अश्वगंधा के फायदे ashwagandha ke fayde in hindi : अश्वगंधा एक प्राकृतिक पौधा है, जो कई प्रकार की गुणों से भरपूर होता है. यह एक प्रकार की जड़ी बूटी है. जिसका प्रयोग तमाम तरह के रोगों में किया जाता है. अश्वगंधा में तमाम तरह के औषधि गुण होते हैं, जो विभिन्न प्रकार की बीमारियों को ठीक करने के लिए प्रयोग किया जाता है.
अश्वगंधा मोटापा को कम करने के लिए किया जाता है. इसके अलावा इसका प्रयोग बल ताकत तथा वीर वर्धन के लिए भी होता है, साथ ही इसके बहुत से फायदे होते है, तो आइए इसके फायदे के बारे में जानते है :
अश्वगंधा क्या है ? | What is Ashwagandha ?
अश्वगंधा एक प्रकार की जड़ी बूटी है, जो विभिन्न प्रकार की बीमारियों को ठीक करने के लिए प्रयोग की जाती है तथा इसकी पत्तियों और जड़ों में बीमारियों को खत्म करने की ताकत पाई जाती है. इसको यदि हाथ से मसले, तो घोड़े की पेशाब जैसी गंध आती है।
सामान्य रूप से इसकी खेती की जा सकती है. परंतु जो अश्वगंधा वनों में पाया जाता है. वह अश्वगंधा ज्यादा गुणवत्तासील होता है,
अश्वगंधा के कितने प्रकार होते हैं ?
अश्वगंधा दो प्रकार के होते हैं, जिसके बारे में हम आपको नीचे बताएँगे, जो इस प्रकार हैं :
1. छोटी अश्वगंधा
वास्तव में छोटी अश्वगंधा की लंबाई झाड़ी ना होने के कारण छोटी होती है. इसी कारण इसे छोटी अश्वगंधा कहा जाता है. यह बहुतायत में राजस्थान के नागौर क्षेत्र में पाई जाती हैं और इसे नागौरी अश्वगंधा भी कहा जाता है.
2. बड़ी या देशी अश्वगंधा
बड़ी अश्वगंधा की झाड़ी बड़ी होती है, जो लगभग 2 से 3 मीटर होती है. यह बाग बगीचों खेतों पहाड़ों में सामान्य रूप से पाई जाती है, जो कब्ज जैसी समस्या को खत्म करने के लिए महत्वपूर्ण होती है. बाजारों में दो प्रकार की अश्वगंधा मिलती है.
पहली अश्वगंधा धूसर रंग की घने रोम वाली होती है। दूसरी प्रकार की अश्वगंधा काकनज होती है, जो लगभग 1 से 2 मीटर तक ऊंची झाड़ीदार वाला तना के रूप में होती है।
अश्वगंधा के फायदे | ashwagandha ke fayde in hindi
अश्वगंधा का प्रयोग पत्ता चूर्ण के रूप में किया जाता है. जिसके औषधीय गुण बहुत ही लाभकारी होते हैं, आइए जानते हैं कि अश्वगंधा के कौन-कौन से फायदे हैं ?
1. सफेद बाल की समस्या को रोकने में करें
यदि किसी भी व्यक्ति के बाल सफेद हो रहे हो, तो उन्हें रोकने के लिए अश्वगंधा एक फायदेमंद जड़ी बूटी है. बाल सफेद होने से पहले ही यदि अश्वगंधा चूर्ण का सेवन किया जाता है, तो बालों को सफेद होना रुक जाता है। अश्वगंधा का चूर्ण प्रतिदिन दो से 4 ग्राम सेवन किया जाता है, जो बालों के असमय सफेद होने को रोकता है.
2. आंखों की ज्योति बढ़ाए
यदि किसी भी व्यक्ति की आंखों में रोशनी की समस्या है, तो ऐसे व्यक्ति को प्रतिदिन 2 ग्राम अश्वगंधा, 2 ग्राम आंवला और 1 ग्राम मुलेठी को आपस में मिलाकर चूर्ण बना लें और इसे सुबह शाम पानी के साथ सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है.
3. गले के रोग (गलगंड) में करें
गले में होने वाला गलगंड रोग जो थायराइड हार्मोन के कारण होता है. ऐसे में अश्वगंधा के पत्तों का चूर्ण बहुत पुराने गुड़ के साथ 1 से 2 ग्राम सुबह शाम बासी जल से सेवन करने पर गंडमाला की शिकायत दूर हो जाती है.
