से भरे हुए लौटे में कुश डूबा कर माता दुर्गा के ऊपर छिड़काव करना है|

इसके बाद आपको धूपबत्ती जलानी है और माता दुर्गा की मूर्ति अथवा फोटो के सामने तीन बार धूप दीप घुमाना है| इसके बाद आपको माता दुर्गा के पैरों में और माथे पर चंदन, रोली और कुमकुम का तिलक लगाना है|तिलक लगाने के बाद आपको माता दुर्गा को प्रणाम करना है और अपनी श्रद्धा के अनुसार दुर्गा चालीसा या फिर दुर्गा मंत्र का जाप करना है|

आप चाहे तो दुर्गा माता की आरती भी कर सकते हैं| यह सभी चीजें करने के बाद आपको दुर्गा माता के चरणों में अपना सर झुकाना है और लौटा में रखे हुए पानी को ले जाकर किसी शिवलिंग के ऊपर चढ़ा देना है|अगर आपके घर के आसपास शिवलिंग नहीं है, तो आप सूरज देवता को देखते हुए पानी जमीन में छोड़ सकते हैं|

दुर्गा माता से मन्नत कैसे मांगे ? 

अगर आप अपने किसी विशेष कार्य की सिद्धि के लिए दुर्गा माता से मन्नत मांगना चाहते हैं, तो इसके लिए ऊपर बताई गई विधि से पूजा करने के बाद आपको अपने दोनों हाथ जोड़ने हैं और उसके बाद आपको मन ही मन दुर्गा माता से अपनी मनोकामना को पूरी करने की अरदास लगानी है|

साथ ही आपको यह भी कहना है कि जब आपकी मनोकामना पूरी हो जाएगी, तब आप दुर्गा माता को फलाना चीज अर्पण करेंगे| ऐसा करने से निश्चित ही दुर्गा माता आपकी मनोकामना को पूरी करेंगी|

हालांकि इसके लिए आपको पूरे श्रद्धा भाव से शुक्रवार के दिन माता दुर्गा की पूजा तब तक करनी है, जब तक कि आपकी मनोकामना पूरी नहीं हो जाती है और मनोकामना पूरी होने के बाद आपको आपने जो भी चीजें दुर्गा माता को अर्पण करने के लिए कही है, वह अवश्य करना है|