ज्योतिष शास्त्र के अनुसार धनु राशि की आयु कितनी होती है ? | Dhanu rashi ki aayu kitni hoti hai

धनु राशि की आयु Dhanu rashi ki aayu : हेलो मेरे प्रिय सज्जनों स्वागत है आप सभी का इस पोस्ट में जिसमें हम बात करेंगे धनु राशि की आयु के बारे में क्योंकि मनुष्य का जीवन बहुत ही अनमोल होता है जो बहुत अच्छे कर्म करने के बाद प्राप्त होता हैं.

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इसीलिए हर व्यक्ति के मन में कभी ना कभी यह सवाल चलता रहता है कि पता नहीं हमारी आयु कितनी है या फिर उनके मन में यह सवाल रहता है पता नहीं किस घड़ी में हमारी मृत्यु हो जाए. वैसे तो किसी को भी अपनी आयु के विषय में नहीं सोचना चाहिए. क्योंकि भगवान ने हर किसी की जितनी भी आयु लिखी है, उतनी आयु वह व्यक्ति इस धरती पर जीवित रह सकता है.

इसीलिए आपको जितना भी समय मिला है, हंस खेलकर जीना चाहिए. लेकिन फिर भी कभी ना कभी मन में यह सवाल आ ही जाता हैं खास करके धनु राशि के जातक में यह सवाल अधिक चलता रहता है. क्योंकि धनु राशि के जातक ईमानदार और सत्य की खोज करने वाले होते हैं इसीलिए इनके मन में अपनी आयु को लेकर जानने की इच्छा जागृत होती है.

ऐसे में अगर आपकी भी राशि धनु है और आप अपनी आयु की जानकारी को प्राप्त करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं क्योंकि आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से धनु राशि की आयु कितनी होती है और इनकी पूरी आयु में कौन कौन से कष्ट होते हैं ? उन कष्टों से किस प्रकार से छुटकारा पाया जा सकता है.

यह सब बताएंगे अगर आप इस जानकारी को विस्तार से प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को शुरु से अंत तक अवश्य पढ़ें :

आयु के प्रकार | Aayu ke prakar

हर मनुष्य को अपनी आयु के विषय में जानने से पहले आयु के प्रकार जानना आवश्यक होता है इसीलिए हम यहां पर आयु कितने प्रकार की होती है इसके विषय में बताएंगे फिर धनु राशि के जातक की संपूर्ण आयु कितनी होती है इसके विषय में बताएं

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आयु के तीन प्रकार हैं :

1. अल्प आयु

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बाल्यावस्था या फिर बाल्यावस्था के बाद व्यक्ति जिस आयु को प्राप्त करता है अगर उस आयु में उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो इसे अल्प आयु कहते हैं.

2. मध्यम आयु

Handsome man

जब व्यक्ति 30 से 60 वर्ष की आयु के बीच होता है और इसी आयु में उसकी मृत्यु हो जाती है तो इसे मध्यम आयु कहते हैं

3. दीर्घ आयु

जो व्यक्ति 60 वर्ष से आगे तक जीता है यानी कि 80 & 100 वर्ष तो उसे दीर्घ आयु कहते हैं.

mantra anath old man

इसके अलावा ज्योतिष शास्त्र में यह भी कहा गया है अगर कोई बच्चा मां की कोख से जन्म लेता है और दो-तीन घंटे बाद मृत्यु को प्राप्त कर लेता है तो इसे क्षणिक मात्र आयु कहते हैं यानी कि कुछ पल जीने की आयु.

दोस्तों ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आयु के लिए,अल्प आयु, मध्यम आयु, और दीर्घ आयु के प्रकार बताए गए हैं और इन्हीं तीन आयु में से धनु राशि की भी कोई एक आयु हो सकती है. इसीलिए हम यहां पर बताएंगे धनु राशि के जातक की आयु कितनी होती है या कौन सी है

धनु राशि की आयु कितनी होती है ? | Dhanu rashi ki aayu

जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं धनु राशि के स्वामी बृहस्पति देव होते हैं और इनके इष्ट देवता भगवान विष्णु होते हैं इनका राशि तत्व अग्नि माना गया है जिसकी वजह से धनु राशि के जातक को बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है और इनका बना बनाया कार्य भी बिगड़ जाता है.

