B.A. me ache number kaise laye ? नमस्कार दोस्तों स्वागत करते है हम आपका , आपकी अपनी वेबसाइट osir.in पर । परीक्षाओं का दौर शुरू होने वाला है । सभी स्टूडेंट्स all students के दिमाग मे चल रहा होगा कि इस बार अच्छा स्कोर good score कैसे करें।परीक्षा में अच्छे नम्बर कैसे प्राप्त करें।
तो उन सभी स्टूडेंट्स all students के लिए आज हम अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आये हैं , जिसके माध्यम से आप आगामी BA की परीक्षा में अच्छे नम्बर ला सकते हैं। आप में से अधिकतर विद्यार्थियों students ने इंटर की परीक्षा में यह जरूर नोटिस किया होगा कि इंटर में जो उत्तर पुस्तिका Answer book हमें मिलती हैं |
उस उत्तरपुस्तिका करीब 20 से 22 पेज होते हैं, लेकिन आज हम आपको बीए की परीक्षा BA exam के बारे में बताने जा रहे हैं, b.a. में जो उत्तरपुस्तिका हमें मिलती है उसमें 30 पेज होते हैं जिस पर हमें अपने उत्तर अंकित करने होते हैं ।
अधिकतर छात्र उन सभी पेजों को भरने की कोशिश में लग जाते हैं परंतु यह नहीं सोचते कि कहीं हमारे उत्तर गलत तो नहीं हो रहे हैं क्योंकि यदि आप यह करते हैं तो उसमें आपके उत्तर गलत हो जाते हैं या फिर आपकी handwriting में गड़बड़ी आ जाती है |
जिसके परिणाम स्वरूप आप जिस बात का फायदा उठाना चाहते हैं उसका उल्टा हो जाता है और आपकी हैंडराइटिंग खराब होने की वजह से आप के नंबरों में कटौती हो जाती है । इसलिए आपको खास ख्याल रखना है कि आप जितना लिख सकते हैं उतना ही लिखने की कोशिश करें |
हां वह बात अलग है कि आपको कोई भी प्रश्न बिल्कुल नहीं छोड़ने है लेकिन जो भी आपको लिखना है बिल्कुल सटीक लिखना है और आपको लिखना किस प्रकार से है उसके बारे में हम विस्तारपूर्वक बताने जा रहे हैं इसलिए यदि आप अपनी परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक पढ़ें और इसका लाभ उठाएं :
B.A. में अच्छे नंबर लाने के लिए लिखने का सही तरीका क्या है ? Correct way to write
एग्जाम हॉल में बैठने के बाद हमारे मस्तिष्क में यह एक सवाल भी आता है कि हम किस तरीके से एग्जाम में लिखें जिसके माध्यम से हमें अच्छे नंबर प्राप्त हो सके और हमें एक बेहतर रिजल्ट प्राप्त हो सके । यदि आपको एक बेहतर रिजल्ट प्राप्त करना है आपका लिखने का तरीका भी बेहतर होना चाहिए |
आपको सर्वप्रथम यह ध्यान देना चाहिए कि आप अपने स्वयं के तरीके से ही लिखें किसी और को कॉपी करने का प्रयास ना करें यदि आप किसी और को कॉपी कर कर लिखते हैं तब आपकी कॉपी उससे मिलती-जुलती पायी जाती है इसके परिणाम स्वरूप आपके नंबर उसके नंबरों से कम हो जाते हैं |
इसलिए आपको सबसे पहला काम यही करना है कि किसी और को कॉपी करने से बचें और स्वयं अधिक से अधिक लिखने का प्रयत्न करें जब आप स्वयं से लिखने का प्रयत्न करते हैं तब एग्जामिनर जब आपकी कॉपी चेक करता है |
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तब उसे महसूस होता है कि बच्चे ने कॉपी नहीं कुया बल्कि खुद से पढ़ा है जिसका बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है आपके रिजल्ट पर।
