हनुमान कवच | Hanuman kavach : हेलो दोस्तो नमस्कार स्वागत है आपका हमारे आज के इस नए लेख में आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से hanuman kavach pdf के बारे में बताने वाले हैं वैसे तो आप सभी लोग हनुमान भगवान को जानते होंगे.
सप्ताह के सभी दिन किसी न किसी देवता को समर्पित किए गए हैं उसी प्रकार भगवान हनुमान को भी मंगलवार का दिन समर्पित किया गया है अगर कोई भी व्यक्ति मंगलवार के दिन हनुमान भगवान की पूजा करता है.
तो उसे विशेष लाभ प्राप्त होता है वैसे क्या आपने हनुमान कवच के बारे में सुना है अगर नहीं तो हम आप लोगों को बता दें कि हनुमान कवच एक शक्तिशाली स्त्रोत है जिसका पाठ करने से हनुमान जी प्रसन्न हो जाते हैं यदि कोई भी व्यक्ति नियमित रूप से इस पाठ को करता है तो उसके लिए यह बहुत ही फलदाई होता है अगर कोई भी कवच का जाप करता है.
तो उसके ऊपर हनुमान जी की कृपा हमेशा बनी रहती है और उसके साथ में हनुमान भगवान सभी तरह के संकटों से अपने भक्तों की रक्षा करते हैं अगर आप लोग हनुमान कवच तथा हनुमान चालीसा का पाठ साफ मन के साथ करते हैं तो आपको निश्चित ही हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है.
इसीलिए आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से hanuman kavach pdf के बारे में बताएं कि इसके अलावा हनुमान कवच क्या है और हनुमान कवच का पाठ कैसे किया जाता है हनुमान कवच के लाभ क्या है इन सारे विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे अगर आप इस जानकारी को संपूर्ण तरह से प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।
- 1. हनुमान कवच क्या हैं ?
- 2. हनुमान कवच मंत्र | Hanuman kavach Mantra
- 3. हनुमान कवच पीडीएफ | Hanuman kavach pdf
- 4. हनुमान कवच | Hanuman kavach
- 5. हनुमान कवच करने की विधि | Hanuman kavach karne ki vidhi
- 6. हनुमान कवच का पाठ करने से लाभ | Hanuman kavach ka paath karne ke Labh
- 7. FAQ : hanuman kavach pdf
- 7.1. हनुमान जी का गुप्त मंत्र क्या है?
- 7.2. हनुमान जी का पावरफुल मंत्र कौन सा है?
- 7.3. हनुमान कवच का पाठ कैसे करें?
- 8. निष्कर्ष
हनुमान कवच क्या हैं ?
हनुमान कवच अपने आप में भगवान श्री राम की एक बहुत बड़ी शक्ति है इस कवच का पाठ करने से बुरी से बुरी शक्तियों पर विजय प्राप्त की जा सकती है इस कवच से भूत प्रेत चुड़ैल राक्षस व अन्य बुरी आत्माएं दूर हो जाती हैं आप हनुमान कवच का पाठ करते हैं.
तो यह आपको टोने टोटके से भी बचाता है साथ ही आपकी रक्षा करता है व्यक्ति के ऊपर काला जादू है तो वह इससे पराजित हो जाता है इस कवच का पाठ करने से जीवन के सभी शोक मिट जाते हैं। इसके अलावा इस हनुमान कवच की रचना स्वयं श्री रामचंद्र जी ने की थी।
हनुमान कवच मंत्र | Hanuman kavach Mantra
हनुमान कवच पीडीएफ | Hanuman kavach pdf
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हनुमान कवच | Hanuman kavach
ॐ श्री पंचवदनायांजनेयाय नमः।
ॐ अस्य श्री पंचमुखहनुमत्कवचमन्त्रस्य ब्रह्मा ऋषिः, गायत्रीछन्दः,पंचमुखविराट्हनुमान् देवता,
