स्पर्म की स्पीड कैसे बढ़ाये : 11 तरीके और 8 धीमे होने के कारण | स्पर्म की स्पीड कैसे बढ़ाये : Sperm ki speed kaise badhaye

स्पर्म की स्पीड कैसे बढ़ाये | Sperm ki speed kaise badhaye : दोस्तों क्या आपके अंदर शुक्राणुओं की कमी है जिसके चलते आप अपने जीवन में यौन सुख नहीं उठा पाते हैं या फिर आपके स्पर्म की स्पीड कम है तो आप स्पर्म की स्पीड कैसे बढ़ाएं या स्पर्म की क्वालिटी और क्वांटिटी कैसे बढ़ाएं ? स्पर्म की ताकत क्या होती है? स्पर्म की गति को कैसे बढ़ाएं? स्पर्म काउंट कैसे बढ़ाए ?

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आइए हम इस रिलेसन में आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से जानकारी देने जा रहे हैं। प्रजनन क्षमता की कमजोरी को लेकर केवल स्त्री ही उत्तरदाई नहीं होती है पुरुष भी उत्तरदाई होता है एक महिला को गर्भ धारण करने के लिए अंडाणु और शुक्राणु दोनों का सही अनुपात होना जरूरी है प्रमुख रूप से अगर व्यक्ति के अंदर स्पर्म की कमजोरी होती है तो प्रेगनेंसी होना असंभव हो जाता है।

पुरुषों में उत्पन्न स्पर्म की स्पीड में अगर कमी है अर्थात पुरुष के अंदर स्पर्म अकाउंट की गुणवत्ता और संख्या में खराबी होती है तो महिला को प्रेग्नेंट करना आसान नहीं है ऐसे में अपने स्पर्म की स्पीड अर्थात पुरुष के स्पर्म की गतिशीलता और गुणवत्ता में सुधार होना जरूरी है।

अगर स्त्री और पुरुष दोनों में किसी एक की कमी है तो बांझपन की समस्या उत्पन्न उत्पन्न होती है पुरुष के स्पर्म की स्पीड में कमी होने के कई कारण हो सकते हैं जिनकी वजह से शुक्राणुओं का नुकसान होता है माना जाता है कि अगर व्यक्ति के स्पर्म की गतिशीलता अर्थात स्पीड कम होती है तो गर्भ धारण करना गंभीर समस्या हो जाती है।

स्पर्म की स्पीड कैसे बढ़ाये ? | Sperm ki speed kaise badhaye ?

दोस्तों आज के समय में अगर व्यक्ति के अंदर प्रजनन क्षमता से रिलेसनित किसी भी प्रकार की समस्या है तो ऐसे कई उपाय उपस्थित हैं जिनकी सहायता से हम स्पर्म की स्पीड अर्थात गतिशीलता गुणवत्ता और मात्रा में सुधार कर सकते हैं आइए हम स्पर्म की स्पीड कैसे बढ़ाये? इस विषय पर अपने इस लेख में आपको जानकारी देंगे जो आपके लिए काफी मददगार साबित होंगी।

1. स्वस्थ और संतुलित भोजन करें

शारीरिक समस्याएं हमेशा हमारे खान पान पर डिपेंड करती है प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक पौष्टिक भोजन की आवश्यकता होती है प्रमुख रूप से पुरुष फर्टिलिटी की बात करी जाए तो पुरुष के लिए एक संतुलित भोजन उसके स्पर्म मैं सुधार लाता है। प्रत्येक व्यक्ति के लिए भोजन बहुत ही महत्वपूर्ण है. लेकिन स्पर्म की गुणवत्ता और गतिशीलता को बढ़ाने के लिए भोजन का संतुलित होना नितांत जरूरी है.

