प्रेग्नेंट होने पर दिखते है ये 11 लक्षण : माँ बनने की निशानी | Pregnancy symptoms in hindi


प्रेगनेंसी के लक्षण इन हिंदी : pregnancy symptoms in hindi : कई बार ऐसा होता है जब महिलाएं गर्भ धारण कर लेते हैं परंतु प्रारंभिक तौर पर उन्हें पता नहीं चलता है.

प्रेगनेंसी के लक्षण इन हिंदी

क्योंकि गर्भ के लगभग 1 से 2 महीने तक गर्भ के विशेष लक्षण प्रकट नहीं होते हैं ऐसे में गर्भधारण होने पर महिला को जानकारी कैसे हो सकती है, pregnancy symptoms क्या हो सकते हैं?

अपनी गर्भ की जांच के लिए महिला को कई सारे प्राथमिक टेस्ट बाजार में मेडिकल स्टोर पर मिल जाते हैं जिनसे हम यह पता कर सकते हैं कि आप गर्भवती हैं या नहीं। गर्भधारण करने के बाद कई बार महिलाओं को Pregnancy symptoms in Hindi की जानकारी नहीं हो पाती है।

प्रेगनेंसी के प्रारंभिक लक्षण सभी महिलाओं में अलग अलग दिखाई देते हैं परंतु कुछ लक्षण सामान्य से एक जैसे होते हैं देखा जाए तो प्रेगनेंसी के 1 महीने बाद यदि मासिक नहीं आता है तो महिला प्रेग्नेंट हो सकती हैं।


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इसके अलावा अगर 1 महीने के बाद जी मिचलाना, एलर्जी होना, मॉर्निंग सिकनेस, ब्रेस्ट में दर्द जैसे लक्षण प्रेगनेंसी के लक्षण होते हैं जिनसे यह पता चल जाता है कि आप गर्भवती हैं।

प्रेगनेंसी के लक्षण इन हिंदी | Pregnancy symptoms in Hindi

यदि कोई भी महिला प्रेग्नेंट है और प्रारंभिक लक्षण नहीं समझ पाती है तो यहां पर हम आपको कुछ ऐसे pregnancy symptoms in Hindi बताएंगे इसे देखकर आप यह पता लगा सकती है कि आप गर्भवती हैं अथवा नहीं।


1. मासिक धर्म का रुकना

जब कोई महिला प्रेग्नेंट होती है तो पहले महीने के बाद उसका मासिक धर्म रुक जाता है अर्थात सही समय पर मासिक नहीं आता है और उसके बाद भी नहीं आता है तो इस प्रकार का लक्षण प्रेग्नेंट होने का लक्षण है।

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प्रेगनेंसी के दौरान अगर पीरियड miss होता है तो इसे pregnancy symptoms in Hindi माना जाता है। ऐसे में आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करके सलाह ले सकते हैं या प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकती हैं। कई बार यह भी हो सकता है कि किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या से आपके पीरियड मिस हो जाते हैं इसलिए अगर सही समय पर पीरियड नहीं आता है तो प्रेगनेंसी टेस्ट करें और उसमें स्पष्ट ना होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

2. मॉर्निंग सिकनेस

प्रेगनेंसी के प्रारंभिक दौर में मॉर्निंग सिकनेस की भी समस्या देखी जाती है यह समस्या लगभग गर्भधारण के 1 महीने बाद प्रारंभ होती हैं इसे भी pregnancy symptoms in Hindi माना जाता है।

हालांकि प्रत्येक महिला में इस तरह के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं क्योंकि बहुत से महिलाओं में गर्भधारण करने के पहले ही मॉर्निंग सिकनेस दिखाई देती है वही कुछ महिलाओं में बाद में दिखाई देती है परंतु कुछ महिलाओं में मॉर्निंग सिकनेस की समस्या ही नहीं होती है।

3. जी मिचलाना

ज्यादातर महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान जी मिचलाता है कई बार तो महिलाओं को चक्कर आने लगते हैं हालांकि यह समस्या सभी महिलाओं में नहीं पाई जाती है लेकिन जी मिचलाना प्रेगनेंसी का लक्षण है.

डकार

प्रेगनेंसी के प्रारंभिक काल में हारमोंस ने बदला होता है जिसकी वजह से गर्भ के दौरान चक्कर आना या जी मिचलाना जैसी प्रॉब्लम होती है।

4. पेशाब लगना

जब कोई महिला ओवुलेशन प्रक्रिया के बाद गर्भधारण करती हो तो शुरुआत के दिनों में कई बार पेशाब के लिए जाना पड़ता है यह प्रेगनेंसी होने का लक्षण है

5. थकान महसूस करना

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प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण के रूप में थकान महसूस होती है क्योंकि प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है जिससे आपको अधिक थकान का अनुभव मिलता है साथ ही आपको नींद अधिक लगती है।

6. ब्रेस्ट और निप्पल्स में दर्द होना

( यह लेख आप OSir.in वेबसाइट पर पढ़ रहे है अधिक जानकारी के लिए OSir.in पर जाये  )

गर्भधारण करने की एक महीने बाद प्रत्येक महिला के ब्रेस्ट और निपल्स में दर्द होता है और निपल्स का रंग बदल जाता है हालांकि ब्रेस्ट में संवेदनशीलता के कारण दर्द महसूस होता है.

