पति-पत्नी के प्रतेक समस्या के लिए 7 बेहतरीन टोटके | पति पत्नी टोटके | Totke for husband and wife relation

Totke for husband and wife relation वैवाहिक जीवन में जब कभी कोई ऐसा कारण बनता है जिसकी वजह से पति और पत्नी के बीच में तनाव उत्पन्न होता है और रिश्ता प्रभावित होता है ऐसे में पति और पत्नी के बीच संघर्ष उत्पन्न हो जाता है।

कई बार ऐसा भी होता है कि पति पत्नी के छोटे-छोटे संघर्ष बड़ा रूप ले लेते हैं और अलगाव की स्थिति आ जाती है तथा कभी-कभी रिश्ते टूट भी जाते हैं वैवाहिक जीवन में अनेक संघर्ष भरे उतार-चढ़ाव व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करते हैं.

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सनातन धर्म में ऐसा माना जाता है कि पति और पत्नी का जीवन पूर्व जन्म के कर्मों के आधार पर होता है वैवाहिक बंधन ऊनी जीवनसाथी अच्छा और बुरा उसके पूर्व जन्म के अनुसार होता है।

यदि किन्ही कारणों से पति पत्नी की संबंधों में कहीं पर दरार आती है तो उनकी मजबूती करने के लिए शास्त्रों में कई प्रकार के टोने टोटके और विचार दिए गए हैं जिन्हें अपनाकर वैवाहिक बंधन को पति पत्नी के रूप में सुचारू रूप से प्रतिपादित कर सकें.

विवाह के समय वर कन्या की कुंडली के साथ-साथ गुणों पर विचार किया जाता है उसके बाद ही वैवाहिक बंधन किया जाता है। विवाह के समय पति और पत्नी की जीवन से संबंधित सुख दुख योन संबंध कर्म भोग सभी प्रकार से विचार किया जाता है.

विभिन्न प्रकार से विचार करने के बावजूद भी यदि कोई समस्या आती है और पति पत्नी अलग हो जाते हैं तो ऐसे में पति पत्नी के जीवन में यदि संबंध मधुर बनाए रखना है तो कुछ टोटके यहां पर दिए जा रहे हैं जिन्हें करके आप अपने पति और पत्नी के संबंधों को अच्छे से स्थापित कर सकते हैं।

वैवाहिक जीवन बाधाएं क्यों होती है ?

पति पत्नी के रूप में वैवाहिक जीवन में यदि कभी भी किसी प्रकार की बहुत सी ऐसी बातें आती हैं जिनसे पति पत्नी के संबंध बिगड़ते हैं तो वैवाहिक जीवन में बाधाएं क्यों आती है आइए हम जानते हैं। totke for husband and wife relation

विवाह भारतीय संस्कृत का एक महत्वपूर्ण अंग है जिसमें प्रथम कुंडली का मिलान किया जाता है विवाह का योग सप्तम भाव से प्रारंभ होता है जिसमें सुख-दुख पति पत्नी के यौन संबंध भोग विलास और विवाह के पहले या बाद में संबंधों पर विचार किया जाता है।

1. कुंडली के कारण वैवाहिक बाधाएं

यदि कुंडली में भाव उसका स्वामी पाप ग्रह में स्थित है और अशुभ ग्रह हैं व नवम चतुर्थ अष्टम पंचम और द्वादश स्थान भी पाप ग्रह है भाव नवांश भावेश नवांश तथा भाव कारक नवांश के स्वामी भी शत्रु राशि में हैं तो वैवाहिक संबंध में वस्तु की हानि होती है.

