किसी भी पाप से मुक्ति के लिए मंत्र और प्रयोग विधि | Pap se mukti ke liye mantra

पाप से मुक्ति के लिए मंत्र Pap se mukti ke liye mantra : हेलो दोस्तो नमस्कार आज मैं आप सभी लोगों को इस लेख के माध्यम से पाप से मुक्ति के लिए मंत्र से संबंधित जानकारी प्रदान करूंगी, जिसमें मैं आप लोगों को सबसे पहले पाप से मुक्ति दिलाने के लिए बहुत ही प्रभावशाली मंत्र बताऊंगी. उसके बाद उस मंत्र को जपने का शुभ समय तथा उपयोग में लेने की पूरी विधि बताऊंगी. ताकि आप लोग इस मंत्र को सही तरीके से उपयोग में ले कर जाने अनजाने में हुए पापों से मुक्ति पा सकें.

पाप से मुक्ति के लिए मंत्र Pap se mukti ke liye mantra

क्योंकि तंत्र मंत्र शास्त्र के अनुसार ऐसा बताया गया है कि हर एक मंत्र में बहुत ही शक्तियां विद्यमान रहती हैं जो व्यक्ति को कई समस्याओं से बाहर निकाल सकती हैं लेकिन वह मंत्र आपके लिए शुभ फल तभी देगा जब आप उस मंत्र को सही समय और सही तरीके से उच्चारण करेंगे .

इसीलिए किसी भी मंत्र को उपयोग में लेने से पहले उस मंत्र के विषय में हर एक जानकारी अच्छे से प्राप्त कर लेनी चाहिए जैसे की कौन सा मंत्र किस काम के लिए है और इस मंत्र को जपने का शुभ समय क्या होता है, इस मंत्र को किस तरीके से कितनी बार जपना चाहिए ? यह सारी जानकारी होनी चाहिए तभी आपको कोई भी मंत्र जप करने का शुभ फल मिलेगा.

इसीलिए आज मैं आप लोगों को इस लेख में पाप से मुक्ति दिलाने के कुछ प्रभावशाली मंत्र बताने के साथ-साथ उस मंत्र को किस समय, किस तरीके से उपयोग में लेना है, यह सारी जानकारी विस्तार पूर्वक से बताऊंगी ऐसे में अगर आप लोग भी पापों के बोझ के तले दबे हैं और अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए प्रभावशाली मंत्र की जानकारी विधिवत प्राप्त करना चाहते हैं तो कृपया करके इस लेख को शुरू से अंत तक अवश्य पढ़ें.

पाप से मुक्ति के लिए मंत्र | Pap se mukti ke liye mantra

इतनी बड़ी दुनिया में कुछ लोग ऐसे होते हैं जो जानबूझकर पाप नहीं करना चाहता है लेकिन कभी-कभी समय और हालात व्यक्ति को पाप करने पर मजबूर कर देते हैं इसीलिए हर व्यक्ति से कोई ना कोई पाप आवश्यक होता है.

पूजा कब नहीं करनी चाहिए पीपल की पूजा कब नहीं करनी चाहिए तुलसी की पूजा कब नहीं करनी चाहिए भगवान की पूजा कब नहीं करनी चाहिए पीपल के पेड़ की पूजा कब नहीं करनी चाहिए तुलसी माता की पूजा कब नहीं करनी चाहिए तुलसी जी की पूजा कब नहीं करनी चाहिए pooja kab nahi karni chahiye pooja kab karni chahiye puja karni chahie ya nahin puja karni chahie puja kab karni chahie puja karna chahie ki nahin pooja karne ka tarika in hindi pooja karne ka tarika pooja karne ka right time pooja karne ka samay kya hai pooja karne ka sahi time pooja karne ka time pipal ki puja kab nahi karni chahiye pipal ki puja kab karni chahie pipal ki puja kis din nahi karni chahiye pipal ki puja kis din nahin karni chahie pipal ki puja kab karni chahiye pipal ki puja roj karni chahiye tulsi ki puja kab nahi karni chahiye tulsi ji ki puja kab nahi karni chahie tulsi ki puja kab karni chahiye tulsi ki puja kab karni chahie tulsi ki puja kis din nahi karni chahiye tulsi ji ki puja kis din nahi karni chahiye

चाहे फिर वह पाप जानबूझकर किया गया हो या फिर अनजाने में, ईश्वर की नजरों में पाप, पाप ही होता है और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर व्यक्ति को अपने पिछले जन्म और इस जन्म में किए गए पापों का प्रायश्चित इसी जन्म में करना पड़ता है इसलिए हम यहां पर हमारे ज्योतिष शास्त्र के द्वारा बताए गए कुछ ऐसे मंत्र बताएंगे जो व्यक्ति को पाप मुक्त दिलाने में सहायक होते हैं.

