हवन शुरू करने का मंत्र ,सम्पूर्ण विधि और हवन सामग्री | Havan kaise ruru kare : havan shuru karne ka mantra

हवन शुरू करने का मंत्र Havan shuru karne ka mantra : हेलो दोस्तों आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से हवन शुरू करने का मंत्र बताने वाले हैं क्या आप जानते हैं कि हमारे हिंदू धर्म में कोई भी अनुष्ठान या फिर धार्मिक कार्य करने से पहले हवन किया जाता है.

वैसे सबसे बड़ी कथा तो सत्यनारायण की कथा मानी जाती है सत्यनारायण की कथा को प्रारंभ करने से पहले हवन किया जाता है लेकिन उस कथा को प्रारंभ करने से पहले कुछ ऐसे मंत्र बोले जाते हैं जो शायद किसी को पता नहीं होते हैं.

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उन्हीं मंत्रों के द्वारा वाह बोलकर हवन में आहुति डाली जाती है इसी प्रकार हवन की शुरुआत की जाती है इसीलिए आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से हवन शुरू करने से पहले जो भी मंत्र बोले जाते हैं.

उन सभी के बारे में बताऊंगी और उसकी संपूर्ण विधि भी दूंगी अगर आप हवन शुरू करने का मंत्र जानना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें इसमें आपको हवन शुरू करने का मंत्र बताया जाएगा और उसकी संपूर्ण विधि भी बताई जाएगी।

तुम संपूर्ण जानकारी को प्राप्त करने के लिए आप हमारे आर्टिकल में अंत तक बने रहें तो आइए हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।

हवन शुरू करने का मंत्र | Havan shuru karne ka mantra

अगर आप अपने घर में हवन करवाना चाहते हैं और आपको उन मंत्रों के बारे में नहीं पता है जो हवन शुरू करने से पहले बोले जाते हैं तो हमने आपको नीचे उन हवन मंत्र के बारे में बताया है आप इन मंत्रों को पढ़कर हवन को संपन्न कर सकते हैं।

  1. ओम गणेशाय नम: स्वाहा
  2. ओम गौरियाय नम: स्वाहा
  3. ओम नवग्रहाय नम: स्वाहा
  4. ओम दुर्गाय नम: स्वाहा
  5. ओम महाकालिकाय नम: स्वाहा
  6. ओम हनुमते नम: स्वाहा
  7. ओम भैरवाय नम: स्वाहा
  8. ओम कुल देवताय नम: स्वाहा
  9. ओम स्थान देवताय नम: स्वाहा
  10. ओम ब्रह्माय नम: स्वाहा
  11. ओम विष्णुवे नम: स्वाहा
  12. ओम शिवाय नम: स्वाहा

chhath-puja-

ओम जयंती मंगलाकाली

भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमस्तुति स्वाहा।
ओम ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु:

शशि भूमि सुतो बुधश्च:

गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु स्वाहा

ओम गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवा महेश्वर: गुरु साक्षात् परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: स्वाहा।
ओम शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे, सर्व स्थार्ति हरे देवि नारायणी नमस्तुते।

इन मंत्रों को बोलने के बाद एक सूखे नारियल में लाल कलावा बांधकर पान सुपारी लॉन्ग बताशा पूरी खीर आदि सारी सामग्री को शीर्ष पर स्थापित करें उसके बाद हवन कुंड के बीच में पूरी सामग्री को रख दें उसके बाद में इस मंत्र के साथ एक बार में आहुति दें।

ओम पूर्णमद: पूर्णमिदम् पुर्णात पूण्य मुदच्यते,

पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल विसिस्यते स्वाहा।

जब भी आप हवन करने जाते हैं तो उससे पहले आपको सभी देवी देवताओं को आहुति देनी चाहिए इन मंत्रों के द्वारा आप सभी देवी देवताओं का नाम लीजिए उसके पश्चात हवन की शुरुआत कीजिए।

हवन करने की विधि | Havan karne ki vidhi

अगर आप हवन करना चाहते हैं तो उसकी संपूर्ण विधि जानना आपके लिए बेहद आवश्यक है तो हमने आपको नीचे उसकी संपूर्ण विधि बताई है।

havan mantra

  • जब भी आप हवन की शुरुआत करने जा रहे होते हैं तो उसमें आपको सबसे पहले स्नान आदि से संपन्न होने के बाद साफ-सुथरे कपड़े धारण कर लेना है।
  • उसके बाद आपको हवन कुंड में आम की लकड़ी तथा कपूर जलाकर अग्नि को प्रज्वलित करना है।
  • उसके बाद में हमने आपको ऊपर हवन मंत्र बताए हैं उनका जाप करके सबसे पहले सभी देवी देवताओं को भी की मदद से आमंत्रित कर लेना है और उन्हें आहुति देनी है।
  • सभी देवी देवताओं को आहुति देने के बाद आपको नवग्रह मंत्र का जाप करके नवग्रह को आहुति देनी है।

