गौ माता के श्लोक और मंत्र : गौ माता के 108 नाम एवं 11 असरदार उपाय | Gau Mata Ke Shlok

गौ माता के श्लोक | Gau Mata Ke Shlok : हेलो दोस्तों नमस्कार स्वागत है आपका हमारे आज के इस नए लेख में आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से गौ माता के श्लोक के बारे में बताने वाले हैं वैसे तो आप सभी लोगों को पता होगा कि गांव को संपूर्ण विश्व की माता कहा जाता है अगर कोई भी व्यक्ति गौ माता की पूजा करता है.

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तो वह 33 करोड़ देवी देवताओं की पूजा का फल प्राप्त करता है गो पूजा का महत्व बहुत अधिक है क्योंकि 1 गांव माता ही ऐसे हैं जिनके पूरे शरीर में सभी देवी देवताओं का निवास होता है इसीलिए आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से गौ माता के श्लोक के बारे में बताएंगे.

इसके अलावा गौ माता के 108 नाम गौमाता से जुड़े उपाय भी बताएंगे अगर आप लोग इन सारे विषयों को विस्तार से जानना चाहते हैं तो आप हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें ताकि आप लोगों को गौ माता के श्लोक के साथ-सा थ गौ माता की और भी जानकारी प्राप्त हो सके।

गौ माता के श्लोक | Gau Mata Ke Shlok

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घृतक्षीरप्रदा गावो घृतयोन्यो घृतोद्भवाः।
घृतनद्यो घृतावर्तास्ता मे सन्तु सदा गृहे॥
घृतं मे हृदये नित्यं घृतं नाभ्यां प्रतिष्ठितम्।
घृतं सर्वेषु गात्रेषु घृतं मे मनसि स्थितम्॥
गावो ममाग्रतो नित्यं गावः पृष्ठत एव च।
गावो मे सर्वतश्चैव गवां मध्ये वसाम्यहम्॥

अनुवाद = दूध देने वाली और घी की उत्पत्ति करने वाली ,धी को प्रकट करने वाली , धी की नदी तथा , धी की भंवर रूप गाय मेरे घर में सदा निवास करती है गौमाता का धी हमेशा मेरे हृदय में स्थित रहता है धी मेरी नाभि में प्रतिष्ठित है, यह धी मेरे अंगों में व्याप्त रहे, और यह धी मेरे मन में भी स्थित है गौएं में मेरे आगे रहे गौएं में मेरे पीछे रहे गौएं मेरे चारों ओर रहे मैं सभी गौएं के बीच में निवास करूंगी।

गौ माता का मंत्र | Gau Mata Ka mantra

गावो ममाग्रतो नित्यं गावः पृष्ठत एव च।

गावो मे सर्वतश्चैव गवां मध्ये वसाम्यहम्॥ 

1. गौमाता की दैनिक प्रार्थना का मन्त्र

सुरूपा बहुरूपाश्च विश्वरूपाश्च मातरः।
गावो मामुपतिष्ठन्तामिति नित्यं प्रकीर्तयेत्॥

अनुवाद = हमें हमेशा यह प्रार्थना करनी चाहिए कि सुंदर एवं अनेक प्रकार के रूप रंग वाली विश्वरूपिणी गोमाताएं सदा मेरे निकट निवास करें।

2. गोमाता को परमात्मा का साक्षात् विग्रह जान कर उनको प्रणाम करने का मन्त्र

यया सर्वमिदं व्याप्तं जगत् स्थावरजङ्गमम्।
तां धेनुं शिरसा वन्दे भूतभव्यस्य मातरम्॥

अनुवाद = जो मेरे समस्त चराचर जगत् को व्याप्त नहीं है खुद भूत और भविष्य की जननी गौमाता को मैं मस्तक रखकर प्रणाम करती हूं।

