वृषभ राशि का मंत्र : जाप विधि शुभ दिन और जाप के 6 फायदे | Vrishabha rashi ka mantra

वृषभ राशि का मंत्र Vrishabha rashi ka mantra : दोस्तों नमस्कार आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से वृषभ राशि मंत्र के विषय में बताएंगे, क्योंकि तंत्र मंत्र शास्त्र के अनुसार ऐसा कहा गया है कि हर तंत्र मंत्र में इतनी शक्तियां विद्यमान होती है कि उसके सही इस्तेमाल और सही जप से व्यक्ति का चौमुखी विकास हो सकता है.

वृषभ राशि का मंत्र

लेकिन ऐसा तभी होगा जब हर जातक अपनी राशि के हिसाब से मंत्र का जाप करेगा क्योंकि हर राशि का अपना अपना अलग महत्व होता है और हर राशि के स्वामी भी अलग होते हैं इसीलिए हर जातक जातिका को अपने राशि के स्वामी के अधीन ही मंत्र जाप का उच्चारण करना चाहिए तो जीवन में सभी कार्य शुभ होंगे.

क्योंकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में राशि का ग्रह मजबूत होने से व्यक्ति का जीवन सुखमय बना रहता है इसीलिए आज हम इन सभी बातों को परखने के बाद इस लेख में वृषभ राशि के जातक जातिका के भाग्य उदय के लिए बहुत ही प्रभावशाली मंत्र बताएंगे जिसके सही जाप की प्रक्रिया से वृषभ राशि के जीवन में सभी कार्य शुभ होंगे.

ऐसे में अगर आपकी भी राशि वृषभ है तो यह लेख आपके लिए बहुत ही उपयोगी हो सकता है, क्योंकि हम इस लेख में वृषभ राशि के जातक जाति का के जीवन में खुशियां लाने वाले एक बहुत ही प्रभावशाली मंत्र के विषय में बताएंगे जिसमें हम आपको उस मंत्र के अलावा इसे किस समय ,और किस विधि से जाप करना है यह सब कुछ भी बताएंगे.

क्योंकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी देवी देवता की पूजा पाठ तंत्र मंत्र को सही समय और विधि विधान से करने पर शुभ फल मिलता है ऐसे में अगर वृषभ राशि के जातक जातिका उस मंत्र की जानकारी को विधि पूर्वक प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को शुरू से अंत तक अवश्य पढ़ें.

वृषभ राशि किन लोगों की होती है ? | Vrishabha rashi kin logo ki hoti hai ?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस जातक जाति का के नाम का पहला अक्षर ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो से प्रारंभ होता है उनकी राशि वृषभ राशि मानी गई है जिनके स्वामी शुक्र ग्रह को माना गया है इस राशि का स्वरूप बैल जैसा होता है.

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जिसकी सहायता से इस राशि की पहचान की जा सकती है ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कहा जाता है इस राशि का स्वरूप बैल होने के कारण इस राशि के जातक जातिका बहुत ज्यादा ताकतवर और परिश्रमी होते हैं और अपने जीवन में अपनी मेहनत के दम पर सब कुछ हासिल कर लेते हैं .

वृषभ राशि का मंत्र | Vrishabha rashi ka mantra

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर कोई जातक जातिका अपनी राशि के हिसाब से मंत्र जाप करता है तो उसकी सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं इसीलिए हम यहां पर वृषभ राशि के जातक जातिका के भाग्य उदय के लिए सबसे प्रभावशाली मंत्र और मंत्र जाप करने के विषय में पूरी जानकारी बताएंगे

जाप मंत्र

देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि में परमं सुखम्‌’।

रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥

मंत्र का अर्थ :- मुझे सौभाग्य और आरोग्य दो। परम सुख दो, रूप दो, जय दो, यश दो और काम-क्रोध आदि शत्रुओं का नाश करो।

यह मंत्र मां दुर्गा द्वारा दिया गया एक बहुत ही प्रभावशाली और चमत्कारी मंत्र है इस मंत्र जाप को करने के साथ आपको मां दुर्गा की पूजा भी करनी चाहिए.

