व्रत नियम – पशुपति व्रत में नमक खाना चाहिए या नहीं ? अन्य 8 नियम जाने | Pashupati Vrat mein namak khana chahiye ya nahi

पशुपति व्रत में नमक खाना चाहिए या नहीं ? | Pashupati Vrat mein namak khana chahiye ya nahi ? : हेलो दोस्तों नमस्कार आज का यह लेख पशुपति व्रत जानकारी पर आधारित है जिसमें हम आपको पशुपति व्रत में नमक खाना चाहिए या नहीं इसके बारे में बताएंगे अथवा पशुपति व्रत से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी बताएंगे ताकि आप लोग पशुपति व्रत से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी को प्राप्त कर सकें.

वैसे तो नमक हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है, क्योंकि नमक हमारे शरीर में आयोडीन की पूर्ति करने के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसीलिए प्रतिदिन हर व्यक्ति अपनी आवश्यकता अनुसार नमक का सेवन करता है अगर कोई व्यक्ति आवश्यकतानुसार नमक नहीं लेता है तो उस व्यक्ति के शरीर में रक्त चाप की समस्या हो जाती है इसीलिए नमक को स्वास्थ्य के लिए काफी महत्वपूर्ण बताया गया है.

लेकिन जब बात आ जाए पूजा पाठ और व्रत की तो ऐसे में शास्त्रों और धार्मिक ग्रंथों में नमक को लेकर कई तरह के मतभेद प्रचलित किए गए हैं जिनमें से कुछ ग्रंथों में बताया गया है व्रत में नमक खाना चाहिए तो कुछ ग्रंथों में बताया गया है व्रत में नमक नहीं खाना चाहिए, तो इन्हीं प्रश्नों के चलते लोगों के मन में कई तरह के विचार आते हैं कि पता नहीं व्रत में नमक खाना चाहिए या नहीं.

इसीलिए आज हम इस लेख में बताएंगे पशुपति व्रत में नमक का सेवन करना चाहिए या नहीं ऐसे में जो लोग इस जानकारी को पाना चाहते हैं तो कृपया करके वह लोग इस लेख को शुरू से अंत तक अवश्य पढ़ें.

पशुपति व्रत में नमक खाना चाहिए या नहीं ? | Pashupati Vrat mein namak khana chahiye ya nahi ?

जो भी जातक जातिका पशुपति व्रत को करना चाहता है तो वह लोग इस व्रत में सेंधा नमक का सेवन कर सकते हैं , क्योंकि सेंधा नमक पूरी तरह से शुद्ध होता है यह प्रकृति की देन मानी गई है सेंधा नमक चट्टानों के बीच से मिलता है जो बिना किसी केमिकल प्रक्रिया के सभी प्रकार की बाजारों और लोगों के घरों में उपलब्ध हो जाता है.

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इसी के विपरीत साधारण नमक कई तरह के केमिकल प्रक्रिया से गुजरने के बाद घर तक पहुंचता है इसीलिए साधारण नमक की अपेक्षा सेंधा नमक को किसी भी व्रत में सेवन करना उत्तम बताया गया है.

पशुपति व्रत में सेंधा नमक के अलावा और क्या – क्या खा सकते हैं ?

पशुपति व्रत में सेंधा नमक के अलावा सेब, केला, अमरूद ,संतरा, अनानास, पपीता , और सिंघाड़े के आटे से बने हलवा, साबुनदाने की खिचड़ी,साबूदाने की खीर, मखाने की खीर हलवा आदि का सेवन कर सकते हैं.

पशुपति व्रत में कब क्या खाना चाहिए ? | Pashupati Vrat Mein Kab kya khana chahiye ?

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अगर आप पशुपति व्रत करते हैं तो सुबह भगवान शिव की विधि पूजा अर्चना करने के पश्चात दोपहर में आप फलों में कोई भी फल सेवन कर सकते हैं उसके बाद संध्याकाल में भगवान शिव की पूजा के बाद आप खीर हलवा जैसे चीजों का सेवन कर सकते हैं यानी कि दोनों टाइम पूजा करने के पश्चात ही आपको कुछ भी सेवन करना चाहिए पूजा से पहले आप कुछ भी सेवन ना करें.

पशुपति व्रत का महत्व | Pashupati Vrat ka mahatva

पशुपति नाथ भगवान शिव का रूप है इसीलिए यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है ऐसे में मान्यता है कि जो भी व्यक्ति पशुपति व्रत को पांच सोमवार विधिवत तौर तरीके और नियम से करता है तो उस व्यक्ति को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है जिससे उस व्यक्ति के जीवन में चल रही सभी प्रकार की समस्याएं ठीक हो जाती हैं साथ में उस व्यक्ति को सभी प्रकार के कार्य क्षेत्रों में निरंतर प्रगति हासिल होती रहती है.

