खाटू श्याम जी के उपाय Khatu shyam ji ke upay : हेलो दोस्तों नमस्कार आज मैं आप लोगों को इस लेख के माध्यम से खाटू श्याम जी के उपाय से संबंधित जानकारी प्रदान करूंगी. जिसमें मैं आप लोगों को बताऊंगी कैसे खाटू श्याम बाबा की पूजा अर्चना करके हमेशा के लिए इनकी कृपा प्राप्त की जा सकती है. क्योंकि खाटू श्याम बाबा को श्याम के कलयुग अवतारी रूप में पूजा जाता है.
जिसका मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में बना है जहां पर हर साल फागुन के महीने में एकादशी वाले दिन खाटू श्याम बाबा का जन्मदिन मनाया जाता है और इस दिन खाटू श्याम मंदिर पर मेला लगता है और हजारों की संख्या में खाटू बाबा के भक्त इनके दर्शन प्राप्त करके इनकी कृपा प्राप्त करने के लिए आते हैं. इतना ही नहीं खाटू बाबा का एक कुंड बना है, जिसमें स्नान मात्र कर लेने से व्यक्ति के जन्म जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं.
इसकी वजह से हर व्यक्ति खाटू बाबा के दर्शन करने का इच्छुक बन जाता है. क्योंकि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा बताया जाता है कि खाटू श्याम बाबा के दर्शन मात्र कर लेने से ही व्यक्ति के समस्त दुख दूर होते हैं तथा समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. लेकिन कई बार मंदिर की काफी दूरी होने के कारण बहुत से लोग इनके दर्शन के लिए नहीं जा पाते हैं. ऐसे में आप खाटू श्याम बाबा के कुछ उपाय करके घर पर ही खाटू श्याम बाबा की पूजा अर्चना करके इनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं.
क्योंकि ईश्वर हर जगह विद्यमान होते हैं. बस सच्चे दिल से उन्हें पुकारने की आवश्यकता होती है. इसलिए आज हम इस लेख में बताएंगे कुछ ऐसे उपाय जिन्हें करने से खाटू बाबा आपको हर जगह प्राप्त मिलेंगे. ऐसे में अगर आप खाटू बाबा की कृपा प्राप्त करने के लिए उन उपयो की विधिवत जानकारी को जानना चाहते हैं तो कृपया करके इस लेख को शुरू से अंत तक अवश्य पढ़ें.
- 1. खाटू श्याम जी के उपाय | Khatu shyam ji ke upay
- 2. खाटू जी की विधिवत पूजा करने की विधि
- 3. खाटू श्याम बाबा की आरती
- 4. खाटू श्याम जी का दूसरा उपाय | Khatu shyam ji ka dusara upay
- 4.1. शुक्ल पक्ष को एकादशी का व्रत करने की विधि
- 5. खाटू श्याम बाबा कौन है और इनका खाटू श्याम नाम कैसे पड़ा ?
- 6. FAQ : खाटू श्याम जी के उपाय
- 6.1. खाटू श्याम पहले कौन थे ?
- 6.2. श्याम बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए क्या करना चाहिए ?
- 6.3. सफलता के लिए श्याम मंत्र बताइए ?
- 7. निष्कर्ष
खाटू श्याम जी के उपाय | Khatu shyam ji ke upay
यहां पर हम आप लोगों को खाटू श्याम जी के उपाय की जानकारी देने के साथ-साथ इस टॉपिक से जुड़ी अन्य जानकारी भी प्रदान करेंगे इसलिए आप इस लेख को ध्यान पूर्वक अंत तक अवश्य पढ़ें, तो आईए यही से शुरू करते हैं खाटू श्याम जी के क्या उपाय हैं जैसे :
खाटू जी की विधिवत पूजा करने की विधि
खाटू श्याम जी को प्रसन्न करके उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए खाटू श्याम जी की विधिवत पूजा करने से बढ़कर और कोई उपाय नहीं है इसलिए आइए जानते हैं खाटू श्याम जी की विधिवत पूजा विधि क्या है :
- सबसे पहले आप अपने घर को साफ पानी से धोकर अच्छे से साफ कर लें, उसके पश्चात खुद भी स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण कर ले.
