जाने असली प्यार किसे कहते हैं और प्यार कैसे होता है? सच्चे प्यार की पहचान | Pyar kise kahte hain

प्यार किसे कहते हैं ? | Pyar kise kahte hain ? : दोस्तों प्यार एक दो दिलो का एहसास है जो दोनों के अंदर भावनाओं और विचारों का समावेश करता है प्रेम धीरे धीरे खुशियों की ओर ले जाता है और एक दूसरे की तरह मजबूत आकर्षण और लगाओ की भावना के साथ दूसरे की ओर जाने को प्रेरित करता है प्रत्येक प्राणी स्वयं के प्रति या किसी अन्य के प्रति प्यार जताता है प्यार में अपनी जिंदगी बदल जाती है.

दोस्तों प्यार स्वयं में एक गहरा अर्थ रखता है इसलिए हर किसी से एक प्यार की उम्मीद नहीं की जा सकती हैं क्योंकि हर व्यक्ति का प्यार अलग-अलग नजरिए से होता है प्यार के अपने कई मायने हैं कोई स्त्री से प्यार करता है.

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कोई मां से प्यार करता है कोई बहन से प्यार करता है कोई जानवर से प्यार करता है कोई पेड़ पौधों से प्यार करता है तो कोई प्रकृति से प्यार करता है अर्थात यहां पर हर जीव अलग-अलग तरीके से अलग-अलग चीजों से मोहब्बत रखते है.

इसीलिए प्यार के मायने भी अलग अलग हो जाते हैं लेकिन अगर बात आ जाती है कि एक लड़का और लड़की के बीच प्यार क्या होता है तो इसका एक अलग अर्थ निकलता है अर्थात जब कोई लड़का लड़की एक दूसरे से प्यार करते हैं तो यहां पर दोनों के दिलों से निकलने वाले एहसास होते हैं जिन्हें समझना अन्य किसी के बस की बात नहीं होती है.

प्यार किसे कहते हैं ? | Pyar kise kahte hain ?

प्यार दो दिलों की वह अनुभूति होती है जो पूरी जिंदगी बदल देता है प्यार वह है जो कभी खत्म नहीं होता है कोई कितना भी दूर रहे या पास रहे लेकिन एक दूसरे के प्रति आकर्षण चाहत और दिल में यादगार बना रहता है प्यार की कोई सीमा नहीं होती है यहां तक कि प्यार को जन्म जन्म का रिश्ता माना जाता है.

जब एक लड़का और लड़की एक दूसरे से प्यार करते हैं तो प्यार शब्द सुनकर हमारे दिल में एक ऐसी अनुभूति होती है जिससे शरीर में एक एक्स्ट्रा एनर्जी भर जाती है आंतरिक और मानसिक रूप से खुशी मिलती है.

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प्यार करने वाले एक दूसरे में इस प्रकार से भूल जाते हैं जैसे मानो पानी में चीनी घुली हो तो उसे शरबत कहते हैं कि प्रेम एक रसायन है यंत्र नहीं विलयन है एक व्यक्ति का अद्भुत सौंदर्य जब किसी को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है तो प्रेम उस सौंदर्य में समा जाता है.

प्रेम का मतलब है एक दूसरे में आसक्ति ना होकर भक्ति बन जाता है शास्त्रों के अनुसार प्रेम मोह और भक्ति के बीच की अवस्था है एक स्त्री और पुरुष के मध्य प्रेम कई अवस्थाओं से गुजरता है शास्त्र लोग कहते हैं कि प्यार स्त्री और पुरुष के प्यार के प्रारंभ में 7 चरण होते है व प्रेम सामाप्त होने के सात चरण होते है .

प्रेम होने के चरण | Pyar hone ke Charan

किसी भी स्त्री पुरुष का प्रेम प्रारंभ होने में सात चरण होते हैं जिसमें पहला चरण एक दूसरे के प्रति आकर्षण होता है और दूसरा चरण विभिन्न प्रकार के ख्यालों में डूब जाना होता है वहीं तीसरे चरण में व्यक्ति के अंदर मिलने की चाहत होती है और चौथे चरण में एक साथ रहने के भाव पैदा होने लगते हैं.

पांचवें चरण में दोनों प्रेमी मिलने और बात करने की कोशिश करने लगते हैं और करते हैं वही छठ में चरण में जब बात करते करते मिलते रहते हैं तो एक दूसरे से इजहार कर बैठते हैं. प्यार होने के अंतिम चरण अर्थात सातवें चरण में एक दूसरे के साथ जीने का प्रयत्न करते हैं और अंत में एक दूसरे के साथ जीवन साथी बन कर जीवन यापन करते हैं इस प्रकार प्यार की परिभाषा प्रारंभ होने में होती है.

प्रेम समाप्त होने के चरण | Pyar samapt hone ke Charan

प्रेम किसी भी अवस्था में होना प्रारंभ होता है तो उसका अंत भी कहीं ना कहीं दिखाई देता है जो भी कुछ इस तरह से समाप्त होता है कि व्यक्ति को एहसास भी नहीं होता और धीरे-धीरे प्यार समाप्ति की ओर चला जाता है ऐसे में प्यार समाप्ति के भी सात चरण शास्त्रों के अनुसार बताए गए हैं.

