शिव पूजा विधि विधान : जाने भोलेनाथ की पूजा सोमवार को क्यों की जाती है?

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भोलेनाथ की पूजा | bholenaath ki pooja : हमारे हिंदू धर्म में 33 कोटि देवी देवता है, हिंदू धर्म के मानने वाले लोग करते हैं. दुनिया का सबसे पुराना धर्म हिंदू धर्म को ही कहा जाता है. हिंदू धर्म के बारे में ऐसी मान्यता है भी है कि, हिंदू धर्म का ना आदि है न अंत है अर्थात हिंदू धर्म कब चालू हुआ यह किसी को नहीं पता है और इसका अंत कब होगा यह भी किसी को नहीं पता है.

इसलिए हिंदू धर्म को हिंदू धर्म के अलावा सनातन धर्म भी कहा जाता है. हिंदू धर्म में अगर हम प्रमुख देव की बात करें तो उनमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश का नाम आता है, क्योंकि इन तीनों देवताओं को सृष्टि का निर्माण करने का कारक माना जाता है. इनमें से भी शंकर भगवान को काफी भोले देवता माना जाता है.

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क्योंकि इनका स्वभाव बहुत ही भोला होता है और जो साधक सच्चे मन से और पूरे श्रद्धा भाव से इनकी पूजा अथवा इनकी साधना करता है, उस पर भगवान शंकर बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और उसकी सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं. हमारे हिंदू धर्म में हर भगवान की पूजा के लिए एक निश्चित दिन का निर्धारण किया गया है.

जैसे शनिदेव की पूजा करने के लिए शनिवार का दिन माना गया है, हनुमान जी की पूजा करने के लिए मंगलवार का दिन उपयुक्त माना गया है, लक्ष्मी माता की पूजा करने के लिए शुक्रवार दिन उत्तम माना गया है, उसी तरह शंकर भगवान की पूजा करने के लिए सोमवार का दिन सही माना गया है.

हमारे भारत देश में भगवान शंकर के ऐसे कई मंदिर है जहां पर सोमवार को भक्तों की भारी भीड़ लगती है. अगर हम भगवान महादेव के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बात करें तो उनमें सबसे पहला नाम आता है अमरनाथ मंदिर का जो कि जम्मू कश्मीर में स्थित है.इसके अलावा नेपाल में स्थित पशुपतिनाथ मंदिर भी काफी प्रसिद्ध है, साथ ही गुजरात के द्वारका शहर में स्थित सोमनाथ मंदिर भी बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है.

आप में भी ऐसे कई लोग होंगे, जो सोमवार को भगवान शंकर की पूजा करते होंगे, परंतु आपके मन में कभी ना कभी यह प्रश्न भी अवश्य आता होगा कि आखिर भगवान शंकर की पूजा करने के लिए सोमवार का दिन ही इतना ज्यादा महत्वपूर्ण क्यों है.

भगवान शंकर की पूजा सोमवार को क्यों की जाती है | bholenaath ki pooja | भोलेनाथ की पूजा

अगर शिवपुराण के तहत देखा जाए तो, भगवान शंकर की आराधना करने के लिए सभी दिन सही है,परंतु ऐसा कौन सा कारण है कि bholenaath ki pooja सोमवार के दिन करने से भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है.

ऐसा माना जाता है कि, मनुष्य को संपत्ति से बहुत ही ज्यादा प्यार है, इसलिए मनुष्य ने भगवान शंकर की पूजा करने के लिए सोमवार के दिन का चयन किया है . पुराणों की मानें तो पुराणों के अनुसार सोम का मतलब होता है चंद्रमा और चंद्रमा भगवान शंकर के सिर पर मुकुट पर विराजमान होकर अत्यंत सुशोभित होता है.

और इसीलिए भक्तों ने ऐसा माना कि जैसे भगवान शंकर ने चंद्रमा को अपराधी होते हुए भी उसे माफ करके उसे अपने सर पर स्थान दिया, वैसे भगवान भक्तों को भी सर पर नहीं तो अपने चरणों में अवश्य जगह देंगे और यही बात याद दिलाने के लिए भक्तों ने भगवान शंकर के लिए सोमवार के दिन को ही पसंद किया.