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अगर भाव अशुभ योग सप्तमेश शुभ युक्त ना होकर षष्ठ अष्टम और द्वादश भाव में है तो जातक के विवाह में बाधाएं उत्पन्न होती हैं वही षष्ठेश अष्टमेश या द्वादश और सप्तम भाव में है और ग्रह अशुभ नहीं है तो विवाह का योग शुभ माना जाता है।

2. शुक्र ग्रह के कारण वैवाहिक बाधाएं

इस प्रकार विचार किया जाए तो ग्रहों की ग्रह दशा के आधार पर ही वैवाहिक जीवन में विभिन्न प्रकार की बाधाएं उत्पन्न होती हैं जिसकी वजह से कभी विवाह नहीं होता है तो कभी विवाह होने के बाद वैवाहिक बंधन टूट जाता है.benefit

अगर सप्तम भाव में सप्तमेश पर तथा द्वादश भाव में कोई ग्रह अशुभ दृष्टि से है तो वैवाहिक सुख में बाधाएं उत्पन्न होती हैं अगर सप्तमेश व कारक शुक्र अधिक प्रभावी है तो जातकों को वियोग झेलना पड़ता है.

यदि शुक्र पाप ग्रहों के साथ सप्तमेश में है या शुक्र नीच वा सत्र नवांश में है अथवा षष्ठांश है तो जीवन साथी क्रूर स्वभाव के मिलते हैं पत्नी गलत रास्ते पर चलती है जिसकी वजह से वैवाहिक संबंध नारकी हो जाते हैं।

3. शनि के कारण वैवाहिक बाधाएं

totke for husband and wife relation अगर शनि सप्तमेश पाप ग्रह के साथ नीच नवांश में है और कोई ग्रह दुष्ट है तो वैवाहिक जीवन क्लेश से भरा होता है.

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वही कुंडली का सप्तम भाव विवाह का भाव होता है अगर सातवें भाव का स्वामी सही स्थित पर है तो वैवाहिक जीवन सफल रहता है पुरुषों की कुंडली में शुक्र विवाह वैवाहिक जीवन और पत्नी का नैसर्गिक कारक होता है।

4. मंगल और बृहस्पति के कारण वैवाहिक बाधाएं

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स्त्री के लिए मंगल और बृहस्पति पति पत्नी के सुख को नियंत्रित करते हैं यदि कुंडली में यह कमजोर हैं तो वैवाहिक जीवन में तनाव वाद विवाद होता रहता है.

5. राहु केतु के कारण वैवाहिक बाधाएं

अगर कुंडली में राहु केतु सप्तम भाव में शत्रु राशि के साथ है तो वैवाहिक जीवन में तनाव होगा अगर सप्तम भाव में कोई पाप ग्रह गुरु चांडाल योग ग्रहण योग में है तो वैवाहिक जीवन में तनाव तथा बाधाएं उत्पन्न होती हैं.

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यदि राहु केतु सप्तम भाव के आगे और पीछे दोनों ओर किसी पाप ग्रह से संबंध बनाते हैं तो वैवाहिक बाधाएं उत्पन्न होती है जिसमें जीवन में उतार चढ़ाव होता है।

6. सूर्य ग्रह के कारण वैवाहिक बाधाएं

यदि पुरुष की कुंडली में शुक्र नीच राशि में है और सूर्य से अस्त होकर अष्टम भाव में है तो वैवाहिक जीवन में पीड़ा उत्पन्न होती है तनाव और संघर्ष बनता है. totke for husband and wife relation

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वह स्त्री की कुंडली में अगर मंगल राहु शनि से पीड़ित है बृहस्पति नीच स्थान में है तब भी वैवाहिक जीवन में संघर्ष और तनाव उत्पन्न होता है।

यदि पाप भाव के स्वामी सप्तम भाव में है तो वैवाहिक जीवन में विलंब तथा बाधाएं उत्पन्न होती हैं और सप्तम भाव में शत्रु राशि के साथ है तो सूर्य वैवाहिक जीवन में बाधाएं उत्पन्न करता है और कष्ट देता है।

7. वास्तु शास्त्र के कारण वैवाहिक बाधाएं

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पति पत्नी के बीच में यदि कभी किसी भी प्रकार की तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है और एक दूसरे के प्रति आकर्षण व प्रेम कम हो जाता है तो कहीं ना कहीं वास्तुशास्त्र भी दोषी होता है।

