नारायण अष्टकम : सुख संपत्ति, धन वैभव की प्राप्ति और होगा हर संकट का नाश Narayan Ashtakam

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नारायण अष्टकम Narayan Ashtakam : दोस्तों नमस्कार आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से नारायण अष्टकम Narayan Ashtakam बताएंगे और यह भी बताएंगे कि नारायण अष्टकम किस भगवान का है किसके द्वारा रचित किया गया है वैसे आप भगवान विष्णु को तो जानते ही होंगे यह आज तक भगवान विष्णु का है उन्हें अत्यंत प्रिय है यह अष्टक आपकी हर मनोकामना को पूर्ण कर देता है चाहे तो आप इसे एक बार आजमा कर देख सकते हैं यह आज तक बहुत ही ज्यादा प्रभावशाली अष्टक है.

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अगर आप इस अष्टक का पाठ मन लगाकर करते हैं तो आपकी हर मनोकामना पूर्ण हो जाती हो अगर आपको भी इस अष्टक का पाठ करना है तो आपको इस लेख को पूरा पढ़ा होगा तभी आप जान पाएंगे कि वह आज तक कौन सा है जिससे आपकी हर मनोकामना पूर्ण हो जाएगी चलिए सबसे पहले हम आपको बताते हैं कि नारायण अष्टकम Narayan Ashtakam क्या है उसके बाद बताएंगे कि वह आज तक कौन सा है उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा लेख अच्छा लगेगा आप इसे अंत तक जरूर पढ़ें।

नारायण अष्टक मंत्र

हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि।

ॐ हूं विष्णवे नम:
ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।

श्री नारायण अष्टकम क्या है ?

नारायण अष्टकम क्या आप जानते हैं कि नारायण अष्टकम किसका अष्टक है यह अष्टक भगवान विष्णु का अष्टक है और यह भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है भगवान विष्णु का यह नारायण अष्टकम का पाठ करना हर उस व्यक्ति के लिए लाभकारी हो सकता है जो इस अष्टक का पाठ करता है भगवान विष्णु के जगत के पालनहार कहा जाता है और इनका रूप शांत और आनंदमयी है ऐसा कहा जाता है कि अगर आप नियमित रूप से नारायण अष्टक का पाठ करते हैं.

तो आपके जीवन की हर संकट और हर बुरे वक्त का नाश हो जाएगा तथा आपके घर में सुख संपत्ति और धन वैभव की प्राप्ति भी होगी इस अष्टक का पाठ आप एकादशी के दिन भी कर सकते हैं क्योंकि यह पाठ अगर आप एकादशी के दिन करते हैं तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है तथा यह उनके भक्तों को मनवांछित फल प्रदान करता है।

नारायण अष्टकम पूजा विधि

नारायण भगवान की पूजा पूर्णिमा या संक्रांति के दिन की जाती है पूर्णिमा या फिर संक्रांति के दिन आप स्नान आदि से संपन्न होकर और साफ-सुथरी वस्त्र पहन कर माथे पर तिलक लगाकर और शुभ मुहूर्त में नारायण भगवान की पूजा शुरू करें और इस बात का ध्यान जरूर रखें कि शुभ आसन पर उत्तर या फिर पूर्व दिशा की ओर मुख करके नारायण भगवान की पूजा करनी चाहिए.

सत्यनारायण

उसके बाद नारायण व्रत कथा को शुरू करें कथा संपन्न होने के बाद नारायण भगवान को भोग लगाएं भोग लगाने के बाद उनकी पूजा आरती करें उसके बाद उपभोग को प्रसाद में मिलाकर नारायण भगवान के नाम से प्रसाद बांट दें।

