पीपल पूजा नियम : बुधवार को पीपल के वृक्ष में जल अर्पित नहीं करना चाहिए ? | Budhwar ko Pipal Ke vriksh Mein Jal Arpit nahi karna chahiye

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बुधवार को पीपल के वृक्ष में जल अर्पित नहीं करना चाहिए ? | Budhwar ko Pipal Ke vriksh Mein Jal Arpit nahi karna chahiye : हेलो दोस्तों नमस्कार स्वागत है आपका हमारे आज के इस नए लेख में आज हम आप लोगों को,

इस लेख के माध्यम से बुधवार को पीपल के वृक्ष में जल अर्पित नहीं करना चाहिए इसके बारे में बताएंगे आप जानते हैं कि हमारे हिंदू धर्म के अनुसार पीपल के वृक्ष को एक बेहतरीन और शुभ वृक्ष माना जाता है हमारे शास्त्रों के मुताबिक पीपल के वृक्ष की पूजा बहुत ही चमत्कारी परिणाम देती है.

ऐसे में अगर कोई व्यक्ति पीपल के वृक्ष की शनिवार के दिन पूजा करता है तो उस व्यक्ति के जीवन से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं और उसके साथ उसे धन ,समृद्धि , यश , कीर्ति आदि की प्राप्ति होती है। हमारे हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि पीपल के वृक्ष में शनिदेव का वास होता है इसीलिए कई लोग पीपल के वृक्ष में जल देते हैं क्योंकि पीपल के वृक्ष में जल देने के पीछे एक मान्यता बताई गई है.

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ऐसा शास्त्रों के अनुसार बताया गया है कि पीपल के वृक्ष में जल देने से शनिदेव प्रसन्न हो जाते हैं अधिकतर आप लोगों को यह पता होगा कि शनि देव आपके जीवन के नवग्रहों में से एक हैं जिस भी ग्रह पर शनिदेव की दृष्टि पड़ जाती है वह खराब हो जाता है इसीलिए कई लोग शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए पीपल के वृक्ष में जल देते हैं.

पीपल के वृक्ष में जल देने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है और उसके साथ अयोग्यता का वरदान भी प्राप्त होता है ऐसे में अगर आप प्रतिदिन पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाते हैं या फिर शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करते हैं तो आपके पूर्वज प्रसन्न हो जाते हैं और आपको आशीर्वाद देते हैं और उसी के साथ आपको सभी कामनाओं की पूर्ति के लिए भी आशीर्वाद देते हैं पर एक ऐसा दिन भी है जिस दिन पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाने की गलती कर देने से आर्थिक रूप से कंगाली आ जाती है।

इसीलिए आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से पीपल के वृक्ष में किस दिन जल नहीं चढ़ाना चाहिए इसके बारे में जानकारी देंगे क्योंकि आज हम आपको बुधवार को पीपल के वृक्ष में जल अर्पित नहीं करना चाहिए इसके बारे में बताएंगे अर्थात बुधवार को पीपल की पूजा करनी चाहिए या नहीं बुधवार के दिन पीपल के वृक्ष में जल देने के नियम इन सारे विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे अगर आप हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ते हैं तो आपको इन सारे विषयों के बारे में जानकारी प्राप्त हो जाएगी।

बुधवार को पीपल के वृक्ष में जल अर्पित नहीं करना चाहिए ? | Budhwar ko Pipal Ke vriksh Mein Jal Arpit nahi karna chahiye ?

पीपल के वृक्ष की पूजा के दिन शास्त्रों के मुताबिक निश्चित किए गए हैं कि किस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करना शुभ माना जाता है उसी प्रकार अगर कोई भी व्यक्ति बुधवार के दिन गलती से भी पीपल के वृक्ष की पूजा कर देता है या फिर जल अर्पित कर देता है तो वह आर्थिक रूप से कंगाली में आ जाता है इसीलिए कभी भी बुधवार को पीपल पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए.

Pipal

इसके अलावा रविवार के दिन भी पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाना वर्जित माना जाता है वैसे हमारे हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा बताया गया है कि पीपल का वृक्ष बहुत ही पवित्र है शास्त्रों के मुताबिक ऐसा कहा गया है कि पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाने से या फिर उसकी पूजा करने से चमत्कारी परिणाम प्राप्त होते हैं।

बुधवार को पीपल पर जल चढ़ाना चाहिए या नहीं ? | Budhwar ko Pipal per Jal chadhana chahiye ya nahi ?

