Mahilao ko sambhog se dar kyu lagta hai : महिलाओं को संभोग से डर क्यों लगता है? संभोग हर स्त्री पुरुष का एक आवश्यक कार्य है. यह व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक तौर पर एक दूसरे के करीब लाता है. यह स्वास्थ्य के लिए जरूरी है. परंतु बहुत सी महिलाओं को संभोग करने से डर लगता है, वे महिलाएं भी संभोग करने से घबराती हैं, जो संभोग का भरपूर आनंद लेती रहती हैं.
उसके पीछे महिलाओं के डर के पीछे कई कारण हैं। महिलाओं को संभोग से डर क्यों लगता है ? इसके पीछे शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के कारण मिलते हैं. इसीलिए बहुत सी महिलाएं संभोग का इंजॉय करने के बावजूद भी संभोग करने से डरती रहती है, तो आइए जानते हैं कि क्या कारण है, जो महिलाएं संभोग करने से डरती है ?
महिलाओं को संभोग से डर क्यों लगता है ?
हम आपको बताएगे कि महिलाओं को संभोग से डर क्यों लगता है. यह जानकारी हमने आप को नीचे दी है इसको पढने के बाद आप जान जाएगे कि महिलाओं को संभोग से डर क्यों लगता है?
1. साथी की संतुष्ट की शंका
बहुत सी महिलाएं संभोग करने से डरती हैं. क्योंकि यह ऐसा मान लेती है कि उनका शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा नहीं है और अपने जीवनसाथी को यौन क्रिया का पूरा आनंद नहीं दे पाएंगे. जिससे उनके मन में संभोग के प्रति डर और शंका पैदा होती है.
उन्हें लगता है कि संभोग के दौरान यदि शारीरिक संबंध अच्छा नहीं हुआ, तो उनका जीवनसाथी उन्हें छोड़ सकता है. उनसे दूरी बना सकता है. यदि शारीरिक संबंध का प्रदर्शन अच्छा नहीं हुआ, तो अपने जीवनसाथी को ज्यादा खुश नहीं कर पाएंगे। यह चिंताएं संभोग में डर पैदा करते हैं।
हालांकि जिन महिलाओं को इस तरह की समस्या है या इस तरह की चिंताओं से ग्रसित होते हैं. उन्हें चाहिए कि वे किसी भी प्रकार के संतुष्टि के डर की चिंता नहीं करनी चाहिए अन्यथा मानसिक और शारीरिक रूप से अस्वस्थ हो जाएंगी और संभोग का भरपूर आनंद लेने से वंचित हो जाएंगे.
इसलिए कभी भी संतुष्टि को लेकर चिंता करने या डरने की आवश्यकता नहीं है।
2. भावनात्मक रूप से जुड़ना
अधिकतर महिलाएं संभोग के दौरान इमोशनल हो जाती हैं और भी अपने पति को संभोग में संतुष्टि देने के लिए सोचने लगती हैं. जिससे संतुष्टि भी नहीं मिलती और संभोग का आनंद भी नहीं आता है. जबकि पुरुष संभोग के लिए केवल आनंद और मन की इच्छा की पूर्ति करता है.
पुरुष महिलाओं की अपेक्षा इमोशनल नहीं होते हैं, वे संभोग को लेकर अधिक चिंताएं नहीं करते हैं. परंतु महिला भावनात्मक रूप से जुड़ी होती है। इसीलिए महिलाओं को संभोग करने में डर लगता है।
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3. गर्भधारण से डर
संभोग के दौरान महिलाओं को सबसे बड़ा डर उनकी प्रेगनेंसी होती है. क्योंकि अनचाहे गर्भ से बचना चाहती हैं. इसलिए वे अपने पार्टनर की इच्छा मानकर संभोग तो कर लेती हैं. परंतु उन्हें डर लगा रहता है। खासतौर पर ऐसे पुरुषों से जो कंडोम का इस्तेमाल नहीं करते हैं.
