अल्ट्रासाउंड में लड़का होने के लक्षण | Ultrasound me ladka hone ke lakshan : अल्ट्रासाउंड में लड़का होने के लक्षण कैसे दिखते हैं अल्ट्रासाउंड के माध्यम से गर्भ में पल रहे लड़के की पहचान कैसे करते हैं आइए हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से इस विषय पर जानकारी देंगे।
जब भी कोई महिला गर्भ धारण करती है तो प्रथम 3 माह तक लिंग परीक्षण अल्ट्रासाउंड के माध्यम से किया जा सकता है हालांकि पहले 2 माह गर्भ में पल रहे शिशु का लिंग पता नहीं चलता है लेकिन तीसरे महीने के बाद लड़का या लड़की होने के लक्षण स्पष्ट होने लगते हैं जिससे यह पता चल जाता है कि लड़का है या लड़की।
गर्भधारण करने के बाद हर माता-पिता की एक ख्वाहिश होती है कि गर्भ में पढ़ने वाले बच्चे के लिंग की जानकारी हो जाए हालांकि लिंग परीक्षण करना कानूनी अपराध है इसलिए अल्ट्रासाउंड के माध्यम से कोई भी डॉक्टर लिंग परीक्षण नहीं करता है फिर भी कई बार डॉक्टर गर्भ में पल रहे शिशु के लिंग के बारे में जानकारी दे देते हैं।
गर्भवती मां का जब डॉक्टर के द्वारा अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी जाती है तो वह निश्चित रूप से अल्ट्रासाउंड कराती है और गर्भावस्था के दौरान कम से कम 3 से 4 बार अल्ट्रासाउंड कराया जाता है जिससे बच्चे की स्थिति की जानकारी की जा सके। Ultrasound के माध्यम से बच्चे के स्वास्थ्य और विकास पर जानकारी किया जाता है।
नोट : भारत में लिंग परीक्षण करना और करवाना दोनो ही अपराध है इसलिए इस लेख का दुरुपयोग करने पर पाठक स्वयं जिम्मेदार होगा यहां पर जानकारी केवल एजुकेशनल परपज के लिए दी गई है.
अल्ट्रासाउंड में लड़का होने के लक्षण | Ultrasound me ladka hone ke lakshan
दोस्तों जब कोई भी माता-पिता अगर गर्भ में पल रहे बच्चे के बारे में जानकारी करना चाहते हैं तो अल्ट्रासाउंड एक ऐसी व्यवस्था है जिसके माध्यम से हम लिंग की जानकारी कर सकते हैं लेकिन लिंग परीक्षण अपराध है इसलिए आप अल्ट्रासाउंड से कैसे पता करेंगे कि गर्भ में पलने वाला बच्चा लड़का है।
आज भारत में लगभग हर महिला गर्भवती होने के बाद अल्ट्रासाउंड जांच जरूर करवाती है जैसे ही गर्व के 3 महीने पूर्ण होते हैं हर डॉक्टर उस महिला को अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह देता है क्योंकि उसी के माध्यम से बच्चे के स्वास्थ्य और विकास पर ध्यान दिया जाता है लेकिन लिंग परीक्षण नहीं किया जाता है.
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इसीलिए ज्यादातर महिलाएं बच्चे के लिंग के बारे जानकारी करने का प्रयास करते रहती हैं। अल्ट्रासाउंड के बारे में केवल डॉक्टर्स को पता होता है लेकिन सामान्य व्यक्ति इन बातों को नहीं समझ सकता है कि अल्ट्रासाउंड में लड़का होने के क्या लक्षण है ?
बच्चे की उम्र हृदय की धड़कन भार और उसकी स्थिति आदि के बारे में अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट से पता चल जाता है कि गर्भ में पलने वाला बच्चा लड़का है. हर गर्भवती मां चाहती है कि उसके गर्भ में पलने वाले बच्चे के लिंग की जानकारी हो जाए और उसका पिता भी इस विषय में जानने के लिए बेहद इच्छुक होता है।
भारत में लिंग परीक्षण कानूनी अपराध कर दिया गया है क्योंकि बहुत से लोग लड़कों की चाहत में गर्भपात करा देते थे। इसीलिए आज अल्ट्रासाउंड कराने के बाद किसी भी हॉस्पिटल के डॉक्टर लिंग की जानकारी नहीं देते हैं।
लेकिन जब अल्ट्रासाउंड से स्कैन किया जाता है तो अनुमान के आधार पर लड़का या लड़की होने के लक्षण बता देते हैं। अल्ट्रासाउंड में लड़का होने के लक्षण अनुभव के आधार पर कुछ लक्षणों को देखकर बता सकते हैं, आइए हम उन लक्षणों के बारे में जानते हैं :
1. भ्रूण के सिर की आकर
लिंग परीक्षण जहां कानूनी अपराध है वही अल्ट्रासाउंड कराने के बाद अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट देखने पर भ्रूण के सिर से लड़का और लड़की होने का पता लग जाता है। कई डॉक्टरों ने कई गर्भवती महिलाओं पर अल्ट्रासाउंड करके इस बात की पुष्टि की है कि अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देखने पर अगर बच्चे का सिर बड़ा दिखाई देता है तो लड़का होता है।
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अल्ट्रासाउंड में लड़का होने के लक्षण तीसरे महीने में स्पष्ट किया जा सकता है क्योंकि तीसरे महीने में बच्चे के आवश्यक अंगों का निर्माण शुरू हो जाता है जिसमें सिर्फ बड़ा दिखाई देने लगता है अर्थात लड़की की अपेक्षा लड़की का सिर भ्रूण अवस्था में बड़ा होता है।