- उसके पश्चात किसी साफ स्थान पर या फिर लकड़ी के पटरे पर कोई साफ वस्त्र बिछाकर उसके ऊपर खाटू श्याम की कोई फोटो या प्रतिमा की स्थापना करें.
- इतना सब कुछ करने के बाद खाटू श्याम बाबा की पूजा करने के लिए आप धूपबत्ती, अगरबत्ती, अक्षत, भोग का सामान, पुष्प प्रसाद ,पंचामृत आदि सामग्री इकट्ठा कर ले.
- उसके बाद पंचामृत से खाटू श्याम बाबा की मूर्ति का अभिषेक करें फिर उन्हें स्वच्छ जल से स्नान करवा दें उसके बाद किसी मुलायम वस्त्र से उनकी मूर्ति को साफ करके उन्हें स्वच्छ कपड़े धारण करवाकर उनकी चौकी पर स्थापित करें.
- मूर्ति स्थापित करने के बाद आप खाटू श्याम बाबा के सामने धूपबत्ती ,अगरबत्ती जलाएं उनके सामने चावल के अक्षत के 5 छोटे-छोटे ढेर लगा दे, उसके पश्चात खाटू बाबा की प्रतिमा के सामने फूल फल इत्यादि अर्पित करें.
- इतना करने के बाद आप खाटू श्याम बाबा की प्रतिमा के सामने देसी घी का दीपक जलाएं उसके बाद खाटू श्याम बाबा को लड्डू पेड़ा बर्फी हलवा आपसे जो हो सके उस चीज का भोग लगाएं, और कच्चा दूध चढ़ाना बिल्कुल भी ना भूले क्योंकि कच्चा दूध खाटू श्याम बाबा को बेहद ही प्रिय है.
- इतना सब कुछ करने के बाद आप खाटू श्याम बाबा की आरती करें.
खाटू श्याम बाबा की आरती
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे…॥रतन जड़ित सिंहासन,
सिर पर चंवर ढुरे ।
तन केसरिया बागो,
कुण्डल श्रवण पड़े ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे…॥गल पुष्पों की माला,
सिर पार मुकुट धरे ।
खेवत धूप अग्नि पर,
दीपक ज्योति जले ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे…॥मोदक खीर चूरमा,
सुवरण थाल भरे ।
सेवक भोग लगावत,
सेवा नित्य करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे…॥झांझ कटोरा और घडियावल,
शंख मृदंग घुरे ।
भक्त आरती गावे,
जय-जयकार करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे…॥जो ध्यावे फल पावे,
सब दुःख से उबरे ।
सेवक जन निज मुख से,
श्री श्याम-श्याम उचरे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे…॥श्री श्याम बिहारी जी की आरती,
जो कोई नर गावे ।
कहत भक्त-जन,
मनवांछित फल पावे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे…॥जय श्री श्याम हरे,
बाबा जी श्री श्याम हरे ।
निज भक्तों के तुमने,
पूरण काज करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे…॥ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
श्री श्याम विनती: हाथ जोड़ विनती करू तो सुनियो चित्त लगाये!
- खाटू श्याम बाबा की आरती करने के पश्चात आप उस आरती का धुआं अपने घर के चारों तरफ फैला दें तथा घर के सभी सदस्य को आरती लेने के लिए कहे और खुद भी आरती लें आरती लेने के पश्चात आप फिर से उस आरती को खाटू बाबा की प्रतिमा के सामने रख दें.
- इतनी प्रक्रिया करने के बाद खाटू बाबा की पूजा विधिवत रूप से संपन्न हो जाएगी इसके बाद आप खाटू श्याम बाबा से हाथ जोड़कर क्षमा याचना मांगे और उसके पश्चात अपनी समस्त मनोकामना को अपने शब्दों में खाटू श्याम बाबा के सामने प्रस्तुत करें.
- ऐसा नियमित रूप से करने से खाटू श्याम बाबा सदैव आपके जीवन में अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखेंगे.
खाटू श्याम जी का दूसरा उपाय | Khatu shyam ji ka dusara upay
जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं राजस्थान के सीकर जिले में खाटू श्याम बाबा का मंदिर बना है जहां पर हर साल कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मेला लगता है और इस दिन इनका जन्मदिन भी मनाया जाता है.