वृषभ राशि का मंत्र जाप करने का शुभ दिन

TAURUS VRISHABHA RASHI

जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं हिंदू धर्म में नवरात्रि के समय हर देवी की पूजा करने के लिए अलग-अलग दिन बताए गए हैं उसी तरह से हर राशि को अपने राशि मंत्र जाप के लिए अलग-अलग दिन और समय बताया गया है और उसी शुभ दिन और शुभ समय पर मंत्र जाप करने से उस मंत्र जाप का शुभ फल मिलता है.

ऐसे में तंत्र मंत्र शास्त्र के अनुसार वृषभ राशि के जातक जातिका को अपनी राशि मंत्र जाप के लिए शुक्रवार के दिन मंत्र जाप की प्रक्रिया को शुरू करना शुभ दायक बताया गया है क्योंकि वृषभ राशि के स्वामी शुक्र ग्रह को माना गया है इसीलिए शुक्रवार दिन इन लोगों के लिए मंत्र जाप का सबसे अच्छा दिन बताया गया है.

वृषभ राशि का मंत्र जाप करने की विधि

  • 1. शुक्रवार के दिन वृषभ राशि के जातक जातिका को मंत्र जाप करने के लिए सूर्य उदय से पहले उठकर स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ कपड़े पहन लेने चाहिए.
  • 2. उसके पश्चात अपने घर के मंदिर या फिर ऐसे स्थान पर जहां कोई भी ज्यादा आता-जाता ना हो और शोरगुल बिल्कुल भी ना होता हो वहां पर आप लकड़ी के पटरे पर लाल कपड़ा बिछाकर शुक्र देव की प्रतिमा स्थापित करें ,और उनकी प्रतिमा के सामने धूपबत्ती, अगरबत्ती ,फूल ,अक्षत ,यह सब कुछ चढ़ाएं.
  • 3. उसके बाद मंत्र जाप की प्रक्रिया पूरी करने के लिए संकल्प लें और फिर भगवान से प्रार्थना करें कि हे प्रभु मंत्र जाप संकल्प को पूरा करने के लिए हमारे अंदर आत्मविश्वास और शक्ति प्रदान करें ताकि मैं अपने मंत्र जाप की प्रक्रिया को बिना किसी कष्ट के पूरा कर सकूं.
  • 4. उसके पश्चात शुक्र देव की प्रतिमा के सामने आसन लगाकर बैठ जाएं और रुद्राक्ष की माला को फेरते हुए ऊपर बताए गए मंत्र का जाप 108 बार करें.
  • 5. जब 180 बार मंत्र जाप प्रक्रिया पूरी हो जाए तो आप शुक्र देव की आरती करें और उन्हें मखाने या चावल की खीर का भोग लगाएं
    भोग लगाते समय इस मंत्र का जाप अवश्य करें.

त्वदीयं वस्तु गोविंद, तुभ्यमेव समर्पये।

गृहाण सुमुखो भूत्वा, प्रसीद परमेश्वर।

इतना सब कुछ करने के पश्चात आप करुणामई शब्दों से ईश्वर से अपनी मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें और फिर शाम को सोने से पहले शुक्र देव की प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं.

इस तरह से मंत्र जाप की प्रक्रिया पूरी करने से शुक्र देवता बहुत ही ज्यादा प्रसन्न हो जाते हैं और आपकी कुंडली के उच्च भाव में प्रवेश करके आपके जीवन में शुभ फल प्रदान करते हैं और आपके उन्नति के लिए बहुत सारे रास्ते खोल देते हैं जिससे वृषभ राशि के जातक जातिका चौमुखी विकास को प्राप्त करते हैं.

मंत्र जाप करने के फायदे | Mantra jaap karne ke fayde

ज्योतिष शास्त्र कहना है अगर वृषभ राशि के जातक जातिका इस मंत्र का जाप शुभ दिन शुभ समय और पूरी विधि विधान के साथ करते हैं तो उन्हें अपने जीवन में कुछ इस प्रकार के फायदे देखने को मिलेंगी जैसे,

1. शारीरिक कष्टों को दूर करें

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार

( देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि में परमं सुखम्‌।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि)

मंत्र जाप करने से हर प्रकार के शारीरिक कष्ट दूर हो जाते हैं और जब मनुष्य पूरी तरह से स्वस्थ रहता है तब मेहनत के दम पर अपने भविष्य में हर प्रकार के सुख संपत्ति को प्राप्त कर देता है इसीलिए स्वास्थ्य को पूरी तरह स्वस्थ रखने के लिए और किसी भी प्रकार के रोग ठीक करने के लिए यह मंत्र बहुत ही ज्यादा प्रभावशाली है बस इसके लिए आपको इस मंत्र को पूरी श्रद्धा भक्ति और सही तरीके से जप करना होगा.