4. टीबी रोग में करें
अश्वगंधा का चूर्ण टीवी रोग में भी काफी लाभदायक है. यदि किसी भी व्यक्ति को टीवी की शिकायत है, तो 2 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण का काढ़ा बनाकर पीने से लाभ मिलता है. इसके अलावा अश्वगंधा की जड़ से चूर्ण बनाकर 1 ग्राम पीपल का चूर्ण और 5 ग्राम घी तथा शहद मिलाकर सेवन करने से भी टीवी जैसा रोग समाप्त हो जाता है.
5. खांसी का इलाज
यदि किसी भी प्रकार की खांसी व्यक्ति को अधिक होती है, तो अश्वगंधा की 10 ग्राम जड़ों को कूटकर चूर्ण बनाएं और मिश्री के साथ मिलाकर 400 मिलीग्राम पानी में पकाकर काढ़ा पीने से सभी प्रकार की का खांसी समाप्त हो जाती है तथा वात या पित्त से होने वाली समस्याएं भी समाप्त होते हैं.
काली खांसी या सामान्य खांसी की समस्या से निजात पाने के लिए अश्वगंधा के 40 ग्राम पत्तों को 20 ग्राम बहेडे का चूर्ण और 10 ग्राम कत्था चूर्ण 5 ग्राम काली मिर्च चूर्ण तथा ढाई ग्राम सेंधा नमक मिलाकर गोलियां बना लें और इनको सुबह-शाम चूसने से खांसी में आराम मिल जाता है ।
6. छाती के दर्द में लाभ
जिस किसी भी व्यक्ति को सीने में दर्द अधिक होता हो, तो ऐसे व्यक्तियों या महिलाओं को अश्वगंधा के 2 ग्राम चूर्ण का सेवन करने से सीने का दर्द समाप्त हो जाता है.
7. पेट की बीमारी में फायदा
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पेट की बीमारी को ठीक करने के लिए अश्वगंधा का चूर्ण, बहेड़ा के चूर्ण के साथ सेवन करने से समस्या समाप्त हो जाती है. इस चूरु को प्रतिदिन दो से 4 ग्राम गुड़ के साथ सेवन किया जाए, तो पेट के कीड़े भी खत्म हो जाते हैं. पेट में यदि कीड़े है, तो 5 से 10 ग्राम शहद के साथ अश्वगंधा का चूर्ण गिलोय के साथ लेने से समस्या समाप्त होती है.
8. कब्ज की समस्या का इलाज
15 का चूर्ण 2 ग्राम गुनगुने पानी के साथ पीने से पेट में कब्ज जैसी समस्या से छुटकारा मिल जाता है और हर प्रकार की परेशानी दूर हो जाती है.
9. गर्भधारण करने में लाभ
जिन महिलाओं में गर्भधारण की समस्या होती है. उन महिलाओं को प्रतिदिन 20 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को 1 लीटर पानी में गाय के दूध के साथ पकाकर मिश्री के साथ या घी गाय के घी के साथ खाने से गर्भधारण की समस्या समाप्त हो जाती है.
इस मिश्रण को महिला मासिक धर्म के बाद शुद्धिकरण करके सेवन करने से गर्भधारण में अत्यधिक लाभ होता है. यदि किसी भी महिला को गर्भ धारण करने की समस्या बनी हुई है, तो ऐसे में गाय के घी के साथ मासिक धर्म के बाद स्नान करके 4 से 6 ग्राम गाय के दूध के साथ लगभग 6 माह सेवन करने से गर्भधारण होता है.
इसके अलावा अश्वगंधा और सफेद कटेरी की जड़ को भी 10 ग्राम रस को 1 महीने पहले से 5 महीने तक के गर्भ स्त्री सेवन करती है, तो गर्भपात का डर नहीं रह जाता है।
10. ल्यूकोरिया के इलाज में फायदा
श्वेत प्रदर ल्यूकोरिया जैसी समस्याओं को खत्म करने के लिए 2 से 4 ग्राम अश्वगंधा की जड़ का चूर्ण मिश्री के साथ या फिर गाय के दूध के साथ सेवन करने से समाप्त हो जाती है. अश्वगंधा को तिल, उड़द, गुड़ तथा घी के साथ खाने से लिकोरिया जैसी समस्या नष्ट हो जाती है.
