पुरुष बवासीर के लक्षण : 8 कारण और 6 असरदार घरेलू नुस्खे | Purush bawasir ke Lakshan


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पुरुष बवासीर के लक्षण | Purush bawasir ke Lakshan : दोस्तों आज के दौर में लगभग 80% से अधिक लोग बवासीर जैसी समस्या से पीड़ित हैं. यदि पुरुष बवासीर के लक्षण की बात करें तो लक्षण स्त्री और पुरुष दोनों में एक समान होते हैं अर्थात बवासीर के लक्षणों में अंतर नहीं होता है अंतर केवल इतना होता है कि कुछ लोगों में बवासीर खूनी होती हैं तो कुछ लोग में बादी बवासीर होती हैं।

स्त्री और पुरुष की गुदा में गुदा-नाल की वाहिकाओं में सूजन होने पर वाहिकाएं सूज जाती है। जिसे बवासीर, होमोरोइड या अर्श कहा जाता है। वाहिकाओं के शूज जाने पर गुदाद्वार के पास बड़े-बड़े मस्से फूल जाते हैं और व्यक्ति को पाखाना करते समय काफी दर्द जलन और खुजलाहट महसूस होती है।पुरुष बवासीर के लक्षण, पुरुष में बवासीर के शुरुआती लक्षण, पुरुष बवासीर का इलाज, पुरुष बवासीर , purush बवासीर के घरेलू उपचार , पुरुष में बवासीर के लक्षण, बवासीर के शुरुआती लक्षण, बवासीर के शुरुआती लक्षण , पुरुष में बवासीर का इलाज, purush bawasir ke gharelu ilaj , Purush Bawasir ke niyam, पुरुष बवासीर के लक्षण ,

सामान्य तौर पर हर व्यक्ति को बवासीर की समस्या होती है लेकिन कुछ लोगों को यह समस्या गंभीर हो जाती है अगर इसे प्रारंभिक दौर में ही घरेलू इलाज किया जाता है तो ठीक हो जाता है लेकिन जब यह समस्या गंभीर हो जाती है तो सर्जरी ही एक मात्र सुरक्षित उपाय रह जाता है।

कई बार लोगों को बवासीर के कारण ही भगंदर और बाद में कैंसर बन जाता है ऐसी स्थिति में लोगों को अत्यधिक कष्ट होता है और मौत हो जाती है। बवासीर मुख्य रूप से कब्ज और एसिडिटी की समस्या से उत्पन्न होने वाली समस्या है।पुरुष बवासीर के लक्षण के आधार पर बवासीर को दो भागों में बांटा गया। जिसमें एक खूनी बवासीर होती है और दूसरी बादी बवासीर होती है।

बवासीर कितने प्रकार की होती हैं ? | Purush kitne prakar ki hoti hai ?

अगर आप में से कोई भी व्यक्ति इस बात की जानकारी चाहता है कि आखिर बवासीर कितने प्रकार की होती हैं तो यहां पर हमने आपको निम्नलिखित तरीके से बवासीर कितने प्रकार की होती है इसके बारे में जानकारी दी है.

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1. खूनी बवासीर

खूनी बवासीर में व्यक्ति को किसी भी प्रकार से अत्यधिक कष्ट नहीं होता बल्कि मल त्याग करते समय खून टपकने लगता है या फिर पिचकारी की तरह निकलता है। खूनी बवासीर के मस्से अंदर की ओर होते हैं जो मल त्याग करने के बाद अंदर चले जाते हैं परंतु अत्यधिक पुराना हो जाने पर खूनी बवासीर के मस्सों को दबाकर ही अंदर किया जाता है।

2.बादी बवासीर

बादी बवासीर में लोगों का पेट हमेशा खराब रहता है ज्यादातर कब्ज और गैस भरी रहती है साथ ही साथ व्यक्ति को गुदाद्वार में जलन दर्द खुजली बेचैनी बनी रहती है कभी-कभी मल खड़ा हो जाने के कारण खून भी निकलता है।बादी बवासीर के मस्से अंदर होते हैं जिसके कारण मलद्वार सकरा हो जाता है


बवासीर में चावल खाना चाहिए या नहीं

और मल त्याग करते समय फटन महसूस होती है। बादी बवासीर पुराना हो जाने पर भगंदर बन जाता है जिससे मलद्वार के बगल में छेद बन जाते हैं तथा टट्टी इन्हें छेदों में चली जाती और इन्हीं रास्तों से खून निकलने लगता है। धीरे-धीरे मलाशय में कैंसर बन जाता है और जानलेवा साबित होता है। 

पुरुष बवासीर के लक्षण | Purush bawasir ke Lakshan

स्त्री और पुरुष दोनों में बवासीर के लक्षण एक जैसे होते हैं और दोनों को एक समान समस्याएं होती हैं आइए हम स्त्री और पुरुष बवासीर के लक्षण के बारे में बताते हैं।

