विष योग के फायदे और 9 नुकसान व विष योग के 5 आसान उपाय | Vish yog ke fayde aur nuksan

विष योग के फायदे Vish yog ke fayde : हेलो दोस्तो नमस्कार आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से विष योग के फायदे के विषय में बताएंगे ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बताया गया है जब शनि और चंद्रमा दोनों किसी भी जातक या जातिका की कुंडली में एक साथ बैठे हो तो ऐसे में विष योग बनता है जो महिला और पुरुष के पिछले जन्मों से संबंधित होता है.

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क्योंकि ज्योतिष के अनुसार अगर कोई जातक या जातिका पिछले जन्म में अच्छे कर्म करता है और मनुष्य जन्म में उसकी कुंडली में विष योग बन जाता है तो यूएस जातक के जीवन में सभी कार्य शुभ होते हैं ,अगर कोई व्यक्ति अपने पिछले जन्म में बुरे कार्य करता है तो यह योग उस व्यक्ति के जन्म काल से लेकर मरण तक अशुभ प्रभाव देता रहता है.

कहने का सीधा तात्पर्य है अगर किसी जातक या जातिका की कुंडली में शनि ग्रह और चंद्रमा दोनों एक ही भाव में उपस्थित होते हैं तो उस व्यक्ति की कुंडली में विष योग बनता है जिसको लेकर ज्योतिष का कहना है कि इस योग के बनने पर शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के फल मिलते हैं.

इसीलिए हम यहां पर कुंडली में विष योग बनने पर पड़ने वाले शुभ प्रभाव के विषय में बताएंगे ऐसे में अगर आपकी कुंडली में भी विष योग है तो यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है ऐसे में अगर आप इस जानकारी को प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को शुरू से अंत तक अवश्य पढ़ें.

विष योग क्या है और कैसे बनता है ?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में बनने वाले प्रमुख 32 योग बताए गए हैं और उन प्रमुख 32 योग में विष योग भी शामिल है जो किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि देव और चंद्रमा के एक ही भाव में प्रवेश करने के दौरान बनता है और जब किसी व्यक्ति की कुंडली में विष योग बनता है तो उस व्यक्ति के जीवन में शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के प्रभाव पडते हैं.

विष योग के फायदे | Vish yog ke fayde

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर व्यक्ति की कुंडली का अपना अपना महत्व होता है क्योंकि व्यक्ति की कुंडली के आधार पर ही उसकी कुंडली में बनने वाले योग का पता चलता है और कुंडली के माध्यम से विवाह योग और विवाह का शुभ मुहूर्त यह सब कुछ पता किया जाता है इसलिए कुंडली हर व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक है. ऐसे में आज हम बताएंगे कि कुंडली में विष योग बनने के कौन-कौन से फायदे मिलते हैं ?

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क्योंकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 32 योग बताए गए हैं और इन 32 योग में विष योग को भी शामिल किया गया है जिसको लेकर शास्त्रों में और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कहा गया है कि विष योग बनने पर शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ते हैं.

लेकिन हम यहां पर बताएंगे अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में विष योग बनता है तो उस व्यक्ति के जीवन में विष योग बनने के कौन-कौन से शुभ प्रभाव देखने को मिलते हैं. ज्योतिष की नजरों में किसी व्यक्ति की कुंडली में विष योग बनने पर उसके जीवन में कुछ इस प्रकार के शुभ प्रभाव पड़ते हैं जैसे,

1. अपने काम के प्रति जागरूक होना

अक्सर करके कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपनी जिम्मेदारी तथा कार्यों को लेकर जागरूक नहीं रहते हैं या फिर उस कार्य में सफलता न मिलने के कारण वह निराश भावना लेकर बैठ जाते हैं और फिर उस काम को करने में उनका मन नहीं लगता है या फिर उस कार्य के प्रति दिलचस्पी नहीं रह जाती है.