उसके बाद आपको

  1. धी 
  2. पुष्प 
  3. कमल
  4. गट्टा
  5. गुग्गुल
  6. शहद
  7. इलायची
  8. सुपारी
  9. पान

आदि को मिलाकर साथ में आहुति देनी है।

  • उसके बाद में आपको नारियल पर कलावा बांध लेना है उसके ऊपर सिंदूर लगा देना है उसके बाद उसके अंदर धी भरकर हवन कुंड में रख देना है.
  • अगर आप इस प्रकार से अपने हवन को संपन्न करते हैं तो आपको काफी लाभ प्राप्त होते हैं इन मंत्र के जरिए आसानी से आप अपने हवन को संपूर्ण कर सकते हैं।

सम्पूर्ण हवन सामग्री लिस्ट | Havan samagri list

हवन करते समय जिस सामग्री की आवश्यकता आपको होती है वह सामग्री हमने आपको नीचे बताई है।

क्र . म  हवन सामग्री लिस्ट 
1.  पान
2.  सुपारी
3.  लौंग
4.  इलायची
5.  जायफल
6.  कमलगट्टा
7.  सिंदूर
8.  रोली
9.  मौली
10.  पीली सरसों
11.  मैंनफल
12.  शहद
13.  मोटा उड़द
14.  नारियल
15.  गोला
16.  गिलोय
17. आम की लकड़ी
18.  सराई
19.  आम के पत्ते
20.  सरसों का तेल
21.  कपूर
22.  केले
23.  लाल कपड़ा
24.  चुन्नी
25.  केसर
26. पंचरंग
27.  भोजपत्र
28.  सफ़ेद चंदन
29.  काली मिर्च
30.  मिश्री
31.  कत्था
32.  लाल चंदन
33.  घी
34.  जौ
35.  अनारदाना
36.  चावल
37.  तिल
38.  बुरा

हवन की लकड़ी के नाम | havan kis lakdi se jlaye ?

havan mantra

हवन करने में आपको इस प्रकार की लकड़ियों का उपयोग कर सकते हैं जैसे आम की लकड़ी, आक, ढाक, गुलर, दुश, कुषा, पीपल आदि प्रकार के किसी भी लकड़ी का उपयोग कर सकते हैं।

हवन की विधि और मंत्र के लाभ | Havan ki vidhi aur mantra ke labh

  1. जो भी व्यक्ति हवन करता है उसके घर के आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है
  2. हवन करके आप अपने पितरों को आनंद प्राप्त करवा सकते हैं।
  3. हवन करते समय आप जिन भी देवताओं को आहुति देते हैं वे उन्हीं देवताओं को प्राप्त होती हैं जब आप हवन में आहुति देते हैं तो वह देवता बहुत ही प्रसन्न हो जाते हैं और आपको अनेक तरह के लौकिक व अलौकिक चीजों को प्रदान करते हैं.
  4. हवन में आप जिस भी धी का उपयोग करते हैं वह भी शुद्ध होना चाहिए क्योंकि उसे धी की एक बूंद से एक टन से ओक्सिजन पैदा करती है.
    अगर हवन में कई किलो घी की आहुति दी जाए तो घर के आसपास या फिर कई कोस तक की हवा ताजी हो जाती है।
  5. अगर आप अपने घर में हवन करवाते हैं तो आपके ताप, संताप, दरिद्रता, रुग्णता व वास्तु दोष जैसी समस्याओं से आपको मुक्ति मिल जाती है।

FAQ : हवन शुरू करने का मंत्र

हवन करते समय कौन कौन से मंत्र बोले जाते हैं?

स्वधा नमस्तुति स्वाहा। ओम ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च: गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु स्वाहा। ओम गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवा महेश्वर: गुरु साक्षात् परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: स्वाहा।

हवन में कौन सा मंत्र पढ़ा जाता है?

ओम गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवा महेश्वर: गुरु साक्षात् परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: स्वाहा। ओम शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे, सर्व स्थार्ति हरे देवि नारायणी नमस्तुते।  

हवन करते समय स्वाहा क्यों बोला जाता है?

हवन करते समय स्वाहा बोलने का अर्थ यह होता है कि सही रीति से पहुंचाना क्योंकि मंत्र का पाठ करते समय स्वाहा बोलकर ही भगवान को सामग्री समर्पित की जाती है कोई भी यज्ञ तक सफल नहीं होता है जब तक हवन का ग्रहण देवता ना करें देवता ग्रहण तभी करते हैं जब अग्नि के द्वारा हवन के माध्यम से आप उन्हें वह चीज समर्पित करते हैं।

निष्कर्ष

जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से हवन शुरू करने का मंत्र बताया है इसके अलावा हवन शुरू करने की विधि क्या है उसके बारे में भी बताया है अगर आपने हमारे इस लेख को अच्छे से पढ़ा है तो आपको इन सारे विषयों की संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई होगी उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुई होगी।