महिला बवासीर के लक्षण और महिला बवासीर की दवा : दोस्तों यदि व्यक्ति अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग नहीं है, तो विभिन्न प्रकार की बीमारियां उसको घेर लेती है. ऐसी बीमारियां घेर लेती हैं कि जीवन में कभी ठीक होने का नाम नहीं लेती है. इन बीमारियों के ठीक होने के पीछे हजारों लाखों रुपए बर्बाद हो जाते हैं.
फिर भी विश्वास नहीं होता है और बीमारी मौत के साथ दफन हो जाती है. बीमारी मानसिक और शारीरिक दो प्रकार की होती है. शरीर के अंदर और बाहर की बीमारियां व्यक्ति के लिए बहुत कष्टकारी होती है. वहीं कुछ बीमारियां ऐसी भी होती है, जो समय के साथ कुछ पल में ठीक हो जाती हैं और आजीवन नहीं होती है.
परंतु आपको पता होना चाहिए कि हमारे शरीर में जितने भी अंग हैं. यदि किसी भी कारण से प्रभावित होते हैं, तो हमारी भी कष्ट का कारण बन जाती है, जो हमें दिन प्रतिदिन कष्ट में बढ़ोतरी करते रहते हैं. कभी बुखार, खुजली, खांसी, जुखाम, सर्दी, गर्मी, जलन, डायबिटीज, कैंसर, त्वचा संबंधी रोग तथा आंतरिक अंगों के कोई रोग यदि हो जाते हैं, तो हमें कष्ट ही देते हैं.
इन्हीं रोगों के बीच एक रोग बवासीर भी है, जो व्यक्ति के लिए काफी कष्टकारी होता है. बवासीर वैसे तो लगभग हर व्यक्ति में जाहिर हो जाता है. परंतु कुछ लोगों को नहीं स्पष्ट हो पाता है.
बवासीर या पाइल्स क्या होता है ?
बवासीर एक ऐसी बीमारी है, जो हर स्त्री पुरुष दोनों को हो जाता है. जिसकी वजह से व्यक्ति को काफी कष्ट महसूस होता है. जब किसी महिला या पुरुष को बवासीर की शिकायत होती है, तो व्यक्ति के मलाशय तथा मलद्वार के पास नसों में सूजन आ जाती है. जिसकी वजह से एक असामान्य सूजन और गांठ बन जाती है.
बवासीर होने के बाद व्यक्ति को मल त्याग करने में बहुत कठिनाई होती है और एक असहनीय दर्द होता है. दरअसल बवासीर एक प्रकार से बहुत जटिल समस्या है, जो जन्म के साथ भी हो सकती है. जिसके कारण मलाशय के पास नसों में सूजन बढ़ जाती है, जो गांठ के रूप में बाहर निकल आती है.
बवासीर होने पर खुजली और मल त्यागने में दर्द होता है. बवासीर प्रारंभ में एक छोटे दाने के समान निकलता है, जो धीरे-धीरे सूजन के कारण बड़ा रूप धारण कर लेता है.
बवासीर कितने प्रकार का होता है
किसी भी महिला या पुरुष में बवासीर दो प्रकार से हो सकता है, किसी महिला को खूनी बवासीर होता है, तो किसी किसी महिला को बादी बवासीर होता है. प्रत्येक व्यक्ति में दो ही प्रकार का बवासीर देखा जाता है.
1. खूनी बवासीर क्या है
खूनी बवासीर किसी भी महिला को जब होता है, तो मलद्वार के माध्यम से खून गिरता है, बहुत ज्यादा तकलीफ नहीं होती है. मल त्याग के समय मल के साथ खून टपक कर गिरता है, कभी-कभी बवासीर के मस्से फट जाते हैं. जिसकी वजह से पिचकारी की तरह खून बाहर आता है.
खूनी बवासीर मल त्यागने के बाद मस्से अंदर चले जाते हैं. यदि बहुत पुराना बवासीर हो जाता है, तो मल से गोदा के बाहर ही रहते हैं. जिसे अंगुली से अंदर करना पड़ता है, कभी-कभी यह स्थिति आ जाती है कि जब इसे हाथ से दबाव डालकर अंदर थकेला पड़ता है. खूनी बवासीर जो पुराना होता जाता है और कष्ट बढ़ता जाता है.