पति-पत्नी के संबंध के लिए टोटके | Totke for husband and wife relation

यदि अपने वैवाहिक जीवन को पति पत्नी के रूप में सफल बनाना चाहते हैं तो यहां पर कुछ ऐसे Totke for husband and wife relation दिए गए हैं जिससे आप अपने दांपत्य संबंधों को अच्छे से स्थापित कर सकते हैं आइए हम पति-पत्नी के संबंधों के लिए टोटकों के विषय में बात करते हैं

1. छत की बीम के नीचे ना सोएं

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देखा जाए तो पति और पत्नी के संकट को घर में पड़ने वाली छत की बीम के नीचे नहीं होना चाहिए जिससे रिश्तो में दरार और दूरियां ना हो क्योंकि छत में डाली जाने वाली बीम अलगाव का प्रतीक मानी जाती है।

2. ड्रेसिंग टेबल शयन कक्ष में नहीं होना चाहिए

totke for husband and wife relation यदि पति और पत्नी के बीच प्रेम संबंध और आकर्षण की स्थिति कम है तो ध्यान देना चाहिए कि ड्रेसिंग टेबल कभी भी शयन कक्ष में नहीं होना चाहिए।

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अगर ड्रेसिंग टेबल आपको उसी कमरे में रखना है तो कुछ इस स्थिति में रखें कि सोते और उठते समय नजर के सामने ना आए अतः रात में सोते समय अपने ड्रेसिंग टेबल के दर्पण को ढक देना चाहिए।

3. धातु के पलंग पर नहीं सोना चाहिए

आज के समय में धातुओं से निर्मित बेड का चलन काफी आम हो चुका है परंतु वास्तु शास्त्र कहता है कि धातु से बने किसी भी प्रकार के बेड पर नहीं सोना चाहिए।

धातुओं से निर्मित सैया पर सोने से वैवाहिक जीवन में पति पत्नी के बीच टकराव और कटुता उत्पन्न होती है जिससे आपसी संबंध बिगड़ते हैं।

4. पीपल की पूजा करें और जल चढ़ाएं

दांपत्य जीवन में पति और पत्नी को चाहिए कि वह प्रतिदिन पीपल के पेड़ की पूजा करें और जल चढ़ाएं तथा सात बार परिक्रमा करें।

यदि प्रतिदिन पीपल की पेड़ की पूजा ना कर सके तो कम से कम शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे पूजा करके जल चढ़ाएं और सात बार परिक्रमा करना चाहिए  totke for husband and wife relation

5. उगते चांद को दूध का अर्घ्य चढ़ाएं

पति-पत्नी के संबंधों को अच्छे से बनाए रखने के लिए पति और पत्नी को पूर्णिमा की रात को चंद्रोदय के समय चांदी के लोटे में दूध लेकर चंद्रमा को अरग चढ़ाएं तथा नीचे दिए गए मंत्र को 108 बार जाप करें।

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इसके अलावा चंद्रमा को पूर्णिमा के दिन दूध में मिश्री व चावल मिलाकर भी अर्घ देकर पति-पत्नी के संबंधों को अच्छे से स्थापित कर सकते हैं तथा आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती हैं।

6. लक्ष्मी जी की पूजा करें

भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा करने से दांपत्य जीवन हमेशा खुशहाल रहता है इसलिए प्रतिदिन माता लक्ष्मी जी की मूर्ति के सामने गोमती चक्र और 11 पीली कौड़िया रखकर पूजा करें तथा पूजा के बाद सभी चीजें इतनी दूर अपनी तिजोरी में रख ले।

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यदि आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो मां लक्ष्मी जी को हल्दी की गांठ इत्र और गुलाब के फूल चढ़ाएं तथा केसर का तिलक अपने माथे पर लगाएं इससे पति पत्नी के संबंध अच्छे बनते है।

7. कुबेर यंत्र और शंख की पूजा करें

totke for husband and wife relation पति-पत्नी के संबंधों को अच्छे से बनाए रखने के लिए अपने घर में कुबेर यंत्र या श्री यंत्र की स्थापना करें और एकाक्षी नारियल दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करें।

कुबेर यंत्र श्री यंत्र और दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करने से घर में धन दौलत की कमी नहीं रहेगी जिसकी वजह से पति और पत्नी के संबंध भी अच्छे रहेंगे।