2. नब लिंग परीक्षण
नव लिंग परीक्षण के माध्यम से लड़का होने के लक्षण पता चल जाते हैं 3 महीने के बाद गर्भ के अंदर बच्चे के पैरों के बीच में एक ट्यूबरकल नाम का जननांग विकसित होता है जिसे नब कहा जाता है जिससे पता चलता है कि गर्भ में लड़का है।
अल्ट्रासाउंड करने वाले अनुभवी अनुभवी डॉक्टर यह बताते हैं कि भ्रूण अवस्था में जब बच्चे का नब का कोण रीड की हड्डी से 30°अधिक बनता है तो यह लड़का होने का संकेत है। जब अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट बनाई जाती है तो उसमें नव लिंग परीक्षण स्पष्ट कर देता है कि लड़का है या लड़की।
3. टर्टल या हैमबर्गर
अधिकांश अल्ट्रासाउंड करने वाले डॉक्टर 3 महीने से अधिक गर्भ की जांच करते हैं तो गर्भ में बच्चे के हाथ और पैरों के फैलाव को देखकर स्पष्ट करते हैं कि लड़का है लड़की माना जाता है कि अल्ट्रासाउंड करने पर लड़का होने की स्थिति में हाथ पैर ज्यादा खुले होते हैं या फैले होते हैं।
लड़का या लड़की के हाथ और पैरों का फैलाव हैमबर्गर कहलाता है इस आकृति को देखकर अल्ट्रासाउंड में लड़का होने के लक्षण पता होते हैं इसके साथ अन्य छोटी छोटी बातें भी लिंग की सही पहचान करते हैं।
4. बच्चे के दिल की धड़कन
दिल की धड़कन के आधार पर अल्ट्रासाउंड में लड़का होने के लक्षण स्पष्ट हो जाते हैं 3 महीने के बाद अल्ट्रासाउंड परीक्षा किया जाता है तो बच्चे के दिल की धड़कन 140 bpm से नीचे होती है तो लड़का होगा. यह परीक्षण अल्ट्रासाउंड डॉक्टर एक परफेक्ट लक्षण बताते हैं यानी कि होने वाली संतान लड़का ही होगा। इससे कम धड़कन होने पर लड़की होने का संकेत मिलता है।
5. एरेटिक पेनिस
जब गर्भ में बच्चा 4 से 5 महीने से ऊपर हो जाता है तो अल्ट्रासाउंड कराने से लिंग सही से देखा जाता है परंतु यह बात केवल डॉक्टर ही बता सकता है लेकिन सामान्य रूप से जानकारी नहीं देते हैं परंतु अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग से पता चल जाता है कि गर्भ में लड़का है।
एरेटिक पेनिस के द्वारा आसानी से गर्भ में लड़का है या लड़की इस बात का पता लगाया जा सकता है. एरेटिक पेनिस की जांच होने पर स्पष्ट रूप से पता चलता है कि लड़का होगा क्योंकि इस दौरान पेनिस का निर्माण होने लगता है जब बच्चा 4 से 5 महीने का हो जाता है।
लड़का होने के अन्य लक्षण | Ladka hone ke any lakshan
सामान्य तौर पर भारत में लिंग परीक्षण कराना कानूनी अपराध है इसलिए आज के समय में कहीं पर भी लिंग परीक्षण नहीं किया जाता है इसलिए अल्ट्रासाउंड में लड़का होने के लक्षण स्पष्ट नहीं किए जाते हैं.
परंतु अन्य कई तरीके पूर्वजों से ज्ञात है कि गर्भ में लड़का है कि लड़की। आइए कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बताते हैं जिन से गर्भ में लड़का होने के लक्षण स्पष्ट होते हैं।
- एक गर्भवती महिला के पेट में अगर लड़का होता है तो यह बताया जाता है कि अगर पेट का निचला हिस्सा ज्यादा उभरा हुआ होता है तो लड़का होने का संकेत है।
- लोगों का मानना है कि अगर गर्भवती महिला का शरीर और पैर ठंडा रहता है तो गर्भ में लड़का होने का लक्षण है।
- लोगों का मानना है कि अगर गर्भवती महिला के यूरिन को बेकिंग सोडा में डाला जाता हैं तो झाग नही होता है तो गर्भ में लड़का होता है।
- यदि महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान भूख कम लगती है, जी मचल आता है उल्टियां होती हैं तो गर्भ में लड़का होने का प्रमाण मिलता है परंतु इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
- अगर किसी भी महिला का यूरिन गर्भावस्था के दौरान अगर बुखार नहीं है फिर भी पेशाब का रंग अधिक पीला है तो यह संकेत लड़का होने का माना जाता है।
FAQ : अल्ट्रासाउंड में लड़का होने के लक्षण
गर्भ में लड़का और लड़की की धड़कन कितनी होती है ?
गर्भ में लड़का किस साइड रहता है ?
गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड कब कराया जाता है ?
निष्कर्ष
भारत जैसे देश में अल्ट्रासाउंड ही एक ऐसी तकनीक है जिसके माध्यम से गर्भ में पल रहे शिशु के लिंग की जानकारी होती है लेकिन डॉक्टर इसकी जानकारी नहीं देते हैं ऐसे में अल्ट्रासाउंड में लड़का होने के लक्षण की जानकारी नहीं मिल पाती है।
परंतु स्कैन इनके द्वारा कुछ लक्षण ऐसे देखे जा सकते हैं जिनसे यह पता चल जाता है कि गर्भ में लड़का ही है जो हमारे इस आर्टिकल में आपको सुझाव दें।
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