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कुछ समय के बाद बेस्ट और निपल्स में दर्द कम होने लगता है और धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है क्योंकि ज्यों ज्यों भ्रूण का विकास होता है हारमोंस अपनी स्थिति में आना शुरू होते हैं।

7. मनपसंद भोजन से एलर्जी

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गर्भधारण करने के बाद शुरुआत के दिनों में प्रत्येक महिला को कई प्रकार के मन पसंद और नापसंद भोजन से एलर्जी हो जाती है कुछ महिलाओं को अपने बहुत पसंद भोजन से ही एलर्जी होती है और जो कभी नहीं खाने की इच्छा होती थी उसकी इच्छा होने लगती है यह लक्षण प्रेगनेंसी का लक्षण है।

8. मूड का उतार-चढ़ाव

गर्व के शुरुआती लक्षणों में महिला का मूड बदलता रहता है जिसकी वजह से कभी हंसना रोना या भावनात्मक व्यवहार करती है विलक्षण ही हार्मोन के कारण होता है। महिलाओं में गर्भधारण का यह शुरुआती लक्षण माना जाता है।

9. इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग

pregnancy symptoms in Hindi के रूप में इंप्लांटेशन ब्लीडिंग अर्थात हल कर रक्तस्राव की समस्या होती है क्योंकि जब पहली बार गर्भाशय में भ्रूण बनता है तो ब्लड वेसल्स को बाधित करता है जिससे इंप्लांटेशन ब्लीडिंग होती है.

बादी बवासीर

इस दौरान अगर हल्की भी होती है तो पीरियड की बिल्डिंग से ब्लड का रंग बदला हुआ दिखाई देता है इससे pregnancy symptoms का पता चलता है। यह समस्या गर्भधारण करने के 14 दिन बाद देखने को मिलती है।

10. सिर दर्द और भारीपन

eye pain

Hormone यह परिवर्तन के कारण और शुरुआती गर्भावस्था के दौरान रक्त संचार बढ़ जाता है जिसकी वजह से सिर दर्द और भारीपन महसूस होता है साथ ही कई बार तेज दर्द के साथ थकान महसूस होती है। यह लक्षण pregnancy symptoms माना जाता है।

11. उल्टी कब्ज की शिकायत

ult

गर्भधारण करने के बाद महिलाओं की पाचन प्रक्रिया कमजोर होने लगती है. जिसकी वजह से उल्टी कब्ज जैसी समस्याएं होती हैं और महिलाओं को ब्लोटिंग या गैस की समस्या बनती है। pregnancy symptoms in Hindi के रूप में मानी जाती हैं।

FAQ : pregnancy symptoms in hindi

मासिक आने के बाद कितने दिन तक महिला प्रेग्नेंट हो सकती है ?

फिलहाल यह तो महिला में ओवुलेशन पर निर्भर करता है अगर पीरियड सही समय पर है तो 12 से 14 दिन के बाद अगर महिला अपने साथी से संबंध बनाती है तो प्रेग्नेंट हो सकती हैं।

प्रेग्नेंट होने पर कैसे टेस्ट करें ?

अगर कोई महिला प्रेग्नेंट है और उसे प्रेग्नेंट होने का टेस्ट करना है तो प्रेगनेंसी किट आती है जिस पर प्रातः काल महिला अपने मूत्र के माध्यम से पता कर सकते हैं। प्रेगनेंसी किट में यदि दी गई 3 लाइनें में से दो लाल होती हैं तो निश्चित है कि वह महिला प्रेग्नेंट है।

कितने दिनों में प्रेगनेंसी के लक्षण स्पष्ट होते हैं ?

ओवुलेशन के बाद अगर कोई महिला प्रेगनेंट होती है तू अगला मासिक धर्म नहीं होता है उसके बाद लगभग 10 से 14 दिन के अंदर प्रेगनेंसी के लक्षण पता चल जाते हैं।

निष्कर्ष

महिलाओं में प्रेगनेंसी को लेकर कई प्रकार से समस्याएं होती हैं कभी-कभी महिलाओं में मासिक आने में अनियमितता होती हैं जिसकी वजह से हुई महिला प्रेगनेंसी को निर्धारित करने में असहज महसूस करती हैं।

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ऐसे में जब भी कोई महिला माहवारी के 10 से 12 दिन के अंदर अपने पार्टनर से संबंध बनाती है तो प्रेग्नेंट होने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं लेकिन जब अगले मासिक तक आपको pregnancy symptoms दिखाई देने लगे तो आप उसकी जांच अवश्य कराएं।

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