मनुस्मृति और चाणक्य के अनुसार बदचलन औरतों के लक्षण 11 पहचान | Badchalan aurat ke Lakshan

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बदचलन औरतों के लक्षण | Badchalan aurato ke Lakshan : दोस्तों एक औरत का चरित्र उसकी सबसे बड़ी पहचान होती है. परंतु जब कोई औरत अपने चरित्र का पतन कर लेती है तो उसे समाज में बदचलन कहा जाता है. जहां एक अच्छे चरित्र वाली महिला घर परिवार समाज में मान सम्मान प्राप्त करती है वही एक चरित्रहीन नारी समाज में अपमान के साथ जीती है.

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हमारे तमाम धर्म ग्रंथों में औरत के चरित्र के बारे में बखूबी वर्णन किया गया है एक औरत का चरित्र ही उसका सबसे बड़ा गहना होता है लेकिन जब चरित्र का पतन हो जाता है तो समाज में उसे निंदा और अपमान का सामना करना पड़ता है.

बदचलन औरतों के लक्षण | Badchalan aurat ke Lakshan

दोस्तों एक कहावत आप सभी ने सुनी होगी कि त्रिया चरित्रम देवो ना जानत अर्थात स्त्री के चरित्र को पहचानना आसान नहीं. क्योंकि भारत में स्त्रियों को देवी का स्वरूप माना जाता है लेकिन इसी स्त्री के साथ समाज द्वारा हमेशा समय-समय पर दुर्व्यवहार भी किया गया है.

स्त्री को प्रकृति ने कोमलता सौम्यता और ममता से परिपूर्ण किया है. इसीलिए महिलाओं को घर की लक्ष्मी और परिवार की इज्जत कहा जाता है. लेकिन जिस प्रकार से हाथ की पांचों उंगलियां बराबर नहीं होती उसी प्रकार से हर स्त्री एक जैसी नहीं होती है.

इसीलिए समय-समय पर महान विद्वानों ने स्त्री के चरित्र को जानने का प्रयास किया फिर भी वह उसे समझ नहीं पाए लेकिन कुछ ऐसे लक्षण जरूर पहचाने जिनसे यह पता होता है कि औरत बदचलन है आइए हम आपको इन्हीं विद्वानों के अनुसार बदचलन औरतों के लक्षण के बारे में बताते हैं.

1. दिल दिमाग का तालमेल ना होना

दोस्तों जो औरत बदचलन होती है उसका दिल और दिमाग दोनों का तालमेल सही नहीं रहता है इनके मन में कुछ और चलता है परंतु जुबान पर कुछ और रहता है.

2. कई पुरुषों से संबंध

आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में कहा है कि जो औरत बदचलन होती है वह औरत अपने पति के अलावा कई वर्षों से अवैध संबंध बना लेती है उसको दूसरे पुरुषों के साथ संबंध बनाने में कोई शर्म नहीं आती और ऐसी औरतों के हजारों मित्र बनते हैं.

यह औरतें काफी शातिर दिमाग की होती हैं और अपने इसी शातिर दिमाग के चलते लोगों को अपने प्रेम जाल में फंसाती है उनसे प्यार और इजहार करती है मगर उनके मन में कोई और पुरुष घूम रहा होता है. यह औरतें राह चलते लोगों को लुभाती रहती हैं और अपनी जरूरतों को पूरा करने के बाद उसे छोड़ देती हैं.

3. पैर का पिछला भाग मोटा होना

हाथ पैर के जोड़ों में दर्द

आचार्य चाणक्य के अनुसार जिन महिलाओं के पैर का पिछला हिस्सा मोटा होता है वे महिलाएं घर परिवार समाज के लिए अच्छी नहीं होती है इसके साथ-साथ जिन महिलाओं के पैर का पिछला भाग आवश्यकता से अधिक पतला होता है वह भी महिलाएं जीवन में कष्टों से सामना करती हैं.

4. कनिष्ठा और अनामिका उंगली का पृथ्वी से ना छूना

आचार्य चाणक्य ने उन औरतों को भी बदचलन औरत के रूप में कहा है जिन औरतों की कनिष्ठा और अनामिका उंगली पृथ्वी को नहीं छूती है तथा अनामिका उंगली अंगूठे से ज्यादा लंबी होती है इस प्रकार की औरतें अपना चरित्र बदलती रहती है.

ऐसी औरतें काफी क्रोधी स्वभाव की भी होती हैं और इन पर किसी पुरुष का नियंत्रण करना बड़ा कठिन होता है तथा इन पर कभी भी विश्वास नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह अपने चरित्र को हालात और परिस्थितियों में बदल देती हैं.

5. ललाट या माथा अधिक लंबा

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जिन महिलाओं का माथा लंबा होता है ऐसी महिलाएं भी चरित्रहीन होती है आचार्य चाणक्य ने कहा है कि ऐसी महिलाएं घर में देवर के लिए बहुत ही शुभ होती हैं और जिन औरतों का पेट लंबा होता है वह ससुर के लिए घातक होती है. इसके अलावा जिन महिलाओं के कमर के नीचे का हिस्सा भारी होता है वह महिला पति के लिए ठीक नहीं होती हैं अर्थात उपरोक्त लक्षण एक चरित्रहीन औरत के लक्षण है.