2. बादी बवासीर क्या है
जब किसी भी महिला या पुरुष को बादी बवासीर होता है, तो अक्सर उसका पेट खराब रहता है. पेट में एसिडिटी अब तक जो बनी रहती है. हालांकि बवासीर की शुरुआत ही कब्ज और एसिडिटी से होती है. बादी बवासीर में जलन, खुजली, दर्द, बेचैनी होती है तथा कभी-कभी दर्द की वजह से किसी काम में मन भी नहीं लगता है.
मल त्याग करते समय मल खड़ा हो जाता है और खून भी आता है. बादी बवासीर में जो मसा होता है, अंदर होने के कारण मलद्वार का रास्ता सकरा कर देता है. जिससे मल त्यागने में कठिनाई होती है.
बादी बवासीर के अंतर्गत मलद्वार में चुनन फट जाने से घाव हो जाता है. डॉक्टर की भाषा में इसे फिशर कहा जाता है. ऐसी स्थिति में गुदा के अंदर असहाय जलन तथा पीड़ा होती है.
यह बवासीर जैसा रोग कभी-कभी पीढ़ी दर पीढ़ी हो जाता है और अनुवांशिक रोग बन जाता है. बवासीर अक्सर उन लोगों को ज्यादा होता है, जो दिन भर खड़े रहते हैं या दिन भर बैठे रहते हैं. जैसे की पुलिस, पोस्टमैन, बस कंडक्टर इसके अलावा उन लोगों को भी बहुत ज्यादा होता है जो भारी-भरकम कार्य करते हैं. जैसे कुली, भारोत्तोलन, मजदूर आदि.
बवासीर होने के कारण क्या है ?
सामान्य रूप से देखा जाए, तो बवासीर होने का प्रमुख कारण पेट में बढ़ती कब्ज, एसिडिटी होती है. जब पेट में अत्यधिक कब्ज एसिडिटी बनी रहती है, तो धीरे-धीरे पेट में मलद्वार में मल त्याग के समय मस्से फूल जाते हैं और बवासीर बन जाता है.
जिसकी वजह से मलद्वार सकरा हो जाता है और व्यक्ति को मल त्यागने में कठिनाई होने लगती है, जो व्यक्ति प्रतिदिन फास्ट फूड, जंक फूड अथवा तैलीय भोजन ज्यादा प्रयोग करते हैं. उन लोगों के अंदर कब्ज एसिडिटी की समस्या अधिक होती हैं. जिसकी वजह से बवासीर का जन्म होता है।
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महिला बवासीर के लक्षण
- बवासीर होने की स्थिति में गुदा के आसपास गांठ जैसी संरचनाएं बन जाती हैं.
- शौच करने के बाद भी पेट साफ नहीं होने का एहसास होता रहता है.
- सोच करते समय गुदा में जलन के साथ-साथ खून आने लगता है.
- मल त्याग करते समय गुदा में अधिक पीड़ा होती है.
- गुदा के आसपास खुजली और सूजन होती है. जिसकी वजह से दर्द अधिक होता है.
- बार-बार मल त्यागने का एहसास होता है. परंतु मल त्यागने पर मल बाहर नहीं निकलता है.
- शौच करते समय म्यूकस निकलता है. जिससे गुदा में लस लस आपन बना रहता है.
भगंदर क्या है ?
जिन महिलाओं या पुरुषों में बवासीर बहुत पुराना हो जाता है, तो यही बवासीर आगे चलकर के भयानक रूप धारण कर लेता है. जिसे भगंदर कहा जाता है और अंग्रेजी में से फिस्टुला के नाम से जाना जाता है. भगंदर होने पर मलद्वार के रास्ते के बगल में एक छेद हो जाता है.
जिससे मल नली में चला जाता है और थोड़ा बनकर हट जाता है, कभी-कभी यह सूख जाता है. परंतु अक्सर यह बहने लगता है, बहुत दिनों के बाद भगंदर जब अंतिम स्टेज पर होता है, तो कैंसर का रूप ले लेता है. जिसकी वजह से व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो जाता है.