शास्त्रों के मुताबिक ऐसा कहा गया है कि पीपल के वृक्ष की पूजा शनिवार के दिन करना शुभ माना जाता है लेकिन पीपल के वृक्ष में बुधवार के दिन जल नहीं चढ़ाना चाहिए इसके अलावा रविवार के दिन भी पीपल के वृक्ष में जल नहीं चढ़ाना चाहिए क्योंकि हमारे हिंदू धर्म के अनुसार पीपल के वृक्ष को बहुत ही पवित्र माना जाता है यह बहुत ही चमत्कारी परिणाम प्राप्त कर आते हैं.

अगर आपको पीपल के वृक्ष की पूजा करनी है तो आप शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा कर सकते हैं शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष पूजा करने से व्यक्ति के सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं और इसके साथ उस व्यक्ति को धन , समृद्धि , यश , कीर्ति आदि भी प्राप्त होते हैं।

बुधवार को पीपल की पूजा कैसे करें ? | Budhwar ko pipal ki puja kaise kare ?

पीपल के वृक्ष में नाही बुधवार के दिन जल समर्पित करना चाहिए और ना ही उसकी पूजा करनी चाहिए क्योंकि बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित किया गया है इसके अलावा अगर कोई भी व्यक्ति बुधवार के दिन पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाता है या फिर उसकी पूजा करता है तो उसके घर में संकट ही संकट उत्पन्न होते हैं.

ऐसे में अगर कोई भी व्यक्ति गलती से भी बुधवार के दिन पीपल के वृक्ष में जल चढ़ा देता है या फिर उसकी पूजा करता है तो उसके घर में आर्थिक रूप से कंगाली आने लगती है बुधवार के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करना वर्जित माना जाता है.

बुधवार को किसकी पूजा होती है ? | Budhwar ko kiski pooja hoti hai ?

अगर आप में से कोई भी व्यक्ति इस जानकारी को नहीं जानता है कि बुधवार के दिन किस देवता की पूजा करनी चाहिए तो मैं आप लोगों को बता दूंगी कि सप्ताह के सभी दिन किसी न किसी देवता को समर्पित किए गए हैं उसी प्रकार बुधवार का दिन भगवान श्री गणेश को समर्पित किया गया है ऐसा कहा जाता है कि बुधवार के दिन भगवान श्री गणेश की पूजा खासतौर पर की जाती है इस दिन उनकी पूजा-अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.

अगर आप में से कोई भी व्यक्ति बुधवार के दिन कुछ उपाय करता है तो उसके लिए काफी शुभ फल दे सकते हैं मैं आप लोगों को बता दूं कि हमारे हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है.

Pipal

इनकी पूजा शुरू किए बिना कोई भी पूजा सफल नहीं मानी जाती है यह सभी प्रकार की पूजा में शामिल होते हैं क्योंकि भगवान श्री गणेश हर प्रकार की बाधाएं दूर करते हैं भगवान श्री गणेश शुभ ही शुभ करने वाले हैं इन्हें बुद्धि – समृद्धि और धन का देवता माना जाता है.

भगवान श्री गणेश को इस युग का विघ्नहर्ता माना जाता है इसीलिए अगर कोई भी व्यक्ति बुधवार के दिन भगवान श्री गणेश की पूजा अर्चना विधि विधान पूर्वक करता है तो उस व्यक्ति के जीवन में कभी भी दुख और कष्ट नहीं आते हैं साथ ही उस व्यक्ति की कुंडली में अगर बुध दोष लगा है तो वह भी दूर हो जाता है.

बुधवार के दिन पीपल के वृक्ष में जल देने के नियम | Budhwar ke din Pipal Ke vriksh Mein Jal dene ke Niyam

आप में से कोई भी व्यक्ति या जानना चाहता है कि बुधवार के दिन अगर पीपल के वृक्ष में जल्दी ना हो तो क्या करना चाहिए बुधवार के दिन पीपल के वृक्ष में जल देने के लिए कुछ ऐसे नियम लागू किए गए हैं जिनके माध्यम से आप पीपल के वृक्ष में जल को दे सकते हैं.