1. पाप से मुक्ति दिलाने का पहला मंत्र


आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्।

पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वर॥
मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन।

यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे॥


इस मंत्र का उपयोग जाने अनजाने में हुए पापों से मुक्ति पाने के लिए उपयोग में लिया जाता है

मंत्र को उपयोग में लेने की विधि

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  1. अक्सर करके हर व्यक्ति के जीवन में एक समय ऐसा आता है जब व्यक्ति को उसकी सहनशीलता से बढ़कर दुखो का सामना करना पड़ता है, तब उसे ईश्वर की याद आती है और जब ईश्वर की याद आती है तब पापों का प्रायश्चित करने से बेहतर समय और कोई नहीं होता है.
  2. क्योंकि जब किसी व्यक्ति के मन में ईश्वर का ख्याल आता है तो उस व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा विद्यमान होती हैं और उसी समय में ईश्वर से की गई करुणामई प्रार्थना आपको आपके पापों से मुक्ति दिला सकती है,
  3. इसीलिए हमने जो ऊपर मंत्र बताया है इस मंत्र का उपयोग आपको सिर्फ उसी समय करना है जब आपको अपने किए गए पापों का एहसास हो जाए और आप उनसे मुक्ति पाना चाहते हैं आपको ऐसा लगे कि आपके जीवन में आगे बढ़ने के लिए सारे रास्ते बंद हो चुके हैं और इतनी बड़ी दुनिया में आपका साथ देने वाला ईश्वर को छोड़कर और कोई नहीं है.
  4. तब आप चाहे जहां पर भी हो पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ सच्चे दिल से इस मंत्र का जितनी बार हो सके उतनी बार उच्चारण करें और ईश्वर से करुणामई शब्दों में प्रार्थना करें हे ईश्वर, मैं ना तो आप को बुलाना जानता हूं और ना तो आपको विदा करना जानता हूं, ना ही आपकी विधिवत पूजा करना जानता हूं, मैं बस इतना जानता हूं कि आप इस संसार के निर्माता है इसीलिए हमसे जो भी पाप हुआ हो हमें उस पाप से मुक्ति दिलाएं , और हमारी भूल को क्षमा प्रदान करें.
  5. इस तरह से आप उस मंत्र उच्चारण के बाद प्रार्थना करें तो वह मंत्र अवश्य आपको पापों से मुक्ति दिलाएगा और ईश्वर भी आपकी करुणामई आवाज अवश्य सुनेंगे.

2. पाप से मुक्ति दिलाने का दूसरा मंत्र

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं।

विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् ।।

लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम् ।

वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ॥

यह नारायण देव का दिव्य मंत्र है इस मंत्र को सही समय और पूरी विधि विधान के साथ जाप करने से व्यक्ति के जन्म जन्मांतर के पाप कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं.

दूसरे पाप मुक्ति मंत्र को उपयोग में लेने की विधि

शिवजी का चाँद

  • सबसे पहले सूर्य अस्त के बाद घर की अच्छे से साफ सफाई करने की बाद स्नान आदि से निवृत हो जाएं उसके बाद विष्णु या फिर भोलेनाथ ईश्वर की प्रतिमा स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें और उनके सामने धूपबत्ती अगरबत्ती केसर, चंदन, फूल, तुलसी की माला, पीताम्बरी वस्त्र, कलावा, फल चढ़ाएं .
  • उसके पश्चात आप श्री हरि भगवान को भोग लगाने के तौर पर खीर या फिर दूध से बनी कोई वस्त्र का भोग लगाएं और भोग लगाते समय इस मंत्र का उच्चारण अवश्य करें.

त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये । गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर

मंत्र का भाव अर्थ : हे ईश्वर हमारे पास जो भी है वह सब कुछ आपका ही दिया हुआ है इसीलिए भोग के तौर पर मैं आपका दिया हुआ हीं आपको समर्पित कर रहा हूं कृपया करके हमारे द्वारा लगाए भोग को स्वीकार करें.

  • उसके पश्चात श्री हरि ईश्वर बाबा की प्रतिमा के सामने आसन लगाकर बैठ जाएं.
  • फिर ऊपर बताए गए पाप से मुक्ति दिलाने वाले मंत्र का उच्चारण रुद्राक्ष की माला को फेरते हुए 180 बार करें.
  • जब मंत्र जाप की प्रक्रिया 180 बार पूरी हो जाए तो आप ईश्वर के सामने हाथ जोड़कर अपने शब्दों में अपने किए गए पापों से मुक्ति पाने के लिए प्रार्थना कर सकते हैं इस तरह से इस मंत्र को कुछ दिन तक स्मरण करने से तंत्र मंत्र शास्त्र के अनुसार व्यक्ति पाप मुक्त हो जाता है.