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1. मेन वर्ड्स की इंग्लिश लिखने के क्या फायदे है ? What are the benefits of writing English
आपको ज्ञात ही होगा कि हमारे देश में या किसी भी देश में इंग्लिश की वैल्यू कितनी अधिक है यदि वैल्यू इतनी अधिक है तो उसका हमारे जीवन पर एवं हमारे एग्जाम पर भी अधिक प्रभाव पड़ता होगा । इसलिए हम आपको इंग्लिश की कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं |
इंग्लिश के जो वर्ड्स होते हैं वह हमें देखने में अत्यधिक अट्रैक्टिव लगते हैं इसका मतलब यह है कि यदि आप b.a. का एग्जाम दे रहे हैं तो उसमें आपको उनके जो मेन वर्ड्स होते हैं उनको इंग्लिश में लिखना आवश्यक होता है जिससे आप की कॉपी एक डिफरेंट मोड में नजर आती है |
इसका एग्जामिनर पर काफी प्रभाव पड़ता है क्योंकि यदि आप उस का अंग्रेजी अनुवाद करते हैं तब एग्जामिनर को यह प्रतीत होता है कि कहीं ना कहीं स्टूडेंट ने उसके बारे में जानकारी प्राप्त की है क्योंकि बिना जानकारी के कोई भी उसके इंग्लिश की वर्ड नहीं डाल सकता है अतः हमें मेन प्वाइंटस को इंग्लिश में लिखना आवश्यक होता है ।
3. प्वाइंट्स में लिखने के क्या लाभ हैं ? If possible
आपको कोशिश करनी है कि आप अपने आंसर जो भी आप लिखते हैं उन्हें अधिक से अधिक पॉइंट्स में लिखने का प्रयत्न करें यदि यह पॉसिबल हो तब । मतलब यह है कि यदि कोई आंसर ऐसा है कि जिसे आप पॉइंट्स में नहीं लिख सकते हैं तो उसे जबरन पॉइंट्स में कन्वर्ट करने का बिल्कुल भी प्रयास ना करें ।
जैसे कि आप से पूछ लिया जाए कि एजुकेशन सिस्टम क्या है तो उसके बारे में आप इस प्रकार लिखेंगे की एडुकेशन सिस्टम इस प्रकार होता है उसके बाद उसके प्वाइंट बाय पॉइंट्स जितने भी आप लिखना चाहे उन्हें लिख देंगे |
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इससे होता यह है कि आपका लिखा हुआ आंसर अत्यधिक अट्रैक्टिव दिखाई पड़ता है इसके परिणाम स्वरूप आपके एग्जाम का परिणाम आता है तो उसमें इसका असर दिखता है ।
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3. मेन पॉइंट्स को अंडरलाइन करने से क्या लाभ होता है ? Underline the main points
जैसा कि वर्ड से ही साफ है अंडरलाइन , अंडरलाइन मतलब कि किसी भी वर्ड को हाईलाइट करना है यदि आप कोई एक पैराग्राफ लिखते हैं उनमें से कुछ ऐसे शब्द आते हैं या कुछ लाइंस आती है जो कि उस पैराग्राफ के लिए अत्यंत आवश्यक है तो उन समस्त लाइंस को आप अंडरलाइन कर दे ।
जिससे कि यदि कोई आप की कॉपी को चेक करता है तो उसकी नजर सर्वप्रथम उस अंडरलाइन की हुई मेन पॉइंट पर जाती है जो की हाईलाइट हो रहे होते हैं । और याद रहे कि वह जो हाईलाइट किए गए वर्ड है वे अधिक से अधिक आपके टॉपिक से रिलेटेड ही होने चाहिए |
इसका मतलब कि वे वर्ड एक दम करेक्ट हो तभी आप उन्हें हाईलाइट करें । इसके माध्यम से क्या लाभ होगा वह तो आप समझ ही गए होंगे । अब यदि हम बात करते हैं कि कौन से वह पॉइंट हैं जिन्हें हम अंडरलाइन करें |
