Gram pradhan kaise bane in hindi : वर्तमान के समय में लगभग भारत के सभी राज्य में प्रधानी का चुनाव होने वाला है, अगर हम उत्तर प्रदेश की बात करें तो उत्तर प्रदेश में कुछ ही दिनों में ग्राम प्रधान का चुनाव चालू होने वाला है| आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ग्राम प्रधान का चुनाव सरकार हर 5 सालों में करवाती है और 5 सालों में कभी-कभी पूर्व प्रधान ही ग्राम प्रधान बन जाते हैं तो कभी कभी कोई नया व्यक्ति प्रधान के पद पर काबिज होता है| Gram pradhan kya hai? ग्राम प्रधान कैसे बने ?
ग्राम प्रधान करवाने का मुख्य उद्देश्य यही होता है कि ग्राम प्रधान गांव का सरपंच बन के गांव का विकास करें और सरकार की सभी योजनाओं को गांव में लागू करवाए, साथ ही गांव में जो भी समस्या होती है उसकी देखरेख करें और उसे दूर करने का प्रयास करे इसीलिए हर 5 सालों में पंचायत के चुनाव करवाए जाते हैं और उसमें जो व्यक्ति जीतता है उसे गांव का सरपंच कहा जाता है जिसे सरकार के द्वारा कुछ अधिकार प्राप्त होते हैं|
तो अगर आप भी गांव प्रधान के बारे में जानकारी चाहते हैं तो हमारे इस आर्टिकल को पूरा अवश्य पढ़ें क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम आपको ग्राम प्रधान कैसे बना जाता है इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं तो चलिए चलते हैं मुख्य मुद्दे पर और जानते हैं कि गांव का प्रधान कैसे बनते हैं|
ग्राम प्रधान क्या है ? What is Gram Pradhan
हमारे भारत में हर 5 सालों के बाद ग्राम पंचायत का चुनाव होता है जिसका उद्देश्य नए ग्राम प्रधान को चुनना होता है, इसलिए हमारे भारत की हर राज्य सरकार हर 5 साल के बाद ग्राम सरपंच का चुनाव करवाती है इसके साथ ही साथ बीडीसी के पद का भी चुनाव करवाया जाता है, साथ ही कभी-कभी जिला पंचायत सदस्य के पद का भी चुनाव करवाया जाता है|
प्रत्येक 1000 की जनसंख्या वाले गांव में 1 ग्राम पंचायत होती है जो कि एक निर्वाचित अध्यक्ष जिसे हम ग्राम प्रधान कहते हैं, उसके द्वारा संचालित होती है और ग्राम प्रधान का कार्यकाल 5 सालों का होता है, 5 सालों के बाद फिर से चुनाव करवाए जाते हैं और उसमें जो प्रत्याशी जीतता है,उसे फिर ग्राम प्रधान का पद दिया जाता है|
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ग्राम पंचायत का काम उस गांव में रहने वाले लोगों की समस्याओं के ऊपर निर्भर करता है, कम से कम एक हजार की आबादी पर 1 ग्राम पंचायत का गठन होता है और जिन गांवों की आबादी 1000 की जनसंख्या से कम होती है वहां आसपास के छोटे-छोटे गांव को मिलाकर एक ग्राम पंचायत बनाई जाती है|
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मतलब कि अगर किसी गांव में 1000 से कम आबादी है तो उसके आसपास के गांवों को मिलाकर एक हजार की आबादी पूरी की जाती है और उन्हें ग्राम पंचायत का दर्जा दिया जाता है और वही 1 ग्राम पंचायत उन सभी गांव के लिए काम करते हैं जिनको मिलाकर 1 ग्राम पंचायत बनाई गई होती है|
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ग्राम पंचायत, ग्राम प्रधान, उप प्रधान इन तीनों सदस्यों को गांव की जनता के द्वारा ही पसंद किया जाता है और जो जनता जिसे सबसे अधिक वोट देती है वही चुनाव जीतता है|
चुनाव जीतने के बाद इनका मुख्य काम होता है कि यह गांव के विकास पर ध्यान दें और गांव की जनता को जो भी समस्या हो रही हो उसका समाधान करने का प्रयास करें| तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत गरीब लोगों
को मुफ्त में सरकारी कॉलोनी दें,जिसकी कीमत 1,20000 के आसपास होती है|
