खाटू श्याम के चमत्कार : नमस्कार दोस्तों आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से खाटू श्याम के चमत्कार बताने वाले हैं क्या आप जानते हैं कि खाटू श्याम को भगवान श्री कृष्ण का कलयुग अवतार माना जाता है खाटू श्याम से जुड़े पौराणिक कथा है खाटू श्याम का राजस्थान के सीकर जिले में भव्य मंदिर है जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते जाते रहते हैं खाटू श्याम पर लोगों को काफी विश्वास है क्योंकि खाटू श्याम सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण कर देते हैं.
इसीलिए खाटू श्याम को भगवान श्री कृष्ण के रूप में पूजा जाता है वैसे तो अपने खाटू श्याम के चमत्कार बहुत से हैं लेकिन आज हम आप लोगों को खाटू श्याम के कुछ ऐसे चमत्कार बताएंगे जो बहुत ही प्रसिद्ध है आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से खाटू श्याम के चमत्कार के बारे में बताएंगे जो बहुत कम लोगों को पता है इस लेख के माध्यम से आप यह भी जान जाएंगे कि खाटू श्याम मंदिर कहां पर है और वह कौन सी तीन चीजें हैं.
जो खाटू श्याम के मंदिर से अगर आपको मिल गई तो आपकी जिंदगी बन जाएगी। अगर आप इन सारे विषयों के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें क्योंकि आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से खाटू श्याम के चमत्कार के बारे में बताने वाले हैं तो आइए जानते हैं कि खाटू श्याम के चमत्कार कौन-कौन से हैं।
खाटू श्याम कौन है ? | Khatu shyam kaun hai
ऐसा कहा जाता है कि खाटू श्याम पांडु के पुत्र भीम के पौत्र थे इन्हें भगवान श्री कृष्ण का वरदान मिला था कि वह कलयुग में अपने नाम से जाने जाएंगे इसीलिए आज के कलयुग में इन्हें खाटू श्याम के नाम से जाना जाता है खाटू श्याम का संबंध महाभारत काल से है।
खाटू श्याम पूजा विधि | Khatu shyam puja vidhi
- अगर आपको खाटू श्याम की पूजा करना चाहते हैं तो इसके लिए आप सबसे पहले खाटू श्याम की मूर्ति को साफ सुथरा करके उन्हें अपनी मंदिर में विराजमान कर ले।
- चंदन या फिर सिंदूर लगाएं उसके बाद पुष्प अर्पित करें पुष्प अर्पित करने के बाद अगरबत्ती या फिर धूप जलाएं उसके बाद एक घी का दीपक जलाएं उसके बाद खाटू श्याम को पुष्पों की माला पहनाएं और उन्हें कच्चा दूध चढ़ाए जाने के बाद भोग सामग्री प्रसाद यह सब सामान तैयार करके उनके सामने रख दें।
- उसके बाद खाटू श्याम की मूर्ति को पंचामृत या फिर दूध दही से स्नान कराएं
- नहलाने के बाद उन्हें साफ-सुथरे वस्त्र पहनाए।
- उसके बाद खाटू श्याम को पुष्पों की माला अर्पित करें फूल चढ़ाएं धूप दीप जलाएं फिर खाटू श्याम को धूपबत्ती दिखाएं।
- खाटू श्याम को भोग में सबसे पहले कच्चा दूध और उसके बाद भोग प्रसाद सामग्री चढ़ाएं।
- खाटू श्याम को भोग लगाने के बाद उनकी आरती करें और उनकी वंदना करें।
खाटू श्याम के चमत्कार की कहानी | Khatu shyam ke chamatkar
खाटू श्याम के चमत्कार निम्न प्रकार के हैं अगर आप उन्हें विस्तार से जानना चाहते हैं तो नीचे दिए गए बिंदुओं को अवश्य पढ़ें। एक बार की बात है जब लक्ष्य ग्रह की घटना के बाद पांडव बन बन भटक रहे थे तब उसी उसी समय उनकी मुलाकात हिडिम्बा राक्षस से हुई थी और वह भीम से विवाह करना चाहती थी।
हिडिम्बा राक्षसी का विवाह भीम से हुआ माता कुंती की आज्ञा से इन दोनों का विवाह होने के बाद इन्हें घटोत्कच नामक एक पुत्र हुआ था उसके बाद घटोत्कच बर्बरीक का जन्म हुआ जो उनके पिता से भी ज्यादा शक्तिशाली था।
देवियों का बहुत बड़ा भक्त बर्बरीक था देवियों का भक्त होने के कारण बर्बरीक को एक वरदान मिला था जो कि था तीन दिव्य बाढ़ की प्राप्ति उसे हुई थी उसने उस बाण को अपने लक्ष्य को भेद कर वापस लौट आते थे जिसकी वजह से वह अजय हो जाता था महाभारत के युद्ध में भी बर्बरीक युद्ध लड़ने के लिए कुरुक्षेत्र गया था लेकिन यह बात श्रीकृष्ण जानते थे कि बर्बरीक युद्ध में शामिल अवश्य होगा और युद्ध का परिणाम पांडवों के विरोध में ही होगा इसीलिए श्रीकृष्ण ने बर्बरीक को रोकने के लिए ब्राह्मण का रूप लिया था उसके बाद श्री कृष्ण ने बर्बरीक के पास जाकर पूछा कि तुम कौन हो और कुरुक्षेत्र क्यों जा रहे हो।