ऐसी परिस्थितियों में अगर इनकी कुंडली में किसी कारण से विष योग बनता है तो फिर इस योग के बनने का प्रभाव इन व्यक्ति के जीवन में बहुत ही शुभ फल देता है और फिर वह व्यक्ति अपने कार्यों के प्रति जागरूक हो जाते हैं और उन्नति के नए-नए मार्ग खोजते रहते हैं और बहुत ही जल्दी यह लोग हद से ज्यादा तरक्की को प्राप्त कर लेते हैं.

2. व्यक्ति को सही गलत का अनुभव कराएं

अकसर देखा जाता है कुछ लोग ऐसे होते हैं जो सही गलत कार्य का अनुमान नहीं लगा पाते हैं और फिर किसी भी बने बनाए कार्य को अपने अनुसार करके बिगाड़ देते हैं या फिर ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं जहां सोचने और समझने का वक्त नहीं रहता है तो फिर ऐसे में बहुत ज्यादा मानसिक तनाव की समस्या आ जाती है.

इस विषय पर ज्योतिष शास्त्र का कहना है अगर ऐसी परिस्थितियों में किसी व्यक्ति की कुंडली में विष योग बनता है तो उस व्यक्ति के अंदर सही गलत कार्य को परखने का अनुभव आ जाता है और फिर वह व्यक्ति बहुत ही कम समय में उसके लिए क्या सही है, क्या गलत है ? इसका अनुमान लगा लेता है और फिर वह व्यक्ति बड़ी से बड़ी समस्या को बिना किसी की सहायता से सुलझा लेता है. जिसके चलते कई बार इन लोगों के बहुत दुश्मन भी बन जाते हैं.

3. व्यक्ति के मन और जीवन में सकारात्मक शक्तियां विद्यमान हो जाती हैं

कई बार ऐसा होता है कि घर में लंबे समय तक किसी भी प्रकार का पूजा, पाठ, यज्ञ, नहीं करवाने की वजह से घर में और व्यक्ति के मन तथा जीवन सभी में नकारात्मक शक्तियां विद्यमान हो जाती हैं जिसके चलते व्यक्ति को हर तरफ से कष्ट का सामना करना पड़ता है यहां तक कि अपनों के रिश्तो में भी कड़वाहट महसूस होने लगती है .

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जिसके चलते जिंदगी बहुत ही भारी लगने लगती है लेकिन जब ऐसी परिस्थितियों में किसी व्यक्ति की कुंडली में विष योग बनता है तो उस व्यक्ति के जीवन में जितने भी नकारात्मक शक्तियां होती हैं वह सभी उस व्यक्ति के मन, जीवन, से निकल जाती हैं और उस जगह पर सकारात्मक शक्तियां विद्यमान हो जाती हैं जिसके बाद उस व्यक्ति के जीवन में हर एक कार्य शुभ होते रहते हैं और फिर वह व्यक्ति हर प्रकार से खुशी रहता है.

4. व्यक्ति हर परिस्थितियों में खुश रहना सीख जाता है

आज की दुनिया में हर व्यक्ति भौतिक सुख संपदा से परिपूर्ण होना चाहता है और जब तक उन्हें हर प्रकार की सुख सुविधा नहीं मिल जाती हैं तो हर व्यक्ति उन सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए तरह-तरह के प्रयास करता रहता है तो ऐसे में कुछ लोगों को सफलता मिलती है तो कुछ लोगों को असफलता मिलती है जिसकी वजह से वह लोग निराश हो जाते हैं.

लेकिन ठीक इसी परिस्थिति में जब व्यक्ति की कुंडली में विष योग बनता है तो उस व्यक्ति के अंदर लालच जैसा कोई भी स्वभाव नहीं रह जाता है. उस व्यक्ति के घर में जो भी मौजूद होगा उसी में वह व्यक्ति खुश रहना सीख लेता है.

क्योंकि कुंडली में विष योग बनने पर उस व्यक्ति को एहसास होता है कि जीवन क्या है ,इसे कैसे जीना चाहिए, अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए क्या करना चाहिए ,इन सब का ज्ञान होने के बाद वह अपने जीवन में खुश रहना सीख जाता है

5. व्यक्ति के अंदर आलस्य की भावना खत्म करें

अकसर ऐसा होता है दिन भर बाहर का काम करके व्यक्ति थक जाता है और फिर घर के किसी भी काम में मन नहीं लगता कई बार ऐसा होता है कि कोई भी काम करने में बिल्कुल भी मन नहीं लगता है और थकान सुस्ती जैसा अनुभव होता रहता है जिसे किसी भी काम को ना करने का आलस्य भावना कहा जाता है.