महिला बवासीर की दवा
किसी भी महिला या पुरुष के बवासीर होने की स्थिति में हमारे घरों में बहुत से ऐसे इलाज पाए जाते हैं. जिनको पढ़ने के बाद बवासीर ठीक हो सकता है.
1. बवासीर के लिए दूध के साथ अरंडी का तेल पियें
किसी भी महिला या पुरुष को जब बवासीर हो जाए, तो ऐसी स्थिति में प्रतिदिन ढाई सौ ग्राम दूध को उबालकर 20 ग्राम अरंडी का तेल रात को सोने से पहले पीकर सो जाएं. जिससे आपके पेट की कब्ज दूर हो जाएगी और मल त्यागने में सरलता होगी, साथ ही धीरे-धीरे बवासीर ठीक हो जाएगा.
2. बवासीर के लिए गर्म जल से त्रिफला चूर्ण खाएं
बवासीर होने की स्थिति में किसी भी महिला पुरुष को रात में सोने से पहले 5 ग्राम त्रिफला चूर्ण गर्म जल के साथ खाना चाहिए. जिसकी वजह से बवासीर या अर्श रोगने बहुत जल्द लाभ होगा.
3. बवासीर के लिए केले के साथ मदार का दूध खाएं
बवासीर के इलाज में मदार का दूध बहुत ही फायदेमंद है. इसका सेवन केले के साथ करना होता है, एक पका हुआ केला लेकर उसको बीच से लगभग एक अंगुल लंबा काट लें और उसके बीच में चार से पांच बूंद मदार का दूध रखकर केले को निकल जाए.
ध्यान रहे कि केले को सूंघना नहीं है बल्कि सीधे निकल जाना है. यदि आप ऐसा करते हैं, तो बवासीर के लिए एक बेहतरीन से बेहतरीन इलाज है. केले में मदार का दूध का सेवन सुबह खाली पेट करें और इसे खाने के बाद कम से कम 3 घंटे तक कुछ भी नहीं खाना है.
4. बवासीर के लिए दूध के साथ नींबू का रस पियें
बवासीर के इलाज में नींबू के रस को एक गिलास में रख लें और सुबह खाली पेट ढाई सौ ग्राम गाय का कच्चा दूध लेकर उसमें डाल कर तुरंत पी जाएं, साथ ही यह बवासीर का एक रामबाण इलाज है.
5. दूध के साथ इसबगोल खाएं
बवासीर होने की स्थिति में इसबगोल को दूध के साथ उबालकर सुबह-शाम पीने से शरीर के अंदर बनी हुई कब्ज दूर हो जाती है. जिससे धीरे-धीरे बवासीर में राहत मिलती है और बवासीर ठीक भी हो जाता है.
6. बवासीर के लिए अरण्ड के पत्ते पियें
बवासीर के इलाज में अरण्ड के पत्तों को कम से कम 3 से 5 पत्तों को प्रातः खाली पेट बांट कर पिए और ऐसा करने से बवासीर में पूरी तरह से आराम मिल जाता है.
बवासीर को जड़ से खत्म कैसे करें ?
बवासीर को जड़ से खत्म करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कभी भी गरिष्ठ और देर से पचने वाले भोजन का प्रयोग ना करें. गरिष्ठ भोजन करने से पेट में एसिडिटी और कब्ज की समस्या उत्पन्न हो जाती है. जिसे तत्काल इलाज की आवश्यकता होती है अर्थात पेट में कब्ज एसिडिटी न बनने पाए.
इस प्रकार से व्यंजनों का सेवन करना चाहिए. इससे अच्छी और कोई दवा नहीं हो सकती है. बवासीर की किसी भी प्रकार की दवाई का प्रयोग करने से पहले अपने खान-पान को जरूर सुधारें यही सबसे बेहतरीन दवा होती है.
बवासीर के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है ?
बवासीर जब के खराब स्थिति में पहुंच जाता है, तो ऐसी स्थिति में केवल इसका ऑपरेशन ही सबसे सफल इलाज है. इसके अलावा आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के माध्यम से इसका इलाज संभव है.
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