6. पेट का घड़ी की तरह होना

आचार्य चाणक्य बदचलन औरतों के लक्षण बहुत ही बारीकी से अध्ययन किया है और उन्होंने इस बात को स्पष्ट किया है कि जिन औरतों का पेट घड़ी की तरह गोल होता है वे महिलाएं दरिद्र होती हैं और जीवन में गरीबी का सामना करती हैं.

7. गर्दन छोटी होना

आचार्य चाणक्य की नीति के अनुसार जिन महिलाओं की गर्दन छोटी होती है और दूसरों के ऊपर निर्भर होती है वह महिलाएं घर परिवार के लिए अशुभ होती हैं. इसके साथ-साथ जिन महिलाओं की गर्दन चार उंगलियों से ज्यादा होती है वह महिलाएं पूरे वंश के लिए घातक होती है अर्थात वे वंश का विनाश किसी भी क्षण कर सकती हैं.

8. बुरी आदतों वाली

ऐसी बहुत सी महिलाएं होती हैं जो कई प्रकार की बुरी आदतों का शिकार होती है जैसे नशा करना, गलत लोगों के साथ संगति करना, देर रात घूमते रहना, पति के लिए कोई दिल में सम्मान ना होना. यह सभी आदतें बदचलन औरतों के लक्षण हैं.

9. धार्मिक कार्यों में भाग न लेना

चाणक्य नीति के अनुसार जो महिलाएं किसी भी प्रकार के धार्मिक कार्य में भाग नहीं लेती हैं और धार्मिक रीति-रिवाजों प्रभाव को मानने से इंकार कर देती है ऐसी महिलाएं भरोसे के काबिल नहीं है यह कभी भी धोखा दे सकती हैं आचार्य चाणक्य ने इन्हें चरित्रहीन कहा है.

10. पति और पुरुषों को नीचा दिखाना

जो औरतें चरित्र से चरित्रहीन होती है वह अपने पति और घर के अन्य पुरुषों को हमेशा नीचा दिखाने का प्रयास करती है. पति और घर के अन्य पुरुषों या बाहर के पुरुषों को हमेशा नीचा दिखाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं ऐसी औरतों पर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए.

11. पैसे के लिए कुछ भी कर सकती

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जो औरतें अपनी जरूरतों के लिए और पैसे के लिए किसी भी हद तक गिर सकती है ऐसी औरतों को आचार्य चाणक्य ने चरित्रहीन औरत कहा है. यह महिलाएं पैसा और आभूषण को अपना सब कुछ समझती हैं.

चाणक्य के अनुसार बदचलन औरतों के लक्षण | Chanakya ke anusar badchalan aurato ke Lakshan

आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में लिखा है कि स्त्रियों के स्वभाव चेहरे चाल चलन से देख कर पता किया जा सकता है कि औरत चरित्रवान है या चरित्रहीन.

हिंदू धर्म में महिलाओं को देवी की तरह पूजा जाता है और समाज में दोनों तरह की महिलाएं पाई जाती है अगर महिला चरित्रवान है तो घर परिवार को संपन्न बना देती है और समाज में सम्मान बढ़ा देती है लेकिन महिला चरित्रहीन होती है तो पूरे वंश का विनाश कर देती है और कुल की मान मर्यादा पर दाग लगा देती है.

मनुस्मृति के अनुसार बदचलन औरतों के लक्षण | ManuSmriti ke anusar badchalan aurat ke Lakshan

मानव सभ्यता का और स्त्री के चरित्र का विशिष्ट वर्णन मनुस्मृति में मिलता है मनुस्मृति में चरित्रहीन स्त्रियों के लिए कहा गया है कि

पानं दुर्जनसंसर्गः पत्या च विरहोटनम्।
स्वप्नोन्यगेहेवासश्च नारीणां दूषणानि षट्।।

अर्थात जो स्त्री दूसरे पुरुषों के साथ संबंध बनाती है. मदिरापान करती है दुष्ट लोगों के साथ रहती है और अनावश्यक बिना किसी काम के हमेशा इधर-उधर घूमती रहती है देर रात तक सोती है अपना घर छोड़कर दूसरे के घर में रहती है ऐसी स्त्रियों को मनुस्मृति में चरित्रहीन नारी कहा गया है.

FAQ: बदचलन औरतों के लक्षण

Q स्त्रियों के 8 अवगुण क्या है ?

तुलसीदास के अनुसार स्त्रियों के 8 अवगुण इस प्रकार से है।नारि सुभाऊ सत्य सब कहहीं। अवगुन आठ सदा उर रहहीं।साहस अनृत चपलता माया। भय अबिबेक असौच अदाया।

बदचलन होने का कारण क्या है ?

औरतों को बच्चा होने का कारण नैतिक समझ की कमी, भोग विलास की प्रवृत्ति होना, आत्म निर्भरता में कमी होना और धार्मिक शिक्षा की कमी होती है।

चरित्रहीन स्त्री की सबसे बड़ी पहचान क्या है ?

चरित्रहीन स्त्री कभी भी अपने पति से संतुष्ट नहीं रहती है और दूसरे पुरुषों के साथ संबंध बनाने में शर्म नहीं करती है।

निष्कर्ष

दोस्तों हम अपनी इस आर्टिकल में बदचलन औरतों के लक्षण के बारे में विद्वानों के अनुसार बताया है आशा करता हूं कि आप भी इन लक्षणों को पढ़कर एक औरत के चरित्र को जानने में सफल होंगे.

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