सोम का मतलब क्या होता है ? | Som ka matlab kya hota hai ?

सोम का मतलब होता है सौम्य और यह बात तो हम सभी जानते हैं कि भगवान भोलेनाथ बहुत ही शांत और भोले स्वभाव के होते हैं और भगवान भोलेनाथ की शांत स्वभाव को देखकर ही भक्तों ने इन्हें सोमवार का देवता मान लिया.

भगवान भोलेनाथ में बहुत ही सरलता और सहजता है, इसलिए इन्हें भोलेनाथ कहा जाता है,क्योंकि यह बहुत जल्दी अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं और उन्हें मनचाहा वरदान देते हैं,परंतु जो भक्त भगवान भोलेनाथ के साथ-साथ इनकी पत्नी यानी की माता भगवती की पूजा करते हैं उन्हें और भी विशेष फल प्राप्त होते हैं.

क्योंकि बिना माता भगवती की पूजा किए भगवान शंकर के रहस्य को सोचना, समझना कठिन है.इसलिए भगवान भोलेनाथ के भक्तों ने सोमवार के दिन को शिव का वार स्वीकार किया है.

सोम के अंदर ही ओम समाया हुआ है और भगवान भोलेनाथ ओंकार स्वरूप हैं. ओंकार की साधना के द्वारा ही साधक अद्भुत स्थिति में पहुंच सकता है.

इसीलिए इसी अर्थ के विचार के लिए भगवान भोलेनाथ को सोमवार का देवता मान लिया गया. सोम का मतलब होता है चंद्रमा और चंद्रमा मन का प्रतीक होता है. मन की चेतना को पकड़कर हम परमात्मा तक पहुँच सके, इसलिए देवाधिदेव भूतभावन पूतपावन परमेश्वर की उपासना सोमवार को की जाती है.

भोलेनाथ की पूजा | Bholenaath ki pooja

सोमवार के दिन को भगवान भोलेनाथ का दिन माना जाता है और इसीलिए मनोकामना की पूर्ति के लिए इस दिन इनकी विशेष तौर पर पूजा करनी चाहिए. अगर आप भी भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करके अपना मनचाहा वरदान पाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको सोमवार के दिन सुबह 7:00 बजे के पहले नहा लेना है.

और नहाने के बाद आपको साफ और स्वच्छ कपड़े पहनने हैं.आप काले रंग के कपड़े छोड़कर किसी भी रंग के कपड़े पहन सकते हैं. इसके बाद आपको भगवान भोलेनाथ का व्रत रखना है और मंदिर में जाकर भगवान भोलेनाथ या फिर शिवलिंग के सामने धूपबत्ती जलानी है और उनके चरणों में कोई भी मीठी चीज और फूल अर्पित करना है.

उसके बाद आपको भगवान भोलेनाथ की आरती करनी है और अपने घर के आस-पास स्थित शिवलिंग पर जाकर कम से कम 108 बार ओम नमः शिवाय बोलते हुए दूध या फिर पानी की सहायता से शिवलिंग का अभिषेक करना है.

इसके बाद मन ही मन आपको अपनी कामना को पूरा करने के लिए भगवान भोलेनाथ से अरदास लगानी है. ऐसा कम से कम चार सोमवार तक करने से निश्चित ही भगवान भोलेनाथ आप पर प्रसन्न होंगे और आपकी मनोकामना को पूरी करेंगे.

निष्कर्ष

दोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से bholenaath ki pooja और भोलेनाथ की पूजा विधि सोम का मतलब क्या होता है इन सारे विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी दी है.

अगर आपने हमारे देश को अच्छे से पढ़ा है तो आपको सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा क्यों की जाती है इसके बारे में जानकारी प्राप्त हो गई उम्मीद तक हमारे द्वारा भी यह जानकारी आपको अच्छी लगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित होगी.

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