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ऐसे में हम प्रतिदिन एक शुद्ध और संतुलित भोजन करते हैं तो स्पर्म की स्पीड बढ़ने लगती है। क्योंकि भोजन से शरीर का संपूर्ण विकास होता है जिससे प्रजनन तंत्र की सक्रियता भी बढ़ जाती है। स्पर्म की स्पीड बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों के रूप में अंडे पालक केला हींग अनार अखरोट लहसुन कद्दू के बीज गाजर पपीता माका आदि एक बेहतर पौष्टिक भोजन है जो स्पर्म की स्पीड बढ़ा देते हैं।

2. व्यायाम ध्यान योग आदि करें

स्पर्म की स्पीड या गतिशीलता बढ़ाने के लिए ध्यान योग और व्यायाम बहुत ही उत्तम है व्यायाम ध्यान योग आदि से शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और हार्मोन संतुलित रहते हैं चिंता तनाव जैसी स्थितियां नहीं रहती हैं.

जिससे व्यक्त के संपूर्ण शरीर का अच्छे से विकास होता है और प्रजनन तंत्र भी मजबूत होता है जब प्रजनन तंत्र मजबूत होगा तो स्पर्म की गतिशीलता भी बढ़ जाती हैं और वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या गुणवत्ता में भी अभूतपूर्व विकास होता है।

लकवा किस विटामिन की कमी से होता है

द जर्नल ऑफ द सोसाइटी थार रिप्रोडक्शन एंड फर्टिलिटी की रिपोर्ट के अनुसार अगर व्यक्ति कम से कम आधा घंटा व्यायाम करता है तो स्पर्म की स्पीड गुणवत्ता और संख्या में वृद्धि होती है तथा शारीरिक रूप से प्रजनन तंत्र मजबूत होता है।

3. फोलिक एसिड युक्त पदार्थ खाएं

प्रजनन तंत्र से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या के निदान के लिए फोलिक एसिड युक्त भोजन फल फूल का सेवन अधिक करना चाहिए क्योंकि फोलिक एसिड प्रजनन तंत्र से रिलेसनित सभी प्रकार की समस्याओं का निदान करता है अगर व्यक्ति के स्पर्म की गतिशीलता या स्पीड कम है तो फोलिक एसिड एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

मसूर की दाल अखरोट बादाम अलसी जैसी चीजों का सेवन अधिक करना चाहिए क्योंकि उनमें फोलिक एसिड अधिक मात्रा में पाया जाता है जो स्पर्म की गुणवत्ता मात्रा और गतिशीलता में वृद्धि करने में सक्षम है।

4. चिंता तनाव ना करें

चिंता और तनाव व्यक्ति के जीवन को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है इसीलिए जब व्यक्ति किसी भी प्रकार से मानसिक तनाव या चिंता में होता है तो संपूर्ण शरीर पर उसका प्रभाव पड़ने के साथ-साथ इस स्पर्म और प्रजनन तंत्र पर भी पड़ता है।

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चिंता और तनाव व्यक्ति के संपूर्ण शरीर में हार्मोन परिवर्तन कर देते हैं. जिसकी वजह से इस फर्म की गतिशीलता में कमी आ जाती है। ऐसे में स्पर्म की स्पीड बढ़ाने के लिए चिंता और तनाव रहित जीवन शैली अपनाने का प्रयास करें। जैसे जैसे व्यक्ति तनाव और चिंता से मुक्त होता है उसके स्पर्म की गतिशीलता अपने आप बढ़ने लगती है।

5. वजन पर ध्यान दें

मनुष्य का सामान्य स्वास्थ्य शुक्रण की गतिशीलता के लिए आवश्यक है परंतु बढ़ता हुआ मोटापा या वजन शारीरिक समस्या के साथ-साथ स्पर्म के निर्माण गतिशीलता गुणवत्ता और मात्रा में प्रभाव डालता है। वजन मोटापा बढ़ने से शारीरिक एवं मानसिक विकास पर असर पड़ता है, अत्यधिक वजन के कारण प्रजनन क्षमता का विकास कमजोर हो जाता है.