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इसके अलावा 12000 लैट्रिंग बनाने के लिए भी मिलते हैं, साथ ही ₹15000 लेबर चार्ज भी मिलता है| ग्राम सरपंच को जनता का प्रतिनिधि भी कहा जाता है, वर्तमान की बात करें तो अब ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने वाले हर व्यक्ति चुनाव के समय अपना अपना प्रचार करते हैं और लोगों से अपने लिए वोट देने की अपील करते हैं और जब चुनाव हो जाता है तो फिर सबसे आखरी में किसी निश्चित दिन वोट की गिनती होती है|
और जिस प्रत्याशी को सबसे ज्यादा वोट मिले हुए होते हैं उसे ही ग्राम प्रधान के पद पर चुन लिया जाता है, इसके बाद चुनाव अधिकारी के द्वारा उस व्यक्ति को निर्वाचन प्रमाण पत्र जारी किया जाता है और अगर बाद में कोई व्यक्ति अपना काम सही ढंग से नहीं करता है|तो उसे ग्राम प्रधान के पद से हटाया भी जा सकता है, इसके लिए भी चुनाव आयोग ने कई प्रावधान बनाए हैं,ग्राम पंचायत अर्थात ग्राम प्रधान का चुनाव मतदान द्वारा गांव के नागरिकों द्वारा किया जाता है|
वर्तमान के समय में जो भी व्यक्ति ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ना चाहता है उसे एक निश्चित समय के अंदर अपना पर्चा दाखिला करना होता है, यह पर्चा दाखिला उसे उसकी ब्लॉक में जाकर दाखिल करना होता है|
इसके बाद निर्वाचन कार्यालय के द्वारा सभी आवेदन कर्ता को एक चुनाव चिन्ह प्रदान किया जाता है और लोग उसी चुनाव चिन्ह पर अपनी मर्जी के हिसाब से वोट देते हैं, अगर कभी ग्राम प्रधान अनुपस्थित हो जाता है तो उसकी अनुपस्थिति में गांव का उप प्रधान वहां का कामकाज देखता है|
ग्राम प्रधान के काम क्या है? What is the job of village head
जो व्यक्ति गांव का सरपंच बन जाता है तो उसका मुख्य काम यही होता है कि वह गांव का सही ढंग से विकास करवाएं, इसके अलावा ग्राम प्रधान गांव के प्राथमिक विद्यालय, उच्च प्राथमिक विद्यालय से भी संबंधित काम करता है और उनकी देखरेख करता है|
इसके साथ ही प्राथमिक विद्यालय में मध्याह्न भोजन सही ढंग से और अच्छी क्वालिटी का मिल रहा है या नहीं इसकी भी देखरेख ग्राम प्रधान की जिम्मेदारी होती है|
इसके अलावा हमारे भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत ग्राम प्रधानों का यह कर्तव्य होता है कि वह उसके गांव में रहने वाले गरीब तबके के लोगों को सरकारी कॉलोनी दे|
सरकारी कॉलोनी 120000 की आती है जिसके द्वारा गरीब लोगों को पक्का घर बनाने के लिए सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाती है, जो पैसे किस्तों में आते हैं जिसमें से कुछ पैसा नीव खोदने के बाद कुछ पैसा दीवार खड़ी होने के बाद और कुछ पैसा घर का लेंटर पड़ने के बाद मिलता है, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत हमारे भारत देश में तकरीबन 15 करोड़ से अधिक घर बन चुके हैं|
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ग्राम प्रधान बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए? What are the qualifications required to become a village headman?
ग्राम प्रधान बनने के लिए व्यक्ति का कम से कम आठवीं पास होना आवश्यक है, इसके अलावा अगर हम व्यक्तिगत योग्यता के बारे में बात करें तो उसका स्वभाव ईमानदार होना चाहिए, ताकि वह इमानदारी से अपना काम कर सके साथ ही वह मिलनसार होना चाहिए|
क्योंकि तभी लोग उसे पसंद करेंगे और उसे वोट देंगे, इसके साथ ही उसकी अपने गांव में अच्छी पकड़ होनी चाहिए, साथ ही उसे गांव का विकास किस तरह किया जाता है, इसके बारे में थोड़ी जानकारी होनी चाहिए| इसके अलावा ग्राम सरपंच का चुनाव लड़ने के लिए उसकी कम से कम उम्र 18 साल होनी चाहिए, साथ ही वह भारतीय नागरिक भी होना चाहिए और उसका नाम मतदाता सूची में होना चाहिए |
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