त्राटक विद्या क्या है ? त्राटक कैसे करे ? सावधानियां What is Tratak Vidya in hindi ?

Tratak kya hai ? जैसा कि आप जानते हैं कि हमारा India भारत देश country एक बहुत ही प्राचीन देश है और प्राचीन देश होने के कारण हमारे भारत India देश में ऐसी कई रहस्य secret आज भी विद्यमान है जिसके बारे में किसी को भी कोई भी जानकारी नहीं है| हमारे भारत देश ने दुनिया word  को काफी कुछ दिया है|अगर हम यह कहे कि हमारा भारत देश विश्व का गुरु था तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी और वर्तमान में भी भारत विश्व को कई ऐसी सौगाते दे रहा है जो अपने आप में काफी आश्चर्यचकित कर देने वाली हैं| tratak kya hai ? tratak kaise kare ? tratak karne ke kya fayde hai ?

हमारे भारत ने ही सबसे पहले दुनिया को शून्य का आविष्कार दिया था| आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शून्य की खोज हमारे भारत के महान गणित शास्त्री आर्यभट्ट ने की थी| इसके अलावा पृथ्वी से बाहर अन्य ग्रह है इसकी जानकारी भी हमारे भारत देश के ऋषि-मुनियों ने ही दी थी और शायद आपको पता ना हो तो आपकी जानकारी के लिए बता दें |

प्लास्टिक plastic सर्जरी Surgery का आविष्कार हमारे भारत में हुआ था और इसे प्राचीन भाषा में शल्य चिकित्सा कहा जाता था जिसकी खोज महर्षि चरक ने की थी और महर्षि चरक ने चरक संहिता नाम के ग्रंथ में ऐसे कई नुस्खे बताए हैं जिसका इस्तेमाल इलाज के लिए किया जाता था|

त्राटक विद्या के फायदे ,त्राटक , त्राटक के नुकसान, त्राटक के चमत्कार, त्राटक के फायदे, त्राटक के फायदे और नुकसान, त्राटक क्रिया, त्राटक बिंदु, त्राटक की पूरी विधि pdf, त्राटक की शक्तियाँ, त्राटक arth, त्राटक book pdf, tratak kya hai ?, tratak kya hai, tratak kriya kya hai, darpan tratak kya hai, tratak sadhana kya hai, bindu tratak kya hai, tratak shakti kya hai, tratak yoga kya hai, tratak ka matlab kya hai, tratak kya hota hai, ,त्राटक से क्या क्या संभव है?, त्राटक कितने समय तक करना चाहिए?, त्राटक की शुरुआत कैसे करें?, त्राटक का अर्थ क्या है?, त्राटक कितने समय तक करना चाहिए?, त्राटक की शुरुआत कैसे करें?, त्राटक का अर्थ क्या है?, त्राटक के क्या क्या लाभ है?, ,त्राटक कितने प्रकार के होते हैं? ,त्राटक कितने प्रकार के होते हैं? ,त्राटक क्रिया कैसे होती है? ,tratak vidya kya hai , ,tratak vidya ke fayade , ,tratak vidhya se kya kya hota hai , ,tratk vidhya ka arth ,

इसके अलावा अंकगणित भी दुनिया को हमारे भारत देश ने ही दिया है और सबसे जरूरी चीज योग, योग भी हमारे भारत देश ने हीं पूरी दुनिया को दिया है| योगा में ही एक ऐसी विद्या के बारे में बताया गया है जो हमारे लिए काफी फायदेमंद है उस विद्या का नाम है त्राटक विद्या tratak vidya |

आपने कभी ना कभी इस विद्या के बारे में अवश्य सुना होगा और अगर आपने नहीं सुना तो चिंता बिल्कुल भी ना करें क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम आपको इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं| त्राटक विद्या एक ऐसी विद्या है जिसका मुख्य लक्ष्य अपने ध्यान को केंद्रित करना होता है|

त्राटक विद्या किसी एक चीज को देखते हुए बिना अपनी पलकों को झपकाए हुए की जाती है और इसे तब तक किया जाता है जब तक कि हमारी आंखों से आंसू नहीं आ जाते| जब आपकी आंखों से आंसू आ जाए तो कुछ देर के लिए अपना ध्यान बंद कर दें और फिर से अपना ध्यान उस चीज की ओर लगा कर रखे जिस पर आप त्राटक विद्या कर रहे हैं|

त्राटक विद्या का मतलब क्या होता है ? : Meaning or tratak Vidhya

त्राटक विद्या का मुख्य लक्ष्य होता है अपनी एकाग्रता को बढ़ाना,इसीलिए अगर आप अपनी एकाग्रता को बढ़ाना चाहते हैं तो आपको त्राटक विद्या अवश्य करनी चाहिए| त्राटक विद्या हमारे ध्यान को स्थिर करने के लिए एक अति उत्तम विद्या मानी गई है|अगर आपका मन भी इधर-उधर ज्यादा भटकता है या फिर आपका मन शांत नहीं रहता है तो आपको यह विद्या अवश्य करनी चाहिए|