11. इंद्रिय दुर्बलता (लिंग की कमजोरी)
इंद्रिय दुर्बलता या नपुंसकता की स्थिति में यदि अश्वगंधा का चूर्ण मिश्री के साथ अथवा ताजे गाय के दूध के साथ सुबह के भोजन करने से पहले 3 घंटे खाया जाता है तो इंद्री दुर्बलता या नपुंसकता जैसी समस्या समाप्त होती है।
इंद्री दुर्बलता को दूर करने के लिए अश्वगंधा की जड़ों का बारीक चूर्ण चमेली के तेल में मिलाकर लिंग के ऊपर मालिश करने से लिंग शिथिलता दूर हो जाती है, अपनी लिंग शिथिलता या इंद्रिय दुर्बलता को दूर करने के लिए अश्वगंधा और दालचीनी को गाय के घी के साथ सुबह शाम लिंग पर लगाने से इंद्रिय शिथिलता दूर हो जाती है।
12. गुम गठिया के लिए फायदेमंद
अश्वगंधा का चूर्ण सुबह-शाम दूध या पानी अथवा गाय के घी या शक्कर के साथ 2 ग्राम प्रतिदिन खाने से अर्थराइटिस में आराम मिलता है और कमर दर्द है या नींद ना आने जैसी समस्या में लाभ मिलता है. अश्वगंधा के 30 ग्राम परसों को ढाई सौ ग्राम में पानी में उबालकर काढ़ा पीने से कफ पित्त और गठिया में लाभ मिलता है. इसके साथ इसका लेप भी लगाने से गठिया में आराम मिलता है.
13. चोट लगने पर करें
किसी प्रकार की चोट लग जाने पर होने वाले दर्द को ठीक करने के लिए अश्वगंधा के चूर्ण को गुड़ या घी में मिलाकर लगाने से आराम मिल जाता है.
14. त्वचा रोग का इलाज
त्वचा में किसी प्रकार की समस्या होने पर अश्वगंधा के पत्तों का पेस्ट लगाएं. जिससे त्वचा पर होने वाला संक्रमण नष्ट हो जाता है और किसी भी प्रकार के कीड़े मकोड़े भी नहीं बैठते हैं. इसके अलावा मधुमेह के कारण यदि शरीर पर घाव हो गए हैं, तो उनकी सूजन और दर्द तथा घाव को ठीक करने के लिए भी प्रयोग किया जाता है।
इसकी जड़ को पीसकर गुनगुना करके लेप लगाने से विसर्प रोग में फायदा मिलता है.
15. शारीरिक कमजोरी
अश्वगंधा के चूर्ण को 2 से 4 ग्राम प्रतिदिन सेवन करने से शरीर रोग मुक्त हो जाता है और ताकत प्राप्त होती है. इसके अलावा 10 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण तिल अथवा शहद में मिलाकर खाने से जाड़े के दिनों में शरीर मजबूत बनता है. शरीर में किसी भी प्रकार के आवश्यक तत्वों की कमी होने पर 10 ग्राम गाय के घी के साथ 5 से 6 ग्राम अश्वगंधा खाने से आराम मिल जाता है.
किसी भी प्रकार की शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए अश्वगंधा को ताजे दूध के साथ खाने से शारीरिक कमजोरी दूर हो जाती है और वात पित्त जैसी समस्या नहीं होती है, 1 ग्राम अश्वगंधा को 125 ग्राम मिश्री के साथ दूध में उबालकर खाने से वीर्य की समस्या समाप्त हो जाती है अर्थात वीर्य मजबूत होता है.
16. रक्त विकार में लाभदायक
अश्वगंधा के चूर्ण में चोपचीनी का चूर्ण या चिरायता का चूर्ण मिलाकर 3 से 5 ग्राम प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से रक्त से संबंधित विकार समाप्त हो जाते हैं.
17. बुखार उतारने के लिए करें
यदि किसी भी प्रकार से शारीरिक बुखार हो रहा है, तो 2 ग्राम अश्वगंधा का चूर्ण 1 ग्राम गिलोय के रस के साथ सुबह शाम गुनगुने पानी या शहद के साथ खाने से बुखार उतर जाता है।
निष्कर्स
वैसे से ashwagandha ke बहुत से फायदे है और इसकी लिस्ट बहुत लम्बी है लेकिन हमने ashwagandha ke fayde in hindi के प्रमुख फायदों के बारे में आप को बता दिया है, हमारे इस लेख ashwagandha ke fayde in hindi को पढ़ के अब आप को ashwagandha के सेवन करने की विधी भी जान गये है .