गौ माता के 108 नाम | Gau Mata ke 108 Naam

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  1. ॐ कपिला नमः ।
  2. ॐ गौतमी नमः ।
  3. ॐ सुरभी नमः ।
  4. ॐ गौमती नमः ।
  5. ॐ नंदनी नमः ।
  6. ॐ श्यामा नमः ।
  7. ॐ वैष्णवी नमः ।
  8. ॐ मंगला नमः ।
  9. ॐ सर्वदेव वासिनी नमः ।
  10. ॐ महादेवी नमः ॥10
  11. ॐ सिंधु अवतरणी नमः ।
  12. ॐ सरस्वती नमः ।
  13. ॐ त्रिवेणी नमः ।
  14. ॐ लक्ष्मी नमः ।
  15. ॐ गौरी नमः ।
  16. ॐ वैदेही नमः ।
  17. ॐ अन्नपूर्णा नमः ।
  18. ॐ कौशल्या नमः ।
  19. ॐ देवकी नमः ।
  20. ॐ गोपालिनी नमः ॥20॥
  21. ॐ कामधेनु नमः ।
  22. ॐ आदिति नमः ।
  23. ॐ माहेश्वरी नमः ।
  24. ॐ गोदावरी नमः ।
  25. ॐ जगदम्बा नमः ।
  26. ॐ वैजयंती नमः ।
  27. ॐ रेवती नमः ।
  28. ॐ सती नमः ।
  29. ॐ भारती नमः ।
  30. ॐ त्रिविद्या नमः ॥30
  31. ॐ गंगा नमः ।
  32. ॐ यमुना नमः ।
  33. ॐ कृष्णा नमः ।
  34. ॐ राधा नमः ।
  35. ॐ मोक्षदा नमः ।
  36. ॐ उतरा नमः ।
  37. ॐ अवधा नमः ।
  38. ॐ ब्रजेश्वरी नमः ।
  39. ॐ गोपेश्वरी नमः ।
  40. ॐ कल्याणी नमः ॥40
  41. ॐ करुणा नमः ।
  42. ॐ विजया नमः ।
  43. ॐ ज्ञानेश्वरी नमः ।
  44. ॐ कालिंदी नमः ।
  45. ॐ प्रकृति नमः ।
  46. ॐ अरुंधति नमः ।
  47. ॐ वृंदा नमः ।
  48. ॐ गिरिजा नमः ।
  49. ॐ मनहोरणी नमः ।
  50. ॐ संध्या नमः ॥50
  51. ॐ ललिता नमः ।
  52. ॐ रश्मि नमः ।
  53. ॐ ज्वाला नमः ।
  54. ॐ तुलसी नमः ।
  55. ॐ मल्लिका नमः ।
  56. ॐ कमला नमः ।
  57. ॐ योगेश्वरी नमः ।
  58. ॐ नारायणी नमः ।
  59. ॐ शिवा नमः ।
  60. ॐ गीता नमः ॥60
  61. ॐ नवनीता नमः ।
  62. ॐ अमृता अमरो नमः ।
  63. ॐ स्वाहा नमः ।
  64. ॐ धंनजया नमः ।
  65. ॐ ओमकारेश्वरी नमः ।
  66. ॐ सिद्धिश्वरी नमः ।
  67. ॐ निधि नमः ।
  68. ॐ ऋद्धिश्वरी नमः ।
  69. ॐ रोहिणी नमः ।
  70. ॐ दुर्गा नमः ॥70
  71. ॐ दूर्वा नमः ।
  72. ॐ शुभमा नमः ।
  73. ॐ रमा नमः ।
  74. ॐ मोहनेश्वरी नमः ।
  75. ॐ पवित्रा नमः ।
  76. ॐ शताक्षी नमः ।
  77. ॐ परिक्रमा नमः ।
  78. ॐ पितरेश्वरी नमः ।
  79. ॐ हरसिद्धि नमः ।
  80. ॐ मणि नमः ॥80
  81. ॐ अंजना नमः ।
  82. ॐ धरणी नमः ।
  83. ॐ विंध्या नमः ।
  84. ॐ नवधा नमः ।
  85. ॐ वारुणी नमः ।
  86. ॐ सुवर्णा नमः ।
  87. ॐ रजता नमः ।
  88. ॐ यशस्वनि नमः ।
  89. ॐ देवेश्वरी नमः ।
  90. ॐ ऋषभा नमः ॥90
  91. ॐ पावनी नमः ।
  92. ॐ सुप्रभा नमः ।
  93. ॐ वागेश्वरी नमः ।
  94. ॐ मनसा नमः ।
  95. ॐ शाण्डिली नमः ।
  96. ॐ वेणी नमः ।
  97. ॐ गरुडा नमः । 
  98. ॐ त्रिकुटा नमः ।
  99. ॐ औषधा नमः ।
  100. ॐ कालांगि नमः ॥100
  101. ॐ शीतला नमः ।
  102. ॐ गायत्री नमः ।
  103. ॐ कश्यपा नमः ।
  104. ॐ कृतिका नमः ।
  105. ॐ पूर्णा नमः ।
  106. ॐ तृप्ता नमः ।
  107. ॐ भक्ति नमः ।
  108. ॐ त्वरिता नमः ॥108