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वैसे तो अधिकतर लोग अपने जीवन को सुखमय बनाने के लिए अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा करते हैं अपने इष्ट देवता को प्रसन्न करना चाहते हैं हमारे शास्त्रों के मुताबिक ऐसा माना जाता है कि हमारे द्वारा की गई पूजा से ईश्वर प्रसन्न होते हैं और हमारी सभी मनोकामना को पूर्ण कर देते हैं उसी के साथ पूजा करने के लिए कुछ विशेष नियम पारित किए गए हैं अगर कोई भी व्यक्ति उन नियमों का पालन करके अपनी इच्छाओं की पूर्ति करना चाहता है तो उसका जीवन श्रद्धा से भरपूर रहेगा.

  1. बुधवार के दिन पीपल के वृक्ष में जल देने के लिए आपको पूजा के पहले सभी कार्यों से निश्चिंत हो जाना है.
  2. अब आपको बुधवार के दिन पूजा करने से पहले पंच देवता यानी कि सूर्य , गणेश , दुर्गा , शिव और विष्णु आदि देवताओं का ध्यान करना है.
  3. अगर आप 5 देवताओं का ध्यान करते हैं तो आपकी पूजा जल्द सफल हो जाती है.
  4. हमारे हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा कहते हैं कि कभी भी इन देवताओं को यानी कि शिव , भैरव और गणेश और तुलसी की पत्ती नहीं चढ़ाना चाहिए.
  5. अगर आप में से कोई भी व्यक्ति बुधवार या फिर रविवार के दिन पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाना चाहता है तो मैं आपको बता दूं कि सप्ताह के बुधवार और रविवार के दिन पीपल के वृक्ष में जल डालकर पूजन नहीं करना चाहिए.
  6. अगर आप चाहे तो बुधवार और रविवार के दिन अपने घर के मंदिर में सुबह और शाम दीपक जलाकर अन्य देवताओं की पूजा कर सकते हैं.
  7. इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि रविवार , एकादशी , द्वादशी  , संक्रांति और संध्याकाल में तुलसी की पत्तियों को नहीं तोड़ना चाहिए.
  8. ऐसा कहते हैं कि भगवान सूर्य को पूजा करने से पहले शंख से अलग देना चाहिए.

FAQ : बुधवार पीपल के वृक्ष में जल अर्पित नहीं करना चाहिए

पीपल के पेड़ को जल कब नहीं चढ़ाना चाहिए?

ब्रह्म मुहूर्त में पीपल के वृक्ष में दरिद्रता का वास होता है इसीलिए ब्रह्म मुहूर्त में पीपल के वृक्ष को जल नहीं देना चाहिए.

पीपल के पेड़ पर दीपक कब जलाना चाहिए?

पीपल के वृक्ष के नीचे अमावस्या के दिन रात्रि के समय एक घी का दीपक जलाना चाहिए इसके अलावा अगर नियमित रूप से 41 दिन तक पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाया जाए तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है.

पीपल के पेड़ की पूजा कब नहीं करनी चाहिए?

अगर आप जानना चाहते हैं कि पीपल के वृक्ष की पूजा कब नहीं करनी चाहिए तो सूर्योदय से पहले पीपल के वृक्ष की पूजा नहीं करनी चाहिए क्योंकि उस समय पीपल के वृक्ष पर माता लक्ष्मी की बहन अलक्ष्मी का वास होता है और लक्ष्मी को दरिद्रता की देवी माना जाता है तो ब्रह्म मुहूर्त में पीपल के वृक्ष की पूजा करने से हमारे घर में गरीबी और जीवन में परेशानियां आ सकती हैं.

निष्कर्ष

दोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से बुधवार को पीपल के वृक्ष में जल अर्पित नहीं करना चाहिए इसके बारे में बताया इसके अलावा पीपल के वृक्ष की पूजा कब करनी चाहिए बुधवार को किसकी पूजा करनी चाहिए बुधवार के दिन पीपल के वृक्ष में जल देने के नियम क्या है इन सारे विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी दी है अगर आपने हमारे इस लेख को अच्छे से पढ़ लिया है.

तो आपको इन सारे विषयों के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई होगी उम्मीद करते हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुई होगी.

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