जिसकी वजह से धनु राशि के जातक को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है वैसे तो अगर धनु राशि के जातक की कुंडली में बृहस्पति देव उच्च ग्रहों यानी अपने मित्र क्षेत्रों में प्रवेश करते हैं तो धनु राशि के जातक दीर्घ आयु को प्राप्त करते हैं.

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इसके अलावा अगर इनके बृहस्पति देव नीच ग्रहों में प्रवेश यानी आपके शत्रु के क्षेत्र में प्रवेश करते हैं तो यह अल्पायु को प्राप्त करते हैं और अगर सम क्षेत्रों में प्रवेश करते हैं तो मध्यम आयु को प्राप्त करते हैं.

इसीलिए हम धनु राशि की कुंडली के हिसाब से धनु राशि के जातक की संपूर्ण आयु क्या होती है और उस संपूर्ण आयु में कौन-कौन से कष्ट मिलेंगे इसके विषय में बताएंगे

धनु राशि की संपूर्ण आयु | Dhanu rashi ki sampurn aayu

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार धनु राशि के जातक की संपूर्ण आयु 85 वर्ष बताई गई है इसके अलावा अगर धनु राशि का स्वामी यानी बृहस्पति देव प्रबल क्षेत्र में प्रवेश करते हैं तो इनकी आयु अधिक हो सकती है.

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अब आइए जानते हैं 85 वर्ष की आयु में धनु राशि के जातक को किस आयु में कौन कौन से कष्ट हो सकते हैं और उन कष्टों को दूर करने के लिए कौन से उपाय करने चाहिए.

धनु राशि के जातकों को 85 वर्ष के बीच में मिलने वाले कष्ट

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार धनु राशि के जातक के अग्नि तत्व, स्वामी बृहस्पति देव, और मूल नक्षत्र के माध्यम से इनकी आयु 85 वर्ष की बताई गई है और इन्हें इस 85 वर्ष के बीच में तरह-तरह के कष्टों का सामना करना पड़ सकता है, जो हम इस प्रकार से दर्शाया जा सकता हैं. जैसे :

1. जन्म लेने से 5 महीने में मिलने वाले कष्ट

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बताया गया है धनु राशि के जातक जन्म लेने जब बाल्यावस्था में होते हैं तो उस बाल्यावस्था के पांचवे महीने में इन लोगों को शारीरिक कष्ट मिलते हैं जैसी सर्दी खांसी जुखाम शरीर में पीड़ा होना इत्या.दि

2. 5 महीने से 3 वर्ष में मिलने वाले कष्ट

जब धनु राशि के जातक 3 वर्ष के हो जाते हैं, तो उन्हें 3 वर्ष के किसी भी महीने में किसी भी प्रकार का शारीरिक कष्ट मिल सकता है.

3. 3 वर्ष से 11 वर्ष में मिलने वाले कष्ट

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बताया गया है जब धनु राशि के जातक 11 वर्ष के होते हैं तो इन्हें नेत्र पीड़ा यानी की आंखों में तकलीफ की समस्या होती है.

4. 11 से 16 वर्ष में मिलने वाले कष्ट

कुंडली के अनुसार ज्योतिष शास्त्र का कहना है जब धनु राशि के जातक 16 वर्ष के होते हैं तो इन्हें जल घात की समस्या हो सकती हैं यानी कि यह लोग किसी कारण से पानी में डूब कर गिर कर मर सकते हैं.

5. 24, 36, 47, 57, 67 वर्ष में मिलने वाले कष्ट

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बताया गया है जब धनु राशि के जातक 24, 36 ,47, 57 ,67 वर्ष की आयु को प्राप्त करते हैं तो इस आयु में इन लोगों को सर्प का भय रहता है यानी कि इन लोगों को सांप डसने की वजह से मृत्यु का सामना करना पड़ सकता है इसीलिए इस आयु में इन लोगों को सावधान रहना चाहिए

6. 67, 85 वर्ष यानी की संपूर्ण आयु में मिलने वाले कष्ट

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बताया गया है अगर धनु राशि के जातक जब 85 वर्ष की आयु को प्राप्त करते हैं तो इन्हें आषाढ़ शुक्ल पक्ष, प्रदिप्रथा तिथि, गुरुवार दिन , मूल नक्षत्र गोधूलि बेला के समय मृत्यु को प्राप्त करते हैं. इसके अलावा अगर चंद्रमा शुभ ग्रह में प्रवेश करती है, तो धनु राशि के व्यक्ति 85 वर्ष से अधिक आयु जीने का सौभाग्य प्राप्त करते हैं.

