संपूर्ण गुरुवार की आरती : पढ़ने की सही विधि और 6 लाभ | Guruvar ki aarti

Guruvar ki aarti | गुरुवार की आरती : हेलो मित्रों नमस्कार आज हम इस लेख में समस्त भक्त जनों को guruvar ki aarti टॉपिक पर जानकारी देगे, जिसमें मैं guruvar ki संपूर्ण आरती जानकारी के साथ-साथ इस आरती को करने का शुभ समय, शुभ विधि और इनकी आरती करने से प्राप्त होने वाले लाभ के विषय में बताएंगे.

Guruvar ki aarti,, guruvar ki aarti ,, guruvar ki aarti brihaspativar ki aarti,, guruvar ki aarti batao,, guruvar ki aarti likhi hui,, गुरुवार की आरती,, guruvar ki aarti likhit mein,, guruvar ki aarti guruvar ki aarti,, guruvar brihaspati dev ki aarti,, guruvar ji ki aarti,, गुरुवार की आरती के लिए सबसे शुभ दिन,, गुरुवार की आरती करने की विधि,, गुरुवार की आरती करने के लाभ,, Guruvar ki aarti ke liye sabse shubh din,, Guruvar ki aarti karne ki vidhi,, Guruvar ki aarti karne ke labh,,

हिंदू धर्म में किसी भी देवी-देवता की आरती का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि अगर आपको किसी भी देवी-देवता की संपूर्ण पूजा विधि नहीं मालूम है, लेकिन आपको उनकी आरती की विधि मालूम है तो आप उनकी आरती करके संपूर्ण पूजा करने जितना फल प्राप्त कर सकते हैं.

क्योंकि पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ की गई आरती ईश्वर तक करुण शब्दों में पहुंचती है. जिससे ईश्वर आपकी पूजा को स्वीकार करके अपना आशीर्वाद आरती करने वाले जातक को प्रदान करते हैं क्योंकि ईश्वर पूजा-पाठ की नहीं बल्कि भक्ति भाव के भूखे होते हैं.

हिंदू धर्म में आरती के इस महत्व को समझते हुए, आज मैं guruvar ki aarti के विषय में सब कुछ बताऊंगी, अगर आप लोग गुरुवार की आरती की विधिवत जानकारी पाना चाहते हैं तो इस लेख को शुरू से अंत तक अवश्य पढ़े.

गुरुवार की आरती | Guruvar ki aarti

यहां पर guruvar की संपूर्ण आरती बताई जा रही है.

puja

जय वृहस्पति देवा,
ऊँ जय वृहस्पति देवा ।
छिन छिन भोग लगा‌ऊँ,
कदली फल मेवा ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी ।
जगतपिता जगदीश्वर,
तुम सबके स्वामी ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

चरणामृत निज निर्मल,
सब पातक हर्ता ।
सकल मनोरथ दायक,
कृपा करो भर्ता ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

तन, मन, धन अर्पण कर,
जो जन शरण पड़े ।
प्रभु प्रकट तब होकर,
आकर द्घार खड़े ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

दीनदयाल दयानिधि,
भक्तन हितकारी ।
पाप दोष सब हर्ता,
भव बंधन हारी ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

सकल मनोरथ दायक,
सब संशय हारो ।
विषय विकार मिटा‌ओ,
संतन सुखकारी ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

जो को‌ई आरती तेरी,
प्रेम सहित गावे ।
जेठानन्द आनन्दकर,
सो निश्चय पावे ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

सब बोलो विष्णु भगवान की जय ।
बोलो वृहस्पतिदेव भगवान की जय ॥

 

गुरुवार की आरती के लिए सबसे शुभ दिन | Guruvar ki aarti ke liye sabse shubh din

हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं की पूजा-पाठ के अलग-अलग दिन समर्पित है, जिनमें से गुरुवार का दिन बृहस्पति देव को समर्पित है, मान्यता है कि इस दिन वैष्णो देवी का व्रत करने से भगवान विष्णु , माता लक्ष्मी और सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है साथ में कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति में सुधार आता है.

जिससे बृहस्पति ग्रह से संबंधित राशि के जातक-जातिका के जीवन में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है.

” title=”https://www.youtube.com/watch?v=rVILq7K3bTo&pp=ygVV4KSu4KS-4KSC4KSX4KSy4KS_4KSVIOCkpuCli-CktyDgpKjgpL_gpLXgpL7gpLDgpKMg4KSq4KWC4KSc4KS-IOCkuOCkvuCkruCkl-CljeCksOClgA%3D%3D”]

गुरुवार की आरती करने की विधि | Guruvar ki aarti karne ki vidhi

guruvar ki aarti करने संपूर्ण विधि कुछ इस प्रकार से है जैसे,

mahalaxmi

1. guruvar ki aarti करने के लिए आप गुरुवार के दिन या फिर जिस दिन आपको आरती करना हो उस दिन आप प्रात: काल उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर पीले वस्त्र धारण करें.

2. स्नान करने के बाद पूजा घर को अच्छे से साफ-सुथरा कर ले.