बर्बरीक ने श्री कृष्ण को जवाब देते हुए कहा कि मैं एक दानी योद्धा हूं और मैं एक ही बार से इस महाभारत के युद्ध का निर्णय कर दूंगा श्री कृष्ण ने यह बात सुनकर उस बर्बरीक की परीक्षा लेनी चाही तो उसने उस परीक्षा में एक बार से पीपल के सारे पत्ते छेद कर दिए थे लेकिन उसी समय पीपल का एक पत्ता श्री कृष्ण के पैर के नीचे आ गया था जिसकी वजह से उसका बाढ़ पैर पर ही ठहर गया।
उसी क्षण श्रीकृष्ण या समझ गए थे कि यह युद्ध में शामिल होने अवश्य जाएगा और इसका परिणाम पांडवों के विरुद्ध में होगा इसीलिए श्री कृष्ण इसे रोकने के लिए श्री कृष्ण ने उससे कहा कि तुम बड़े पराक्रमी लगते हो क्या तुम मुझे कोई दान नहीं दोगे तभी बर्बरीक ने कहा मांगू आपको क्या चाहिए तो श्रीकृष्ण बोले मुझे तुम्हारा शीश दान में चाहिए।
उसी क्षण बर्बरीक समझ गया था कि यह कोई ब्राह्मण नहीं है तो बर्बरीक ने श्री कृष्ण से कहा कि तुम अपना वास्तविक परिचय दो जैसे ही श्रीकृष्ण ने अपना वास्तविक परिचय उसे दिया वह खुशी-खुशी अपना शीश श्री कृष्ण के चरणों में रख देता है। उसके बाद बर्बरीक ने फागुन शुक्ला दशमी को अपना सिर भगवान श्री कृष्ण को दान कर दिया था सिर को दान करने से पहले श्री कृष्ण से बर्बरीक नहीं युद्ध देने की इच्छा जताई थी लेकिन श्रीकृष्ण ने उसके कटे हुए सिर को युद्ध अवलोकन के लिए उच्च स्थान पर स्थापित कर दिया था।
जैसे ही युद्ध में विजय प्राप्त हुई उसके बाद पांडवों ने विजय का श्रेय लेने के लिए आपस में वाद-विवाद करने लगे अभी श्री कृष्ण बोले इसका निर्णय बर्बरीक करेगा तभी श्रीकृष्ण ने कटे हुए सर से बताया कि युद्ध में श्री कृष्ण का सुदर्शन चक्र चल रहा था। जिसकी वजह से कटे हुए वृक्ष की तरह युद्ध रणभूमि में गिर गया था और द्रौपदी महाकाली के रूप में योद्धाओं का रक्त पान कर रहे थे।
उसके बाद किस चीज से श्री कृष्ण खुश होकर बर्बरीक को या वरदान दिया था कि तुम कलयुग में मेरे श्याम नाम से मुझे जाओगे और तुम्हें स्मरण मात्र से भक्तों का कल्याण करना होगा। स्वप्न दर्शनोंपरांत मैं खाटू श्याम धाम स्थित श्याम कुंड में प्रकट हुआ है 1777 से आज तक खाटू श्याम भक्ति की मनोकामना पूर्ण कर रहे हैं।
खाटू श्याम जी की कृपा प्राप्त करने के उपाय
- भक्तों के मन में खाटू श्याम के लिए बहुत ही ज्यादा परम श्रद्धा है सभी भक्तों अपने दुख लेकर खाटू श्याम बाबा के पास जाते हैं और खाटू श्याम बाबा उन से प्रसन्न होकर उनके सभी दुख दूर कर देते हैं खाटू श्याम बाबा को “हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा” इसके नाम से पुकारा जाता है अगर आप खाटू श्याम की कृपा को प्राप्त करना चाहते हैं तो हमने नीचे आपको इसके उपाय बताए हैं जिससे आप खाटू श्याम के आशीर्वाद को प्राप्त कर सकते हैं।
- अगर आप खाटू श्याम बाबा को प्रसन्न करना चाहते हैं तो इसके लिए आप 24 एकादशी व्रत रखें यह आपको शुभ फल प्राप्त करता है।
- अगर आप खाटू श्याम बाबा के दर्शन करने जाते हैं तो उनके लिए गाय का दूध खीर चूरमा बेसन की चक्की मावे के पेड़े पंचमेवा आदि का भोग लगाएं इससे खाटू श्याम बाबा जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं।
- श्री कृष्ण को खाटू श्याम ने स्वयं अपना शीश दान कर दिया था तो आप भी दानवीर बनी तो रक्त दान , क्षमा दान, श्रम दान , अंगदान कन्यादान आदि प्रकार के दान आप खाटू श्याम को प्रसन्न करने के लिए कर सकते हैं अगर आप उनका आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो भी आप यह दान कर सकते हैं यह सभी दान हम समाज के लिए करते हैं तो खाटू श्याम जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं।
FAQ : खाटू श्याम के चमत्कार
खाटू श्याम जाने से क्या फायदा है?
खाटू श्याम कब जाना चाहिए?
खाटू श्याम जी की पूजा कैसे करें?
निष्कर्ष
आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से खाटू श्याम के चमत्कार बताएं और यह भी बताया कि खाटू श्याम के कृपा प्राप्ति के उपाय अगर आप खाटू श्याम जाते हैं तो आपके सारे दुख दूर हो जाते है खाटू श्याम का भव्य मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में मौजूद है अगर आप भी खाटू श्याम का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो राजस्थान जाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं दोस्तों हम आशा करते हैं कि आपको हमारा यह खाटू श्याम के चमत्कार एक अच्छा लगा होगा और आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा धन्यवाद