उनसे महिलाएं संभोग करने में प्रेगनेंसी के कारण डर लगता है। उसी महिलाओं को बिना कंडोम के संभोग करने में ज्यादा आनंद मिलता है. इसलिए वे संबंध बनाने से पहले पार्टनर से कंडोम ना लगाने के लिए भी कह देती हैं. ऐसे में प्रेगनेंसी का खतरा बढ़ जाता है, पर गर्भ धारण नहीं करना चाहती हैं, तो उन्हें डर लगता है।
4. पार्टनर का व्यवहार
बहुत से पुरुष संभोग के दौरान काफी अजीबोगरीब हरकतें करते हैं. जिसकी वजह से शारीरिक संबंध बनाने में महिला को दिक्कत होती है। संभोग के पीछे पुरुष स्वार्थी हो जाता है. वह अजीबोगरीब ख्वाहिशें पूरा करने से पीछे नहीं रहते है. यह व्यवहार महिलाओं को डरावना बना देता है. जिससे शारीरिक संबंध बनाने में महिलाओं को अधिक डर लगता है.
5. यौन जनित रोग
अधिकतर पुरुष महिलाओं से संभोग संबंध बनाते समय कमजोरी या बीमारी के विषय में नहीं बताते हैं. जिससे यौन जनित रोग हो जाते हैं. क्योंकि कुछ लोग संभोग ुअली ट्रांसमिटेड डिसीज के बारे में जानकारी नहीं रखते हैं.
जिससे संबंध बनाने से यौन जनित रोगों की संभावनाएं बढ़ जाती है, बहुत से पुरुष एक से अधिक महिलाओं के साथ संभोग संबंध स्थापित करते हैं. जिससे यौन जनित रोगों की संभावनाएं ज्यादा होती है। आज के समय में एचआईवी एड्स ह्यूमन पेपिलोमा वायरस हेपिटाइटिस जैसे रोग यौन जनित हैं। इनकी अज्ञानता के कारण महिलाओं को संभोग करने से डर लगता है.
6. पीरियड्स में संभोग
महिलाओं में होने वाले पीरियड्स के दौरान संभोग करने से कई सारी परेशानियां खड़ी हो जाती हैं। पीरियड के दौरान महिला को संभोग करने की इच्छा पड़ जाती है। पीरियड के दौरान गर्भधारण की क्षमता बढ़ जाती है तथा अन्य कई प्रकार की वेजाइनल प्रॉब्लम्स हो सकती हैं.
जिससे स्वास्थ्य संबंधी प्रभाव दिखाई देता है, इसलिए महिलाएं पीरियड के दौरान संभोग करने से डरती हैं।
7. डिस्मॉर्फिया
डिस्मॉर्फिया एक ऐसी स्थिति है. जिसमें महिलाओं को अपने शरीर की बनावट और आकार में हिचकिचाहट होती है. जिससे संभोग करने के लिए तैयार होती है. लेकिन उनका मन संभोग के प्रति नहीं रहता है. क्योंकि उनके मन में बिना कपड़ों के कैसी दिख रही होंगी या निजी अंग कैसे हैं, बनावट और आकार रंग के बारे में पार्टनर कैसा महसूस कर रहा होगा ?
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इस तरह की चिंताएं मन में चलती रहती है। डिस्मॉर्फिया के कारण महिलाएं चिंता और डिप्रेशन का शिकार हो जाती है और अपने जीवनसाथी को यौन संबंधों में सकून नहीं दे पाती. जिससे उन्हें डर लगता है साथ ही संभोग के लिए उत्साह भी कम हो जाता है।
8. जेनोफोबिया
जेनोफोबिया से ग्रसित महिलाएं संभोग करने से डरती हैं. क्योंकि उन्हें कभी पानी से डर या किसी की ऊंचाई से डर लगता है। इस बीमारी की चिंता से ग्रसित महिलाएं यौन संबंधों संभोग संभोग या यौन अंतरंगता को लेकर डरती हैं। इस तरह की महिलाएं कभी भी संभोग के बारे में किसी से विचार-विमर्श नहीं करती और ना ही अकेले में होने पर भी मनन करती हैं।
इसे कोइटोफोबिया (acrophobia) के रूप में भी जाना जाता है। इस बीमारी में महिला पुरुष संभोग करने से डरते हैं. परंतु अन्य वस्तुओं ने सामान्य रहते हैं, जैसे किस करना, गले लगना आदि।
9. यौन शोषण से डर
बहुत सी लड़कियां अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ यौन क्रियाएं करती हैं. परंतु उन्हें डर लगता है कि कहीं उनका यौन शोषण ना हो जाए। यदि लड़की पूर्ण में चोर नहीं है, तो उससे बाल यौन शोषण का डर रहता है और बड़े होने पर साथी के करीब आने से डर लगने लगता है।
यदि किसी कारणवश बाल यौन शोषण का शिकार होती हैं, तो समय बीतने के बाद अपने जीवन साथी के साथ बचपन की यादों को लेकर शोषण का शिकार होने के कारण उनके मन में डर लगा रहता है. इसलिए महिलाओं को संभोग से डर क्यों लगता है?
