अकाल मृत्यु के बाद क्या होता है : अकाल मृत्यु से बचने के उपाय | Akal mrityu ke baad kya hota hai aur Akal mrityu se bachne ke upay

Akal mrityu ke baad kya hota hai ? इस धरती पर जो भी प्राणी जन्म लेता है की मृत्यु अटल है एक ना एक दिन इस शरीर को त्याग कर इस दुनिया से रुखसत होना पड़ता है इस मृत्युलोक में हर व्यक्ति की मृत्यु का समय निश्चित है और निश्चित समय पर उसे दुनिया को छोड़ना पड़ता है।

वास्तविक संख्या क्या होती है अकाल मृत्यु के बाद आत्मा कहाँ जाती है अकाल मृत्यु के कारण क्या है akal mrityu ke baad aatma ka kya hota hai

हालांकि कुछ व्यक्ति इस दुनिया से अपनी अधिकतम आयु जीने के बाद ही मृत्यु को प्राप्त होते हैं वही कुछ व्यक्ति अकाल मृत्यु का शिकार हो जाते हैं जब कोई व्यक्ति अकाल मृत्यु को प्राप्त होता है तो उसकी आत्मा भटकती रहती है और तब तक भटकती है जब तक उसकी वास्तविक मृत्यु का समय नहीं आ जाता है। दूसरी तरफ जिन लोगों की प्राकृतिक तरीके से आयु पूर्ण होने पर मृत्यु होती है उनकी आत्मा मरने के बाद परलोक सिधार जाती है और धार्मिक कथनों के अनुसार दूसरे शरीर में प्रवेश कर जाती है।

वास्तविक मृत्यु होने के क्या संकेत है ?

अगर व्यक्ति की वास्तविक या प्राकृतिक रूप से आयु पूर्ण होने पर मृत्यु होती है तो मृत्यु के पूर्व व्यक्ति के शारीरिक संकेत यह बताते हैं कि व्यक्ति की मृत्यु निकट है और लगभग यह संकेत 6 महीने पूर्व दिखाई देने लगते हैं आइए जानते हैं कि मृत्यु के पहले शारीरिक कौन-कौन से संकेत हैं.

1. चेहरे में परिवर्तन

जब दीप की वास्तविक मृत्यु का समय होता है तो उसके 6 माह पूर्व व्यक्ति जब भी किसी आईने में अपना चेहरा देखता है तो चेहरा स्पष्ट नहीं दिखाई देता है व्यक्ति अपने आप को पहचानने में दिक्कत महसूस करता है इस कंडीशन में पता चलता है कि व्यक्ति की मृत्यु निकट है।

2. जीभ की स्थिति

जब व्यक्ति को किसी भी प्रकार के खानपान का स्वाद मिलना बंद हो जाता है और बोलने में परेशानी आती होतो यह बात स्पष्ट होती है कि आने वाले 6 माह के अंदर व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है।

3. आंख कान में की क्रिया विधि में परिवर्तन

व्यक्ति की मृत्यु जब निकट आती है तो व्यक्ति का मुंह कान आंख आज की क्रिया विधि में परिवर्तन दिखाई देता है जैसे आंख से देखना कम हो जाता है सुनाई कम पड़ता है बोलने में दिक्कत होती है और शरीर की ज्ञानेंद्रियां सही से काम नहीं करती हैं।

4. तारे न दिखाई देना

जब व्यक्ति के जीवन के अंतिम छह 7 महीने बचते हैं तो व्यक्ति को आकाश के तारे नहीं दिखाई देते हैं ऐसे समय में यह निश्चित हो जाता है कि व्यक्ति की मृत्यु निश्चित है।

5. चंद्रमा में लाल घेरे नजर आना

जब व्यक्ति की मृत्यु निकट आती है तो व्यक्ति को चंद्रमा की तरफ देखने से उसको लाल मेरी नजर आने लगते हैं अथवा काली छाया दिखाई देने लगती है तो यह कि पता चल जाता है कि अगले 5 से 6 महीने में व्यक्ति की मृत्यु हो जाएगी।

6. भूत प्रेतों की छाया दिखाई देना

व्यक्ति की वास्तविक मृत्यु होने के 6 माह पूर्व व्यक्ति कोश रात में सोते समय भूत प्रेतों जैसी काली छाया दिखाई देने लगती हैं या फिर उसे डरावने सपने आने लगते हैं इससे पता चलता है कि व्यक्ति की मृत्यु निकट है।

7. अकाल मृत्यु क्यों होती है

मनुष्य की मृत्यु से संबंधित गरुण पुराण में बताया गया है कि मानव जीवन सात चक्रों में व्यतीत करता है यदि इसमें कोई चतरपुरा नहीं कर पाता है तो उसकी अकाल मृत्यु मानी जाती है जिसकी वजह से आत्मा को कई प्रकार के कष्ट मिलते हैं।