ह्रीं बीजं, श्रीं शक्ति, क्रौं कीलकं, क्रूं कवचं, क्रैं अस्राय फट् इति दिग्बन्धः ॥
श्री गरुड उवाच:
अथ ध्यानं प्रवक्ष्यामि श्रृणुसर्वांगसुन्दरि ।
यत्कृतं देवदेवेन ध्यानं हनुमतः प्रियम् ॥1॥
पंचवक्त्रं महाभीमं त्रिपंचनयनैर्युतम् ।
बाहुभिर्दशभिर्युक्तं सर्वकामार्थसिद्धिदम् ॥2॥
पूर्वंतु वानरं वक्त्रं कोटिसूर्यसमप्रभम् ।
दंष्ट्राकरालवदनं भृकुटीकुटिलेक्षणम् ॥3॥
अस्यैव दक्षिणं वक्त्रं नारसिंहं महाद्भुतम् ।
अत्युग्रतेजोवपुषं भीषणं भयनाशनम् ॥4॥
पश्चिमं गारुडं वक्त्रं वक्रतुंडं महाबलम्॥
सर्वनागप्रशमनं विषभूतादिकृन्तनम् ॥5॥
उत्तरं सौकरं वक्त्रं कृष्णं दीप्तं नभोपमम् ।
पातालसिंहवेतालज्वररोगादिकृन्तनम् ॥6॥
ऊर्ध्वं हयाननं घोरं दानवांतकरं परम ।
येन वक्त्रेण विप्रेंद्र तारकाख्यं महासुरम् ॥7॥
जघान शरणं तत्स्यात्सर्वशत्रुहरं परम् ।
ध्यात्वा पंचमुखं रुद्रं हनुमन्तं दयानिधिम् ॥8॥
खंग त्रिशूलं खट्वांगं पाशमंकुशपर्वतम् ।
मुष्टिं कौमोदकीं वृक्षं धारयन्तं कमण्डलुम् ॥9॥
भिन्दिपालं ज्ञानमुद्रां दशभिर्मुनिपुंगवम् ।
एतान्यायुधजालानि धारयन्तं भजाम्यहम् ॥10॥
प्रेतासनोपविष्टं तं सर्वाभरणभूषितम् ।
दिव्यमाल्याम्बरघर दिव्यगन्धानुलेपनम् ॥11॥
सर्वाश्चर्यमय देव हनुमद्विश्वतोमुखम् ।
पश्चास्यमच्युतम नेकविचित्रवर्णं वक्त्रं
शशांकशिखरं कपिराजवयम ।
पीतांबरादिमुकुटैरूपशोभितांग
पिंगाक्षमाद्यमनिशं मनसा स्मरामि ॥12॥
मर्कटेशं महोत्साहं सर्वशत्रुहरं परम् ।
शत्रु संहर मां रक्ष श्रीमन्नापदमुद्धर ॥13॥
ॐ हरिमर्कट मर्कट मन्त्रमिदं
परिलिख्यति लिख्यति वामतले ।
यदि नश्यति नश्यति शत्रुकुलं
यदि मुश्चति मुश्चति वामलता ॥14॥
ॐ हरिमर्कटाय स्वाहा ।
ॐ नमो भगवते पंचवदनाय पूर्वकपिमुखाय सकलशत्रुसंहारणाय स्वाहा ।
ॐ नमो भगवते पंचवदनाय दक्षिणमुखाय करालवदनाय नरसिंहाय सकलभूतप्रमथनाय स्वाहा ।
ॐ नमो भगवते पंचवदनाय पश्चिममुखाय गुरुडाननाय सकलविषहराय स्वाहा ।
ॐ नमो भगवते पंचवदनायोत्तरमुखायादिवराहाय सकलसम्पत्कराय स्वाहा ।
ऊँ नमो भगवते पंचवदनायोर्ध्वमुखाय हयग्रीवाय सकलजनवशंकराय स्वाहा ।
ॐ अस्य श्री पंचमुखहनुमन्मंत्रस्य श्रीरामचन्द्र ऋषिः अनुष्टुप्छन्दः,
पंचमुखवीरहनुमान् देवता,
हनुमानिति बीजम्,
वायुपुत्र इति शक्तिः,
अंजनीसुत इति कीलकम्,
श्रीरामदूतहनुमत्प्रसादसिद्धयर्थे जपे विनियोगः ।
इति ऋष्यादिकं विन्यस्य ।
ॐ अंजनीसुताय अंगुष्ठाभ्यां नमः ।
ॐ रुद्रमूर्तये तर्जनीभ्यां नमः ।
ॐ वायुपुत्राय मध्माभ्यां नमः ।
ॐ अग्निगर्भाय अनामिकाभ्यां नमः ।
ॐ रामदूताय कनिष्ठिकाभ्यां नमः ।
ॐ पंचमुखहनुमते करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः ।
इति करन्यासः ।
ॐ अंजनीसुताय हृदयाय नमः ।
ॐ रुद्रमूर्तये शिरसे स्वाहा ।
ॐ वायुपुत्राय शिखायै वंषट् ।
ॐ अग्निगर्भाय कवचाय हुं ।
ॐ रामदूताय नेत्रत्रयाय वौषट् ।
ॐ पंचमुखहनुमते अस्राय फट् ।
पंचमुखहनुमते स्वाहा ।
इति दिग्बन्धः ।
अथ ध्यानम्:
वन्दे वानरनारसिहखगराट्क्रोडाश्ववक्रान्वितं दिव्यालंकरणं त्रिपश्चनयनं दैदीप्यमानं रुचा ।
हस्ताब्जैरसिखेटपुस्तकसुधाकुम्भांकुशादि हलं खटांगं फणिभूरुहं दशभुजं सर्वारिवीरापहम् ॥1॥ इति ॥