यदि अगर बात करें कि यदि आप एक तरफ से पूरा पेज लिखते चले जा रहे हैं तो उसमें वह बहुत एक उबाऊ और बोरिंग टाइप का लगता है यदि आप जरा सा भी हाईलाइट करते हैं तो किसी की भी नजर सर्वप्रथम उसी पर जाती है जो आपने हाईलाइट किया होता है इसका लाभ यह होता है कि आप का टैलेंट दूर से ही प्रतीत होता है ।
B.A. में अच्छे नंबर पाने के लिए उत्तर कितने भागों में देना चाहिए ? Parts to answer
अगर बात की जाए कि हमें हमारा जो अंतर है उत्तर जिसे कहते हैं वह कितने भागों में देना चाहिए तो इसके बारे में हम आपको एक महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं हमें अपना जवाब देने के उत्तर तीन भागों में देना चाहिए जो कि इस प्रकार हैं –
1. प्रस्तावना : Preface :
हमारे जवाब का सबसे पहला भाग होता है प्रस्तावना जिसे हम भूमिका या फिर इंट्रोडक्शन के नाम से भी जानते हैं हमें सबसे पहले अपने जवाब के कुछ पहलू को शार्ट में बताना चाहिए कि हम आगे जो आंसर देने वाले हैं वह किस टॉपिक पर हैं या उसे हम किस प्रकार दे रहे हैं |
मतलब यह कि आप की प्रस्तावना या आपके उत्तर के ऊपर के जो कुछ पैराग्राफ होते हैं उन्हें पढ़ कर ही एग्जामिनर को ज्ञात हो जाना चाहिए कि हमारा आंसर क्या है |
2. Explain
दूसरा जो होता है उसे हम रीजन क्या एक्सप्लेन के नाम से भी जानते हैं इसका मतलब यह होता है कि हमें अपने आंसर को हेडिंग बाय हेडिंग ही देना है उसे इस प्रकार दें कि वह एक सूचीबद्ध तरीके से दिखाई दे और वह बेहद ही खूबसूरत तरीके से लिखा गया हो।
3. निष्कर्ष : Conclusion
और अंत में हम हमारे आंसर का निष्कर्ष निकालते हैं कि हमने जो आंसर दिया है वह आखिर क्या है किस विषय पर है और उससे हमें क्या जानकारी प्राप्त होती है हमारे द्वारा दिया गया आंसर हमारे निष्कर्ष के माध्यम से भी आंका जाता है |
हमने वहां क्या लिखा है और लिखना क्या चाहिए था इसलिए हमें अपने निष्कर्ष को भी एक महत्वपूर्ण ढंग से लिखना चाहिए।
हमें जो भी तरीके और जो कुछ भी तरीके बताए हैं वह एक प्रकार से अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रभावी तरीके हैं इनका उपयोग करके आप पर बीए की परीक्षा में अच्छे नंबर प्राप्त कर सकते हैं । अब यदि बात करें कि इसके अलावा भी कुछ तरीके हैं |
जैसे कि हमें सारे पेज भरने का प्रयत्न नहीं करना चाहिए । BA की परीक्षा में उत्तर देने के लिए हमें 30 पेज की उत्तर पुस्तिका दी जाती है परंतु यह आवश्यक नहीं है कि हम सारे पेज भरकर ही अपने आंसर्स दे।
बेहतर यह है कि आप जितना सही ढंग से लिख सकते हैं उतना ही लिखने का प्रयास करें यदि आप उसे अधिक लिखने का प्रयास करते हैं तो आपकी हैंडराइटिंग कई हद तक खराब होने की संभावना होती है |
इससे हमें ही सीख मिलती है कि जितना अधिक हो सके हम अपने जवाब को सही सही देने का प्रयास करें ना कि बढ़ा चढ़ाकर पेज भरने भरने का प्रयास करे ।
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