सामान्य तौर पर इस विद्या को करने के लिए जलती हुई मोमबत्ती, जलता हुआ दीपक या फिर किसी ऐसी चीज का इस्तेमाल किया जाता है जो स्थिर रहती है| इससे आपका दिमाग किसी भी चीज को फोकस करने में तेज होगा| वैसे हमारी सलाह के अनुसार तो आपको मोमबत्ती या फिर जलते हुए दीपक पर यह विद्या करनी चाहिए क्योंकि इससे आपको ज्यादा एकाग्रता मिलेगी|

इस विद्या का इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है और इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए किया जाता है| अगर आपके आंखों की रोशनी कम है तो आप रोजाना पांच से लेकर 15 मिनट तक इस विद्या का अभ्यास अवश्य करें| इससे आपके आंखों की रोशनी तेज होगी और अगर आपकी आंखों में जलन या फिर दर्द होता है तो इस समस्या से भी आपको छुटकारा मिल जाएगा|

त्राटक विद्या कैसे करेंHow to Do Tratak Vidhya

अगर आप त्राटक विद्या करना चाहते हैं या फिर त्राटक विद्या सीखना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले आपको अपना ध्यान केंद्रित करने के लिए किसी चीज को अपना केंद्र बिंदु बनाना होगा| किसी भी चीज को अपना केंद्र बिंदु बनने के बाद ही आप त्राटक विद्या सीखना चालू कर सकते हैं|

त्राटक विद्या सीखने के लिए आप बिंदु, तारा, सूरज, चंद्रमा, दीपक या फिर जलती हुई मोमबत्ती का सहारा ले सकते हैं| इसके अलावा भी आप ऐसी चीजों को चुन सकते हैं जो स्थिर रहती हो परंतु हमारी सलाह के अनुसार आप सबसे पहले इस विद्या को सीखने का प्रयास दीपक के ऊपर करिए|

इस विद्या को सीखने के लिए सबसे पहले किसी एकांत और शांत जगह पर जाएं और इसके बाद जमीन पर पालथी मारकर बैठ जाएं और अपने सामने जलती हुई मोमबत्ती या फिर जलता हुआ दीपक रख ले, उसके बाद अपने सिर गर्दन और पीठ को सीधा करें और फिर उस दीपक की ओर देखना चालू करें|अपनी आंखों को लगातार दीपक या फिर जलती हुई मोमबत्ती के ऊपर ही लगा कर रखें और जब तक आपकी आंखें थक ना जाए या फिर आपकी आंखों से आंसू ना निकलने लगे तब तक आप अपना ध्यान उस दीपक या फिर जलती हुई मोमबत्ती के ऊपर लगा कर रखें|

ध्यान के दरमियान आप अपनी पलकें बिल्कुल भी ना बंद करे| जब आप की आंखों से आंसू आ जाए तब आप अपनी आंखों को ठंडे पानी से धो लें| इस तरह रोजाना अभ्यास करें|

त्राटक करने के क्या फायदे है ? Benifiets of Tratak

  • आंखों की रोशनी तेज होती है।
  • नकारात्मक विचारों सो मुक्ति मिलती है।
  • एकाग्रता बढ़ती है।
  • गुस्सा कम आने में करें मदद।
  • खोई हुई रोशनी वापस लाए
  • अनिद्रा की शिकायत खत्म होती है।
  • मस्तिष्क की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।
  • मानसिक शांति मिलती है।
  • सिरदर्द, माइग्रेन आदि से निजात मिलता है।

त्राटक अभ्यास करते समय सावधानियां रखनी चाहिये ?  Caution in Tratak Sadhna

शुरुआत में जब आप इस विद्या को करेंगे तब हो सकता है कि आपकी आंखों में तेज जलन हो या आपकी आंखों से लगातार आंसू बहने लगे, ऐसी अवस्था में आपको हार नहीं माननी है क्योंकि ऐसा सबके साथ होता है बल्कि आपको लगातार इसकी प्रैक्टिस जारी रखनी है| जैसे-जैसे आप इसकी प्रैक्टिस करते जाएंगे वैसे वैसे आपके आंखों में जलन भी कम होती जाएगी और एक समय ऐसा आएगा जब आप अपना ध्यान किसी भी चीज पर केंद्रित कर पाएंगे|

इस विद्या का अभ्यास रोजाना 10 मिनट से ज्यादा नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से आपकी आंखों को नुकसान भी हो सकता है| इसीलिए इस विद्या का अभ्यास से 10 मिनट से ज्यादा ना करें|