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तो हमारे प्रिय मित्रों अगर आप लोगों की भी राशि धनु है तो आप लोग हमारे द्वारा बताए गए वर्ष में अपने आप पर विशेष ध्यान दें और हर प्रकार की सावधानियां बरतें अब हम आपको बताएंगे इन कष्टों से छुटकारा पाने के लिए कौन से उपाय अपनाने चाहिए

धनु राशि के जातक को संपूर्ण आयु में मिलने वाले कष्टों से छुटकारा पाने के उपाय

हमारे प्रिय मित्रों जैसा कि हमने आप लोगों को ऊपर के लेख में बताया है कि जब धनु राशि का गुरु यानी कि बृहस्पति देव नीच ग्रह यानी कि शत्रु क्षेत्र में प्रवेश करते हैं तो धनु राशि के जातक की आयु पर बुरा प्रभाव पड़ता है और इन्हें शारीरिक कष्ट का सामना करना पड़ता है.

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इसीलिए हम यहां पर बृहस्पति देव को शुभ ग्रह में प्रवेश करने और मजबूत बनाने के उपाय बताएंगे ऐसे में अगर आप अपनी कुंडली में अपने गुरु को प्रबल क्षेत्र में लाना चाहते हैं तो हमारे द्वारा बताए गए उपाय को ध्यानपूर्वक पढ़ें :

1. पीले वस्त्र दान करें

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बताया गया है बृहस्पति देव को खुश करने के लिए किसी भी भिखारी या फिर मंदिर में बैठे ब्राह्मण को पीले वस्त्र दान करने से बृहस्पति देव बहुत जल्द खुश होकर शुभ फल प्रदान करते हैं.

पीले वस्त्र दान करने के लिए आप पीले वस्त्र, चने की दाल, आम, केला, या फिर सोने की कोई वस्त्र दान कर सकते हैं ऐसा नियमित 5 शुक्रवार तक करने से आपकी कुंडली में बृहस्पति देव उत्तम ग्रह में प्रवेश करके आपके जीवन में शुभ फल देंगे

2. शुक्रवार का व्रत रखें

जिन लोगों की धनु राशि है उन जातकों को शारीरिक कष्ट प्रकार के समस्याओं से बचने के लिए शुक्रवार के दिन प्रातः सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं और बृहस्पति देव की पूजा करके उन्हें पीले वस्त्र दान करें और उस दिन उनका व्रत रखें, साथ में भगवान विष्णु का भी व्रत रखकर उनकी पूजा-अर्चना करें.

क्योंकि यह आपके इष्ट देवता हैं इस तरह से अगर आप सच्चे मन से 5 या 7 शुक्रवार व्रत रखते हैं तो आपके जीवन में सभी कष्ट खत्म हो जाए.

3. बृहस्पति देव के मंत्र का उच्चारण करें

अगर किसी कारणवश धनु राशि के जातक की कुंडली में बृहस्पति देव शत्रु पक्ष में प्रवेश करते हैं तो इससे धनु राशि के जातक को शारीरिक आर्थिक और सामाजिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

NARAYAN VISHNU BHAGWAN

इसलिए बृहस्पति देव को खुश करने के लिए हर धनु राशि के जातक को

ॐ बृं बृहस्पतये नम:।

मंत्र का उच्चारण सुबह स्नान करने के पश्चात 7 बार करना चाहिए तो आपको बहुत जल्दी अपने जीवन में परिवर्तन नजर आएंगे और आपके सभी रुके हुए कार्य तेज गति से आगे बढ़ेंगे ज्योतिष शास्त्र में यह भी बताया गया है.

अगर धनु राशि का जातक बृहस्पति देव के मंत्र के साथ में भगवान विष्णु मंत्र का उच्चारण करता है तो वह व्यक्ति शारीरिक मानसिक और आर्थिक परेशानियों से हमेशा के लिए मुक्त हो जाता है.

क्योंकि विष्णु भगवान धनु राशि के इष्ट भगवान होते हैं इसीलिए इस राशि के जातक को भगवान बृहस्पति के साथ में भगवान विष्णु के मंत्र का उच्चारण करना चाहिए जो इस प्रकार से है.

