आपकी शादी कब होगी जानना चाहते है तो ये पढ़े : विवाह का योग कब बनेगा | Meri shadi kab hogi

मेरी शादी कब होगी meri shadi kab hogi : दोस्तों यह सवाल ज्यादातर लोगों का रहता है कि मेरी शादी कब होगी ? meri shadi kab hogi कई बार लोग गूगल पर यह सर्च करते हैं कि मेरी शादी कब होगी आखिर मेरी शादी में रुकावट क्यों आ रही है इस प्रकार की समस्या अगर आपको है तो हमको अपनी इस आर्टिकल के माध्यम से आप की शादी कब होगी के बारे में बताएंगे बताएंगे।

meri shadi kab hogi

एक समय था जब हमारे देश में बाल विवाह प्रचलन में था लेकिन धीरे-धीरे बाल विवाह पर प्रतिबंध लग गया जिसकी वजह से विवाह में काफी देरी होती है दूसरी तरफ आज के समय में अधिकांश लड़के और लड़कियां अपने कैरियर को लेकर गंभीर रहते हैं जिसकी वजह से एक वैवाहिक उम्र निकल जाती है और देर से शादी होती है।

वहीं दूसरी तरफ बहुत से ऐसे भी लोग हैं जो जल्दी शादी करना चाहते हैं लेकिन उनकी शादी होने में देरी लगती है ऐसे लोग जो जल्दी शादी करना चाहते हैं उनके मन में जब यह सवाल आता है कि मेरी शादी तो होगी तो ऐसे लोगों के लिए शादी के विलंब होने के कई कारण पाए जाते हैं।

आज जहां एक और लड़की और लड़के अपने कैरियर को लेकर लंबे समय तक शादी नहीं करते हैं वहीं उनके माता-पिता भी उनके कैरियर से संबंधित बातों को ध्यान में रखते हुए शादी करने में विलंब करते हैं परंतु कहीं ना कहीं एक माता पिता को अपनी संतानों की जल्दी शादी होने की फिक्र बनी रहती है और वह भी सोचते हैं कि उनकी शादी जल्दी हो जाए।

परंतु आप अगर जल्दी शादी करना चाहते हैं और आपकी शादी में देर हो रही है तो ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि मेरी शादी कब होगी तब हम आपको यहां पर कुछ ऐसे कारण बताएंगे जिसकी वजह से आपकी शादी में देरी हो रही है जबकि आप जल्दी शादी करना चाहते हैं अगर आप जल्दी शादी करना चाहते हैं और शादी देर से हो रही है तो नीचे कुछ कारण हो सकते हैं।

देर से शादी होने के कारण | Der se shadi hone ke karan

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दोस्तों अधिकांश लोगों की शादी देर से होने के पीछे अगर कारणों पर प्रकाश डाला जाए तो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति की जन्म कुंडली में उपस्थित ग्रहण और नक्षत्र विवाह जैसे योग में देरी और जल्दी का कारण बनते हैं ग्रह दोष या बाधा होने की वजह से आपकी शादी देर से होती है आइए जानते हैं किस प्रकार से ग्रह और नक्षत्र हमें प्रभावित करते हैं।

1. मांगलिक होना

अगर कोई भी स्त्री या पुरुष जन्म से मांगलिक है तो उसके विवाह के योग देर से बनते हैं कई बार तो मांगलिक होने की स्थिति में लोगों की विवाह के योग ही नहीं बनते हैं अगर बनते हैं तो बिगड़ जाते हैं। सामाजिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि जो लड़का और लड़की मांगलिक होते हैं ऐसे लड़के और लड़कियों की शादी मांगलिक लड़के या लड़की से होना संभव है।

कई बार पाया गया है कि समाज में मांगलिक गुणों वाले लड़के और लड़कियां बहुत कम होते हैं ऐसे समय में मांगलिक लड़की या लड़के का विवाह का योग 27, 29, 31, 33, 35 व 37वें वर्ष में बनते हैं। जो लोग मांगलिक हैं उन युवक और युवतियों के विवाह में देरी होती है उन की ग्रह दशा देखकर विवाह के योग को सही बनाया जा सकता है।