इसीलिए खाटू श्याम बाबा की कृपा प्राप्त करने के लिए आप शुक्ल पक्ष की एकादशी वाले दिन खाटू श्याम बाबा का विधिपूर्वक व्रत रखकर इनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं इसीलिए आज हम यहां पर खाटू श्याम बाबा का एकादशी व्रत कैसे रखना चाहिए इसके विषय में क्रम वाइज से संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे :
शुक्ल पक्ष को एकादशी का व्रत करने की विधि
- शुक्ल पक्ष की तिथि में एकादशी वाले दिन सूर्य उदय से पहले उठकर घर की अच्छे से साफ सफाई करें और खुद स्नान आदि से निवृत होकर पीले वस्त्र धारण कर ले.
- उसके पश्चात एक स्वच्छ स्थान पर खाटू श्याम बाबा की फोटो या मूर्ति स्थापना के लिए सफेद चादर बिछा दें.
- उसके पश्चात खाटू श्याम बाबा की मूर्ति को पंचामृत से अभिषेक करें उसके पश्चात स्वच्छ गंगा जल से नहलाने के बाद किसी साफ वस्त्र से उनकी मूर्ति को साफ करके उन्हें वस्त्र धारण करके बनाई गई चौकी पर स्थापित करें.
- मूर्ति स्थापना के बाद आप इनके सामने फल फूल अक्षत लड्डू पेड़ा बर्फी आदि अर्पित करें.
- उसके बाद शुद्ध देसी गाय के घी से दीपक जलाकर इनके सामने रखें फिर धूपबत्ती और कपूर जलाकर खाटू श्याम बाबा की संपूर्ण आरती करें.
- आरती करने के पश्चात इस व्रत को करने का संकल्प लेकर खाटू श्याम बाबा से प्रार्थना करें कि हे प्रभु हमारे अंदर इतनी सकारात्मक शक्तियां प्रदान करो कि मैं अपने व्रत को नियम पूर्वक अच्छे से सफल कर सकूं.
- व्रत का संकल्प लेने के पश्चात आप इस मंत्र का बाबा की प्रतिमा के सामने बैठकर 180 बार जाप करें.
जाप मंत्र
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’
- मंत्र का जितना संभव हो जप करें।
- मंत्र जाप की प्रक्रिया पूरी होने के पश्चात खाटू श्याम बाबा की कथा सुने, इस कथा को आप किसी किताब में पढ़ सकते हैं या फिर घर में पंडित को बुलाकर सुन सकते हैं.
- कथा को सुनने के पश्चात आप सारा दिन व्रत रखें इस दिन आप भोजन ना करें और शाम को सोने से पहले खाटू श्याम बाबा के मंदिर में घी का दीपक जलाएं और भोग के रूप में हलवा, बर्फी, पेड़ा, दूध आपसे जो हो सके आप वह भोग लगाएं और खाटू श्याम बाबा से अपने समस्त कष्ट बताएं फिर जमीन पर या फिर लकड़ी के तखत पर सो जाएं.
इस तरह से एकादशी व्रत करने से खाटू श्याम बाबा अपने भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं और उसके समस्त कष्टों को अपने जीवन में उतार लेते हैं. अभी तक आप लोगों ने खाटू श्याम जी के उपाय से संबंधित जानकारी प्राप्त की है अब आइए जानते हैं खाटू श्याम बाबा से संबंधित अन्य जानकारी जैसे :
खाटू श्याम बाबा कौन है और इनका खाटू श्याम नाम कैसे पड़ा ?
खाटू श्याम पांडुपुत्र भीम के पुत्र है , जिनका नाम बर्बरीक है बर्बरीक बचपन से लेकर युवावस्था तक महादेव की कठोर तपस्या करके कई दिव्य शक्तियां प्राप्त की थी तथा इनकी तपस्या के दौरान भोलेनाथ ने वरदान के रूप में इन्हें तीन दिव्य बाण प्रदान किए थे जो समस्त दुनिया का विनाश कर सकती थी.