10. दर्द से डर
जो लड़कियां पहली बार संभोग करती हैं या संभोग ी के दौरान होने वाले दर्द को महसूस नहीं कर पाती है. परंतु अपनी किसी सहेली या अन्य से उनको जब इस विषय में पता चलता है, तो वे काफी डरी हुई महसूस करती है.
वे सोचने लगती है कि यदि किसी भी प्रकार का दर्द हुआ है, तो उसे सह पाएंगे कि नहीं या उसके बाद उन्हें क्या होगा ? इससे महिलाएं संभोग करने से डरती हैं।
11. मानसिक उथल-पुथल
कई बार महिलाएं यौन संबंधों को बनाते समय यह सोचकर डरती है कि पहली बार संबंध बनाने में पूर्ण रूप से तैयार हैं या नहीं। पहली बार यदि संबंध बना रही है, तो काफी तैयार होने के बावजूद भी बिस्तर पर जाते ही नर्वस हो जाती हैं यह भी सोचती रहती हैं कि कहीं जल्दबाजी तो नहीं कर रहे और पार्टनर को संभोग करने के लिए तैयार कर पाएंगे या नहीं. इस तरह की मानसिक उथल-पुथल के कारण भी डरती रहती हैं।
12. पार्टनर को खोने का डर
बहुत सी महिलाएं जब पहली बार संबंध बना रही है, तो संभोग के दौरान अपने पार्टनर के लिए एक्शन को लेकर चिंतित हो जाती है. वह सोचती है कि यदि अपने पार्टनर को खुश ना कर पाए, तो वह मुझसे नाराज हो जाएगा और हो सकता है कि मुझसे रिश्ता भी तोड़ दे. ऐसे में भी अपने पार्टनर को खोने के डर के कारण संभोग करने से डरती हैं।
13. ब्लीडिंग का डर
पहली बार यदि कोई लड़की संभोग करने जा रही है, तो उसे इस बात का डर रहता है कि यदि ब्लीडिंग नहीं हुई तो उसका साथी क्या समझेगा ? यदि पहली बार संभोग कोई भी लड़की करती है, तो उसे ब्लीडिंग होना निश्चित है. परंतु कई कारणों से ब्लीडिंग नहीं होती है.
जैसे साइकिल चलाने, बस में उतरने-चढ़ने, ट्रेन में चढ़ने-उतरने या खेलकूद के दौरान गर्भाशय की हाइमन झिल्ली फट जाती है. जिसकी वजह से पहली बार संभोग करने में ब्लीडिंग नहीं होती है. यह बात लड़कियों को और उनके साथी को समझना चाहिए।
हालांकि बहुत सी लड़की यह सोच कर संभोग से डरती है कि यदि संभोग के दौरान ब्लीडिंग अधिक हुई तो क्या करेंगी ? फिलहाल यह एक मिथ्या भ्रम है. इससे डरने की कोई आवश्यकता नहीं होती है. परंतु लड़कियां इस डर से संभोग करने से भी डरती हैं।
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14. लोगों से डर
हमारे समाज में लड़कियों को शादी के पहले संभोग करना पाप माना जाता है. वही शादी के बाद उसे सामाजिक समानता मिल जाती है। परंतु शादी के पहले कोई भी लड़की संभोग करती है, तो उससे बात करना रहता है कि लोग उसकी बारे में कोई गलत धारणा ना बना लें।
शादी के पहले यदि कोई भी लड़की संभोग संबंध बनाती है, तो लोग तरह तरह के लांछन लगाते हैं. ऐसे में महिलाओं को संभोग से डर क्यों लगता है? यौन संबंध बनाने में यदि किसी महिला को डर लगता है, तो सबसे पहले इस संबंध में अपने जीवन साथी से खुलकर बात करनी चाहिए और उनके समाधान किसी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए
किसी प्रकार के डर को खत्म करने के लिए महिला पुरुष दोनों को शारीरिक और मानसिक रुप से एक दूसरे को समझते ही संभोग क्रिया का आनंद उठाना अच्छा होता है।
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