दोस्तों आज आप अपने आस-पास जो भी इंसान के द्वारा बनाये गई चीजे देख रहे है वह सभी किसी न किसी के विचार थे , विचार ही है जो हमारी दुनिया को नया आकार देते है और इसे बेहतर से और बेहतर बनाते है . यह हमारी पूरी दुनिया इन्ही विचारो का प्रतिरूप है, विचारों की ताकत का अंदाजा बस आप इतनी सी बात से लगा सकते है कि दुनिया की हर बड़ी से बड़ी और छोटी से छोटी चीज इन्ही विचारो की देन है ।
” जंग तलवारों से नहीं विचारो से लड़ी जाती है “
मनुष्य यदि झूठी-मूठी कल्पनायें करने के बजाय गम्भीरतापूर्वक विचार करे और उसे पूरा करने के लिये सच्चे हृदय से प्रयत्न करे तो वह जैसा चाहे वैसी उन्नति कर सकता है, जितना चाहे उतना ऊँचा उठ सकता है, जो कुछ बडे़ से बड़ा काम चाहे करके दिखा सकता है ।
हम पिछले सौ-पचास वर्ष में ही भिखारियों को सम्राट, और दो पैसे की मजदूरी करने वालों को धनकुबेर बनते देख चुके हैं, फिर कोई कारण नहीं कि दृढ़ विचार, हार्दिक संकल्प करके हम उतने ही ऊँचे न उठ सकें । आवश्यकता अपने विचारों के प्रति सच्चा होने की ही है ।
स्वामी विवेकानंद जी कहते हैं कि, “मन में अच्छे विचार लायें। उसी विचार को अपने जीवन का लक्ष्य बनायें। हमेशा उसी के बारे में सोचे, सपने देखें। यहाँ तक की उसके लिए हर क्षणं जिएं। आप पायेंगे कि सफलता आपके कदम चूम रही है।“
विचार क्या है ?
हमारे मस्तिष्क में उपजी कोई भी छोटी या बड़ी बात , सोच और महत्वाकांक्षा एक प्रकार का विचार ही होता है , विचार सूक्ष्म होते हैं और संसार के पदार्थ तथा स्थूल वस्तुएं , उनकी सृष्टि रचना पहले किये गये विचार के परिणाम अनुसार ही होती है ।
दर्शन शास्त्र के अनुसार तो यह समस्त जगत ही परमात्मा के इस विचार का परिणाम है कि एकोहं बहुस्यामि (मैं एक से बहुत हो जाऊं), पर यदि हम इतनी दूर न जायें तो हमको अपने सामने जो कुछ उन्नति, प्रगति, नये-नये परिवर्तन दिखाई पड़ते हैं वे सब विचारों के ही परिणाम हैं ।
बड़े से बड़े महल, मन्दिर, मूर्तिंयों, रेल-तार, जहाज, रेडियो आदि अद्भुत आविष्कार उनके बनाने वालों के विचारों के ही फल होते हैं। उनके कर्ताओं के मन में पहले उन वस्तुओं से बनाने का विचार आया, फिर ये उस पर लगातार चिन्तन और खोज करते गये और अन्त में वही बिचार कार्य रूप में प्रकट हुआ ।
(यह पोस्ट आप OSir.in पर पढ़ रहे है) यदि आप सोचब रहे है कि आप के साथ कुछ अच्छा हो या फिर सोच रहे है कि स्कूल में आप के नंबर अच्छे आये या फिर आप की सैलरी बढ़ जाए यह सभी आप के विचार ही है , आप को यह जानकर आस्चर्य होगा कि आप के मस्तिष्क में उपजे हर विचार की फ्रीक्वेंसी अलग-अलग होती है. मस्तिष्क में उपजने वाले विचार भी दो प्रकार के होते हैं ,
अच्छे (सकारात्मक) विचार : Positive thoughts
यह ऐसे विचार होते हैं जो हमें प्रसन्नता से भर देते हैं और हमें उत्साहित करते हैं कुछ नया और बड़ा करने के लिए वैसे तो ऐसे विचार हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छे होते हैं इन विचारों में आपको अच्छे भाव मिलते हैं जैसे कि प्यार का भाव खुशी का भाव और संतुष्टि आदि।
हमारी सकारात्मक सोच, सकारात्मक संवाद और सकारात्मक कार्य हमे हमारी सफलता की ओर तेजी से बढ़ने में मदद करते है .