जिसकी वजह से आपके शरीर का बीएमआई बढ़ जाता है ऐसे में शरीर के बढ़ते वजन और गिरते स्वास्थ्य को ठीक करने के लिए डॉक्टर से सलाह लें। शरीर में बीएमआई का एवरेज 19- 24 होना चाहिए अगर आपका बीएमआई एवरेज इससे ज्यादा है तो स्पर्म की स्पीड में कमी आ जाएगी इसलिए अपनी बीएमआई की जांच करवाएं और स्वस्थ रहें जिससे स्पर्म की स्पीड बढ़ाई जा सकती हैं।

6. शराब मादक द्रव्य या धूम्रपान न करें

दोस्तों हम सभी जानते हैं कि किसी भी प्रकार का धूम्रपान करना शराब मादक द्रव्य पीना सेहत के लिए अच्छे नहीं होते हैं इसीलिए जब इनका हम अत्यधिक मात्रा में सेवन करते हैं वे स्वास्थ्य को गिरा देते हैं और शरीर में प्रजनन अंग पर बुरा असर पड़ता है जिसकी वजह से इस पर्व की स्पीड कम हो जाती है और व्यक्ति जन्म रिलेसनी क्रियाएं करने में अक्षम हो जाता है।

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किसी भी प्रकार का धूम्रपान या शराब साधना पीने से स्पर्म की स्पीड अर्थात गतिशीलता में सुधार किया जा सकता है इसके अलावा अवसाद करने से व्यक्ति के अंदर उपस्थित डीएनए में बदलाव आ जाता है जिससे आने वाली संतान में जन्मजात कोई दोष दिखाई दे सकता है जैसे बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास की कमी हो जाती हैं।

7. लैपटॉप या मोबाइल जननांगों के ऊपर ना रखें

दसों अक्सर देखा गया है कि बहुत से लोग लैपटॉप लेकर अपनी जननांगों के पास जांघ पर रख लेते हैं जो चलाते-चलाते अत्यधिक गर्म हो जाते हैं इसके अलावा मोबाइल अक्सर लोग पैंट की जेब में रख लेते हैं इनसे निकलने वाले विभिन्न प्रकार के विकिरण शुक्राणु की गतिशीलता पर प्रभाव डालते हैं।

इसीलिए स्पर्म की स्पीड बढ़ाने के लिए या मात्रा और गुणवत्ता में सुधार के लिए यह सलाह दी जाती है कि कभी भी किसी भी प्रकार की गर्म चीज लैपटॉप मोबाइल आदि जननांगों के आसपास ना रखें। इन सभी चीजों का सीधा असर इस फर्म की गतिशीलता पर पड़ता है।

8. बेवजह अनावश्यक दवाओं का सेवन ना करें

बहुत से लोग अपने शरीर को फिट बनाने के लिए कई प्रकार की दवाओं का प्रयोग बिना डॉक्टर की सलाह से करते रहते हैं जैसे कुछ लोग मोटे होने के लिए दवा खाते हैं तो कुछ लोग पतले होने के लिए दवा खाते हैं कुछ लोग लंबाई बढ़ाने के लिए दवा खाते हैं इस तरह की तमाम दवाएं बिना डॉक्टर की सलाह लेने से भारी नुकसान स्पर्म पर पड़ता है।

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ट्राईसाईकिल एंटीडिप्रेसेंटस जैसी दवाइयां अवसाद को दूर करने के लिए प्रयोग की जाती हैं। एंटीएंड्रोजन अनाबॉलिक स्टेरॉइड, कीमोथेरेपी और रेडिएशन का उपचार हमारे शुक्राणुओं पर सीधा असर डालता है। इसीलिए स्पर्म की स्पीड कम पड़ जाती है और गुणवत्ता व मात्रा में भी कमी आती है जिसकी वजह से पुरुष में एजुस्पर्मिया या बांझपन की समस्या हो जाती है।

9. प्लास्टिक जैसी चीजों का प्रयोग कम करें

दोस्तों आज हमारे जीवन में प्लास्टिक का महत्व बहुत अधिक बढ़ गया है जबकि प्लास्टिक एक खतरनाक उत्पाद है इसमें मिलने वाले केमिकल फर्टिलिटी पर सीधा असर डालते हैं। Plastic के बर्तनों में भोजन करने से शरीर के अंदर विभिन्न प्रकार के हानिकारक रसायन पहुंच जाते हैं जो स्पर्म की गतिशीलता या स्पीड को कम कर देते हैं।

