Shivling ka shringar kaise kare ? | शिवलिंग का श्रृंगार कैसे करें ? : हेलो मित्रों नमस्कार आज मैं इस आर्टिकल में शिवलिंग का श्रंगार कैसे करें ? इस महत्वपूर्ण टॉपिक से संबंधित जानकारी प्रदान करूंगी. जिसमें मैं शिवलिंग का श्रंगार करने की संपूर्ण सामग्री से लेकर शिवलिंग का श्रृंगार करने की संपूर्ण विधि बताएंगे, ताकि आप लोग इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से शिवलिंग का श्रृंगार कैसे किया जाता हैं ? इस जानकारी को भलीभांति प्राप्त करने में सक्षम हो सकें.
शास्त्रों में शिवलिंग को ब्रह्मांड की आकृति माना गया है. जिसे भगवान शिव और माता पार्वती का स्वरूप माना जाता है, मान्यता है कि शिवलिंग की विधिवत पूजा अर्चना करने से जातक को भगवान शिव और माता पार्वती की असीम कृपा प्राप्त होती है.
तो वही शिव पुराण में शिवलिंग के श्रृंगार का विशेष महत्व बताया गया है, कहां गया है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए जो कार्य दिन भर में वेदों और मंत्रों से संभव नहीं हो सकता है. उस कार्य को शिवलिंग श्रंगार मात्र से संभव किया जा सकता हैं, क्योंकि भगवान शिव को श्रृंगार अति प्रिय है. इसीलिए हर साल महाशिवरात्रि और सावन जैसे पावन महीने में भगवान शिव के श्रद्धालु भक्त अपनी-अपनी श्रद्धा भक्ति के अनुसार शिवलिंग का श्रृंगार करके भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त करते हैं.
ऐसे में यदि आप लोग भी शिवलिंग श्रृंगार करके महादेव का आशीर्वाद और कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए यहां पर शिवलिंग श्रृंगार की सबसे सरल एवं उचित विधि नीचे एक विस्तार से बताई जा रही है कृपया संपूर्ण आर्टिकल पढ़कर शिवलिंग श्रृंगार जानकारी को पुनः प्राप्त करें.
- 1. शिवलिंग का श्रृंगार कैसे करें ? | Shivling ka shringar kaise kare ?
- 2. शिवलिंग श्रृंगार करने के लाभ | Shivling shringar karne ke labh
- 3. शिवलिंग पर क्या न चढ़ाए ? | Shivling par kya na chadhaye
- 3.1. 1. तुलसी की पत्तियाँ
- 3.2. 2. कुमकुम या सिंदूर
- 3.3. 3. हल्दी ना चढ़ाएं
- 3.4. 4. केतकी के फूल
- 3.5. 5. नारियल का पानी
- 3.6. 6. शंख से जल
- 4. FAQ: शिवलिंग का श्रृंगार कैसे करें ?
- 4.1. भगवान शिव को सप्ताह का कौन सा दिन समर्पित है ?
- 4.2. शिवलिंग पर शक्कर चढ़ाने से क्या होता है ?
- 4.3. शिवलिंग पर कौन से लोटे से जल चढ़ाना चाहिए ?
- 5. निष्कर्ष
शिवलिंग का श्रृंगार कैसे करें ? | Shivling ka shringar kaise kare ?
शिव पुराण शिवलिंग श्रृंगार लिए 6 से 7 प्रकार की विधिया बताइ गई हैं. जिनमें से मैं सबसे सरल विधि के माध्यम से शिवलिंग का श्रृंगार करने के विषय में बता रही हूं, ताकि हर कोई शिवलिंग का श्रंगार करके भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त कर सके शिवलिंग श्रृंगार करने की संपूर्ण उचित विधि नीचे बताई जा रही है. जो कुछ इस प्रकार से है जैसे,
शिवलिंग का श्रृंगार करने के लिए सबसे पहले स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
- स्नान आदि से निवृत होने के पश्चात सबसे पहले शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करके शिवलिंग को साफ जल और गंगाजल के मिश्रण वाले जल से स्नान करवाएं. यह प्रक्रिया करते समय आपने आप में ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करते रहे.
