दूसरी तिमाही में एक लड़का होने के लक्षण Dusri timahi me ek ladka hone ke lakshan : विवाह होने के बाद सभी नव दंपत्ति संतान की चाहत रखते हैं ऐसे में कोई भी लड़की जब पहली बार मां बनती है तो एक सुखद अनुभव के साथ कई सारे अनुभव करती है। मां बनना हरि स्त्री का सपना है और संतान के रूप में लड़का प्राप्त करना हर दंपत्ति का सपना होता है।
ऐसे में अगर कोई भी स्त्री जब मां बनती है तो उसकी कोख में पल रहे शिशु का दूसरी तिमाही में एक लड़का होने के लक्षण की भी जानने की इच्छा होती है। जहां एक तरफ लिंग जांच कराना कानूनी अपराध है वहीं दूसरी तरफ हर स्त्री की इच्छा होती है कि उसके पेट में पल रहा शिशु लड़का है कि लड़की।
कोख में पल रहे लड़का लड़की की पहचान के लिए कई सारे लक्षण स्पष्ट होते हैं ऐसे में अगर स्त्री को यह पता चलता है कि उसके पेट में पल रही संतान लड़का है तो दूसरी तिमाही में एक लड़का होने के लक्षण क्या हो सकते हैं। इस संबंध में पुरानी मान्यताएं आज भी मानी जाती हैं हमारे पुराने समय में बूढ़े बुजुर्ग लोग कुछ विशेष लक्षणों के आधार पर लड़का होने के प्रमाण देते थे।
दूसरी तिमाही में एक लड़का होने के लक्षण | Dusri timahi me ek ladka hone ke lakshan
अगर किसी भी गर्भवती के पेट में पल रहा शिशु लड़का है तो दूसरी तिमाही में लड़का होने के लक्षण कुछ इस प्रकार से दिखाई देते हैं।
1. पैरों का ठंडा होना
दूसरी तिमाही में लड़का होने के लक्षण के तौर पर माना जाता है कि स्त्री के पैर ठंडे रहते हैं अर्थात अगर लड़का है तो पैर हमेशा ठंडे बने रहते हैं।
2. मॉर्निंग सिकनेस
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मॉर्निंग सिकनेस दूसरी तिमाही में लड़का होने के लक्षण में एक है प्रेगनेंसी के दौरान दूसरी तिमाही में हार्मोन परिवर्तन होने के कारण या हार्मोन का लेवल घाट जाने या बढ़ जाने के कारण मॉर्निंग सिकनेस दिखाई देती है। अगर मार्निंग सिकनेस में कोई अंतर नहीं आता है तो यह लड़का होने का प्रमाण देता है।
दूसरी तरफ सच्चाई यह है कि कोई भी गर्भवती महिला मॉर्निंग सिकनेस हार्मोन लेवल के कारण होता है इसलिए यह आवश्यक नहीं है कि उसके गर्भ में पलने वाला शिशु लड़का ही होगा। क्योंकि गर्भावस्था के दौरान मार्निंग सिकनेस की समस्या अलग अलग तरीके से होती हैं
3. स्किन कंडीशन
मान्यता यह भी है कि अगर गर्भ में लड़का है तो दूसरी तिमाही में महिला की खूबसूरती पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है अर्थात त्वचा में इसके किसी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं दिखाई देता लेकिन गर्भ में लड़की है तो इस स्कीम में कोई खराबी दिखाई दे सकती है.
