एक हफ्ते में कितनी बार संबंध बनाना चाहिए Ek hapte me kitni bar sambandh banana chahiye : कुछ तुम मनुष्य के जीवन में मिलन की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। व्यक्ति जैसे ही युवावस्था से गुजरना शुरू करता है वैसे ही उसका लगाव मिलन के प्रति हो जाता है। पुरुष 15 वर्ष की अवस्था पार करते ही स्त्री के प्रति आकर्षित होने लगता है.
वही स्त्री 12 वर्ष के बाद लैंगिक संबंध बनाने के लिए तैयार होने लगती है और जैसे ही यह अवस्था 16 वर्ष पहुंचती है वैसे ही लड़की लैंगिक संसर्ग करने की ओर विचार करने लगती है। परंतु सामाजिक संबंधों में शादी से पहले मिलन करना गैर कानूनी है. ऐसे में लोग शादी के बाद शारीरिक संबंध बनाने को ज्यादा जोर देते हैं. लेकिन आज के समय में लोगों का विवाह देर से होता हैl.
क्योंकि वह कहीं ना कहीं अपने कैरियर को लेकर सतर्क रहते हैं तथा शादी के लिए जल्दी से तैयार नहीं होते हैं लेकिन बहुत बार ऐसा देखा गया है कि शादी से पूर्व कई बार लैंगिक संसर्ग स्त्री और पुरुष दोनों करते हैं।
परंतु यहां बात आती है कि एक हफ्ते में कितनी बार संबंध बनाना चाहिए तो यह स्पष्ट करता है कि शादी के बाद व्यक्ति को शारीरिक संबंध एक सप्ताह में कितनी बार बनाना जरूरी है या नहीं जरूरी है। इस संबंध में आइए हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से जानकारी देने का प्रयास करते हैं।
एक हफ्ते में कितनी बार संबंध बनाना चाहिए ? | Ek hapte me kitni bar sambandh banana chahiye ?
दोस्तों कई लोग शादी के बाद यह सोचते हैं कि स्त्री के साथ कई बार संबंध बनाने से रिश्ता अच्छा बनता है. परंतु विभिन्न प्रकार के सर्वे इस बात की प्रमाणिकता देते हैं कि स्त्री के साथ संबंध बनाना दोनों की इच्छा पर निर्भर करता है. अगर बात हम एक हफ्ते में कितनी बार संबंध बनाने की करें, तो इस पर पूरी तरह से एक उचित जवाब नहीं दिया जा सकता है.
क्योंकि हर प्रकार के सर्वे अलग-अलग तथ्यों को प्रमाणित करते हैं। विभिन्न प्रकार के आंकड़ों के अनुसार यह देखा गया है कि लगभग 20 से 25% लोग साल में कई बार मिलन करते हैं. वही 10 से 12% लोग साल में एक बार ही मिलन करते हैं और कई बार तो 1 या 2 साल तक लोग मिलन ही नहीं करते हैं।
एक तरफ सर्वे यह भी बताते हैं कि लगभग 35% लोग साल में दो बार या तीन बार ही मिलन करते हैं. वही लगभग 25% लोग सप्ताह में एक या दो बार मिलन क्रिया करते हैं और कई बार आंकड़े यह भी बताते हैं कि इसमें कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो सप्ताह में प्रतिदिन मिलन करते हैं.
इस प्रकार के आंकड़े पूछे गए प्रश्न के अनुसार साबित करते हैं कि 1 सप्ताह में कितनी बार संबंध बनाना चाहिए तो उचित आंसर देना सही नहीं हो पाता है। अगर हम एक हफ्ते में संबंध बनाने की बात आध्यात्मिक तरीके से करें तो धर्म और अध्यात्म कहता है कि मनुष्य को अपने जीवन काल में केवल एक या दो बार संबंध बनाने चाहिए.