- शिवलिंग को गंगाजल से स्नान करवाने के बाद किसी साफ-सुथरे कपड़े से शिवलिंग का पानी पोंछ दे.
- शिवलिंग को साफ सुथरा करने के पश्चात शिवलिंग पर पीले चंदन, भस्म से त्रिपुण्ड बनाकर शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा ,चावल और हरसिंगार के सफेद ताजे पुष्प चढ़ाएं.
- शिवलिंग की सजावट करने के बाद शिवलिंग के समक्ष मेवा, मिश्री, किशमिश का भोग लगाएं, इसके अलावा आप भांग, कच्चा दूध, हलवा या फिर फल में कोई भोग लगा सकते हैं.
- शिवलिंग की सजावट होने के बाद गाय के दूध से बने देसी घी से दीपक जलाकर शिवलिंग के समक्ष स्थापित कर दें.
- इतनी प्रक्रिया करने के बाद आप कपूर जलाकर भगवान शिव की संपूर्ण आरती करें.
- शिवलिंग की आरती करने के बाद शिवलिंग के समक्ष आसन लगाकर नीचे बताए जा रहे हैं, मंत्र का 180 बार जाप करें
मंत्र
ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
8 .इस का जाप करें। इस मंत्र का जाप करने से अकाल मृत्यु के भय से सुरक्षा प्राप्त होती है.
9. इस मंत्र जाप की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भगवान शिव के नाम का प्रसाद अपने आसपास के लोगों में अर्पित करें और खुद भी प्रसाद को ग्रहण करके शिवलिंग की सजावट के साथ-साथ शिवलिंग की पूजा को भी सफल बनाएं.
शिवलिंग श्रृंगार करने के लाभ | Shivling shringar karne ke labh
भगवान शिव को पूजने वाले भक्त महादेव की कृपा प्राप्त करने के लिए तरह-तरह के उपाय अपनाते हैं. जिनमें से शिवलिंग का श्रंगार करना भी महादेव को प्रसन्न करने का एक बहुत ही प्रभावशाली उपाय है .
क्योंकि भगवान शिव को अपना श्रृंगार अति प्रिय है. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति अपनी क्षमता और श्रद्धा भक्ति अनुसार शिवलिंग का श्रृंगार करता है तो उस व्यक्ति को भगवान शिव का आशीर्वाद और कृपा प्राप्त होने के साथ-साथ कई प्रकार के अद्भुत लाभ भी प्राप्त होते हैं. जिनके विषय में नीचे एक क्रम से बताया जा रहा है जैसे,
- शिवलिंग का श्रृंगार करने से मानसिक शांति मिलती है.
- शिवलिंग श्रृंगार में बेलपत्र को शामिल करने से 3 जन्मों के पाप नष्ट होते हैं.
- शिवलिंग श्रृंगार में फल शामिल करने से योग्य संतान की प्राप्ति होती है.
- शिवलिंग श्रृंगार से पहले पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करने पर समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
- भगवान शिव की सबसे प्रिय चीज़ भांग है. ऐसे में शिवलिंग श्रृंगार में भांग को शामिल करने से बड़े से बड़े शत्रु पर विजय प्राप्त की जा सकती है.
- भस्म से शिवलिंग का श्रृंगार करने से 60 हजार हाथियों के बराबर बल प्राप्त होता है.
- अगर आप अपनी श्रद्धा भक्ति के अनुसार शिवलिंग का श्रृंगार करते हैं तो आपको शिवलिंग श्रृंगार के अनुसार पुण्य अवश्य प्राप्त होगा.
शिवलिंग पर क्या न चढ़ाए ? | Shivling par kya na chadhaye
शिव पुराण में 6 ऐसी वस्तुएं बताई गई है. जिन्हें शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव अत्यधिक क्रोध में आ जाते हैं क्योंकि उन वस्तुओं से भगवान शिव की बैर होती है.