गौ माता से जुड़े उपाय | Gau Mata se Jude upay

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दोस्तों अगर आप लोग यह जानना चाहते हैं कि गौ माता की पूजा क्यों की जाती है और इसका उद्देश्य क्या होता है इसका मेन महत्व क्या होता है और गौ पूजा के कौन से लाभ प्राप्त होते हैं तो आज हम आप लोगों को गौमाता से जुड़े कुछ ऐसे उपाय बताएंगे कुछ ऐसे ज्योतिषी उपाय हैं जिन्हें करने से आपके जीवन में सुख एवं संप्रदा की वर्षा होती है।

1.वैसे तो अधिकतर लोगों को पता होगा कि गौ माता को पवित्र माना जाता है खासकर हमारे हिंदू धर्म में गौ माता को बहुत ही पवित्र माना गया है कहा जाता है कि अगर कोई भी व्यक्ति इनकी पूजा करता है या फिर उनकी सेवा करता है तो इसके पीछे का कोई कारण भी होगा आखिरी सालों से चली आ रही इस रीति रिवाज हमेशा ही निभाए जाते हैं क्योंकि आजकल के इस युग में प्राचीन रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है आखिर इसका महत्व और उद्देश्य क्या है।

2. हमारे हिंदू धर्म के महानतम ग्रंथ में ऐसा बताया गया है कि गौ माता की पूजा संबंधित कुछ ऐसे उल्लेख किए गए हैं जो व्यक्ति के जीवन को बना सकते हैं गौमाता को हिंदू धर्म एवं गौ को माता की उपलब्धि दी गई हैं।

3. हमारे हिंदू धर्म में ऐसा कहा जाता है कि गौओं के साथ मन से भी द्रोह करें गौ माता को हमेशा सदा सुख देना चाहिए उनका दिल से सत्कार करना चाहिए और उन्हें रोज सुबह उठकर नमस्कार करना चाहिए और उनकी पूजा करनी चाहिए जो भी मनुष्य इन बातों का पालन करता है.

4. उसे उसके जीवन में सुख एवं समृद्धि प्राप्त होती है। ऐसे में हमारे ज्योतिष से के कुछ ऐसे उपचार बताए गए हैं जो बहुत ही लाभकारी होते हैं।

5. अगर आप लोग कोई भी यात्रा पर जा रहे हैं या फिर जाना चाहते हैं और आप यह चाहते हैं कि आप उस यात्रा से सफल होकर ही लौटे तो आपको यात्रा पर जाने से पहले गौ माता को भोजन खिलाना चाहिए अगर यात्रा पर निकलते समय अचानक से आपके रास्ते में कोई भी गाय सामने आ जाती है अथवा कोई बछड़ा दूध पीते हुए सामने दिखाई दे जाता है तो आपकी यात्रा सफल हो जाती है।

6. अगर आप ललाट को धोकर अपने माथे के मध्य में रोली का टीका लगाते हैं और अच्छा तो चढ़ाते हैं फिर करबद्ध नतमस्तक होकर प्रार्थना करते हैं कि हे माता मुझे पुत्र प्रदान करें अगर कोई भी महिला ऐसा करती है तो उसे संतान के रूप में पुत्र की प्राप्ति अवश्य होती है।