अथ मंत्रः
ॐ श्रीरामदूतायांजनेयाय वायुपुत्राय महाबलपराक्र्रमाय सीतादुःखनिवारणाय लंकादहनकारणाय महाबलप्रचण्डाय फाल्गुनसखाय कोलाहलसकल ब्रह्माण्डविश्वरूपाय सप्तसमुद्रनिर्लंघनाय पिंगलनयनायामितविक्रमाय
सूर्यबिम्बफलसेवनाय दुष्टनिवारणाय दृष्टिनिरालंकृताय संजीविनीसंजीवितांगदलक्ष्मणमहाकपिसैन्यप्राणदाय दशकण्ठविध्वंसनाय रामेष्टाय महाफाल्गुनसखाय सीतासहित रामवरप्रदाय षट्प्रयोगागम पंचमुखवीरहनुमन्मंत्रजपे विनियोगः ।
ॐ हरिमर्कटमर्कटाय बंबंबंबंबं वौषट् स्वाहा ।
ॐ हरिमर्कटमर्कटाय फंफंफंफंफं फट् स्वाहा ।
ॐ हरिमर्कटमर्कटाय खेंखेंखेंखेंखें मारणाय स्वाहा ।
ॐ हरिमर्कटमर्कटाय लुंलुंलुंलुंलुं आकर्षितसकलसम्पत्कराय स्वाहा ।
ॐ हरिमर्कटमर्कटाय धंधंधंधंधं शत्रुस्तम्भनाय स्वाहा ।
ॐ टंटंटंटंटं कूर्ममूर्तये पंचमुखवीरहनुमते परयन्त्रपरतंत्रोच्चाटनाय स्वाहा ।
ऊँ कंखंगंघंडं चंछंजंझंञं टंठंडंढंणं तंथंदंधंनं पंफंबंभंमं यंरंलंवं शंषंसंहं ळं क्ष स्वाहा। इति दिग्बंधः ।
ॐ पूर्वकपिमुखाय पंचमुखहनुमते टंटंटंटंटं सकलशत्रुसंहरणाय स्वाहा ।
ॐ दक्षिणमुखाय पंचमुखहनुमते करालवदनाय नरसिहाय ।
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रुं ह्रैं ह्रौं ह्रः सकलभूतप्रेतदमनाय स्वाहा ।
ऊँ पश्चिममुखाय गरुडाननाय पंचमुखहनुमते मंमंमंमंमं सकलविषहराय स्वाहा ।
ॐ उत्तरमुखायादिवराहाय लंलंलंलंलं नृसिंहाय नीलकण्ठमूर्तये पंचमुखहनुमतये स्वाहा ।
ॐ उर्ध्वमुखाय हयग्रीवाय रुंरुंरुंरुंरुं रुद्रमूर्तये सकलप्रयोजननिर्वाहकाय स्वाहा ।
ऊँ अंजनीसुताय वायुपुत्राय महाबलाय सीताशोकनिवारणाय श्रीरामचंद्रकृपापादुकाय
महावीर्यप्रमथनाय ब्रह्माण्डनाथाय कामदाय पंचमुखवीरहनुमते स्वाहा ।
भूतप्रेतपिशाचब्रह्मराक्षसशाकिनीडाकिन्यन्तरिक्षग्रह परयंत्रपरतंत्रोच्चटनाय स्वाहा ।
सकलप्रयोजननिर्वाहकाय पंचमुखवीरहनुमते श्रीरामचन्द्रवरप्रसादाय जंजंजंजंजं स्वाहा ।
इदं कवचं पठित्वा तु महाकवच पठेन्नरः ।
एकवारं जपेत्स्तोत्रं सर्वशत्रुनिवारणम् ॥॥
द्विवारं तु पठेन्नित्यं पुत्रपौत्रप्रवर्धनम् ।
त्रिवारं च पठेन्नित्यं सर्वसम्पतकरं शुभम् ॥॥
चतुर्वारं पठेन्नित्यं सर्वरोगनिवारणम् ।
पंचवारं पठेन्नित्यं सर्वलोकवशंकरम् ॥॥
षड्वारं च पठेन्नित्यं सर्वदेववशंकरम् ।
सप्तवारं पठेन्नित्यं सर्वसौभाग्यदायकम् ॥॥
अष्टवारं पठेन्नित्यं मिष्टकामार्थसिद्धिदम् ।
नववारं पठेन्नित्यं राजभोगमवाप्युनात् ॥॥
दशवारं पठेन्नित्यं त्रैलोक्यज्ञानदर्शनम् ।
रुद्रावृत्तिं पठेन्नित्यं सर्वसिद्धिर्भवेद्ध्रुवम् ॥॥
कवचस्मतरणेनैव महाबलमवाप्नुयात् ॥॥
॥ सुदर्शनसंहितायां श्रीरामचन्द्रसीताप्रोक्तं श्री पंचमुखहनुमत्कवचं संपूर्ण ॥
हनुमान कवच करने की विधि | Hanuman kavach karne ki vidhi
- अगर आप लोग भगवान हनुमान जी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको सच्चे मन से उनकी पूजा करनी होगी और उसके बाद हनुमान कवच का पाठ करना होगा हनुमान कवच का पाठ करने के लिए आपको नियमित बातों का ध्यान रखना विशेष आवश्यक है जोकि इस प्रकार है।
