सम्पूर्ण अर्थ सहित हनुमान चालीसा लिखित में और फ्री हनुमान चालीसा pdf लिंक | hanuman chalisa video and hanuman chalisa pdf download

हनुमान चालीसा लिखित में : प्रणाम गुरुजनों आज हम आप लोगों को इस आर्टिकल के माध्यम से हनुमान चालीसा लिखित में बताएंगे क्या आप जानते हैं कि जो भी व्यक्ति हनुमान चालीसा का पाठ करता है उसके जीवन में कभी भी समझते हैं और भय उत्पन्न नहीं होता है.

हनुमान चालीसा लिखित में

हनुमान चालीसा पढ़ने से साधक को जीवन की हर समस्या और भय से मुक्ति मिल जाती है हनुमान चालीसा को गोविंद स्वामी तुलसीदास जी ने लिखा है हनुमान चालीसा में चमत्कारी शक्तियों का वर्णन किया गया है जो भी व्यक्ति का पाठ करता है वह हनुमान जी कृपा को प्राप्त कर लेता है.

हनुमान भगवान को बल पराक्रम शौर्य और स्तुति का वर्णन हनुमान चालीसा में किया गया है जो भी मनुष्य हनुमान चालीसा का पाठ करता है उसके सभी दुख और परेशानियों को स्वयं भगवान हनुमान हर लेते हैं हनुमान जी को पवन पुत्र के नाम से जाना जाता है और भगवान भोलेनाथ के रूद्र अवतार के रूप में भी जाना जाता है.

कलयुग में जब कोई मनुष्य हनुमान जी की आराधना करता था तो उसको उसका शीघ्र ही फल दे देते थे हिंदू धर्म में हनुमान भगवान की पूजा आराधना और वंदना बड़े ही श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ की जाती है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी ऐसे देवता हैं जो बहुत जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों के कष्टों को दूर कर देते हैं तो आइए आज हम आप लोगों को हनुमान चालीसा का नियमित पाठ कैसे करते हैं और इसको करने से क्या-क्या लाभ प्राप्त होते हैं ?

यह बताएंगे हमारे द्वारा बताई गई हनुमान चालीसा का नियमित पाठ अवश्य कीजिएगा तो आइए सबसे पहले आज हम आप लोगों को बताते हैं हनुमान चालीसा लिखित में जिससे आप लोगों को हनुमान चालीसा कहीं पर ढूंढने की आवश्यकता ना पड़े अगर आप भी भगवान हनुमान की कृपा चाहते हैं तो इस हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें।

हनुमान चालीसा वीडियो में | Hanuman chalisa video

हनुमान चालीसा लिखित में | Hanuman Chalisa likhit me

Hanuman

|| ॐ श्री हनुमते नमः ||

श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि |
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ||

अर्थ : कहा गया है कि गुरु के चरण कमल समान होते हैं गुरु के चरणों की धूल से अपने मन रूपी दर्पण को निर्मल करके भगवान श्री राम के गुणों का वर्णन करता हूं धर्म अर्थ काम और मोक्ष देने वाला हैं।

बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार |
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ||

अर्थ : हे प्रभु मुझे जानकर बल बुद्धि विद्या दीजिए और मेरे सभी कष्टों को हर लीजिए।

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर |
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ||

अर्थ : बल बुद्धि विद्या ज्ञान देने वाले हनुमान जी की जय हो तीनों लोगों को अपनी प्रतिभा से प्रकाशित करने वाले कपीस की जय हो

राम दूत अतुलित बल धामा |
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा ||

अर्थ : हे राम जी के दूध अतुलितबल धाम हनुमान आप अंजनी पुत्र और पवनसुत के नाम से संसार में जाने जाते हैं।

महाबीर बिक्रम बजरंगी |
कुमति निवार सुमति के संगी ||

अर्थ : हे बजरंगबली आप वज्र के समान अंगों वाले और अपने भक्तों के कष्टों को दूर करने वाले उन्हें सुमति प्रदान करने वाले।

कंचन बरन बिराज सुबेसा |
कानन कुण्डल कुँचित केसा ||

अर्थ : कंचन के समान कांतिवान आपके शरीर पर सुंदर वस्त्र सुशोभित हैं आपके कानों में कुंडल और बाल घुंघराले हैं।