2. गुरु और शनि का सप्तम भाव

जिन लोगों के विवाह में देरी हो रही है उन लोगों के विवाह के लिए गुरु और शनि का सप्तम भाव में होना जरूरी है ऐसे में कुंडली का मिलान करके देखा जाए तो सप्तमेश की महादशा अंतर्दशा या शुक्र और गुरु की अंतर्दशा या महादशा विवाह का प्रबल योग बनाती है। अगर कुंडली के सप्तम भाव में शुक्रवार गुरु एक साथ बैठते हैं तो विवाह का योग जल्दी बनता है।

गुरु और शनि का सप्तम भाव

विवाह का योग कुंडली के सप्तम भाव के आधार पर निर्धारित होता है इस स्थिति में अगर आपके सप्तम भाव में किसी भी प्रकार की कुंडली में ग्रह दशा ओसिया बाधा होती है तो कहीं ना कहीं विवाह देर से होता है ऐसे में विवाह के समय सप्तम भाव के ग्रह और उनकी दशा अंतर्दशा देखी जाती है।

विवाह के योग | Vivah ke yog

  1. अगर आपकी कुंडली में शुक्र चंद्रमा की महादशा और जब देव गुरु का अंतर आता है तो विवाह का योग जल्दी बनता है।
  2. कुंडली के दशम भाव के स्वामी की महादशा के साथ अष्टम भाव के स्वामी का अंतर आता है तो विवाह का योग जल्दी बनता है।
  3. अगर कुंडली में शुक्र ग्रह से कोई अन्य ग्रह सहयोग कर रहा है और ग्रहों की महादशा के साथ गुरु शुक्र और शनि का अंतर काल है तो विवाह शीघ्र होने का योग बन जाता है
  4. कुंडली के लग्न भाव के स्वामी और सप्तम भाव के स्वामी समान राशि में एक ही अंश पर होते हैं और गुरु भी होता है तो विवाह का योग बनता है।
  5. आपके सप्तम भाव के स्वामी की महादशा चल रही है बृहस्पति और शनि का अंतर काल हो रहा है तो विवाह जल्दी बन जाता है।
  6. सप्तम भाव के स्वामी व शुक्र के स्वामी में चंद्र व ग्रुप की गोचरीय स्थिति होती है तो विवाह का योग बन जाता है
  7. लग्नेश जब गोचर में सप्तम भाव की राशि में आता है तभी विवाह का योग बनता है।
  8. जब शुक्र और सप्तमेश एक साथ होते हैं और सप्तमेश की दशा अंतर्दशा में होती हैं तो विवाह का योग बनता है
  9. चंद्र लग्न और शुक्र लग्न की कुंडली में सप्तमेश की दशा अंतर्दशा होती है तब विवाह का योग जल्दी बनता है
  10. शुक्र और चंद्र में जो बलवान होता है चंद्र राशि की संख्या अष्टमेश की संख्या जोड़ने पर राशि आती है उस राशि में अगर आपके गोचर गुरु आ जाते हैं तो विवाह का योग बनता है
  11. लग्नेश और सप्तमेश की राशि के युग में कोई तुला राशि आ जाती है और गोचर गुरु आ जाते हैं तो विवाह का योग बन जाता है।
  12. दशमेश की महादशा और अष्टमेश में अंतर होने पर विवाह का योग जल्दी बनता है।
  13. सप्तमेश शुक्र ग्रह में और गोचर में चंद्रमा आता है साथ ही गुरु भी हो तो विवाह का योग जल्दी बनता है।
  14. द्वितीयेश राशि जिसमें हो उस ग्रह की अंतर्दशा और दशा होती है तो विवाह बनता है.