3. अब आप guruvar ki aarti के लिए आरती की थाल में कुमकुम, अक्षत, धूपबत्ती, अगरबत्ती और थोड़े पीले पुष्प रख ले.

4. आरती की थाल में सभी सामग्री इकट्ठा कर लेने के बाद आप सबसे पहले बृहस्पति की फोटो या प्रतिमा के सामने धूपबत्ती, अगरबत्ती जलाएं और उनके माथे पर कुमकुम लगाएं फिर उन्हें पीले चावल, पीले पुष्प आदि अर्पित करें.

5. बृहस्पति देव को भोग के रूप में आप पके हुए केले या फिर भुने हुए चने का भोग लगाएं.

6. भोग लगाने के बाद रूई की बाती बनाकर देसी घी का दीपक पूजा थाली में जलाकर इनकी आरती प्रारंभ करें, अगर देसी घी नहीं है तो कपूर से भी आप इनकी आरती कर सकते हैं.

7. बृहस्पति देव की संपूर्ण आरती पूरी श्रद्धा भक्ति और स्पष्ट शब्दों में करें.

recitation of durga saptashati

8. संपूर्ण आरती होने के बाद आरती को चारों दिशाओं में फैला दें, ताकि घर से नकारात्मक शक्तियां निकल जाए, उसके बाद घर के सभी सदस्यों को आरती लेने के लिए बोले और खुद आरती लेकर आरती की थाल को पूजा घर में रख दें.

9. आप बृहस्पति देव के सामने हाथ जोड़कर अपनी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करने की प्रार्थना अपने शब्दों में करें.

10. इस प्रकार से बृहस्पति देव की आरती करना संपूर्ण पूजा के बराबर माना जाता हैं.

गुरुवार की आरती करने के लाभ | Guruvar ki aarti karne ke labh

guruvar ki aarti करने पर भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त होती हैं. जिससे आरती करने वाले जातक को कई तरह के अद्भुत लाभ प्राप्त होते हैं. जिनके बारे में नीचे बताया जा रहा हैं जैसे-

भगवान विष्णु के 7 अवतार

1. guruvar ki aarti करने से कुंडली में बृहस्पति ग्रह की स्थिति मजबूत बनती है.

2. बृहस्पति को बुद्धि का कारक माना गया है इसलिए इनकी प्रतिनिधि करने से बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है.

3. बृहस्पति की प्रतिदिन आरती करने से बहुत जल्द संतान की प्राप्ति होती है.

4. बृहस्पति देव की आरती करने से विष्णु भगवान का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है क्योंकि गुरुवार का दिन बृहस्पति देव के साथ-साथ विष्णु भगवान को भी समर्पित है.

5. guruvar ki aarti करने से बृहस्पति देव प्रसन्न होते हैं. जिससे वह अपने भक्तों के समस्त कष्टों का निवारण करके उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.

FAQ : Guruvar ki aarti

गुरुवार को पूजा करने से क्या लाभ होता है ?

गुरुवार को पूजा करने से बृहस्पति देव के साथ-साथ भगवान विष्णु का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है. जैसे- परिवारिक जीवन में सुख-शांति, समृद्धि आती हैं .

गुरुवार के दिन क्या काम नहीं करने चाहिए ?

गुरुवार के दिन बाल काटना, नाखून काटना और महिलाओं में बाल धोना, कपड़ा धोना, पोछा लगाना इन सभी कामों को करना वर्जित बताया गया है. यह सारे काम करने से बृहस्पति देव रूष्ट हो जाते हैं. जिससे जीवन में आयदिन समस्या उत्पन्न होती रहती हैं.

बृहस्पति की कथा सुनने से क्या होता है ? 

बृहस्पति देव की कथा सुनने से परिवारिक जीवन में सुख शांति और समृद्धि आती है क्योंकि बृहस्पति देव की कथा सुनने से बृहस्पति और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ में घर से नकारात्मक शक्तियां भी निकल जाती है. जिससे हमारे घर का वातावरण सकारात्मकता से परिपूर्ण हो जाता है और जहां सकारात्मक विचार और सकारात्मक वातावरण होता है. वहां सुख शांति हमेशा निहित रहती है.

निष्कर्ष

मित्रों जैसा कि आज हमने इस लेख में guruvar ki aarti टॉपिक पर जानकारी प्रदान की है. जिसमें हमने guruvar ki सम्पूर्ण आरती, आरती करने की विधि और इससे प्राप्त होने वाले सभी प्रकार के लाभ से संबंधित जानकारी दी है.

ऐसे में अगर आप लोगों ने इस लेख को शुरू से अंत तक पढ़ा होगा तो आप लोगों को guruvar ki aarti टॉपिक से संबंधित विशेष जानकारी प्राप्त हो गई होगी, तो मित्रों हम उम्मीद करते हैं आप लोगों को हमारे द्वारा बताई गई जानकारी पसंद आई होगी साथ में उपयोगी भी साबित हुई होगी.

Leave a Comment