बवासीर

  1. गुदाद्वार के पास गांठ में बन जाती हैं।
  2. शौच करने के बाद भी शौच करने का या मल त्याग करने का एहसास बना रहता है।
  3. मल त्याग करते समय जलन खुजलाहट और दर्द होता है तथा खून बहता है।
  4. मल त्याग करते समय अत्यधिक दर्द का एहसास है
  5. हमेशा खुजली होती रहती है।
  6. मल त्याग के समय मल के साथ हल्का सफेद म्यूकस आता है।
  7. मल त्यागने में कठिनाई होना
  8. लंबे समय तक मल त्यागने के लिए बैठे रहना
  9. मलद्वार में गांठ पड़ना
  10. कब्ज और गैस बनी रहती है जिससे पेट में हल्का हल्का दर्द भी होता रहता है।

बवासीर के कारण | Bawasir ke karan

स्त्री और पुरुष दोनों में बवासीर के कारण भी एक जैसे होते हैं आइए हम आपको बवासीर होने के कारण बताते हैं।

1. अधिक देर तक बैठे रहना या खड़े रहना

अधिकांश स्त्री और पुरुष ज्यादा समय तक बैठे रहते हैं या खड़े रहते हैं जैसे ऑफिस में काम करने वाले व्यक्ति कुर्सी पर दिन भर बैठे रहते हैं या फिर पुलिस वाले होमगार्ड या सिक्योरिटी गार्ड जैसे लोग दिन भर खड़े रहते हैं इन स्थितियों में खुदा पर अधिक दबाव पड़ता है जिससे बवासीर की समस्या अधिक बनती है।

2. हमेशा कब्ज बने रहना

आज के समय में ज्यादातर लोग अपने खान-पान पर ध्यान नहीं देते हैं दिनभर गरिष्ठ और तले भुने भोजन खाते रहते हैं जिससे पेट में कब्ज बनने लगती है धीरे-धीरे लगातार कब्ज बने रहने से बवासीर जैसी समस्या बढ़ जाती है।

3. मोटापा

जो लोग मोटापे से पीड़ित होते हैं उन लोगों में भी ज्यादातर डायबिटीज , कब्ज बीपी तथा बवासीर की समस्या हो जाती है।

4. अनुवांशिक कारण

वैसे तो सामान्य तौर पर बवासीर हर व्यक्ति में होती है लेकिन कुछ लोगों में गंभीर होती है जिन लोगों में गंभीर समस्याएं होती हैं उनमें बवासीर का कारण आनुवंशिक भी हो सकता है। अर्थात जिनके माता-पिता दादा-दादी आदि में बवासीर की समस्या होती है उनकी संतानों में भी बवासीर के लक्षण बने रहते हैं।

5. मल त्याग के समय तनाव या दबाव

अत्यधिक चिंता और तनाव के कारण व्यक्ति के शरीर के अंदर कई प्रकार की विकृतियां उत्पन्न करें कभी-कभी मनुष्य मल त्याग करते भी समय किसी ने किसी तनाव में रहता है जिससे मल त्याग करते समय अत्यधिक दबाव देना पड़ता है और यह दबाव गुदाद्वार की रक्त कोशिकाओं पर पड़ता है जिससे सूजन कम हो जाती है और धीरे-धीरे बवासीर बन जाता है।

6. पानी की कमी

शरीर में पानी की कमी के कारण मल सूखने लगता है जिससे मल त्याग करते समय हमें अत्यधिक दबाव देना पड़ता है और यह दबाव गुदाद्वार की वाहिकाओं पर पड़ता है जो कुछ समय बाद मस्से के रूप में परिवर्तित हो जाती है और बवासीर बन जाता है।

7. उम्र का बढ़ना

( यह लेख आप OSir.in वेबसाइट पर पढ़ रहे है अधिक जानकारी के लिए OSir.in पर जाये  )

लगभग 40 साल के बाद व्यक्ति की शारीरिक क्षमता में कमी हुई है और शरीर की नसे कमजोर होने के कारण सही से काम नहीं कर पाते हैं यही स्थिति गुदाद्वार की नसों पर भी होती है जिसके कारण मस्से बनकर बवासीर बन जाता है।

8. अत्यधिक भार उठाना

जो लोग अपने सिर पर आवश्यकता से अधिक भार उठाकर दिन भर मेहनत करते हैं उन लोगों में भी बवासीर अधिक होती है क्योंकि अधिक भार उठाने पर भार का दबाव गुदा पर पड़ता है धीरे-धीरे इस दबाव से गुदाद्वार के मस्से फूल जाते हैं और व्यक्ति बवासीर से पीड़ित होने लगता है।