पशुपति व्रत कैसे किया जाता है ? | Pashupati Vrat kaise kiya jata hai ?

आप किसी भी सोमवार के दिन से पशुपति व्रत की शुरुआत कर सकते हैं और फिर लगातार पांच सोमवार इस व्रत को करें लास्ट वाले सोमवार के दिन आप व्रत का उद्यापन कर दें तो आपका पशुपति व्रत पूर्ण हो जाएगा पशुपति व्रत में दोनों टाइम यानी कि सुबह शाम भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है.

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पूजा के लिए भगवान शिव के समक्ष फल,फूल अर्पित किए जाते हैं उनकी आरती की जाती हैं और संध्या काल की पूजा में भगवान शिव के सामने 6 दीपक जलाए जाते हैं और तीन हिस्से में प्रसाद का भोग लगाया जाता है जिनमें से एक हिस्सा प्रसाद का और एक दीपक अपने घर वापस लाया जाता है उसे अपने घर के प्रथम चौखट पर जला दिया जाता है और प्रसाद को घर के लोगों में बांट कर खुद ग्रहण किया जाता है.

इस तरह से इस व्रत को किया जाता है पांचवें सोमवार के दिन व्रत के उद्यापन के लिए आप पानी वाला नारियल लेकर उस पर कलावा लपेटकर भगवान शिव को अर्पित कर दें और 180 बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित करें साथ में ब्राह्मण को भोजन खिलाए तो अति उत्तम होगा.

पशुपति व्रत के नियम | Pashupati Vrat ke Niyam

पशुपति व्रत में पालन किए जाने वाले सभी प्रकार के नियमों को नीचे एक क्रम से बताया जा रहा है जो निम्न प्रकार के हैं जैसे,

  1. पशुपति व्रत में ब्रम्हचर्य का पालन करना बेहद जरूरी नियम बताया गया है.
  2. पशुपति व्रत को पांच सोमवार अवश्य करें.
  3. पशुपति व्रत में प्रकृति के द्वारा बनाई गई किसी भी वस्तु को नुकसान न पहुंचाए.
  4. पशुपति व्रत करते समय किसी की बुराई न करें.
  5. पशुपति व्रत में हो सके तो नदियों में स्नान करना एक प्रमुख नियम बताया गया है अगर आपके घर के आसपास नदी नहीं है तो आप घर पर ही अपने स्नान वाले जल में गंगा जल मिलाकर स्नान करें.
  6. पशुपति व्रत की पूजा आप सबसे पहले जिस मंदिर में करें अगले 5 सोमवार तक उसी मंदिर में लगातार पूजा करें.
  7. पशुपति व्रत को करते समय अपने मन कोई नकारात्मक विचार न लाए.
  8. पशुपति व्रत में किसी भी प्रकार का नशा न करें.

FAQ : पशुपति व्रत में नमक खाना चाहिए या नहीं

पशुपति जी को अन्य किस नाम से जाना जाता है?

पशुपति नाथ भगवान शिव का रूप है इसीलिए इन्हें भगवान शिव के कई तरह के प्रचलित नामों से भी जाना जाता हैं.

भगवान शिव का पशुपति नाम कैसे पड़ा है?

मान्यता है भगवान शिव एक बार कैलाश छोड़कर पशुपति स्थान पर रहने लगे थे इसीलिए इनका पशुपति नाम पड़ गया.

भगवान शिव का सबसे प्रसिद्ध मंत्र कौन सा है ?

ओम नमः शिवाय भगवान शिव का सबसे प्रसिद्ध सरल और प्रभावशाली मंत्र है.

निष्कर्ष

प्रिय मित्रों जैसा कि आज हमने इस लेख में पशुपति व्रत में नमक खाना चाहिए या नहीं टॉपिक से संबंधित जानकारी प्रदान की है जिसमें हमने काफी रिसर्च के बाद प्राप्त जानकारी में बताया है कि पशुपति व्रत में सेंधा नमक का सेवन करना चाहिए क्योंकि यह नमक प्रकृति की देन है जिसकी वजह से यह पूर्ण रूप से शुद्ध नमक है .

इसलिए इसे व्रत में खाना चाहिए साथ में इस व्रत से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी बताइ हैं अगर आप लोगों ने इस लेख को शुरू से अंत तक पढ़ा होगा तो आप लोगों को पशुपति वृत्त से संबंधित अच्छी खासी जानकारी मिल गई होगी जिसे पढ़ने के बाद आप लोग पशुपति व्रत को विधिवत तरीके से कर सकते हैं. तो मित्रों हम उम्मीद करते हैं आप लोगों को हमारे द्वारा बताई गई जानकारी पसंद आई होगी साथ में उपयोगी भी साबित हुई होगी.

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