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ऐसे में जब किसी व्यक्ति की कुंडली में विष योग बनता है तो उस व्यक्ति के अंदर आलस्य भावना खत्म हो जाती है और फिर वह व्यक्ति सभी कार्य को बड़ी फूर्ती के साथ में करता है और उसे थकान का अनुभव भी नहीं होता है. क्योंकि कुंडली में विष योग बनने से व्यक्ति के अंदर ताकत और हर कार्य को करने के लिए ऊर्जा प्राप्त हो जाती है जिसकी सहायता से वह व्यक्ति बड़े से बड़े कार्य को बिना थके कर सकता है.

मित्रों यह है किसी व्यक्ति की कुंडली में विष योग बनने के फायदे अब हम बताएंगे किसी व्यक्ति की कुंडली में विष योग बनने के नुकसान क्या होते हैं.

कुंडली में विष योग बनने के नुकसान | Kundali ke wish yog banne ke nuksan

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कहा गया है जहां पर किसी व्यक्ति की कुंडली में विष योग बनने के कुछ फायदे मिलते हैं तो इसी के विपरीत कुछ नुकसान भी मिलते हैं जो कुछ इस प्रकार के होते हैं जैसे,

1. व्यक्ति को हमेशा अपने आप में दुख का अनुभव करना

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बताया गया है की चंद्रमा शनि के साथ गोचर भ्रमण के लिए 1 महीने में एक बार अवश्य आती है ऐसे में जब इनके गोचर भ्रमण के समय किसी व्यक्ति की कुंडली में विष योग बन जाता है तो उस व्यक्ति के जीवन में सब कुछ ठीक चलते हुए भी वह व्यक्ति कुछ भी ठीक ना होने का अनुभव करने लगता है और फिर उसे बेचैनी, उलझन ,महसूस होने लगती है.

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जिसकी वजह से वह बने बनाए कार्य को भी उल्टा करके उसे बिगाड़ देता है और अपने हाथों से ही अपनी जिंदगी बर्बाद कर लेता है क्योंकि किसी व्यक्ति की कुंडली में विष योग बनना उस व्यक्ति के लिए बहुत ही खतरनाक माना गया है.

क्योंकि विष योग व्यक्ति के जीवन में विष भरने का कार्य करता है. जिसके चलते कई बार उस व्यक्ति के मन में आत्महत्या करने का भी विचार आ जाता है इसीलिए किसी भी व्यक्ति की कुंडली में विष योग बनना शुभ संकेत की ओर इशारा नहीं करता है.

2. शारीरिक कष्ट मिलना

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बताया गया है जब किसी जातक या जातिका की कुंडली के लग्न स्थान पर शनि और चंद्रमा बैठे हो तो इस प्रभाव से उस कुंडली में विष योग बनता है और फिर वह व्यक्ति कई तरह से शारीरिक कष्टों का शिकार हो जाता है.

उन्हें तरह-तरह के रोग अपनी चपेट में ले लेते हैं जो लाख इलाज कराने के बावजूद भी ठीक नहीं होते हैं और इसी वजह से ऐसे जातक और जातिका के जीवन में आर्थिक तंगी की समस्या भी आ जाती है और जब आर्थिक समस्या आती है तो फिर व्यक्ति को मानसिक तनाव होना शुरू हो जाता है. ऐसे में फिर वह व्यक्ति पागल होने की कगार पर आ जाता है इसीलिए किसी भी जातक या जातिका की कुंडली में विष योग बन्ना बहुत ही अशुभ माना गया है.

3. रिश्तो में कड़वाहट पैदा करें

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बताया गया है जब किसी व्यक्ति की कुंडली के तीसरे भाव में चंद्रमा और शनि के प्रभाव से विष योग बनता है तो फिर उस व्यक्ति के जीवन में जितने भी रिश्ते होते हैं उन में कड़वाहट पैदा हो जाती है और एक दूसरे के प्रति नफरत आ जाती है.