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हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै |
काँधे मूँज जनेउ साजै ||

अर्थ : आपके हाथों में वज्र के समान कठोर दाग और ध्वजा रहता है आपने अपने कंधों पर जनेऊ धारण किया हुआ है।

संकर सुवन केसरी नंदन |
तेज प्रताप महा जग वंदन ||

अर्थ : आपको भगवान शंकर के अवतार केसरी नंदन के समान माना जाता है आपको परम तेजस्वी माना जाता है आपकी पूरे जग में वंदना की जाती है।

बिद्यावान गुनी अति चातुर |
राम काज करिबे को आतुर ||

अर्थ : आपके अंदर सारे गुण विद्यमान हैं और आप अत्यंत चतुर हैं और आपको प्रभु श्री राम का सेवक माना जाता है।

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया |
राम लखन सीता मन बसिया ||

अर्थ : प्रभु श्री राम की कथा को सुनने के लिए आप सदा ही लालायित रहते हैं राम लक्ष्मण और सीता आपके हृदय में सदा विराजमान रहते हैं।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा |
बिकट रूप धरि लंक जरावा ||

अर्थ : विशाल रूप धारण करके सीता माता को दर्शन दिया और विशाल रूप धारण करके पूरी लंका को जला दिया।

भीम रूप धरि असुर सँहारे |
रामचन्द्र के काज सँवारे ||

अर्थ : विशाल रूप को धारण करके असुरों का संहार किया और श्री राम जी के कार्य को पूर्ण किया।

लाय सजीवन लखन जियाये |
श्री रघुबीर हरषि उर लाये ||

अर्थ : लक्ष्मण की रक्षा के लिए संजीवनी बूटी लाकर दीया और प्रभु श्रीराम इस कार्य से प्रसन्न होकर आपको हृदय से लगाएं।

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रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई |
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ||

अर्थ : प्रभु श्री राम ने आप की बहुत प्रशंसा की और उन्होंने कहा हे हनुमान आप मुझे भारत के समान ही अत्यंत प्रिय है।

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं |
अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं ||

अर्थ : हजारों मुख वाले शेषनाग तुम्हारे यश का गान करते हैं ऐसा कहकर श्रीराम ने आपको गले लगाया।

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा |
नारद सारद सहित अहीसा ||
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते |
कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ||

अर्थ : हे हनुमान भगवान आपके यशु का तो सनकादिक ऋषि ब्रह्मा और अन्य ऋषि मुनि नारद सरस्वती के साथ-साथ शेषनाग यमराज कुमार और समस्त देव आपकी प्रशंसा करते हैं आप का समर्थन करते हैं तो फिर विद्वान कवियों का तो कहना ही क्या है।

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा |
राम मिलाय राज पद दीन्हा ||

अर्थ : आपने सुग्रीव पर उपकार किया था उन्हें श्रीराम से मिलाकर और राज्य पद प्राप्त कर आया था।

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना |
लंकेस्वर भए सब जग जाना ||

अर्थ : आपके सलाह को मानकर विभीषण लंकेश्वर हुए ये सारा संसार जानता है।

जुग सहस्र जोजन पर भानू |
लील्यो ताहि मधुर फल जानू ||

अर्थ : हनुमान आपने बाल्यावस्था में हजारों योजन दूर स्थित सूर्य को मीठा फल समझकर खा लिया था।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं |
जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ||

अर्थ : आप प्रभु श्री राम की अंगूठी अपने मुख में रखकर विशाल समुद्र को पार कर लिया था तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है।

दुर्गम काज जगत के जेते |
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ||

अर्थ : भगवान श्री राम के द्वारपाल आप ही कहलाते हैं बिना आपकी आज्ञा के उनके दरबार में प्रवेश नहीं कर सकता है।

सब सुख लहै तुम्हारी सरना |
तुम रच्छक काहू को डर ना ||

अर्थ : जो भी व्यक्ति आप की शरण में आता है उसे सब सुख मिल जाते हैं आप उनकी रक्षा करते हैं और उनके डर को भगा देते हैं।

उदर पीड़ा निवारक साबर हनुमान मंत्र क्या है ?

