महिला कितनी देर में चढ़ती है : महिला के गर्म होने का समय | Mahila kitni der me chadhti hai

महिला कितनी देर में चढ़ती है : जी हां दोस्तों जब आप स्त्री के साथ संभोग करते हैं तो आपके मन में एक सवाल जरूर पैदा होता होगा कि महिला कितनी देर में चाहती है अर्थात महिला को कितनी देर में संभोग कामोत्तेजना पैदा होती है।

सच में पूछा जाए तो महिला को संभोग के दौरान संतुष्ट होने में काफी समय लगता है सभी महिलाओं में उनके अंदर उत्तेजना पैदा होने में कम से कम 30 मिनट से अधिक समय लगता है यह बात अलग है कि जिन महिलाओं में संभोग के प्रति रुचि ना हो वे महिलाएं बहुत कम समय में संतुष्ट हो जाती है।

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संभोग के दौरान महिला कितनी देर में चढ़ती है इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल काम है क्योंकि हर महिला के साथ अलग-अलग संभोग संबंध बनाने के तरीके निर्भर करते हैं अगर एक पुरुष के अंदर संभोग के तरीके अच्छे से पता होते हैं तो वह महिला को जल्दी संतुष्ट करने में सफल हो जाता है।

सभी महिलाएं यह चाहती हैं कि उसका साथी उसे अधिक से अधिक समय तक संभोग का आनंद ले सकें और वह महिला ज्यादा से ज्यादा समय तक संभोग कर सके। एक महिला पुरुष की अपेक्षा उत्तेजित होने में ज्यादा समय लेती है इसलिए महिला कितनी देर में चढ़ती है इसका अंदाजा लगाना थोड़ा कठिन होता है।

महिला कितनी देर में चढ़ती है | Mahila kitni der mein chadhti hai

महिला कितनी देर में चढ़ती है का मतलब है की एक महिला संभोग के दौरान वह कितने समय में अंडाणु का ऑर्गेज्म कर पाती है। सर्वे कहते हैं कि एक महिला कम से कम 25 मिनट से 30 मिनट का समय संतुष्ट होने में लेती है।

जब कोई भी महिला संभोग के लिए तैयार होती है तो 25 से 30 मिनट के समय में संभोग से संबंधित सभी प्रकार के फोरप्ले के तरीकों को करना चाहती है इस दौरान पुरुष को सभी प्रकार के फोरप्ले तरीके अपनाना चाहिए जिससे महिलाओं को संभोग के प्रति संतुष्टि प्राप्त हो सके।

1. संभोग किस समय करती है

संभोग एक ऐसी क्रिया है जिसको किसी भी समय करने के लिए बाध्यता नहीं है परंतु संभोग का आनंद तभी संभव है जब दोनों के बीच में कामोत्तेजना होती हो और यह कामोत्तेजना व्यक्ति के अंदर कभी भी पैदा हो सकती है। परंतु एक सभ्य तरीके से संभोग के लिए मनुष्य के लिए रात में करना ज्यादा बेहतर साबित होता है फिर भी बहुत सी महिलाएं ऐसा मानती है कि सुबह के समय यौन संबंध बनाने ज्यादा आनंद आता है और संतुष्टि प्राप्त होती है।

महिलाओं का मानना है कि रात में दिन भर की थकान के कारण संभोग करने में थकान महसूस होती है परंतु सुबह के वक्त शरीर पूरी तरह से रिलायंस में होता है इस दौरान रात में सोना ज्यादा पसंद करती हैं बल्कि सुबह संभोग के लिए ज्यादा सहज महसूस करती हैं।

एक तरफ यह भी है कि महिलाओं को संभोग करने की एक समय सीमा होती है जिस दौरान महिलाएं अपने को सहज संभोग के लिए तैयार होते हैं आइए हम महिलाओं को संभोग के लिए कौन सा समय बेहतर होता है जानते हैं।

2. ओव्यलैशन के समय

ओव्यलैशन के समय महिलाएं संभोग में काफी रूचि रखती है क्योंकि इस दौरान महिलाओं के अंदर एस्ट्रोजन हार्मोन उच्च मात्रा में स्रावित होता है और साथ ही प्रोजेस्ट्रोन का स्तर भी बढ़ जाता है. इस दौरान महिलाओं ने pheromones हार्मोन पुरुषों को आकर्षित करने के लिए भी स्रावित होता है। इसीलिए जब स्त्रियों ने ओव्यलैशन की स्थित होती है तो संभोग करना ज्यादा पसंद करती है।

3. पीरियड्स के दौरान

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अधिकांश महिलाओं को अपने पीरियड के दौरान संभोग करने में ज्यादा इच्छा होती है क्योंकि इस दौरान सभी प्रकार के हार्मोन साबित होते हैं और महिलाएं लड़कियों को संभोग के लिए उत्तेजित करते हैं। दूसरी तरफ पीरियड के दौरान संभोग करने से गर्भ धारण करने की क्षमता भी कम पाई जाती हैं और अधिक लुब्रिकेशन की वजह से पेनिट्रेशन में आसानी होती है