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खास करके भाई बहन के रिश्ते में दरार आ जाती है क्योंकि विष योग किसी भी व्यक्ति के जीवन में विष को भरकर आग लगाने का कार्य करता है इसीलिए जिस व्यक्ति कुंडली में विष बनता है तो उसके सभी रिश्ते आग की तरह जलकर भस्म हो जाते हैं और फिर एक दूसरे के दिल में नफरत की भावना आ जाती है.

5. संतान सुख नहीं प्राप्त होता है

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बताया गया है जब किसी व्यक्ति की कुंडली के पांचवे भाव में विष योग बनता है तो उस व्यक्ति के जीवन में संतान सुख की प्राप्ति कभी नहीं होती है क्योंकि कुंडली में विष योग बनने से पति और पत्नी के रिश्ते में दरार आ जाती है जिसकी वजह से उनका मिलना असंभव हो जाता है.

इसी के साथ में यह भी कहा जाता है कि जब किसी व्यक्ति की कुंडली में विष योग बनता है तो उनके अंदर विवेकशीलता खत्म हो जाती है जिसके चलते वह संतान सुख नहीं प्राप्त कर पाते हैं यहां तक की कई परिस्थितियां ऐसी आ जाती है कि पति और पत्नी में तलाक देने की नौबत आ जाती है इसीलिए हर तरफ से किसी भी व्यक्ति की कुंडली में विष योग बन्ना शुभ कार्य की ओर संकेत नहीं करता है .

6. कर्ज का भागीदार बनाता है

हिन्दू पंचांग के अनुसार दर्शाया गया है जब किसी व्यक्ति की कुंडली के छठे भाव में विष योग बनता है तो वह व्यक्ति बहुत ज्यादा कर्जदार का भागीदार बन जाता है और फिर समय से कर्ज ना देने की वजह से उसके कई सारे शत्रु बन जाते हैं जिसके चलते वह व्यक्ति अपने ही जीवन से बोर हो जाता है और उसे नहीं समझ में आता है कि, क्या करें और क्या ना करें.

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क्योंकि जब किसी व्यक्ति के जीवन में कर्ज आ जाता है तो वह व्यक्ति मानसिक तनाव का शिकार हो जाता है और फिर उसे अपने जीवन से किसी भी प्रकार का लगाव नहीं रह जाता है इसीलिए कुंडली में विष योग बनना किसी भी प्रकार से शुभ फल देने वाला नहीं माना जाता है.

7. समाज में व्यक्ति के मान सम्मान प्रतिष्ठा को कम करता है

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बताया गया है जब किसी व्यक्ति की कुंडली के दसवें भाव में शनि और चंद्रमा की युक्ति से विष योग बनता है तो उस व्यक्ति का मान सम्मान और प्रतिष्ठा समाज के लोगों की नजरों में गिरती चली जाती है और फिर उस व्यक्ति से कोई भी ज्यादा बातचीत नहीं करता है.

यहां तक की उस व्यक्ति और उसके पिता के बीच में विवाद की समस्या आ जाती है और फिर उसे अपने ही घर से अलग रहना पड़ता है जिसकी वजह से वह व्यक्ति समाज के नजरों में और भी ज्यादा गिर जाता है इसीलिए कहा गया है कि कुंडली में विष योग बना दुर्भाग्य की ओर इशारा करता है.

8. कुंडली में विष योग बनने के अन्य नुकसान

कुंडली में विष योग बनने के कई सारे नुकसान बताए गए हैं जैसे जिस व्यक्ति की कुंडली में विष योग बनता है उस व्यक्ति को बार-बार एक्सीडेंट से हो सकता है, अचानक से उस व्यक्ति के मन में मरने का ख्याल आ सकता है, उस व्यक्ति को बेचैनी, घबराहट, अपनी जिंदगी से नफरत जैसी होने लगेंगे उस व्यक्ति को किसी भी कार्य को करने में दिलचस्पी नहीं रह जाएगी.

