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संपूर्ण हवन विधि और मंत्र : फ्री संपूर्ण हवन विधि PDF डाऊनलोड करे | sampurna havan vidhi aur mantra
संपूर्ण हवन विधि Sampurna havan vidhi : प्रणाम गुरुजी आज हम आप लोगों के इस लेख के माध्यम से संपूर्ण हवन विधि के बारे में बताएंगे गुरुजनों जैसा कि आप लोग जानते हैं हिंदू धर्म में देवी देवताओं को बहुत मान्यता दी जाती है और उनकी पूजा की जाती है जिसे आज तक हमारे बड़े बुजुर्ग निभाते आ रहे हैं.
ऐसा कहा जाता है कि अगर आप पूजा करने के बाद हवन कर देते हैं तो आपकी पूजा संपूर्ण मानी जाती है क्योंकि हवन करने से आप का वातावरण शुद्ध रहता है और आपके घर के आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इसीलिए हिंदू धर्म में हवन को धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृश्यों से महत्वपूर्ण माना गया है अगर आप अपने घर में हवन करते हैं तो इसके आपको अनेकों फायदे मिलेंगे वैसे तो सभी लोग अपने घरों में पूजा पाठ करवाते हैं.
कभी नवरात्रि की पूजा होती है तो उसमें हवन किया जाता है कभी किसी ने कथा का पाठ किया है तो उसमें हवन किया जाता है अपने घर की सुख शांति के लिए भी पूजा पाठ करवाते हैं तो उसने हवन किया जाता है तो उसी प्रकार उस हवन में कुछ ऐसे मंत्र पढ़े जाते हैं.
जिससे आपके घर में सुख शांति बनी रहे और आपको धन लाभ भी प्राप्त हो तो आज हम उसी संपूर्ण हवन विधि के बारे में बताएंगे से आप उसका प्रयोग करके अपने घर में हवन कर सके और अपने घर में सुख शांति धन समृद्धि प्राप्त कर सकें. अगर आपको संपूर्ण हवन विधि के बारे में जानना है तो हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें आज हम आप लोगों को इस लेख में संपूर्ण हवन विधि के बारे में बताएंगे।
कर्ता अपनी धर्मपत्नी के संग हवनकुण्ड के समीप अथवा स्थण्डिल के समीप आकर आसन पर बैठे और कुशा के द्वारा जल लेकर अपना और हवन सामग्री का प्रोक्षण करे, तदुपरान्त ब्राह्मण निम्न मंत्रों का उच्चारण करके स्वस्तिवाचन करें ।
ब्रह्मा के द्वारा कुण्ड में पंचभूसंस्कार किये जाने के उपरान्त कर्ता अंर उसकी पत्नी कुण्ड के पश्चिमभाग में पूर्वदिशा की ओर मुख करके आसन पर बैठे, आचार्य कुण्ड का पूजन निम्न क्रम द्वारा कर्ता से करावें । सर्वप्रथम प्रथम कुण्ड के ऊपर वाली मेखला में अक्षतपुंज पर सुपाड़ी रखवाकर निम्न मन्त्र का आचार्य उच्चारण करें.
आचार्य वायव्यकोण में सफेद वस्त्र से ढकी हुई पीठ पर चारों ओर रेखाओं को लगाकर मध्य में पूर्वदिशा से पश्चिमदिशा, उत्तरदिशा से दक्षिण दिशा में दो दो रेखाएं बनावें, नवग्रह के तुल्य नौ कोष्ठकों का निर्माण करके पूर्वदिशा में छ: षट्दल और उत्तरदिशा व ईशानकोण के मध्य के कोष्ठों में सप्तदल का निर्माण करें, पुनः कर्ता अपनी पत्नी के साथ आसन पर बैठकर आचमन और प्राणायाम करे । तदुपरान्त आचार्य निम्न संकल्प कर्ता से करावें.
संकल्पः – कर्ता दक्षिणहस्ते जलाऽक्षत द्रव्यं चादाय, सङ्कल्पं कुर्यात् – देशकालौ स्मृत्वा, अस्मिन् अमुकयागहवनकर्मणि क्षेत्रपालपूजनं करिष्ये । आचार्य क्षेत्रपाल का स्थापन एवं पूजन निम्न नाम वाक्यों का उच्चारण करते हुए कर्ता से करावें
ॐ अजराय नमः अजरमं मे स्थापयामि ॥ १ ॥
ॐ व्यापकाय नमः व्यापकमावाहयामि स्थापयामि ॥ २ ॥
ॐ इन्द्रचौराय नमः इन्द्रचौरमावाहयामि स्थापयामि ॥ ३ ॥
इन्द्रमूर्तये नमः इन्द्रमूर्तिमावाहयामि स्थापयामि ॥ ४ ॥
गायत्री यज्ञ नौ या ग्यारह दिन में सम्पन्न होता है। अतः आचार्य और ब्राह्मण निम्न गायत्री मन्त्र का उच्चारण करके कुण्ड में चौबीस लाख आहुति प्रदान करवायें
विशेष- गायत्री यज्ञादि के हवन में व्याहृति रहित गायत्री मन्त्र से हवन करना चाहिए, ऐसा धर्मसिन्धु ग्रन्थ में लिखा है । यह प्रथा प्रायः सर्वत्र गायत्री यज्ञादि के हवन में प्रचलित है।
पूर्णाहुति मंत्र -
ओम पूर्णमद : पूर्णमिदम् पूर्णात पुण्य मुदज्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल बिसिस्यते स्वाहा।
पूर्णाहुति के बाद यथाशक्ति दक्षिणा माता के पास रख दें, फिर आरती करें। क्षमा मांगें। अपने ऊपर से किसी से एक रुपया उतरवाकर किसी अन्य को दे दें।
हवन की शुरुआत कैसे करें ?
हवन की शुरुआत करने से पहले आपको कुछ सामग्री कट्ठा करने की आवश्यकता होती है जैसे कि पान सुपारी लोंग बताशा पूरी खीर आदि सारी चीजों को इकट्ठा करके रख लेना चाहिए.
फिर उसको हवन कुंड के बीच में रख देना चाहिए उसके बाद जो भी हवन सामग्री आपके पास बची है उसे इस मंत्र के साथ एक बार में आहुति देना चाहिए.
ओम गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवा महेश्वर: गुरु साक्षात् परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: स्वाहा। ओम शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे, सर्व स्थार्ति हरे देवि नारायणी नमस्तुते। ओम पूर्णमद: पूर्णमिदम् पुर्णात पूण्य मुदच्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल विसिस्यते स्वाहा।
निष्कर्ष
दोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को संपूर्ण हवन विधि के बारे में बताया अगर आपने हमारे इस लेख को अच्छी तरह से पढ़ है तो आपको संपूर्ण हवन विधि मिल गई होगी अगर आप अपने घर में किसी भी प्रकार का हवन करवाते हैं तो इस संपूर्ण हवन विधि की आवश्यकता होती है. अगर आपके घर में हवन रहे है तो हमारे द्वारा दी गई इस संपूर्ण हवन विधि का प्रयोग जरूर करें इससे आपको काफी सारे लाभ प्राप्त होंगे उम्मीद है हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुई होगी।
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