2. हर कार्य में सफलता मिलती है

ज्योतिष का कहना है अगर वृषभ राशि के जातक जातिका अपनी राशि के हिसाब से मंत्र का सही उच्चारण सही समय सही दिन और सही प्रक्रिया के द्वारा करते हैं तो उन्हें हर कार्य में सफलता अवश्य मिलेगी.

क्योंकि शुभ और अशुभ समय का प्रभाव हमारे जीवन चक्र पर हमेशा पडता रहता है इसीलिए आपको अशुभ प्रभाव से बचने के लिए इस मंत्र का उच्चारण बहुत ही ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि यह मंत्र मां दुर्गा ने समस्त देवताओं को प्रदान किया था.

ताकि वह लोग निरोग स्वस्थ और दांपत्य जीवन व्यतीत कर सकें और तभी से यह मंत्र सभी समाज कल्याण के लिए विख्यात हो गया ऐसे में इस मंत्र को वृषभ राशि का प्रमुख मंत्र बताया गया है जिसके उच्चारण से वर्षभ राशि के जातक जातिका को हर क्षेत्र में प्रगति हासिल होती है इसीलिए अगर आप भी अपने जीवन में निराश हैं तो एक बार इस मंत्र का जाप अवश्य करें.

3. घर की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाए

कई बार मनुष्य अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत करता है लेकिन दिन-रात परिश्रम करने के बाद भी उसे सफलता हाथ नहीं प्राप्त होती है तो वह व्यक्ति निराश भावना लेकर अपने मन को कोसता रहता है और फिर यह जीवन उसके लिए किसी भारी पहाड़ की तरह महसूस होने लगता है.

money purse

लेकिन क्या आप लोगों ने सोचा है कि आपकी कड़ी मेहनत के बाद भी आपके घर में पैसों की तंगी क्यों है. क्योंकि आपकी राशि के स्वामी आपके जीवन में शुभ अशुभ फल देने वाला और कोई नहीं हो सकता है.

इसीलिए अगर आपकी कड़ी मेहनत के बाद भी आपके जीवन में पैसों की कमी है तो इसके लिए आप अपने राशि के स्वामी को मजबूत बनाएं उनकी पूजा करें, मंत्र का उच्चारण करें , तो आपकी राशि स्वामी आपकी कुंडली के उच्च भाव में प्रवेश करके आपकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाएंगे, आप ज्योतिष के द्वारा बताए गए.

(देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि में परमं सुखम्‌।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि॥)

मंत्र का उच्चारण उपर लेख में बताई गई विधि के साथ 180 बार करें तो आपके घर में कभी भी पैसों की तंगी नहीं आएगी और आपके जीवन में हमेशा खुशहाली बनी रहेगी.

4. पुत्र प्राप्ति के लिए

देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि में परमं सुखम्‌।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि॥

baby

पुत्र प्राप्ति के लिए भी बहुत ही फल दायक मंत्र है अगर एक सुहागन स्त्री पूरी श्रद्धा के साथ इस मंत्र का जाप 108 बार अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए संकल्प लेकर करती है तो मां दुर्गा उसके ऊपर अपनी करुणा अवश्य करती हैं और उसे संतान प्राप्ति का वरदान देती हैं.

मगर इसके लिए आपको इस मंत्र जाप के लिए अपने मन में किसी भी प्रकार की रुकावट बेचनी जैसा कुछ अनुभव नहीं होना चाहिए यानी कि एकदम श्रद्धा भक्ति और करुणामई आवाज से इस मंत्र का उच्चारण करना है ताकि माता रानी आपसे प्रसन्न हो सके और जब माता रानी किसी पर प्रसन्न होती है तो उस पर अपनी कृपा अवश्य करती है. इसीलिए आप पुत्र प्राप्ति के लिए इस मंत्र को सही समय, सही दिन और सही तरीके से उच्चारण करें.