ऐसे में एक समय आया जब कौरव और पांडव के बीच कुरुक्षेत्र में महान युद्ध छिड़ा उस युद्ध को देखने के लिए बर्बरीक की इच्छा हुई उसने अपनी मां से युद्ध देखने की इच्छा जाहिर की मा ने जाने की इजाजत दे दी और कहा वहां जाकर हारे का सहारा बनना तो बर्बरीक ने अपनी मां मोरवी को वचन दिया, मैं आपके कहने के मुताबिक हारने वाले पक्ष की तरफ से ही लड़ूंगा.
इतना कहकर बर्बरीक अपने नीले घोड़े पर सवार होकर कुरुक्षेत्र की ओर प्रवेश कर दिया तभी कृष्ण को आभास हुआ अगर बर्बरीक इस युद्ध में शामिल हुआ तो पांडव की हार निश्चित है इसीलिए श्री कृष्ण ने बर्बरीक को रोकने के लिए ब्राह्मण का रूप धारण करके उन्हें रास्ते में ही रोक लिया और उनसे प्रश्न किया आप कहां जा रहे तब बर्बरीक ने मुस्कुराते हुए कहा मैं कुरुक्षेत्र में पांडवों और कौरवों के बीच हो रहे युद्ध को देखने के लिए जा रहा हूं.
तब श्री कृष्ण ने बर्बरीक से कहा तुम्हारे पास तो कोई सेना भी नहीं है वहां जाकर तुम्हें कोई मार देगा तो क्या होगा तब बर्बरीक ने मुस्कुराते हुए कहा हमारे पास 3 दिन बाण है जो समस्त सृष्टि का विनाश कर सकती हैं इनमें से एक बाण ही पांडवों और कौरवों के बीच चल रहे युद्ध को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए काफी है. श्री कृष्ण ने बर्बरीक इस बात को सुनकर चुनौती दी अगर ऐसा है तो तुम साबित करके दिखाओ कि तुम्हारे पास इतनी दिव्य शक्ति है.
श्रीकृष्ण को सामान्य ब्राह्मण समझते हुए बर्बरीक ने उनकी चुनौती को स्वीकार कर लिया और अपनी एक बाण को धनुष पर तान कर सामने एक पीपल का वृक्ष था उस वृक्ष पर चलाया उस वृक्ष में जितने भी पत्ते थे सब में छेद हो गए और पीपल का एक पत्ता श्री कृष्ण के पैर के नीचे था इसलिए बर्बरीक के द्वारा छोड़ी गई बाण श्री कृष्ण के पैर के चारों तरफ मंडरा रही थी. तब बर्बरीक ने श्री कृष्ण से कहा अपना पैर हटा लीजिए वरना यह बाण आपके पैर को छेद कर देगी. क्योंकि अवश्य ही आपके पैर के नीचे पीपल का एक पत्ता है.
जब श्री कृष्ण ने अपना पैर हटाया तो सच में उनके पैर के नीचे पीपल का एक पत्ता था. श्री कृष्ण बर्बरीक की इस शक्ति को देखकर बहुत ही ज्यादा हैरान रह गए और फिर मन ही मन सोचने लगे किस प्रकार से बर्बरीक को युद्ध में जाने से रोकू. कुछ समय पश्चात श्री कृष्ण ने बर्बरीक की की प्रशंसा करते हुए कहा आप तो इतने महान शक्तिशाली योद्धा हैं क्या आप मुझ रास्ते में मिले गरीब ब्राह्मण को कुछ दान नहीं देंगे.
श्री कृष्ण की इस बात को सुनकर बर्बरीक मुस्कुराते हुए बोले बोलो आपको क्या चाहिए मैं आपको आपकी इच्छा अनुसार जो मांगेंगे प्रदान करूंगा श्री कृष्ण ने कहा आप मुझे वचन दीजिए मैं जो मांग लूंगा आप मुझे देंगे. बर्बरीक ने श्रीकृष्ण को सामान्य ब्राह्मण समझते हुए उन्हें वचन दे दिया वचन के मुताबिक श्री कृष्ण ने बर्बरीक से उनका शीश माँगा.
बर्बरीक ने जैसे ही ब्राह्मण के इस दान को सुना तो वह समझ गए कि यह कोई सामान्य ब्राह्मण नहीं है तो बर्बरीक ने श्रीकृष्ण से हाथ जोड़कर निवेदन किया आप अपने असली रूप में आ जाइए और अपना संपूर्ण परिचय हमें बताइए मैं वचन देता हूं मैं अपने वचन के मुताबिक आपके चरणों में अपना शीश दान करूंगा. बर्बरीक कि इस बात को सुनकर श्री कृष्ण अपने असली रूप में आ गए और बर्बरीक से अपना संपूर्ण परिचय दिया.