प्रेम या प्यार समाप्त होने के सात  चरणों में पहला चरण एक दूसरे के विचारों भावनाओं और कार्यों के प्रति एक दूसरे को पसंद ना करना होता है और दूसरा चरण इन्हीं नापसंदगी के कारण आपसी लड़ाई झगड़े तकरार में परिवर्तित हो जाता है.

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तीसरे चरण में एक दूसरे से नफरत पैदा होने लगती हैं और चौथे चरण में दूरियां बनना प्रारंभ हो जाती है धीरे-धीरे प्यार समाप्ति की ओर बढ़ जाता है और पांचवें चरण में संबंध खत्म होने की स्थिति पर विचार करने लगते हैं प्रेम समाप्त होने के छठे चरण में एक दूसरे से अलग होने का प्रयास प्रारंभ हो जाता है और सातवें चरण में एक दूसरे से अलग हो जाते हैं इस प्रकार से प्रेम समाप्त होने के सात चरणों में पूरी तरह से प्यार समाप्त हो जाता है यही प्यार की परिभाषा मिलती है.

प्यार कैसे होता है ? | Pyar kaise hota hai ?

जैसे ही व्यक्ति जवानी की दहलीज पर कदम रखा है उसके अंदर एक आकर्षण दूसरों के प्रति पैदा हो जाते हैं जिसे वह प्यार की दृष्टि से देखने लगता है उसके अंदर दूसरों के प्रति लगाओ चाहत पैदा हो जाती है स्त्री और पुरुष के अंदर या लड़का लड़की के अंदर जवानी में कुछ ऐसे हार्मोन स्रावित होते हैं जिसकी वजह से विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण पैदा हो जाता है.

प्रारंभ में लड़का लड़की आकर्षण के प्रति दिल से एक दूसरे की प्रति आकर्षित होते हैं वही धीरे-धीरे रंग रूप से आकर्षित होकर प्यार में परिवर्तित हो जाते हैं और एक दूसरे को पाने की चाहत करने लगते हैं दिन रात एक दूसरे के विषय में सोचने लगते हैं.

प्यार एक दूसरे के प्रति आंखों से शुरू होता है और दिल की भावनाओं से खिंचाव पैदा होता है विपरीत लिंग के प्रति खिंचाव इतना पैदा होता है कि एक दूसरे के पास आने की चाहत होने लगती है और यहां तक कि व्यक्ति शारीरिक संबंधों तक पहुंच जाता है वास्तव में प्यार केवल एक आकर्षण है जो एक स्त्री और पुरुष या लड़का और लड़की के बीच उत्पन्न होता हैं.

प्यार होने के लक्षण | Pyar hone ke lakshan

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प्यार क्या होता है प्यार कैसे होता है प्यार के लक्षण क्या है यह समझना केवल दो प्रेमियों को सबसे ज्यादा आता है क्योंकि वह एक दूसरे से कुछ इस तरह से घुलमिल जाते हैं कि उनकी भावनाओं को समझना आसान नहीं रह जाता है ऐसे में केवल हम कुछ प्यार होने के लक्षणों को देखकर कह सकते हैं कि यही प्यार है.

1. उसी का ख्याल होना

दो प्यार करने वाले प्रेमी जब भी कहीं पर भी बैठते हैं चाहे एकांत में हो या भीड़ में होते हैं सभी जगह उनके दिल और दिमाग में केवल एक दूसरे का ख्याल ही बना रहता है वह उन्हीं के बारे में सोचते रहते हैं और उन्हीं की यादें दिमाग में रहती हैं और उनका चेहरा हर वक्त नजर आने लगता है यही प्यार है.

2. बेचैनी होना

दो प्रेमियों के बीच हमेशा बेचैनी बन जाती है अक्सर जब भी मुलाकात ना हो बात ना हो तो दिन में मानसिक बेचैनी होती है वह अक्सर यह सोचते रहते हैं कि कहीं मैंने कुछ गलत तो नहीं किया इसमें मेरी गलती है जब आपके मन में बेचैनी होने लगे तो यह समझना चाहिए कि यही प्यार है.

3. दूसरे की खुशी में अपनी खुशी

जब व्यक्ति को प्यार होता है तो एक दूसरे की खुशियों में अपनी खुशी ढूंढते हैं दूसरे की खुशी के लिए अपना सब कुछ त्याग कर सकते हैं उनको महसूस होता है कि किसी भी चीज को त्याग करने से खुशी होगी और जब इस तरह एक दूसरे के प्रति त्याग की भावना से खुशी महसूस होती है तो यही प्यार है.

4. एक दूसरे की परेशानी से दुखी

प्यार करने वाले एक दूसरे की परेशानी को देखकर दुखी हो जाते हैं उनके मन में दूसरे के दुख और परेशानियों को दूर करने के लिए भावनाएं उत्पन्न होने लगते हैं कि उनकी इस परेशानी को कैसे समाप्त किया जाए एक दूसरे की परेशानी के लिए समाधान ढूंढने लगते हैं बस यही प्यार है.