बुरे (नकारात्मक) विचार : Negative thoughts
यह ऐसे विचार होते हैं जो कि हमारे अंदर क्रोध अशांति और असंतुष्टि की भावना को जगाते हैं यह विचार हमारे जीवन को नीरस बनाते हैं और दुखी भी ऐसे विचारों से जहां तक हो दूर ही रहना अच्छा होता है
अगर ऐसे विचार आते हैं तो उससे जितनी जल्दी हो सके बाहर आ जाना ही स्वास्थ्य और मस्तिष्क दोनों के लिए अच्छा होता है क्योकि निराशा तथा नकारात्मक संवाद व्यक्ति को अवसाद में ले जाते हैं और उसे मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार भी कर सकते है .
“आप का भविष्य आप नहीं आप के विचार तय करते है “
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विचारो मे कितनी ताकत होती है ?
विचारों की ताकत का अंदाजा बस केवल इस बात से लगाया जा सकता है की इस सैकड़ों सालों से अंग्रेजो के गुलाम भारत मे आजादी का ख्याल भी किसी सपने से कम नहीं लगता था लेकिन फिर किसी क्रांतिकारी के मस्तिष्क में आजादी का ख़याल आते ही वही विचार बहुत बड़े जन समूह में क्रांति का कारण बन जाता है
और इसके लिए लोग अपने अमूल्य प्राणों की अभूति देने से भी नहीं कतराते थे आखिरकार अंग्रेजो को भारत छोड़ने पर मजबूर होना ही पड़ा , एक विचार ही था जो एडिशन को कई हजार बार बल्ब बनाने के प्रयोग में असफल होने के बाद भी दोबारा फिर से प्रयोग करने के लिए प्रेरित करता रहा और उन्हें कभी निराश नहीं होने दिया आखिरकार उनका विचार दुनिया में सबसे बड़ा बदलाव लेकर आया और दुनिया को रोशनी से जगमगा दिया ,
एक विचार ही है जो हमे किसी न किसी धर्म से जोड़ कर रखता है , हमारे विचार तो, उस रंगीन चश्में की तरह हैं जिसे पहन कर हर चीज उसी रंग में दिखाई देती है।
यदि हम सकारात्मक विचारों का चश्मा पहनेंगे तो सब कुछ संभव होता नजर आयेगा। भारत की आजादी, विज्ञान की नित नई खोज सकारात्मक विचारों का ही परिणाम है।(यह पोस्ट आप OSir.in पर पढ़ रहे है) आज हमारा देश भारत विकासशील से बढकर विकसित राष्ट्र की श्रेणीं में जा रहा है।
ये सब सकारात्मक विचारों से ही संभव हो रहा है। अतः हम अपने सपनो और लक्ष्यों को सकारत्मक विचारों से सिचेंगे तो सफलता की फसल अवश्य लहलहायेगी। बस, केवल हमें सकारात्मक विचारों को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाना होगा।
इसी लिए तो मै कहेता हूँ की हमे अपने विचारो पर नियन्त्रण रखना चाहिये जिससे हम वह पा सके जिसके हम हकदार है , मेरी अगली पोस्ट इसी विषय पर होगी की हम विचारो पर कैसे नियंत्रण रख सकते है तब तक के लिए अलविदा !
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स्वास्थ्य के इतिहास में फिर जाग उठा की तरह कुछ और कभी नहीं किया गया. फिर जाग उठा अस्पष्टीकृत वजन, जिद्दी पेट वसा और चयापचय मंदी का असली कारण लक्ष्य है कि दुनिया की पहली और एकमात्र विरोधी बुढ़ापे पोषण प्रोटोकॉल है । फिर जाग उठा वैज्ञानिक गहरी नींद में सुधार और महिलाओं और पुरुषों दोनों में प्राकृतिक चयापचय उत्थान को बढ़ाने के लिए सिद्ध सही मात्रा में 8 विशेष पोषक तत्व होते हैं दुनिया में केवल उत्पाद है. वसा जलने, अपने स्वास्थ्य को बहाल करने, और वापस घड़ी मोड़ बस आसान या अधिक स्वत: नहीं हो सकता ।
बस ले सोने से पहले 1 घंटे पानी का एक गिलास के साथ फिर जाग उठा.
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Very nice post aapne bahut Achcha likha hai