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यहां तक कि उसे अपनी पत्नी से भी कोई लगाव नहीं रह जाता है इसीलिए कहा जाता है कि जब किसी व्यक्ति कुंडली में विष योग बनता है तो वह व्यक्ति व्यक्ति नहीं बल्कि जानवर से भी बदतर जीवन जीने के लिए मजबूर हो जाता हैं,इसीलिए हर तरफ से कुंडली में विष योग बन्ना व्यक्ति के लिए बहुत ही बहुत ज्यादा खतरनाक माना गया है.

विष योग के प्रभाव को कम करने के उपाय | Vish yog ke prabhav ko kam karne ke upay

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा कहा जाता है अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में विष योग बना है और उसके जीवन में अशुभ फल आ रहे हैं तो उसे विष योग के अशुभ फल से बचने के लिए कुछ इस प्रकार के उपाय करने चाहिए जैसे :

  1. रोज सुबह माता पार्वती और भोलेनाथ की पूजा करनी चाहिए ऐसा करने से कुंडली में विष योग के अशुभ प्रभाव कम हो जाते हैं.
  2. रोज सुबह सुहागन महिला को चाहिए कि वह कुएं में गाय का दूध डाले ऐसा करने से कुंडली में बने विष योग के अशुभ प्रभाव आपके जीवन पर नहीं पड़ेंगे.
  3. शनिवार के दिन शनि देव बाबा के मंदिर पर सरसों के तेल का दीपक जलाने से विष योग का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में शुभ फल देता है.
  4. मंगलवार के दिन बजरंग बली बाबा के मंदिर में पानी से भरा घड़ा दान करें ऐसा करने से विष योग का प्रभाव आपके जीवन में नहीं पड़ेगा.
  5. कुंडली में बने विश योग के प्रभाव से बचने के लिए मांस मछली मदिरा इन सब का सेवन बंद कर देना चाहिए और किसी व्यक्ति से बात करते समय सोच समझकर ही शब्दों का प्रयोग करना चाहिए.

FAQ : विष योग के फायदे

किसी भी व्यक्ति की कुंडली में धन योग कैसे बनता है ?

यदि निम्न प्रकार के सम्बन्ध धनेश, नवमेश, लग्नेश, पंचमेश और दशमेश आदि के मध्य बनें तो जातक महाधनी कहा जा सकता है.

कुंडली में जो घर खाली होता है उसे क्या कहते हैं ?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर व्यक्ति की जन्म कुंडली में 12 घर और नवग्रह होते हैं और कुंडली के 12 घरों में एक घर ऐसा होता है जिसमें कोई भी ग्रह प्रवेश नहीं करता है तो ऐसे घर को लाल किताब के अनुसार सोया हुआ घर कहते हैं.

कुंडली में कौन सा योग बनने पर व्यक्ति के जीवन में पैसों की तंगी नहीं आती है ?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूरे 32 योग बताए गए हैं और इन 32 योग में से अगर किसी जातक या जातिका की कुंडली में राजयोग बनता है तो उस व्यक्ति के जीवन में कभी भी पैसों की तंगी नहीं आती है क्योंकि राजयोग बनने पर वह व्यक्ति राजा के समान धनवान और महान हो जाता है.

निष्कर्ष

तो दोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से कुंडली में विष योग के फायदे क्या-क्या मिलते हैं इसके विषय में विस्तार पूर्वक से बताया है अगर आप लोगों ने इस लेख को शुरू से अंत तक पढ़ा होगा तो आप लोगों को किसी भी व्यक्ति की कुंडली में विष योग बनने के जो फायदे मिलते हैं उनकी जानकारी प्राप्त हो गई होगी .

ऐसे में अगर आपकी कुंडली में भी विष योग बना है तो आपको हमारे द्वारा बताए गए शुभ और अशुभ प्रभाव आपके जीवन में देखने को मिलेंगे तो दोस्तों हम उम्मीद करते हैं आप लोगों को हमारे द्वारा बताई गई जानकारी पसंद आई होगी और यह लेख आप लोगों के लिए उपयोगी साबित हुआ होगा.