10. पर्याप्त नींद लेना

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डेनिश के एक अध्ययन में पाया गया है कि जो व्यक्ति 8 घंटे से कम और सही से नींद नहीं लेते हैं उनके स्पर्म में गतिशीलता की कमी पाई जाती है ऐसे में अपने स्पर्म की गतिशीलता स्पीड बढ़ाने के लिए कम से कम 8 घंटे की पर्याप्त और सही नींद लेना जरूरी है। देर रात तक जो लोग सोते हैं उनमें शारीरिक विकृतियों के कारण वीर्य और स्पर्म दोनों में कमी होती है।

11. कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन युक्त पदार्थ खाएं

शुक्राणुओं की स्पीड बढ़ाने के लिए कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार का सेवन करना जरूरी है जिसमें प्रोटीन और वसा की मात्रा उचित हो क्योंकि इनमें ग्लाइसेमिक उत्पाद होता है जो शुक्राणुओं से जुड़ा होता है ऐसे में स्पर्म की स्पीड बढ़ाने लगती है।

sperm ki स्पीड में कमी के कारण | Sperm ki speed me kami ke karan

शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता में कमी के कारण अक्सर लोग परेशान रहते हैं. क्योंकि गर्भधारण की संभावनाएं तकनीकी रूप से बिल्कुल कम हो जाती है किसी भी वक्त स्पर्म की स्पीड कम होने के कई कारण हो सकते हैं. जिसकी वजह से पुरुष बांझपन का शिकार होती है स्पर्म की स्पीड के कमी के मुख्य कारण इस प्रकार से

1. तनाव और चिंता के कारण

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स्पर्म की स्पीड गुणवत्ता और मात्रा में कमी का एक प्रमुख कारण चिंता और तनाव होता है जब व्यक्ति किसी भी कारणवश अत्यधिक तनाव में होता है तो उसका शारीरिक रूप से नुकसान होता है जिसका सीधा प्रभाव प्रजनन तंत्र पर भी पड़ता है।

2. नींद की कमी

पर्याप्त मात्रा में नींद ना लेने की वजह से दैनिक दिनचर्या बिगड़ जाती है जिसकी वजह से शरीर पर दुष्प्रभाव दिखाई देता है यह सभी समस्याएं प्रजनन पार्ट पर भी पढ़ती हैं जिसकी वजह से स्पर्म की स्पीड में भी कमी होती है और गतिशीलता गुणवत्ता दोनों प्रभावित होते हैं

3. धूम्रपान और शराब का दुरुपयोग

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ज्यादातर लोग आज के दौर में शराब, मदिरा, धूम्रपान का सेवन अधिक करने लगे हैं जिसकी वजह से पुरुषों में शुक्राणु का ना बनना वीर्य का पतला होना बांझपन की समस्या होना, वीर्य की कमी होना जैसे समस्याएं होती हैं।

4. एंटीबायोटिक्स दवाएं

निरंतर विभिन्न प्रकार की बीमारियों के कारण दी जाने वाली एंटीबायोटिक दवाओं का असर सीधे प्रजनन प्रणाली पर पड़ता है जिसका असर स्पर्म की गतिशीलता गुणवत्ता और मात्रा में दिखाई देता है।

5. जीवनशैली

प्रभावित जीवन शैली शुक्राणुओं की गतिशीलता में कमी करती हैं आज के दौर में लोग व्यस्त जिंदगी के कारण समय से खानपान ले कर पाते हैं कोई काम समय से नहीं हो पाता है जिसकी वजह से शारीरिक पतन होता है।

6. मोटापा

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दोस्तों मोटापा भी कहीं ना कहीं जनन पार्ट को प्रभावित करता है अधिक मोटे आदमी में diabetes रक्तचाप जैसी समस्याएं बन जाती है जो स्पर्म की गतिशीलता में कमी करती हैं यहां तक कि लोगों में वीर्य ही बनना कम हो जाता है जिसकी वजह से शुक्राणु की संख्या और व्यवस्था में कमी आ जाती है।