7. अगर आप लोग अपनी जन्म कुंडली में ग्रहों के बीच बहुत ही ज्यादा परेशान हैं तो आज हम आप लोगों को कुछ ऐसे ज्योतिषी उपाय बताएंगे जो किसी भी जन्मकुंडली में शुक्र और नीचे राशि कन्या पर हो या शुक्र की दशा चल रही हो तो प्रातः काल भोजन में से एक रोटी सफेद रंग की देसी गाय को 43 दिन तक लगातार खिलाने से शुक्र संबंधित सारी रोग नष्ट हो जाते हैं।

8. दोस्तों अगर आप लोगों की जन्मपत्री में पित्र दोष लगा है तो आपको गांव को रोटी देनी चाहिए इससे आपका पित्र दोष नष्ट हो जाता है।

9. अगर आप लोग गोपाष्टमी के दिन या खास उपाय करते हैं तो आपके जीवन में सुख समृद्धि के सारे मार्ग खुल जाते हैं।

10. अगर आप लोग गौ माता की पूजा करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको सारी गायों को ग्रास देखकर उनकी परिक्रमा करनी चाहिए थोड़ी दूर तक उनके साथ चलना चाहिए हमारे हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से सब प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं.

और गौर सिटी के दिन शाम के समय जब आप गाय जरा कर वापस लौटते हैं तो उस समय आपको उनका आतिथ्य अभिवादन करना चाहिए और उन्हें भोजन खिलाना चाहिए उनके चरण मैं अपना मस्तिष्क रखना चाहिए इससे आपके जीवन में सौभाग्य की वृद्धि होती है।

11. दोस्तों क्या आप लोग जानते हैं कि गौ माता की सेवा करने से जीवन में छोटी से छोटी बड़ी से बड़ी जरूरतें पूरी हो जाती है ऐसा कहा जाता है कि स्त्री को संतान नहीं होती है तो उसे गौ माता के दूध जिसे सबसे पवित्र माना जाता है उस से बने खाद्य पदार्थ खाने चाहिए अगर वह स्त्री ऐसा करती है तो उसे संतान की प्राप्ति अवश्य होती है।

FAQ : गौ माता के श्लोक

गौ माता का मंत्र क्या है?

घृतं मे हृदये नित्यं घृतं नाभ्यां प्रतिष्ठितम्।

घृतं सर्वेषु गात्रेषु घृतं मे मनसि स्थितम्॥

गावो ममाग्रतो नित्यं गावः पृष्ठत एव च।

गावो मे सर्वतश्चैव गवां मध्ये वसाम्यहम्॥

गाय को हम गौ माता क्यों कहते हैं?

आज भी हमारे हिंदू धर्म में गाय को गौ माता कहा जाता है हमारे हिंदू धर्म के शास्त्रों में ऐसा लिखा है कि ब्रह्मा जी ने जब सृष्टि की रचना की थी तो पहले गाय को ही पृथ्वी पर भेजा था इसीलिए सभी जानवरों में से गाय ही एक ऐसा जानवर है जिसे मां का दर्जा दिया जाता है मां शब्द की उत्पत्ति गोवंश से हुई थी।

गौ माता किसकी पुत्री है?

गौ माता किसकी पुत्री गौ माता सुरभि को गोलोक में भगवान श्री कृष्ण ने अपने शरीर के बाएं हिस्से से उत्पत्ति किया था और उसी सुरभि ने रोम रोम से बछड़ों के साथ करोड़ों में गाय उत्पत्ति की थी इसीलिए गौ माता को भगवान श्री कृष्ण की पुत्री माना जाता है।

निष्कर्ष

दोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से गौ माता के श्लोक के बारे में बताया इसके अलावा गौ माता के 108 नाम के बारे में बताया और साथ ही गौमाता से जुड़े कुछ उपाय भी बताए हैं अगर आपने हमारे इस लेख को अच्छे से पढ़ा है. तो आपको इसकी जानकारी अवश्य प्राप्त हो गई होगी उम्मीद करते हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुई होगी।

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