5. मन के गुस्से को शांत करें

जैसा कि हमने वृषभ राशि के जातक जातिका को उनकी राशि के हिसाब से भाग्य उदय मंत्र के विषय में बताया है जिसमें हमने मंत्र के साथ मंत्र का अर्थ भी बताया है और उस मंत्र के अर्थ में काम क्रोध का नाश करना भी शामिल है इसीलिए इस मंत्र का सही उच्चारण व्यक्ति के मन को शांत और शीतल बनाता है.

unblemished mind

क्योंकि इस मंत्र के जाप से व्यक्ति के घर, मन, और जीवन से नकारात्मक शक्तियां निकल जाती है और सकारात्मक शक्तियां उस व्यक्ति के मन जीवन में प्रवेश करती हैं जिसकी वजह से व्यक्ति अपने आपको हमेशा खुशहाल महसूस करता है और हर किसी से प्रेम पूर्वक भावना से बातें करता है.

ऐसे में अगर आपको भी जरा जरा सी बातों पर गुस्सा आ जाता है ,या फिर आप अपने आप में ही परेशान रहते हैं, तो यह मंत्र आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकता है. इसीलिए आप इस मंत्र का उच्चारण 108 बार अवश्य करें.

6. शत्रु के वार से बचाता है

आज के समय में हर व्यक्ति का कोई न कोई दुश्मन अवश्य होता है यहां तक कि तो कुछ अपने ही लोग ऐसे होते हैं जो आपके सामने आपकी तारीफ करेंगे और फिर दूसरों के सामने आपकी तरक्की की बुराइयां करेंगे तथा आपको बर्बाद करने की कोशिश करेंगे ऐसे में आपको

( देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि में परमं सुखम्‌।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि॥)

मंत्र का जाप करना चाहिए. ज्योतिष का कहना है कि इस मंत्र के जाप से शत्रु के द्वारा चली गई चाल का नाश हो जाता है और फिर वह चाह कर भी आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा चाहे वह किसी भी तंत्र मंत्र विद्या शक्ति का प्रयोग क्यों न करें ?

इस मंत्र के सामने हर तंत्र मंत्र फीके पड़ जाएंगे और आप उन्नति प्राप्त करेंगे ऐसे में अगर आपके भी कई सारे दुश्मन है तो यह मंत्र आपको उनसे बचाने के लिए बहुत ही प्रभावशाली साबित हो सकता है.

FAQ :

वृषभ राशि की शत्रु राशिया कौन हैं ?

ज्योतिष के अनुसार धनु और वृश्चिक राशिया वृषभ राशि की शत्रु राशियां मानी गई.

वृषभ राशि वालों को किसकी पूजा करनी चाहिए ?

वृषभ राशि के स्वामी शुक्र देवता है इसीलिए इन लोगों को मां दुर्गा या फिर लक्ष्मी मां की पूजा करना चाहिए.

सबसे शक्तिशाली मंत्र कौन सा होता है ?

तंत्र मंत्र शास्त्र के अनुसार हर जातका जातिका के लिए गायत्री मंत्र सबसे शक्तिशाली मंत्र बताया गया है ,क्योंकि यह मंत्र व्यक्ति के शरीर के अंदर सकारात्मक शक्तियों का निर्वाह करता है जिसकी सहायता से व्यक्ति सही और गलत कार्य की पहचान कर पाता है. गायत्री मंत्र

ओम भूर्भुव स्व तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न प्रचोदयात् ।।

निष्कर्ष

तो दोस्तों जैसा कि आज हमने इस लेख में वृषभ राशि मंत्र से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की है जिसमें हमने एक बहुत ही प्रभावशाली मंत्र बताया है और यह मंत्र ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए बहुत ही सहायक होता है लेकिन इसके लिए वृषभ राशि के जातक जातिका को इस मंत्र को सही समय, सही दिन, और पूरे विधि विधान के साथ उच्चारण करना चाहिए ,तभी आपको इस मंत्र जाप का शुभ फल प्राप्त होगा.

ऐसे में अगर आप लोगों ने इस लेख को शुरू से अंत तक पढ़ा होगा तो आप लोगों को इस मंत्र के विषय में संपूर्ण जानकारी अच्छे से प्राप्त हो गई होगी जिसे आप लोग जाप करके अपने जीवन को हर प्रकार से सुखमय बना सकते हैं तो मित्रों हम उम्मीद करते हैं आप लोगों को हमारे द्वारा बताई गई जानकारी पसंद आई होगी और यह लेख आप लोगों के लिए उपयोगी साबित हुआ होगा.