5. मोहब्बत के तराने गुनगुनाना

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प्यार हो जाने पर एक हमेशा एक दूसरे की याद में खोए रहते हैं और मन में मोहब्बत के गीत गुनगुनाते रहते हैं और हर वक्त अपने सामने उन्ही का चेहरा देखते रहते हैं.

6. गलतियों में अच्छाइयां नजराना

प्यार करने वाली प्रेमियों के बीच जब गहराइयों तक प्यार होता है तो किसी भी प्रकार की गलती होने पर भी उन्हें अच्छाइयां नजर आती हैं हर प्रकार की बुरी हरकत भी प्यार की दृष्टि से देखते हैं.

7. खालीपन महसूस करना

सर जब दो प्रेमी एक दूसरे के साथ नहीं होते हैं तो उन्हें खालीपन महसूस होता है और हर वक्त इंतजार कुछ इस तरह करते हैं कि वे चाहते हैं कि उनके सामने आ जाएं हर वक्त उन्हीं की यादों में इस तरह से खो जाते हैं कि अपने काम को भी भूल जाते हैं.

8. साथ छूटने का डर लगता है

प्यार करने वाले व्यक्ति एक दूसरे से दूर हो जाने का डर महसूस करते हैं कहीं समाज की वजह से घर परिवार की वजह से एक दूसरे से अलग ना हो जाए उन्हें ऐसा लगता है लेकिन प्रेमी एक दूसरे से कभी ना जुदा होने की बात करते रहते हैं और विषम परिस्थितियों में भी साथ नहीं छोड़ते हैं यही प्यार है.

9. घंटों फोन पर बतलाना

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सच्चा प्यार करने वाले लोग घंटों फोन पर बतलाते रहते हैं और वे चाहते हैं कि केवल और केवल फोन पर लगातार बात करते ही रहे उन्हें फोन रखने का मन नहीं करता है और जब फोन रख भी देते हैं तो उन्हें लगता है कि मैंने कुछ खो दिया है और उन्हीं की याद बनी रहती है बार-बार फोन करने का मन करता रहता है यही प्यार है.

10 सोशल मीडिया पर मैसेज करना

प्यार करने वाले हमेशा आज के दौर में सोशल मीडिया पर ज्यादा बिजी रहते हैं हर वक्त कोई न कोई प्यार भरा संदेश एक दूसरे को भेजते रहते हैं जब भी खाली समय मिलता है वह सोशल मीडिया पर चैटिंग करने लगते हैं।

FAQ : प्यार किसे कहते हैं

प्यार का अर्थ क्या होता है ?

प्यार दो लोगों के आपसी दिलों का जुड़ाव होता है जो दिल से एहसास किया जाता है और भावनाओं का अलग-अलग समावेश होता है जिसमें व्यक्ति एक मजबूत आकर्षण के साथ एक दूसरे के साथ आने का प्रयास करता है.

इश्क और प्यार में क्या अंतर है ?

इसको प्यार मोहब्बत मूल रूप से एक ही बात को दर्शाते हैं केवल भाषाई अंतर होता है क्योंकि हर धर्म के लोग प्यार को अलग-अलग भाषा में शब्दों के द्वारा दर्शाते हैं.हर धर्म और देश में प्यार के लिए अलग-अलग भाषायी शब्द का प्रयोग किया जाता है इसी रूप में इश्क उर्दू भाषा का वर्ड है वही प्यार हिंदी भाषा का शब्द है.

प्यार की शुरुआत कैसे होती है ?

प्यार दो लोगों के बीच उत्पन्न होने वाला एक एहसास होता है जिसे एक इंसान दूसरे इंसान को अपनी और आकर्षित करता है और प्यार शब्द में समाहित उर्जा मानसिक एवं शारीरिक ख़ुशी का एहसास कराती है प्यार चेहरे की सुंदरता और शरीर के प्रति उत्पन्न होने वाला करता है परंतु प्यार हर रिश्ते के लिए अलग-अलग होता है.मां के लिए प्यार ममता से जोड़ा जाता है तो दो प्रेमियों के लिए प्यार आपसी मिलन से जोड़ा जाता है वहीं अगर कोई ईश्वर से प्रेम करता है तो उसे आध्यात्मिक प्रेम कहा जाता है.

निष्कर्ष

दोस्तों प्यार किसे कहते हैं इस संदर्भ में यही कहना चाहूंगा कि प्यार दो दिलों का एक अनुभव है एहसास है अभिव्यक्ति है जिसे केवल महसूस किया जाता है दूसरी तरफ प्यार रिश्तो के तरीकों में बटा होता है हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग प्यार की परिभाषा है मां बेटे के प्यार की परिभाषा अलग है.

तो भाई बहन के प्यार की परिभाषा अलग है लेकिन एक पति पत्नी और प्रेमी प्रेमिका के प्यार की परिभाषा सबसे अलग होती है ऐसे में प्यार किसे कहते हैं उसे हम रिश्तो के हिसाब से समझ सकते हैं।

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