ऐसे भगवान शिव के प्रति भक्ति और श्रद्धा रखने वाले सभी भक्तों को मालूम होना चाहिए कि शिवलिंग पर क्या-क्या सामग्री चढ़ती है. और क्या-क्या नहीं चढ़ती है ? ताकि आपसे शिवलिंग श्रृंगार और पूजा में किसी भी प्रकार की भूल चूक ना हो.
क्योंकि भगवान शिव भूल चूक माफ नहीं करते हैं इसलिए हम यहां पर उन सामग्री के विषय में बता रहे हैं. जो शिवलिंग पर नहीं चढ़ाई जाती, वह सामग्री कुछ इस प्रकार से है जैसे,
1. तुलसी की पत्तियाँ
भगवान शिव पर तुलसी ना चढ़ाने को लेकर ऐसी मान्यता है कि जालंधर नाम का एक असुर था. जो सभी देवी-देवताओं पर अत्याचार करता था, लेकिन जालंधर की पत्नी वृंदा की पवित्रता की तपस्या के कारण उसको कोई मार नहीं पा रहा था. तब भगवान शिव के अनुरोध पर भगवान विष्णु ने वृंदा के पति जालंधर का रूप धारण करके वृंदा की तपस्या को भंग कर दिया था.
जब वृंदा को पता चला कि उसकी तपस्या भंग करने वाले विष्णु है. तब वह इस छल को को बर्दाश्त नहीं कर पाई, जिसके कारण वह अग्नि में सती हो गई , वृंदा जिस स्थान पर सती हुई थी. उस स्थान पर तुलसी का एक पौधा उग आया था.
जिसमे से आजव आई की शिव पूजा में तुलसी की पत्तियां कभी चढ़ेगी, यह शब्द वृंदा ने भगवान को श्राप रूप में बोले थे, इसलिए शिव पूजा और शिवलिंग सजावट में तुलसी की पत्तियां कभी नहीं अर्पित की जाती हैं.
2. कुमकुम या सिंदूर
लगभग सभी देवी-देवता की पूजा में कुमकुम और सिंदूर पूजा सामग्री की आवश्यकता होती है लेकिन भगवान शिव को भूलकर भी कुमकुम और सिंदूर नहीं लगाना चाहिए . क्योंकि शिव पुराण में भगवान शिव को विनाशक बताया गया है, ऐसे में भगवान शिव को सिंदूर या कुमकुम चढ़ाना, आपके जीवन में घोर विनाश का कारण बन सकता है इसीलिए भगवान शिव को भूलकर भी कुमकुम और सिंदूर ना चढ़ाएं.
3. हल्दी ना चढ़ाएं
शास्त्रों में बताया गया है कि शिवलिंग पुरुष प्रतीक है जबकि हल्दी स्त्री का प्रतीक है इसलिए इसे शिवलिंग पर नहीं चढ़ाया जाता है.
4. केतकी के फूल
बताया जाता है कि एक बार भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी के बीच विवाद चल रहा था. जिसमें ब्रह्मा जी का कहना था कि मैं समस्त देवताओं में सबसे बड़ा हूं, तो वही विष्णु जी का कहना था कि समस्त देवताओं में मैं बड़ा हूं.
जब भगवान शिव ने ब्रह्मा और विष्णु के इस विवाद को देखा, तब वहां पर भगवान शिव प्रकट हो गए और उनके इस विवाद को समाप्त करने के लिए भगवान शिव ने वहां पर एक ज्योतिर्लिंगा उत्पन्न किया और कहां आप दोनों में से जो इस ज्योतिर्लिंगा का आदि और अंत बता देगा वही सबसे बड़ा कहलाएगा.
भगवान शिव की इस बात को सुनकर ब्रह्मा जी शिवलिंग के नीचे की ओर ज्योतिर्लिंगा का आदि और अंत ढूंढने के लिए निकल पड़े और विष्णु जी शिवलिंग के ऊपर की ओर प्रस्थान किया .