बवासीर की जटिलताएं

पाइल्स या फिस्टुला जैसी समस्या होने पर यदि उपचार न किया जाए तो हमारे सामने कई जटिलताएं देखने को मिलते हैं कुछ जटिलताएं इस प्रकार हैं।

  1. उकड़ू बैठने पर रक्तस्राव होने लगता अंडर वियर पर लग जाता है जिससे शर्मिंदगी महसूस होती है।
  2. समय पर उपचार न करने से धीरे-धीरे खून की कमी होने लगती है जिससे व्यक्ति कमजोर हो जाता है।
  3. गुदाद्वार के पास बवासीर के ऊतकों में रक्त जमने लगता है।
  4. धीरे-धीरे व्यक्ति तीव्र पीड़ा से परेशान होने लगता है।
  5. लोगों को रक्तचाप की समस्या होने लगती है।
  6. गुदाद्वार के आसपास हमेशा सूजन दर्द और जलन बनी रहती है।

बवासीर के घरेलू उपचार | Bavasir ke gharelu upchar

दोस्तों आज के दौर में लगभग हर व्यक्ति बवासीर से परेशान हैं और कई प्रकार के बवासीर के घरेलू उपचार भी करता है आइए हम कुछ बवासीर के घरेलू उपचार के बारे में बताते हैं।

1. जैतून का तेल

जैतून के तेल में सूजन रोधी गुण होते हैं बवासीर के मस्सों पर जैतून का तेल लगाने से चलन दर्द और खुजलाहट कम हो जाती है तथा धीरे-धीरे मस्से सूखने लगते हैं।

2. नींबू और सफेद कत्था

बवासीर को ठीक करने के लिए एक नींबू को दो बराबर भागों में बांट कर रात भर उसे खुले आसमान रख दे और सुबह उस पर आधा चम्मच सफेद कत्था का पाउडर लगाकर चूस ले। 7 से 8 दिन तक लगातार यह प्रयोग करने से बवासीर ठीक हो जाता है।

3. नारियल की भस्म

एक नारियल की जटा की भस्म बनाएं और उसे सुबह खाली पेट छाछ में मिलाकर पिएं लगभग 1 सप्ताह तक नारियल की भस्म छाछ के साथ खाने से बवासीर ठीक हो जाता है।

4. केला और कपूर

लगभग दो 2 ग्राम के चार से पांच टुकड़े कपूर के और छोटे-छोटे केले के टुकड़ों के अंदर रखकर सुबह खाली पेट निकल जाएं लगभग 7 से 8 दिन के अंदर बवासीर समाप्त हो जाता है।

5. नींबू और दूध

लगभग 100 ग्राम दूध को 4 बराबर भाग करके चार कटोरियों में रख ले और एक नींबू को प्रत्येक भाग में निचोड़ कर तुरंत खाली पेट सुबह प्रतिदिन पिए लगभग 1 सप्ताह तक नींबू और दूध पीने से बवासीर ठीक हो जाता है।

6. नाग केशर

दोस्तों बवासीर को ठीक करने के लिए नागकेसर की चार पत्तियां पीसकर सुबह खाली पेट पिएं। ध्यान रहे कि कभी-कभी किसी को खून आने की समस्या हो सकती है।

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FAQ : पुरुष बवासीर के लक्षण

बवासीर के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं ?

बवासीर के शुरुआती लक्षण गुदाद्वार पर जलन और सूजन होती है इसके साथ साथ उठने बैठने में समस्या बन जाती है और समय-समय पर खुजलाहट होने लगती है।

बवासीर की पहचान कैसे होती है ?

मलाशय और गुदाद्वार में जलन के साथ गांठ बन जाती है। पेट साफ नहीं रहता है हल्का हल्का दर्द और जलन होती है शौच के दौरान खून निकलता है।

बवासीर क्यों होता है ?

कब्ज तनाव बढ़ती उम्र मोटापा जैसी समस्याओं के कारण बवासीर बनना प्रारंभ होता है जिससे मलाशय की कोशिकाओं अर्थात नसों में वृद्धि हो जाती है और बड़े-बड़े मस्से बाहर निकलने लगते हैं या फिर खून बहने लगता है।

निष्कर्ष :

दोस्तों हम अपने इस आर्टिकल के माध्यम से आपको पुरुष बवासीर के लक्षण के बारे में बताया है और इसके समाधान के लिए कुछ घरेलू उपचार भी बताए हैं जैसे नागकेसर केला और कपूर नींबू और दूध आदि आदि। यह प्रयोग आपकी बवासीर को ठीक करने के लिए कारगर माने गए हैं ऐसे में पुरुष में बवासीर के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत उपचार कर सकते हैं और जल्दी बवासीर को ठीक कर सकते हैं

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