विवाह में बाधक योग | Vivaah mein baadhak yog

जन्म कुंडली में 6, 8, 12 स्थानों को अशुभ माना जाता है साथ ही मंगल , शनि , राहु , केतु और सूर्य को क्रूर ग्रह के रूप में माना जाता है अगर यह सभी ग्रह आपकी कुंडली में प्रभावित है तो दांपत्य जीवन सुख में नहीं रहता है। इस तरह से दांपत्य जीवन में कई बाधाएं ग्रहों की स्थिति पर आती हैं।

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जैसा कि पता है कि सप्तम भाव विवाह के योग का भाव है यदि इस सप्तम अधिपति द्वादश भाव में हैं और राहु लग्न भाव में है तो वैवाहिक जीवन सुख में नहीं होता है। सप्तम भाव में राहु के साथ द्वादश अधिपति में भी कमी होती है द्वादश और सप्तम अधिपत्र से राहू की युति होती है तब भी दांपत्य जीवन सुख में नहीं रहता है।

लग्न में राहु शनि होते हैं तब भी दांपत्य जीवन सुखी नहीं रहता है। सप्तम अष्टम और द्वादश भाव में राहु केतु की वजह से वैवाहिक सुख में कमी होती है इसी तरह से षष्ठेश का संबंध दतिया सप्तम या शुक्र के अधिपति से होता है तो भी वैवाहिक जीवन में सुख की कमी होती है।

सप्तमेश षष्ठेश के साथ छठे भाव में हो या सप्तमेश षष्ठेश या शुक्र की युति होती है तो वैवाहिक जीवन में व्यक्त न्यायालय संघर्ष करता है इस तरह से कुंडली में अगर किसी भी प्रकार का दोष दिखाई देता है तो विवाह होने में देरी या दांपत्य जीवन में सुख की कमी पाई जाती है अतः विवाह करते समय किन का ध्यान देना जरूरी है।

विवाह योग के मुख्‍य कारक

किसी भी व्यक्ति का विवाह देर से होता है और अगर वह यह जानना चाहता है कि मेरी शादी कब होगी तो उसको अपनी कुंडली के अनुसार नीचे दिए गए योग को देखना जरूरी है। सप्तम भाव विवाह का योग बनाता है.

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ऐसे में अगर सप्तम भाव का स्वामी सही स्थिति में नहीं है और किसी अन्य स्थान पर बैठा है परंतु उस पर कोई पाप ग्रह की दृष्टि नहीं है. इसके अलावा सप्तम भाव में सम राशि है सप्तमेश और शुक्र सम राशि में हैं।

विवाह कब नहीं होगा ? | Vivah kab nahi hoga ?

सप्तमेश बलवान है और सप्तम में कोई ग्रह भी नहीं दिखाई देता है इसके अलावा दूसरे 12वीं और सातवें भाव में स्वामी केंद्र या त्रिकोण पर हैं तथा गुरु से दृष्टिगत हैं और सप्तमेश की स्थिति के आगे भाव में तथा सातवें भाव में कोई विपरीत ग्रह नहीं है तो विवाह का योग जल्दी बनता है

ऐसी स्थितियों में शादी कब होगी इसके लिए आपको सप्तमेश कुंडली में शुभ स्थान पर नहीं है सप्तमेश छठे आठवें और बारहवें स्थान पर नहीं दिखाई देता है और सप्तमेश की राशि नीच में है सप्तमेश 12वीं भाव में है तथा लग्नेश या राशि सप्तम भाव में बैठी है।

इसके साथ चंद्र शुक्र साथ हैं मंगल और शनि विराजमान हैं शुक्र और मंगल दोनों सातवें भाव में हैं तथा शुक्र मंगल पांच पंचम व नवम भाव में है शुक्र बुध शनि तीनों नीच स्थान पर हैं पंचम में चंद्रमा साथ सप्तम और 12वीं भाव में दो से अधिक पाप ग्रह हैं सूर्य स्पष्ट और सप्तम स्पष्ट हैं इन स्थितियों में विवाह नहीं होगा।