3. पाप से मुक्ति दिलाने का तीसरा मंत्र

सर्वैश्वर्यकरं पुण्यं सर्वपाप प्रणाशनम्

सर्वदारिद्र्य शमनं श्रवणाद्भुक्ति मुक्तिदम्।

राजवश्यकरं दिव्यं गुह्याद्-गुह्यतरं परम्

दुर्लभं सर्वदेवानां चतुष्षष्टि कलास्पदम्।

पद्मादीनां वरान्तानां निधीनां नित्यदायकम्

भगवति हरिवल्लभे मनोज्ञे त्रिभुवन भूतिकरि प्रसीदमह्यम्।।

ॐ श्रिये नमः

यह मंत्र व्यक्ति को हर प्रकार के पाप से मुक्ति दिलाने के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण बताया गया है.

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पाप से मुक्ति के लिए तीसरे मंत्र को उपयोग में लेने की विधि

  1. इस मंत्र का जाप माता लक्ष्मी या फिर भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने आसन लगाकर करना है.
  2. इसीलिए आप शुक्रवार के दिन या फिर जिस दिन आपके मन में अपने पापों का प्रायश्चित करने का ख्याल आए उस दिन आप घर की अच्छे से साफ सफाई कर दें और खास करके जहां पर माता लक्ष्मी और विष्णु की प्रतिमा स्थापित करना हो उस जगह को पानी से अच्छे से साफ करें उसके बाद स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ कपड़े धारण करें
  3. स्नान आदि से निवृत होने के पश्चात स्वच्छ स्थान पर माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की मूर्ति या फिर फोटो की स्थापना करें उसके पश्चात उनकी प्रतिमा के सामने धूपबत्ती और अगरबत्ती लगाए तथा भोग के रूप में खीर या हलवा का भोग लगा सकते हैं.
  4. भोग लगाने के पश्चात आप मंत्र जाप करने का संकल्प लें और माता रानी और ईश्वर से प्रार्थना करें हे ईश्वर मैंने जो मंत्र जाप करने का संकल्प लिया है इस मंत्र को पूर्ण करने के लिए हमारे अंदर सकारात्मक शक्ति प्रदान करें.
  5. इतनी प्रार्थना करने के पश्चात आप माता रानी के फोटो या फिर प्रतिमा के सामने आसन लगाकर बैठ जाएं और ऊपर बताए गए मंत्र का जाप आपसे जितनी बार हो सके आप सच्चे दिल से उतनी बार उस मंत्र का उच्चारण करें.
  6. मंत्र जाप करने के पश्चात मां के चरणों में शीश नवा कर अपने शब्दों में माता रानी और भगवान विष्णु से अपने पापों का प्रायश्चित करने की प्रार्थना करें.
  7. माता रानी से प्रार्थना करने के बाद आप माता रानी की आरती करें और फिर उस आरती को घर के हर सदस्य को कराएं तथा आरती का धुआं घर के चारों तरफ फैला दे ताकि घर से नकारात्मक शक्तियां बाहर हो जाए और फिर शाम को माता रानी के फोटो या फिर प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं.
  8. इस तरह से इस मंत्र को उपयोग में लेने से यह मंत्र कुछ ही दिनों में आपको पाप से मुक्ति दिलाएगा और आगे से कोई भी पाप करने से आपको रोकेगा तथा आपके घर में आर्थिक स्थिति बेहतर बनेगी और आपके जीवन में खुशियां आ जाएगी .

4. चौथा पाप से मुक्ति दिलाने का मंत्र

पापों के क्षय के लिये मन्त्र
“मोहि समान को पापनिवासू।

यह मंत्र व्यक्ति को पापों से मुक्ति दिलाता है तथा आगे के जीवन में व्यक्ति को अन्य पाप करने से रोकता है