जब ब्रह्मा जी शिवलिंग के काफी नीचे पहुंच गए तो देखा कि केतकी का फूल भी उनके साथ साथ नीचे आ रहा था. तब ब्रह्मा जी ने किसी तरह से केतकी के फूल को बहला-फुसलाकर भगवान शिव से ज्योतिर्लिंगा का आदि और अंत ढूंढ निकालने की बात को लेकर झूठ बोलने पर मना लिया.
इस तरह से ब्रह्मा जी केतकी के फूल को लेकर शिव भगवान के पास वापस आ गए और कहा कि हमने ज्योतिर्लिंगा का आदि और अंत ढूंढ निकाला है. इसका साक्षी यह केतकी का फूल है, जबकि सच तो यह है कि ज्योतिर्लिंगा का कोई आदि और अंत था ही नहीं.
इसलिए भगवान शिव ने ब्रह्मा जी के झूठ बोलने पर उनका एक सर काट लिया था और केतकी के फूल को यह श्राप दिया था कि शिव पूजा में कभी भी केतकी के पुष्प नहीं चढ़ाए जाएंगे. तब से लेकर आज तक शिवलिंग पर या शिव पूजा में केतकी के फूल नहीं चढ़ाए जाते हैं.
5. नारियल का पानी
शिव पूजा में सभी चीजें निर्मल होनी चाहिए यानी कि जिन्हें पूजा के बाद सेवन न किया जाए लेकिन नारियल के पानी को अधिकतर सभी लोगों प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं, इसीलिए शिवलिंग पर नारियल नहीं चढ़ाया जाता है .
दूसरी वजह यह भी बताया जाता है कि नारियल के पानी को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. जो भगवान विष्णु की अर्धांगिनी है इसीलिए शिवलिंग पर नारियल नहीं चढ़ाया जाता है.
6. शंख से जल
लगभग सभी देवी-देवताओं की पूजा में शंख का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन शिव पूजा में शंख से जल अर्पित करना वर्जित बताया गया है . ऐसा इसलिए क्योंकि भगवान शिव ने अपने हाथों से शंखचूर राक्षस का वध किया था, जो शख का प्रतीक माना जाता है इसीलिए भगवान शिव की पूजा में शंख से जल अर्पित करने की मनाही है.
FAQ: शिवलिंग का श्रृंगार कैसे करें ?
भगवान शिव को सप्ताह का कौन सा दिन समर्पित है ?
शिवलिंग पर शक्कर चढ़ाने से क्या होता है ?
शिवलिंग पर कौन से लोटे से जल चढ़ाना चाहिए ?
निष्कर्ष
दोस्तों जैसा कि आज हमने इस लेख में शिवलिंग का श्रृंगार कैसे करें ? टॉपिक से संबंधित जानकारी प्रदान की है जिसमें हमने शिवलिंग का श्रृंगार करने की सबसे सरल और प्रभावी विधि बताई है, जिसकी सहायता से कोई भी व्यक्ति शिवलिंग का श्रृंगार बड़े ही आसानी से करके भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकता है.
हालांकि हर व्यक्ति अपनी श्रद्धा भक्ति और क्षमता के अनुसार शिवलिंग का श्रृंगार कर सकता है लेकिन शिवलिंग श्रृंगार में यह बात अवश्य याद रखें कि आपको शिवलिंग श्रृंगार में कौन-कौन सी चीजें चढ़ानी चाहिए ? और कौन-कौन सी चीजें नहीं चढ़ानी चाहिए ?
क्योंकि शिव पुराण के अनुसार शिवलिंग पर कुछ चीजें चढ़ाने की मनाही बताई गई है. जिन्हें मैंने इस लेख ने बताया है अगर आप लोगों ने इस लेख को शुरू से अंत तक पढ़ा होगा तो आप लोगों को शिवलिंग श्रृंगार के विषय में अच्छी खासी जानकारी प्राप्त हो गई होगी.
तो मित्रों हम उम्मीद करते हैं कि आप लोगों को हमारे द्वारा बताई गई जानकारी पसंद आई होगी साथ में उपयोगी भी साबित हुई होगी.