नारायण अष्टक | Narayana Ashtakam

वात्सल्यादभयप्रदानसमयादार्तार्तिनिर्वाणा दौदार्यादघशोषणादगणितश्रेय: पदप्रापणात् ।
सेव्य: श्रीपतिरेक एव जगतामेतेऽभवन्साक्षिण: प्रहलादश्च विभीषणश्च करिराट् पांचाल्यहल्या ध्रुव” ।।1।।
प्रहलादास्ति यदीश्वरो वद हरि: सर्वत्र मे दर्शय स्तम्भे चैवमिति ब्रुवन्तमसुरं तत्राविरासीद्धरि: ।
वक्षस्तस्य विदारयन्निजनखैर्वात्सल्यमापादयन्नार्तत्राणपरायण: स भगवान्नारायणो मे गति: ।।2।।
श्रीरामात्र विभीषणोऽयमनघो रक्षोभयादागत: सुग्रीवानय पालयैनमधुना पौलस्त्यमेवागतम् ।
इत्युक्त्वाभयमस्य सर्वविदितं यो राघवो दत्तवानार्त. ।।3।।
नक्रग्रस्तपदं समुद्धतकरं ब्रह्मादयो भो सुरा: पाल्यन्तामिति दीनवाक्यकरिणं देवेश्वशक्तेषु य: ।
मा भैषीरिति यस्य नक्रहनने चक्रायुध: श्रीधर । आर्त. ।।4।।
भो कृष्णाच्युत भो कृपालय हरे भो पाण्डवानां सखे क्वासि क्वासि सुयोधनादपह्रतां भो रक्ष मामातुराम् ।
इत्युक्तोऽक्षयवस्त्रसंभृततनुं योऽपालयद्द्रौपदीमार्त. ।।5।।
यत्पादाब्जनखोदकं त्रिजगतां पापौघविध्वंसनं यन्नामामृतपूरकं च पिबतां संसारसंतारकम् ।
पाषाणोऽपि यद्न्घ्रिपद्मरजसा शापान्मुनेर्मोचित । आर्त. ।।6।।
पित्रा भ्रातरमुत्तमासनगतं चौत्तानपादिर्ध्रुवो दृष्ट्वा तत्सममारूरुक्षुरधृतो मात्रावमानं गत: ।
यं गत्वा शरणं यदाप तपसा हेमाद्रिसिंहासनमार्त. ।।7।।
आर्ता विषन्णा: शिथिलाश्च भीता घोरेषु च व्याधिषु वर्तमाना: ।
संकीत्र्य नारायणशब्दमात्रं विमुक्तदु:खा: सुखिनो भवन्ति ।।8।।

FAQ : Narayan Ashtakam

नारायण बीज मंत्र कौन सा है?

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।। ॐ नारायणाय नम:।। 

भगवान विष्णु को प्रसन्न कैसे करें?

भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए आपको कुछ उपायों को करने की जरूरत है तब जाकर आपकी हर मनोकामना पूर्ण हो जाएगी
  1. गुरुवार के दिन अगर आपने भगवान विष्णु का पाठ सुबह नहा धोकर विष्णु भगवान की फोटो के सामने एक घी का दीपक जलाएं
  2. दीपक जलाने के बाद भगवान विष्णु को ध्यान करते हुए उनका पाठ करें।
  3. गुरुवार के दिन जब आप भगवान विष्णु की पूजा कर रहे हो तो उस दिन आप को पीले वस्त्र धारण करना है।
  4. आपको यह पूजा केले के पेड़ के नीचे ही करनी है।
  5. जवाब गुरुवार के दिन पूजा करते हैं तो आप पीले रंग की चीज को दान कर सकते हैं।
  6. गाय को भोजन जरूर दें या फिर किसी भी अन्य जानवर को भोजन जरूर खिलाएं।

विष्णु भगवान के कितने मंत्र है?

2. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय 3. ॐ नमो नारायणाय नम: 4. ॐ विष्णवे नम: 

निष्कर्ष

दोस्तों जैसा कि आज हमने आपको नारायण अष्टकम Narayan Ashtakam के बारे में बताया और यह भी बताया कि यह नारायण अष्टकम किस भगवान का अष्टक है तो अब आप जान गए होंगे कि नारायण अष्टकम क्या है और नारायण अष्टकम किस भगवान का अष्टक है उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा बताया गया या लेख आपको अच्छा लगा होगा और आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा।

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