श्मशान साधना क्या है? श्मशान साधना कैसे करे ? Samsan sadhna Mantra

Shamshan sadhna mantra kya hota hai ? शमशान साधन क्या है ? शमशान साधना कैसे करे ? साधना एक ऐसी प्रबल साधना जिसको करने के बाद असीम शक्तियां प्राप्त हो जाती हैं। शमशान काली साधना क्या है ? और इसकी पूजा कैसी करनी चाहिये ?

या साधना व्यक्ति को अष्ट पाशों से मुक्त करने के साथ साथ भय रहित और दृढ़ बनाती है। साधना Meditation करनी के बाद व्यक्ति निर्भय होकर संसार World में कही भी घूम सकता है भूत प्रेत आत्मा उसकी आधीन रहती हैं।

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जो व्यक्ति इस साधना को करने में सफल हो जाते हैं उनको काम, क्रोध,  भय, घृणा, जुगुप्सा कभी परास्त नहीं कर सकते। इस साधना की बात व्यक्ति को आत्म ज्ञान प्राप्त हो जाता है। Shamshan sadhna kya hai ? Shamshan sadhna kaise kare ?

श्मशान के रूप में कौंन-कौन होता है ? What are the forms of cremation ?

श्मशान 10 प्रकार के होते हैं- सफेदा, यमदंड, सुकिया,फुलिया,हल्दिया,कामेदिया,मिचमिचिया,किकदिया,सिलासिलया पिलिया। यह एक प्रकार की 10 प्रेत शक्तियां है जो काफी उग्र होती हैं।

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इन्ही 10 शक्तियों से प्रेत,पिशाच,भैरव बेताल आदि के मन्त्र सिद्ध किये जाते है। इसे मशान जगाना कहा जाता है। श्मशान के अधिष्ठाता धूम्रलोचन को मन जाता है, जो प्रेत पिंड चिता से पकता हुआ मांस भोजन के रूप में लेते हैं।

श्मशान साधना कब और कैसे करनी चाहिये ? When and how to do spiritual practice?

  • साधना के लिये साधक को अष्टमी चतुर्दशी, अमावस्या,पूर्णिमा, शनिवार और मंगलवार से करनी चाहिए। यदि पूर्णिमा, अमावस्या के दिन मंगलवार या शनिवार हो तो सबसे उत्तम माना जाता है।

  • यदि कोई अघोरी इस साधना को करता है तो उसे मुहूर्त से कोई लेना दें नही होता है।परंतु सामान्य साधको के लिए मुहूर्त में ही करना चाहिए।
  • साधना के लिये भोग के लिए कुछ भी लिया जा सकता है क्योकि श्मशान साधना में आमिष और निरामिष दोनों भोग होते हैं।
  • श्मशान साधना करने के लिए श्मशान में जाते वक्त सभी प्रकार की आसुरी शक्तियों और गुरु गणेश बटुक योगिनी आदि से आज्ञा ले और प्रणाम करें।

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साधक को आसन लेने के बाद पूर्व की ओर शमशान अधिपति को, दक्षिण में भैरव, पश्चिम में काल भैरव और उत्तर में महाकाल को रखकर साधना प्रारम्भ करें।यदि साधक चिता के समक्ष साधना करता है तो उसे काली महाकाली और कालरात्रि के ध्यान रखकर मन्त्र जाप करें तथा भोग लगावे ।

शमसान जगाने के लिए साधकों को किसी ऐसे शव को लाना होता है | जो नवजवान हो तथा जलाया न गया हो तो उसे ज्यादा उत्तम माना जाता है। जिस दिन शमशान जगाना हो उस दिन जहाँ बकरा काटा जाता है|

वहाँ से एक सामान लाये। एक दिन पहले श्मशान से जाकर भी आज्ञा लें कि कल तुम्हे जगाना है। फिर अगले दिन सभी सामग्री लेकर श्मशान में जाये और विधिवत साधना करें।

श्मशान साधना मँत्र क्या होता है ? What is the crematorium mantra?

ॐ क्षं क्षं मसान जाग्रतं सिद्धि हुम फट स्वाहा।

इस मंत्र को श्मशान में 10,000बार सिद्ध करना होता है। अमावस की रात में मुर्दे की खोपड़ी पर यंत्र लिखकर सिद्ध करना होता है सिद्ध करते है| समय जब आवाज आने लगी तो समझना चाहिए कि मंत्र सिद्ध हो जाता है |
जब उसमे से आवाज होने लगे तब समझ जाइए की ये सिद्ध हो चुका है |

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