आपन तेज सम्हारो आपै |
तीनों लोक हाँक तें काँपै ||

अर्थ : हे हनुमान आप अपनी तेज बुद्धि और बल से स्वयं अपनी ही संभाल आपकी एक आवाज से तीनो लोक कांपने लगते हैं।

भूत पिसाच निकट नहिं आवै |
महाबीर जब नाम सुनावै ||

अर्थ : आपका नाम लेने से ही भूत पिचास भाग जाते हैं और नजदीक नहीं आते ।

नासै रोग हरे सब पीरा |
जपत निरन्तर हनुमत बीरा ||

अर्थ : जो भी भक्तों आपके नाम का जाप करता है उसके सभी प्रकार के रोग और पीड़ा नष्ट हो जाते हैं। हनुमान जी के नाम का निरंतर जप करने से सभी प्रकार के रोग और पीड़ा नष्ट हो जाते हैं।

संकट तें हनुमान छुड़ावै |
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ||

अर्थ : जो भी वक्त मन कर्म और वचन से आपका नाम लेता है वह सारे संकटों से बच जाता है।

सब पर राम तपस्वी राजा |
तिन के काज सकल तुम साजा ||

अर्थ : श्री राम जी के सारे कार्य को आप संपन्न कर देते हैं।

और मनोरथ जो कोई लावै |
सोई अमित जीवन फल पावै ||

अर्थ : जो भी भक्त आपको याद करता है आपका आवाहन करता है वह सभी प्रकार के मनोरथ पूर्ण कर लेता है।

चारों जुग परताप तुम्हारा |
है परसिद्ध जगत उजियारा ||

अर्थ : हे बजरंगी आपके नाम का डंका चारों युगों में सतयुग , त्रेता , द्वापर और कलयुग में फैला हुआ है।

साधु सन्त के तुम रखवारे |
असुर निकन्दन राम दुलारे ||

अर्थ : आप साधु संतों की रक्षा करते हैं और असुरों का नाश भी कर देते हैं इसीलिए प्रभु श्री राम को आप अत्यंत प्रिय हैं।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता |
अस बर दीन जानकी माता ||

अर्थ : आपने आठों प्रकार के सिद्धि और नौ निधियों के प्रदाता हैं यह वरदान आपको जानकी माता ने दिया था।

राम रसायन तुम्हरे पासा |
सदा रहो रघुपति के दासा ||

अर्थ : आप कालू से प्रभु श्री राम के भक्त हैं राम नाम की औषधि आपके पास सदैव रहती हैं।

Hanuman

तुम्हरे भजन राम को पावै |
जनम जनम के दुख बिसरावै ||

अर्थ : जो भी व्यक्ति आपकी भक्ति करता है उसके जन्म जन्मांतर के दुखों से उसे मुक्ति मिल जाती है और प्रभु श्रीराम की कृपा प्राप्त होती है उसे।

अन्त काल रघुबर पुर जाई |
जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई ||

अर्थ : जो भी व्यक्ति मृत्यु के बाद भगवान के लोक में जाता है वह जन्म लेकर श्री हरि भक्त बन जाता है।

और देवता चित्त न धरई |
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ||

अर्थ : अगर कोई भक्त किसी और देवी देवताओं की पूजा ना करते हुए अगर कोई भक्त की पूजा करता है तो आपकी कृपा उसके सभी प्रकार के फलों की प्राप्ति हो जाती है।

संकट कटै मिटै सब पीरा |
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ||

अर्थ : जो भी व्यक्ति भगवान हनुमान का ध्यान करता है उसकी सभी प्रकार की पीड़ा और संकट मिट जाते हैं।

जय जय जय हनुमान गोसाईं |
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ||

अर्थ : हे हनुमान गोसाई आपकी सदा जय हो आप मेरे गुरुदेव के समान है।

जो सत बार पाठ कर कोई |
छूटहि बन्दि महा सुख होई ||

अर्थ : जो भी व्यक्ति इस हनुमान चालीसा का 100 बार पाठ करता है उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और उसे महान सुख प्राप्त होता है

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा |
होय सिद्धि साखी गौरीसा ||

अर्थ : जो मनुष्य हनुमान चालीसा का पाठ करता है उसे निश्चित ही सिद्धि की प्राप्ति होती है उसके साक्षी स्वयं भगवान शिव होते हैं।

तुलसीदास सदा हरि चेरा |
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा ||