7. वृषण संक्रमण और वृषण आघात

कई बार शुक्राणुओं की गतिशीलता की कमी का कारण वृषण संक्रमण और आघात हो सकता है अगर किसी भी प्रकार की चोट घर्षण पर लग जाती है जिसकी वजह से शुक्रवाहिनियां चोट के कारण टूट जाती हैं और वृषण कोष में पानी बन जाता है जो सीधे शुक्राणु बनाने और उनकी गतिशीलता को प्रभावित करते हैं।

8. हार्मोनल कमी और असंतुलन

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उम्र के साथ-साथ हार्मोन में परिवर्तन ही होता है जिसका प्रमुख कारण विभिन्न प्रकार का खानपान मोटापा या अन्य कोई बीमारी हो सकती है यह सभी बीमारियां हार्मोन अल परिवर्तन करती है व्यक्ति के अंदर स्पर्म की स्पीड को कम कर देती है या फिर स्पर्म नहीं बनते हैं।

स्पर्म की स्पीड कितनी होती है ? | sperm ki speed kitni hoti hai

स्पर्म की स्पीड या गतिशीलता प्रति व्यक्ति में लगभग 2.0 लाख से लेकर चार लाख तक प्रति मिली. होती है। एक संतान पैदा करने के लिए प्रति व्यक्ति में अगर शुक्राणुओं की कमी पाई जाती है तो संतान उत्पन्न नहीं हो पाती है.

जिसकी वजह से एक माता पिता संतान सुख नहीं प्राप्त कर पाते हैं ऐसे में प्रति व्यक्ति के अंदर कम से कम 200000 से ऊपर शुक्राणुओं की संख्या का होना जरूरी है साथ ही साथ प्रत्येक स्पर्म स्खलन के बाद स्त्री के अंडाणु को निषेचित करने में सक्षम हो।

स्पर्म की ताकत | sperm ki taqat

दोस्तों आइए हम आपको इस पर में की ताकत बताते हैं स्पर्म अर्थात शुक्राणु जो मनुष्य के अंदर असीम ताकत का प्रमाण होता है। हम सबको पता है कि वीर्य रक्षा करना आवश्यक होता है क्योंकि जो व्यक्ति अपने वीर्य को बेवजह बर्बाद कर देते हैं उनके अंदर पूरी तरह से शारीरिक ताकत हो जाती है।

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हमारे शरीर में बनने वाला वीर्य कई प्रकार की धातुओं का मिश्रण होता है जो हमारे शरीर की अनिवार्य आवश्यकता होती है यदि किसी भी कारण से हमारे शरीर में वीर्य की कमी हो जाती है तो शारीरिक ताकत हो जाती है।

शास्त्रों के अनुसार बताया जाता है कि वीर्य व्यक्ति की वह ताकत है जिसकी वजह से वह असीम ताकत प्राप्त कर सकता है वीर्य रक्षा करने मात्र से व्यक्ति बलिष्ठ बुद्धिमान और आकर्षण युक्त हो जाता है। आपको यह पता है कि हनुमान हमेशा ब्रह्मचारी का पालन करती है जिसकी वजह से उसे दुनिया की असीम ताकत को प्राप्त करके देवता के समान है पूजे जाते हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों स्पर्म की स्पीड कैसे बढ़ाएं इस रिलेसन में हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने का प्रयास किया है।वीर्य में बनने वाले स्पर्म केवल संतानोत्पत्ति के लिए ही नहीं होते हैं बल्कि हमारे शरीर की एक हसीन ताकत होते हैं. परंतु जब देखती संतानोत्पत्ति करना चाहता है तो उसके अंदर वीर्य की पर्याप्त मात्रा और गुणवत्ता अच्छी होनी जरूरी है.

क्योंकि संतानोत्पत्ति के समय अगर उचित मात्रा में वीर्य स्खलन नहीं होता है तो एक स्त्री का गर्भ धारण करना असंभव होता है। इसके साथ साथ हैं यह भी आवश्यक है कि वीर्य की मात्रा और गुणवत्ता में सुधार होते हुए भी इसकी गतिशीलता में कमी है तो भी एक स्त्री को गर्भधारण करने में समस्या होती है इसलिए अपने स्पर्म की स्पीड को बढ़ाना नितांत आवश्यक होता है।