बर्बरीक ने श्री कृष्ण के विषय में सब कुछ जानने के पश्चात उन्हें अपना शीश दान करने से पहले एक इच्छा जताई कहा हे प्रभु मैं कौरव और पांडवों के बीच चल रहे युद्ध को देखना चाहता हूं इसीलिए आप मेरा शीश दान में ले लीजिए मगर मुझे उस युद्ध का चित्रण करा दीजिए. बर्बरीक को इस बात से श्रीकृष्ण सहमत हो गए उसके पश्चात बर्बरीक ने खुशी-खुशी अपना शीश श्री कृष्ण के चरणो में दान कर दिया.
युद्ध के दौरान श्री कृष्ण ने बर्बरीक का शीष युद्ध अवलोकन के लिए एक ऊंचे स्थान पर स्थापित कर दिया।. युद्ध संपन्न होने के पश्चात विजय पांडव की हुई. पांडवों की विजय होने के पश्चात सभी पांडव आपस में युद्ध जीतने का श्रेय प्राप्त करने के लिए लड़ रहे थे. तभी श्री कृष्ण ने पांडवों से कहा युद्ध का श्रेय किसको मिला है इसका वर्णन बर्बरीक का शीष कर सकता हैं. तब श्री कृष्ण ने बर्बरीक के शीश से निवेदन किया अपने युद्ध का संपूर्ण चित्रण देखा है.
इसलिए कृप्या करके यह बताने की चेष्टा करे की इस युद्ध का श्रेय किसको मिलना चाहिए. तब बर्बरीक के शीश ने पांडवों को बताया, युद्ध के दौरान श्री कृष्ण का चक्र चल रहा था जिसकी वजह से सभी योद्धा कटे हुए वृक्ष की तरह पराजित हो रहे थे और उधर द्रौपदी महाकाली के रूप में रक्तपान कर रही थी. इसीलिए इस युद्ध का श्रेय महारथी श्री कृष्णा और अर्जुन को प्राप्त होता है.
बर्बरीक की दानवीरता और इमानदारी से श्री कृष्ण प्रसन्न होकर उन्हें कलयुग में अपने रूप में पूजे जाने का वरदान दिया और जो भी भक्त सच्चे दिल से आपके नाम का स्मरण करेगा तो उस भक्तों का कल्याण होगा और धर्म-अर्थ काम मोक्ष की प्राप्ति होगी. स्वप्न दर्शनोंपरांत बर्बरीक खाटू श्याम बाबा के रूप में खाटू धाम में स्थित कुंड से प्रकट हुए थे. उसके बाद वहां के राजा ने इनका एक बहुत ही विशाल और भव्य मंदिर बनवा दिया तब से बर्बरीक खाटू श्याम बाबा के रूप में जाने जाते हैं.
FAQ : खाटू श्याम जी के उपाय
खाटू श्याम पहले कौन थे ?
श्याम बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए क्या करना चाहिए ?
सफलता के लिए श्याम मंत्र बताइए ?
निष्कर्ष
दोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से खाटू श्याम जी के उपाय से संबंधित जानकारी प्रदान की है जिसमें हमने आप लोगों को खाटू श्याम बाबा को प्रसन्न करके इनकी कृपा प्राप्त करने के दो सबसे प्रमुख उपाय बताए हैं अगर आप लोग इन उपाय को करते हैं तो अवश्य ही खाटू श्याम बाबा आपके जीवन में सुख शांति प्रदान करेंगे.
इसी के साथ में हमने खाटू श्याम बाबा कौन है इनका खाटू श्याम बाबा नाम कैसे पड़ा इस विषय में भी बताने की कोशिश की है अगर आप लोगों ने इस लेख को शुरू से अंत तक पढ़ा होगा तो आप लोगों को खट्टू श्याम बाबा से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई होगी, तो दोस्तों मैं उम्मीद करती हूं आप लोगों को हमारे द्वारा बताई गई जानकारी पसंद आई होगी और उपयोगी भी साबित हुई होगी.