अर्थ : हे बजरंगबली तुलसीदास देव प्रभु श्री राम के भक्त हैं ऐसा समझ कर आप मेरे हृदय में निवास करते हैं।

पवनतनय संकट हरन मंगल मूरति रूप |
राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप ||

अर्थ : हे बजरंगबली हे मंगलमूर्ति पवन सुत हनुमान जी आप मेरे हृदय में राम लखन सीता सहित तो निवास कीजिए।

|| समाप्त ||

हनुमान चालीसा लिखित में pdf | Hanuman Chalisa likhit me pdf Download link

हनुमान चालीसा का अर्थ | Hanuman chalisa ka arth

श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि।

बरनऊं रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।

अर्थ : श्री गुरु महाराज के चरण कमलों की धूलि से अपने मन रूपी दर्पण को पवित्र करके श्री रघुवीर के निर्मल यश का वर्णन करता हूं, जो चारों फल धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाला है।

हनुमान चालीसा का पाठ कैसे करें ? | Hanuman chalisa ka path kaise kare ?

हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए आपको सबसे पहले सुबह उठकर स्नान आदि से संपन्न होकर कुशा के आसन पर पलथी जमा कर बैठ जाए उसके बाद गणेश जी की आराधना करें भगवान श्री राम और सीता माता की आराधना करें श्री राम और गणेश भगवान से कृपा करने की प्रार्थना करें यह बाल हनुमान जी को नमस्कार करके हनुमान चालीसा का संकल्प लें उसके बाद हनुमान चालीसा को आरंभ कर दें।

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हनुमान चालीसा का पाठ नियमित रूप से करना चाहिए साथ ही कुछ लोग मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं जो व्यक्ति हनुमान जी के भक्ति पूर्ण श्रद्धा भाव से हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए और हनुमान चालीसा को कभी भी गलत नहीं पढ़ना चाहिए।

जब भी आप हनुमान चालीसा का पाठ करने बैठते हैं कुछ समय आपको हनुमान जी की मूर्ति को गंगाजल से पवित्र कर लेना चाहिए उसके बाद उन्हें तुलसी की माला जनों और अन्य उनके मनपसंद वह तो जमाना चाहिए और उसी समय श्री राम और हनुमान जी का आवाहन करना चाहिए.

उसके बाद 8 को आरंभ कर देना चाहिए यदि हनुमान जी को चढ़ाने की सामग्री आपके पास मौजूद नहीं है तो आप भगवान को शब्द सुमन भी अर्पित कर सकते हैं अगर पूरी भक्ति और श्रद्धा के साथ मन लगाकर हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए तो हनुमान भगवान ऐसे ही अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं।

हनुमान चालीसा पाठ करने के नियम | Hanuman chalisa ka niyam

जो भी व्यक्ति हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहता है उसको कुछ नियमों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक होता है यदि हनुमान चालीसा में छोटी सी भी गलती हो जाती है तो उसका आपको दुष्ट परिणाम भुगतना पड़ सकता है तो आइए जानते हैं कि हनुमान चालीसा के वह कौन से नियम है जिनका आप पालन कर सकते हैं।

हनुमान

  1. हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले आपको मंगलवार के दिन स्नान आदि से संपन्न होकर स्वच्छ वस्त्र को धारण करने के बाद हनुमान जी के मंदिर में या फिर घर पर ही हनुमान जी की तस्वीर लेकर रख लेना है।
  2. पूजा शुरू करने से पहले आपको कुशा या फिर अन्य किसी चीज से बने आसन पर बैठ जाना है।
  3. वैसे हिंदू धर्म में जितने भी लोग होते हैं उनको या पता होता है कि कोई भी पूजा शुरू करने से पहले गणेश भगवान की पूजा की जाती है तो उसी प्रकार हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले गणेश भगवान का आवाहन करना चाहिए।
  4. जैसे ही आप गणेश भगवान की आराधना को समाप्त करते हैं उसके बाद आप भगवान श्री राम और सीता माता का ध्यान भी कर लीजिए।
  5. उसके बाद हनुमान भगवान को प्रणाम कीजिए और हनुमान चालीसा पाठ का संकल्प लीजिए।
  6. संकल्प लेने के बाद हनुमान जी के समक्ष धूप दीप जलाकर उन्हें पुष्प अर्पित करके हनुमान चालीसा का पाठ प्रारंभ कर देना चाहिए।
  7. जैसे ही आप की हनुमान चालीसा समाप्त हो जाती है आपको सबसे पहले भगवान श्री राम का स्मरण करना है क्योंकि हनुमान जी भगवान श्री राम के भक्त हैं इसीलिए भगवान श्रीराम का स्मरण करना चाहिए।