4. दूसरा ट्राइमेस्टर

दूसरी महिलाओं को गर्भ के तीसरे महीने में संभोग करने में ज्यादा आनंद आता है क्योंकि महिलाओं के गर्भ के तीसरे महीने में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन का स्तर बढ़ जाता है जिससे उन्हें संभोग की तीव्र इच्छा होती हैं. परंतु धीरे-धीरे दूसरी तिमाही और तीसरी तिमाही में यही इच्छा कम होती जाती है क्योंकि गर्भ के कारण बदन दर्द थकान जैसी समस्याएं भी होती हैं।

लड़की का जोश में न आने या संतुष्ट न होने के कारण

अक्सर देखा जाता है कि बहुत सी महिलाओं में कुछ समय तक संभोग की इच्छा बहुत अधिक होती है लेकिन दो-तीन साल बाद संभोग की इच्छा समाप्त हो जाती है और अपने साथी के साथ संभोग करने से हिचकी जाती हैं इनके पीछे क्या कारण हैं आइए जानते हैं।

1. मानसिक तनाव

शादी के बाद बहुत सी महिलाएं 2 से 3 साल तक संभोग की इच्छा अधिक रखती हैं परंतु धीरे-धीरे यह इच्छा बिल्कुल समाप्त हो जाती है इसके पीछे सबसे बड़ा कारण उनका मानसिक तनाव हो सकता है।

2. आर्थिक समस्याएं

मानसिक तनाव

बहुत सी महिलाओं के अंदर संभोग की इच्छा ऐसे समय में समाप्त हो जाती है जब उनके सामने आर्थिक समस्याएं अधिक आ जाती हैं जिसकी वजह से भी अपनी अर्थव्यवस्था को लेकर परेशान हो जाती है और उनका दिल और दिमाग संभोग के बजाय अर्थव्यवस्था पर निर्धारित हो जाता है।

3. दवाइयों का प्रभाव

कई बार देखा गया है कि बहुत सी महिलाएं कुछ ऐसी दवाइयों का सेवन करती हैं जो शरीर के लिए नुकसान कर देती हैं जिसकी वजह से शरीर में हार्मोन चेंजिंग हो जाती है और संभोग की इच्छा मर जाती है एंटीडिप्रेसेंट्स और ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव्स को संभोग ड्राइव कम कर देता है।

5. रिश्तो की विश्वसनीयता

कई बार देखा गया है कि महिलाओं के पति द्वारा किसी अन्य महिला के साथ संबंध बनाने से उसकी पत्नी के बीच रिश्तो की विश्वसनीयता कम हो जाती है जिससे महिलाओं में किसी अन्य के प्रति आकर्षण के कारण अपने पति से दूरियां हो जाती हैं और संभोग संबंध बनाने में कमी आती है।

FAQ : महिला कितनी देर में चढ़ती है ?

संभोग करने का मन क्यों करता है?

हमारे शरीर में जेनाइटल एक आयल हिस्सा होता है जो आनंद महसूस कराता है जब हमारे अंदर सेक्सुअल हार्मोन स्रावित होते हैं तो हमारा मन संभोग करने को करता है।

संभोग का दिमाग पर क्या प्रभाव पड़ता है?

हमारे मस्तिष्क में कुछ ऐसे नर्वस सिस्टम पाए जाते हैं जो विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण उत्पन्न करते हैं और संभोग के लिए सिग्नल भेजते हैं डोपामिन हार्मोन संभोग को उत्तेजित करता है इस दौरान हमारा दिमाग पूरी तरह से संभोग के प्रति आकर्षित हो जाता है।

संभोग के दौरान लुब्रिकेंट का क्या महत्व है?

महिलाओं के जननांग से स्रावित होने वाला लुब्रिकेंट संभोग के दौरान उत्तेजना और आनंद उत्पन्न करता है जिससे संभोग करने में अत्यधिक रुचि उत्पन्न होती है।

निष्कर्ष

अगर हम बात करें कि महिला कितनी देर में चढ़ती है अर्थात संभोग के लिए कितनी देर में महिला के अंदर उत्तेजना पैदा होती है और अंडाणु का उत्सर्जन होता है अगर इस बात पर हम ध्यान दें तो महिलाओं में संभोगी करने का समय अलग अलग होता है।

मेडिकल साइंस के अनुसार कोई भी स्त्री या पुरुष लगभग 5 से 7 मिनट में संभोग संबंध हो की चरण स्थित को प्राप्त कर सकता है परंतु अगर केवल महिला की बात की जाए तो महिलाएं लगभग 25 से 30 मिनट का समय लेती है।वास्तव में यह सभी बातें संभोग की पोजीशन और एक्टिविटी पर निर्भर करती है।