जैसे मुंहासों की समस्या हो सकती है। इस कंडीशन में यह सच्चाई है कि स्किन कंडीशन खानपान की समस्या को लेकर भी हो सकती है यह आवश्यक नहीं है कि दूसरी तिमाही में लड़का होने का लक्षण स्किन कंडीशन हो।
4. बालों को लंबा और चमकदार होना
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कई बार गर्भ में लड़का होने का प्रमाण यह भी दिखाई देता है कि महिला के बाल लंबे और चमकदार हो जाते हैं जबकि यह समस्या हार्मोन अल परिवर्तन के कारण होते हैं। अगर बाल रूखे और बेजान से दिखाई देते हैं तो यह लड़की होने के प्रमाण देते है।
5. ब्रेस्ट साइज का बढ़ना
दूसरी तिमाही में महिला के ब्रेस्ट का साइज बदल जाता है माना जाता है कि अगर लड़का होता है तो दाहिनी तरफ का ब्रेस्ट बाई तरफ की ब्रेस्ट से बड़ा हो जाता है और निपल्स के रंग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। सच्चाई के रूप में देखा जाए तो प्रत्येक व्यक्ति का दाहिना अंग बाएं अंग से बड़ा होता है।
6. पेशाब का रंग
अगर गर्भावस्था के दौरान पेशाब का रंग गहरा पीला होता है तो लड़का होने का लक्षण माना जाता है।
7. फूड क्रेविंग्स
दूसरी तिमाही में लड़का होने के लक्षण के रूप में यह माना जाता है कि महिलाओं को नमकीन और खट्टी चीजें अच्छी लगती है वही अगर लड़की है तो मीठी चीजें खाने का मन होता है. दूसरी तरफ इस लक्षण के बारे में कहा जाता है कि जब महिला में किसी भी प्रकार के न्यूट्रेंट की कमी होने के कारण ऐसा होता है। महिला में किसी भी प्रकार के आवश्यक खनिज तत्वों की कमी की वजह से उसे खानपान की इच्छा जाहिर होती है।
8. हृदय की धड़कन
लिंग निर्धारण के लक्षणों में अगर गर्भ के दौरान दूसरी तिमाही में महिला के हृदय की धड़कन 140 से नीचे हो जाती है तो लड़का होने की संभावना मानी जाती है वही 140 से अधिक हार्टबीट होने पर लड़की होने का प्रमाण मिलता है
9. शरीर का झुकाव
अगर कोई भी महिला गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में झुककर चलती है तो लड़का होगा अगर सीधे चलती है तो लड़की की संभावना होती है। जबकि सच्चाई यह है कि गर्भावस्था के दौरान महिला अपनी को आराम के आधार पर शरीर को डालने का प्रयास करती हैं।
अगर महिला जब कर चलती है तो इसका मतलब यह है कि उसके यूट्रस का आकार यूनिक बॉडी टाइप और एब्डोमिनल पर निर्भर करता है इसके पीछे लड़का मसल्स लड़की से संबंधित लिंग का कोई संबंध नहीं है।
निष्कर्ष
दूसरी तिमाही में लड़का होने के लक्षण के रूप में मॉर्निंग सिकनेस स्किन कंडीशन जैसे लक्षण इस बात का प्रमाण देते हैं कि गर्भ में लड़का है परंतु सही रूप में देखा जाए तो हार्मोन परिवर्तन और प्रेगनेंसी का आधार इस बात पर निर्भर करता है कि पेट में लड़का है कि लड़की।
यह केवल एक अनुमान होता है कि जो भी लक्षण हम देखकर यह पता करते हैं कि गर्भ में लड़का है या लड़की तो यह आवश्यक नहीं है क्योंकि कई बार यह देखा गया है कि उपरोक्त लक्षणों से लड़के होने की बात सही सिद्ध नहीं हो पाती है।
दूसरी तिमाही में लड़का होने के लक्षण के तौर पर फूड क्रेविंग्स, मॉर्निंग सिकनेस, स्किन की कंडीशन आदि को जोड़कर देखा जाता है, जबकि सच तो यह है कि ये सारी चीजें गर्भवती महिला के हार्मोन और प्रेगनेंसी टाइप पर निर्भर करती हैं. वहीं, गर्भावस्था के दौरान लिंक का पता लगाना कानूनन अपराध है.
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