हनुमान चालीसा समाप्त होने के बाद हनुमान जी को बूंदी , बेसन के लड्डू , पंजीरी इन सभी चीजों का भोग लगाएं।

हनुमान चालीसा पाठ करने के फायदे | Hanuman chalisa path karne ?

  • हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले व्यक्ति का मन शांत रहता है।
  • हनुमान चालीसा आपको नम्रता और मरण की शक्ति सिखाता है।
  • जो व्यक्ति हनुमान चालीसा का पाठ करता है वाह हर क्षेत्र में सफलता को प्राप्त कर लेता है।
  • जो भी व्यक्ति हनुमान चालीसा का पाठ करता है उस व्यक्ति की हर प्रकार की बीमारियां दूर हो जाती है हनुमान चालीसा का पाठ करना उत्तम माना जाता है इसीलिए हनुमान चालीसा का पाठ प्रतिदिन या फिर मंगलवार और शनिवार को करना चाहिए।
  • हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करने से आप किसी भी प्रकार की शारीरिक बाधाएं और जैसे भूत प्रेत संबंधित कोई भी समस्या या फिर मानसिक व शारीरिक रूप से सभी समस्याओं को दूर कर सकते हैं। इसीलिए जो भी व्यक्ति हनुमान चालीसा का पाठ करता है उसका मानसिक और शारीरिक कष्ट दूर हो जाता है।
  • हनुमान जी को बल बुद्धि और विद्या का दाता माना जाता है इसीलिए जो भी व्यक्ति हनुमान चालीसा का प्रतिदिन पाठ करता है उसकी स्मरण शक्ति और बुद्धि तेज हो जाती है और उसे बल भी प्राप्त होने लगता है।
  • हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले लोग डर और तनाव से हमेशा के लिए छुटकारा पा जाते हैं और किसी भी प्रकार की अनजान समस्या से भी हनुमान चालीसा का पाठ करने से छुटकारा मिल जाता है।

FAQ : हनुमान चालीसा लिखित में

हनुमान चालीसा रोज पढ़ने से क्या होगा ?

जो भी मनुष्य हनुमान चालीसा का प्रतिदिन पाठ करता है उसे जल्द ही कर्ज से छुटकारा मिल जाता है और जो लोग जमीन के कानूनी विवादों में फंसे हुए होते हैं उनसे जुड़ी अन्य बाधाएं दूर हो जाती हैं इसीलिए उन्हें रोज हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए अगर कोई ऐसा करता है तो उसे अच्छा रिजल्ट देखने को मिलता है।

हनुमान चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए ?

आप हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको हनुमान जी और भगवान श्री राम की चित्र की स्थापना करनी होगी उसके बाद सामने जल से भरा लोटा रखना होगा उसके बाद कम से कम 3 बार लेकर 108 बार हनुमान चालीसा मंत्र का पाठ करना होगा पाठ समाप्त होने के बाद लोटे में जल को प्रसाद की तरह ग्रहण करें।

हनुमान जी की पूजा कितने बजे करनी चाहिए ?

हनुमान जी की पूजा करने के लिए आपको मंगलवार के दिन सूर्य उदय और शाम को सूर्य अस्त के बाद हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।

निष्कर्ष

दोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को हनुमान चालीसा लिखित में बताया है अगर आपने इस हनुमान चालीसा को अच्छी तरह से पढ़ा है और उसके अर्थ को अच्छी तरह से जान लिया है तो आपको हनुमान चालीसा का अर्थ पता चल गया होगा और हमने आपको इसमें हनुमान चालीसा के नियम फायदे भी बताए हैं तो हमारे द्वारा दी गई जानकारी के साथ अगर आप हनुमान चालीसा करते हैं तो आपको उसके कई लाभ प्राप्त होंगे उम्मीद है हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुई होगी।