अकाल मृत्यु एक प्रकार का ईश्वर द्वारा दिया गया दंड है ऐसे में अकाल मृत्यु के शिकार व्यक्ति या प्राणी ईश्वर की सजा को भुगतते हैं। अकाल मृत्यु के अंतर्गत व्यक्ति भूख से, किसी दुर्घटना से,आत्महत्या या जहर खाने से होने वाली मृत्यु है।

इसके अलावा यदि व्यक्ति कभी नदी तालाब में डूब कर मर जाता है कोई जानवर या अन्य व्यक्ति के द्वारा हत्या कर दी जाती है तो भी मनुष्य अकाल मृत्यु के अंतर्गत मृत्यु को प्राप्त होता है या इसी प्रकार से कोई घटना घटित होती है तो वह अकाल मृत्यु होती है।

अकाल मृत्यु के बाद क्या होता है? | Akal mrityu ke baad kya hota hai

गरुण पुराण के अनुसार जब व्यक्ति अपने साथ जीवन चक्र को पूरा नहीं करता है और अकाल मृत्यु को प्राप्त होता है तो आत्मा कई प्रकार के कष्ट भक्ति रहती है और मृत्यु लोक में अपने परिजनों को कष्ट पहुंचाती है। जब व्यक्ति की अकाल मृत्यु हो जाती है तो व्यक्ति की आत्मा तड़पती रहती है क्योंकि उसकी कामनाएं अधूरी रह जाती हैं जिसकी वजह से उसका मोह इस दुनिया में लगा रहता है और उसी के कारण भटकती रहती है तथा अपनी इच्छाएं पूरा करने की कामना करती है।

मृत्यु के विषय में गरुड़ पुराण में लिखा गया है कि जब व्यक्ति की प्राकृतिक या आई पूर्ण होने पर मृत्यु होती है तो मरने वाले व्यक्ति की आत्मा 10,13 या 40 दिन के अंदर दूसरा रूप प्राप्त कर लेती है परंतु जब व्यक्ति अकाल मृत्यु का शिकार होता है तो वह भूत प्रेत जैसी योनि में भटकता है। व्यक्ति को तब तक छुटकारा नहीं मिलता है जब तक उसकी आयु पूर्ण नहीं हो जाती है मरने के बाद वह व्यक्ति अशांत होकर घूमता रहता है।

मृत्यु के कितने दिन बाद अगला जन्म में मिलता है ?

अकाल मृत्यु के अंतर्गत जब व्यक्ति आत्महत्या जैसी मृत्यु को स्वीकार करता है तो उसकी आत्मा को सबसे ज्यादा कष्ट होता है क्योंकि गरुड़ पुराण के अंतर्गत यह सबसे निचले दर्जे की अकाल मृत्यु होती है। पुराणों की माने तो कहा गया है कि स्वाभाविक या प्राकृतिक रूप से मृत्यु को प्राप्त व्यक्ति की आत्मा को 3 से 4 दिन के अंदर दूसरा रूप मिल जाता है

परंतु अकाल मृत्यु के कारण प्राप्त मृत्यु से व्यक्ति की आत्मा को जब तक उसकी स्वाभाविक मृत्यु का समय नहीं आता है तब तक भटकना पड़ता है। अकाल मृत्यु से आत्मा स्वर्ग और नरक लोक में कहीं पर स्थान न मिलने के कारण रात्रि के अंधेरों में भटकती रहती है और वह जब अपनी वास्तविक मृत्यु के दिन को प्राप्त करती है तो आत्मा अगला शरीर धारण कर लेती है।

अकाल मृत्यु से बचने के उपाय ?

वैसे तुम मृत्यु का समय व्यक्ति को पता नहीं होता है परंतु अकाल मृत्यु से बचने के लिए कई प्रकार के मंत्रों का वर्णन शास्त्रों में किया गया है जिससे हम अकाल मृत्यु से बच सकते हैं। अकाल मृत्यु से बचने के लिए व्यक्ति को सत्कर्म करने चाहिए यदि व्यक्ति को अकाल मृत्यु प्राप्त हो चुकी है.

तो उसकी आत्मा की शांति के लिए परिजनों को पिंड दान दान पुण्य जैसे उपाय करने चाहिए। मृत आत्मा का तर्पण करने से व्यक्ति की आत्मा बहुत कम समय में मुक्त हो जाती है और नए जीवन को प्राप्त कर लेती है।

इस लेख को पढ़ने के बाद अब आपको समझ में आ गया होगा कि अकाल मृत्यु के बाद क्या होता है? इस आर्टिकल को पढ़कर आपको आपकी सारी समस्याओं का समधान मिल जायेगा .

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