- ऐसा कहा जाता है कि अगर हनुमान कवच का पाठ शुभ दिन यानी कि हनुमान जी के मंगलवार के दिन किया जाए तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है।
- हनुमान कवच का जाप आप किसी भी समय कर सकते हैं।
- लेकिन हनुमान कवच का पाठ करने के लिए आपको सबसे पहले स्नान कर लेना है।
- अब आपको हनुमान जी की तस्वीर के सामने बैठ जाना है अगर आपके घर में हनुमान जी की तस्वीर नहीं है तो आपको अपने घर में भगवान हनुमान की तस्वीर को स्थापित कर लेना है।
- उसके बाद आपको अपनी इच्छा के अनुसार हनुमान भगवान के सामने फूल चढ़ा सकते हैं।
- उसके बाद आपको हनुमान जी की तस्वीर के सामने घी का एक दीपक जला कर हनुमान कवच का पाठ करना शुरू कर देना है।
- कवच समाप्त होने के बाद आपको हनुमान भगवान को प्रणाम करना है।
हनुमान कवच का पाठ करने से लाभ | Hanuman kavach ka paath karne ke Labh
हनुमान कवच के अनेकों लाभ है जो कि हमने आपको नीचे पॉइंट में बताए हैं।
- ऐसा कहा जाता है कि हनुमान कवच का पाठ करने से जातक के जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
- हमारे हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि हनुमान कवच का पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा और उसके प्रभाव दूर हो जाते हैं।
- हनुमान कवच का पाठ करने से सफलता निश्चित ही प्राप्त होती है और उसके साथ में सफलता के मार्ग में आने वाली जितनी भी बाधाएं होती है वह सब बहुत ही जल्द दूर हो जाती हैं।
- ऐसा भी कहा जाता है कि हनुमान कवच का पाठ करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है और जीवन को बेहतर बनाने का परम शक्ति बाण होता है हनुमान कवच।
- हनुमान कवच का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में सुख और शांति बनी रहती है।
FAQ : hanuman kavach pdf
हनुमान जी का गुप्त मंत्र क्या है?
ओम नमो हनुमते रुद्रावतराय वज्रदेहाय वज्रनखाय वज्रसुखाय वज्ररोम्णे वज्रनेत्राय वज्रदंताय वज्रकराय वज्रभक्ताय रामदूताय स्वाहा.
– ओम नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसहांरणाय सर्वरोगाय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा.
– हनुमान अष्टदशाक्षर मंत्र: 'नमो भगवते आन्जनेयाये महाबलाये स्वाहा. '
हनुमान जी का पावरफुल मंत्र कौन सा है?
मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥
हमारे हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से हनुमान जी जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करवाते हैं।हनुमान कवच का पाठ कैसे करें?
निष्कर्ष
दोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से hanuman kavach pdf के बारे में बताया इसके अलावा हनुमान कवच का पाठ कैसे किया जाता है हनुमान कवच क्या है और हनुमान कवच के लाभ क्या है.
इन सारे विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी दी है अगर आपने हमारे इस लेख को अच्छे से पढ़ा है तो आपको अवश्य ही हनुमान कवच के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई होगी उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुई होगी।