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जिससे उनके पास एक या दो संताने हो जाएं परंतु अध्यात्म यह कहता है कि व्यक्ति को जीवन में जितना कम हो सके उतनी कम स्त्री से सहवास करें जिससे शारीरिक समस्याएं नहीं आएंगी और मनुष्य अपने पुरुष के बल पर अधिक जीवित रह सकता है।
सामान्य रूप से देखा जाए तो मिलन करना व्यक्ति की शारीरिक क्षमता पर निर्भर करता है अगर उसके अंदर मिलन के प्रति शारीरिक क्षमता अधिक है जिसके कारण दोनों लोग खुश रहते हैं तो हफ्ते में प्रतिदिन भी मिलन कर सकते हैं वही अगर व्यक्ति शारीरिक रूप से सक्षम नहीं है और साप्ताहिक मिलन करता है तो कहीं ना कहीं उसके लिए नुकसान हो सकता है।
1 सप्ताह में प्रतिदिन संबंध बनाने के लिए यह बात निर्भर करती है कि दोनों के रिश्ते कितना बेहतर है और दोनों लोग शारीरिक संबंध बनाने में कितना सक्षम है इस प्रकार के आंकड़ों के अनुसार देखा जाए तो व्यक्ति को सप्ताह में कम से कम एक बार संबंध बनाना चाहिए और अगर हो सके तो उसे साल में एक बार या दो बार संबंध बनाने चाहिए।
कुछ यौन अध्ययन करने पर यह भी पाया गया है कि लगभग एक वयस्क व्यक्ति साल में प्रत्येक सप्ताह में एक बार शारीरिक संबंध बनाता है अंत में यह कहा जा सकता है कि शारीरिक संबंध व्यक्तिपरक और पति पत्नी पर निर्भर करता है।
क्या प्रतिदिन संबंध बनाना जरूरी है ? | Kya pratidin sambandh banana jaruri hai ?
जब व्यक्ति की शादी होती है वह संबंधों को लेकर काफी उग्र होता है दोनों की इच्छा एक से अधिक बार संबंध बनाने की होती है यहां तक कि लोग एक दिन में दो से तीन बार संबंध बनाते हैं परंतु धीरे-धीरे यही संबंध बनाने में कमी आने लगती है।
हालांकि डाक्टरों का मानना है कि अधिक संबंध बनाने से शरीर पर नुकसान दिखाई देता है परंतु कुछ डाक्टरों का मानना है कि यौन संबंध अधिक बनाने से मानसिक और शारीरिक संतुष्टि के साथ-साथ संतुलन भी बनता है जिसकी वजह से शरीर में कई प्रकार के बदलाव आते हैं और अधिक संबंध बनाने से व्यक्ति के शरीर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
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दोस्तों बातें दोनों सही हैं डिपेंड इस बात पर होता है कि व्यक्ति के अंदर मिलन करने की क्षमता कितनी होती है क्योंकि हर व्यक्ति के अंदर मिलन की क्षमता अलग-अलग होती है जिसकी वजह से यह आवश्यक नहीं है कि वह दिन में दो से तीन बार कर सकें। परंतु कई लोग शुरुआत के कुछ सालों तक प्रतिदिन शारीरिक संबंध बनाते हैं।
एक से अधिक बार संबंध कैसे बनाएं ? | Ek se adhik baar sambandh kaise banaye ?
दोस्तों जब वैवाहिक संबंध में व्यक्ति बन जाता है तो दोनों की पहली रात मिलन की रात होती है और सुहागरात के रूप में प्रदर्शित किया जाता है इस स्थिति में हर स्त्री और पुरुष दोनों संबंधों को लेकर काफी सजग रहते हैं और काफी असहज महसूस करते हैं. फिर भी कहीं ना कहीं संबंध बनाना होता है, पहली बार मिलने पर कुछ झिझक के साथ लोग शारीरिक संबंध बनाते हैं।
वही धीरे-धीरे शारीरिक संबंध से मिलन तक सभी प्रकार की झिझक मिट जाती है और एक से अधिक बार एक ही दिन में संबंध बनाते हैं. अगर बात की जाए कि एक से अधिक बार संबंध कैसे बनाएं तो इस संबंध में यह जानना जरूरी है कि व्यक्ति जब एक बार मिलन करता है तो काफी मात्रा में शारीरिक ऊर्जा का ह्रास होता है जिसकी वजह से तुरंत भी संबंध नहीं बनाता है।