पाप मुक्ति के लिए चौथे मंत्र को उपयोग में लेने की विधि

  • इस मंत्र जाप के लिए आपको किसी भी ईश्वर या देवी की फोटो और प्रतिमा की आवश्यकता नहीं है.
  • इस मंत्र जाप करके उपयोग में लेने के लिए आपको सच्ची श्रद्धा और शांत वातावरण की आवश्यकता है.
  • इसीलिए इस मंत्र को उपयोग में लेने के लिए आप घर या घर के बाहर कोई ऐसा स्थान चुनें जहां पर शोरगुल बिल्कुल भी ना होता हो.
  • उसके पश्चात उस स्थान पर आसन लगाएं और रुद्राक्ष की माला को फिरते हुए ऊपर बताए गए मंत्र का जाप 1000 बार 40 दिन तक लगातार करें और हर रोज मंत्र जाप करने का स्थान वही होना चाहिए मंत्र जाप होने के पश्चातईश्वर से करुणामई शब्दों में पाप मुक्ति की प्रार्थना अपने शब्दों में करें.
  • उसके पश्चात किसी भी व्यक्ति के द्वारा या रिश्तेदार से दीक्षा के रूप में मिली मुद्रा को विष्णु भगवान के मंदिर में दान करें.
  • इस तरह से इस मंत्र को उपयोग में लेने से व्यक्ति के जन्म जन्मांतर के पाप मिट जाते हैं और फिर उस जातक का मनुष्य जन्म सफल हो जाता है.

5. पांचवा पाप से मुक्ति दिलाने का मंत्र

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ॐ भूर्भुवः स्वः ।
तत्सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात्

ज्योतिष शास्त्र कहना है गायत्री मंत्र में जितनी सकती है उतनी सकती किसी भी मंत्र में नहीं है क्योंकि यह मंत्र व्यक्ति को हर पीड़ा से मुक्ति दिलाता है इस मंत्र को बीज के रूप में तैयार किया गया है क्योंकि तंत्र मंत्र शास्त्र का कहना है गायत्री मंत्र में जितने शब्द है. हर एक शब्द में परम शक्ति तथा ऋषि मुनि की सिद्धियां मौजूद है, जो व्यक्ति को हर पीड़ा से मुक्ति दिलाने का कार्य करती हैं. इसीलिए यह मंत्र भी पाप मुक्ति के लिए बेहद फायदेमंद बताया गया है.

5 पाप मुक्ति के लिए गायत्री मंत्र को उपयोग में लेने की विधि

  1. इस मंत्र उच्चारण के लिए हर व्यक्ति को स्वच्छ मन और स्वस्थ स्थान की आवश्यकता होती है.
  2. उसके पश्चात किसी भी स्वच्छ स्थान पर आप आसन लगाकर गायत्री मंत्र का उच्चारण 11 बार करना है और जब 11 बार मंत्र जाप की प्रक्रिया पूरी हो जाए तो आप ईश्वर से अपने शब्दों में पाप मुक्ति की प्रार्थना करें.
  3. इस तरह से जब तक आपके जीवन में खुशहाली ना जाए और आपके मन में सकारात्मक विचार ना उत्पन्न होने लगे तब तक आप के इस मंत्र का उच्चारण करते रहे बहुत जल्द आपको इस मंत्र जाप करने का शुभ फल प्राप्त होगा.

FAQ : पाप से मुक्ति के लिए मंत्र

नर्क में कौन जाता है ?

वेद पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति अपने पापों का घड़ा पूरी तरह से भर देता है फिर भी उसके मन में पाप करने के लिए विचार आते हैं और वह पाप करता रहता है और जीवन में कभी भी उसे अपने पापों को प्रश्चित करने का ख्याल नहीं आता है तो ऐसे व्यक्ति को नर्क में स्थान प्राप्त होता है.

पाप किसे कहते हैं ?

जब मनुष्य के द्वारा किसी भी छोड़े मोटे जीव जंतु या फिर मनुष्य मनुष्य को ही मृत्यु दंड देता है या उसे किसी प्रकार की ठेस पहुंचाता है तो इसे पाप का दर्जा दिया जाता है.

पापों का प्रायश्चित करना क्यों आवश्यक है ?

जिस तरह से व्यक्ति को मानसिक विकास और शारीरिक विकास के लिए शिक्षा की आवश्यकता होती है उसी तरह से मनुष्य जन्म को सफल बनाने के लिए पापों का प्रायश्चित करना आवश्यक होता है.

निष्कर्ष

हमारे प्रिय मित्रों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से पाप से मुक्ति दिलाने वाले प्रभावशाली मंत्र से संबंधित पूरी जानकारी विस्तार पूर्वक से बताई है अगर आप लोगों ने इस लेख को शुरू से अंत तक पढ़ा होगा तो आप लोगों को पाप से मुक्ति पाने के मंत्र की जानकारी विधिवत तरीके से प्राप्त हो गई होगी .

ऐसे में अगर आप भी अपने पापों का प्रायश्चित करना चाहते हैं तो इस लेख में बताए गए मंत्र को पूरी विधि विधान के द्वारा उपयोग में लेकर अपने जीवन को सफल बना सकते हैं तो मित्र हम उम्मीद करते हैं आप लोगों को हमारे द्वारा बताइ गई जानकारी पसंद आई होगी और यह लेख आप लोगों के लिए उपयोगी साथ हुआ होगा.