शीघ्र विवाह के उपाय | Shighra vivah ke upay

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कुंडली में गुरु का स्थान विवाह के योग बनाता है यदि गुरु सही स्थान पर है तो दांपत्य जीवन भी सुखी रहेगा ऐसे में अगर आपकी शादी देर से हो रही है और आप जल्दी करना चाहते हैं तो जल्दी शादी करने के लिए गुरु से संबंधित उपाय करना चाहिए।

1. गुरुवार के दिन व्रत रखें

गुरु की शुभता पाने के लिए जातकों को गुरुवार के दिन व्रत रखना चाहिए इस दिन पीले वस्त्र धारण करके मंदिर में हल्दी या पीले वस्त्र अथवा कोई पीली वस्तु दान करें।

2. पारद शिवलिंग की पूजा करें

विवाह में आ रही देरी को दूर करने के लिए पारद शिवलिंग की पूजा करें क्योंकि भगवान शिव और पार्वती का एकल रूप शिवलिंग है जिसको शुभ माना जाता है ऐसे में अगर आपके विवाह में देरी आ रही है तो आप पारद शिवलिंग की पूजा प्रारंभ करें। भगवान शिव और पार्वती से संबंधित चीजों को श्रंगार की वस्तुओं को दान करें।

3. मंगलवार के दिन हनुमान की पूजा करें

हनुमान जी के टोटके

विवाह में देरी होने पर अब मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करें उनको मंदिर में सिंदूर और लाल रंग का चोला चढ़ाएं । हनुमान चालीसा का पाठ करें।

4. दुर्गा सप्तशती का पाठ करें

लगातार 21 दिन तक दुर्गा सप्तशती का पाठ करें साथ ही माता कात्यायनी की पूजा करें इससे विवाह में हो रही देरी समाप्त हो जाएगी यह पूजा उन कन्याओं को करना चाहिए जिनके विवाह में देरी हो रही है।

5. भगवान शिव की उपासना करें

Shiv

जिन कन्याओं का विवाह देर से हो रहा है या नहीं हो रहा है तो उनको प्रति सोमवार भगवान शिव की उपासना करना चाहिए तथा नीचे दिए गए मंत्र का जाप 5 बार माला के साथ करें और मंदिर में नारियल चढ़ाएं

ॐ श्रीं वर प्रदाय श्री नमः

अगर आपकी कुंडली में शनि के कारण विवाह में देरी हो रही है तो आप शिवलिंग पर काले तिल शनिवार के दिन अर्पित करें साथ ही साबुत उड़द काले कपड़े बांधकर काला तिल लोहा आदि दान करें।

FAQ : Meri shadi kab hogi

मेरे दोस्त की शादी कब होगी ?

मित्रों कुंडली में स्थित ग्रह देख कर ही यह बताया जा सकता है कि आपके दोस्त की शादी कब होगी इसके लिए आप किसी योग्य ज्योतिषी से अपनी कुंडली दिखाएं और विवाह के योग की जानकारी करें।

विवाह के योग कब बनते हैं ?

किसी भी व्यक्ति की कुंडली में जिस वर्ष शनि और गुरु दोनों सप्तम भाव में बनते हैं तो विवाह का योग बन जाता है सप्तमेश की महादशा अंतर्दशा या शुक्र गुरु की महादशा अंतर्दशा में विवाह का योग बनता है।

शादी में देरी हो रही हो तो क्या करें ?

अगर किसी भी लड़की या लड़के की शादी में देर हो रही है विधि संगत सोलह सोमवार लड़कियों को व्रत रहना चाहिए और भगवान शिव और पार्वती की पूजा करें।

निष्कर्ष

दोस्तों अगर आप यह जानना चाहते हैं कि meri shadi kab hogi तो आपको बता देना चाहूंगा की शादी जैसा बंधन व्यक्ति की कुंडली ग्रहों के अनुसार संभव होता है ऐसे में आप अपनी कुंडली किसी योग्य ज्योतिष को दिखाएं तथा ग्रहों की ग्रह दशा को समझ कर उनको शांत कराएं अर्थात विवाह में हो रही देरी को दूर करने के उपाय करें।

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