परंतु पहली बार संबंध बनाने के बाद कम से कम 1 घंटे बाद वह पुनः संबंध बनाने में कामयाब हो सकता है. क्योंकि इस दौरान व्यक्ति को शारीरिक आराम करना होता है और इसे पूरा आराम हो जाता है जिसकी वजह से शारीरिक मांसपेशियां पुनः एक्टिव हो जाती है और दूसरी बार संबंध बनाने के लिए तैयार हो जाता है।
परंतु पहली बार में स्त्री अगर संतुष्ट नहीं होती है, तो दोबारा संबंध बनाने के लिए पुरुष को प्रेरित करती हैं. लेकिन पुरुष को कम से कम 1 घंटे बाद शारीरिक संबंध बनाने की क्षमता पुनः लौट आती हैं. इस तरह से अगर एक पुरुष और स्त्री एक रात में कम से कम तीन बार संबंध बना सकता है।
लेकिन कई बार औरतें एक ही बार में संतुष्ट हो जाते हैं और दोबारा संबंध बनाने के लिए बहुत कम तैयार होते हैं। इस स्थिति में स्त्री को कई बार शारीरिक संबंधों को बनाने के लिए पुरुष को कई प्रयोग करने पड़ते हैं प्रमुख रूप से फोरप्ले की क्रिया लैंगिक संसर्ग के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
एक से अधिक बार संबंध बनाने के लिए पुरुष को फोरप्ले की क्रिया से गुजरना पड़ता है हालांकि जब शादी होती है तो स्त्री और पुरुष दोनों युवावस्था से गुजरते हैं इस स्थिति में उनके अंदर उत्तेजना अत्यधिक होती हैं जिसकी वजह से वह एक ही दिन में कई बार शारीरिक संबंध बनाने के लिए तैयार रहते हैं।
अगर आपको एक से अधिक बार संबंध बनाना है, तो निश्चित रूप से आप को मिलन के दौरान कई प्रकार की एक्टिविटी करना पड़ता है। कई बार संबंध बनाने के लिए व्यक्ति को फोरप्ले की क्रिया के साथ-साथ शरीर के साथ अन्य कई क्रियाकलाप करने होते हैं.
जैसे- गुप्तांगों को सहलाना, चुंबन लेना, एक दूसरे को गले लगाना इस तरह की क्रिया व्यक्ति को कई बार संबंध बनाने के लिए प्रेरित करती हैं। एक से अधिक बार संबंध बनाना व्यक्ति की शारीरिक क्षमता पर निर्भर करता है. अगर स्वास्थ्य अच्छा है, तो आप कई बार शारीरिक संबंध बना सकते हैं.
परंतु स्वास्थ्य अच्छा ना होने पर एक बार से अधिक संबंध बनाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. इसलिए ऐसी स्थिति में आप को यह समझना जरूरी है कि एक बार शारीरिक संबंध बनाने से पूरे शरीर में थकान आ जाती है साथ ही यह भी जरूरी नहीं है कि आप कई बार संबंध बनायें।
अगर आप एक ही बार में मिलन से संतुष्ट हो जाते हैं तो आवश्यक नहीं है कि कई बार संबंध बनाएं यह अलग बात है कि युवावस्था में लोग कई बार संबंध बनाने में विश्वास रखते हैं वैसे तो सामान्य जीवन में व्यक्ति को संतानोत्पत्ति के लिए संबंध बनाना जरूरी होता है। संतानोत्पत्ति के साथ-साथ यौन सुख का आनंद लेना भी जीवन का एक अहम हिस्सा है।
निष्कर्ष
दोस्तों शारीरिक संबंध एक ऐसा संबंध है जो व्यक्ति के जीवन का एक अहम हिस्सा बन जाता है और संतानोत्पत्ति का माध्यम होता है इसीलिए शायद हर प्राणी अपने जीवन काल में मिलन क्रिया करता है. परंतु मनुष्य जैसे प्राणी के लिए मिलन अन्य प्राणियों से अलग है.
क्योंकि मनुष्य प्रतिदिन मिलन करने में सक्षम है चाहे तो साल में एक बार करें चाहे तो प्रतिदिन करें। यहां यह जानना आवश्यक है कि सप्ताह में कितनी बार संबंध बनाना चाहिए तो इसके लिए सामान्य प्राणी के रूप में प्रतिदिन संबंध बनाए.
लेकिन आध्यात्मिक दृष्टि से व्यक्ति को विशेष आवश्यक कार्य हेतु शारीरिक संबंध बनाना चाहिए यह जरूरी नहीं है कि शारीरिक संबंध प्रतिदिन बनाएं और यह भी जरूरी नहीं है कि एक या दो बार बनाएं बल्कि मनुष्य अपनी क्षमता और अपनी चाहत के अनुसार कितनी बार भी शारीरिक संबंध बना सकता है।
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