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

इस मंत्र का जाप सुबह 108 बार नियमित रूप से करना चाहिए अगर आपके पास 108 बार इस मंत्र को जाप करने का समय नहीं है तो आप नियमित रूप से 7 बार इस मंत्र का जाप आवश्यक है तो बहुत जल्द आपको शुभ फल मिलेगा

4. हल्दी का तिलक लगाएं

अगर धनु राशि के जातक को बार-बार शारीरिक पीड़ा मिल रही है तो इसके लिए धनु राशि के जातक को चाहिए कि जब भी वह किसी कार्य को करने के लिए घर से बाहर निकले तो हल्दी का तिलक लगाकर निकले तो आपको किसी भी प्रकार से शारीरिक कष्ट नहीं मिलेगा.

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क्योंकि हल्दी पीली होती है और पीले वस्त्र से बृहस्पति देव खुश रहते हैं ऐसे में अगर आप हल्दी का तिलक लगाएंगे तो आपके ऊपर बृहस्पति देव की कृपा बनी रहेगी और आप शारीरिक पीड़ा से मुक्त रहेंगे.

5. गरीबों को दही चावल का भोजन कराएं

अगर आपकी कुंडली में बृहस्पति देव कमजोर हैं तो उन्हें मजबूत बनाने के लिए आपको 5 शुक्रवार तक ब्राह्मण या फिर गरीब लोगों को दही चावल का भोजन कराना चाहिए तो बहुत जल्दी बृहस्पति देव आपसे प्रसन्न होंगे और आपके जीवन में सकारात्मक शक्तियों का प्रवेश होगा.

जिसकी वजह से आप आर्थिक उन्नति कर पाएंगे और शारीरिक पीड़ा से मुक्ति पाएंगे लेकिन गरीबों को भोजन कराते समय एक बात का विशेष ध्यान दें. उस दिन आपके मन में किसी भी प्रकार का गुस्सा और क्रोध नहीं होना चाहिए प्रेम पूर्वक से गरीब लोगों को भोजन कराएं तभी आपको शुभ फल मिलेगा.

FAQ : धनु राशि की आयु

धनु राशि की कमजोरी क्या है ?

धनु राशि के जातक का स्वभाव बहुत ज्यादा कोमल और दयालु होता है जिसकी वजह से यह किसी भी व्यक्ति की बात पर बहुत जल्दी भरोसा कर लेते हैं और फिर वही व्यक्ति इन्हें धोखा दे देता है जिसकी वजह से इनके दिल को बहुत ज्यादा ठेस पहुंचती है और यही इनकी सबसे बड़ी कमजोरी है

धनु राशि के जीवन में क्या लिखा है ?

अगर धनु राशि के जातक की कुंडली में इष्ट देवता और बृहस्पति देव प्रबल ग्रह में प्रवेश करते हैं तो धनु राशि के जातक के जीवन में किसी उच्च पद को प्राप्त करने में बहुत ज्यादा आसानी महसूस होती है.इसके अलावा अगर कुंडली में बृहस्पति और विष्णु भगवान नीच यानी की शत्रु क्षेत्र में प्रवेश करते हैं तो धनु राशि के जातक शारीरिक आर्थिक और मानसिक परेशानियों से ग्रसित हो जाते हैं

धनु राशि वाले जातक परेशान क्यों रहते हैं ?

धनु राशि के जातक बहुत ज्यादा साहसी और सत्य की खोज करने वाले माने गए हैं लेकिन इस राशि का तत्व अग्नि है जिसकी वजह से इन लोगों के अंदर बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है और फिर गुस्से में बना बनाया कार्य भी बिगाड़ देते हैं जिसकी वजह से इन लोगों को अपने जीवन में कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है

निष्कर्ष

दोस्तों जैसा कि आज मैंने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से धनु राशि की आयु के विषय में जानकारी प्रदान की है जिसमें हमने आप लोगों को धनु राशि के जातक की संपूर्ण आयु कितनी होती हैं और उस आयु में किस वर्ष किस चीज से इनकी जान को खतरा है और इनसे बचने के लिए क्या उपाय करने चाहिए ?

इसके विषय में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की अगर आप लोगों ने इस लेख को शुरु से अंत तक पढ़ा होगा तो आप लोगों को हमारे द्वारा बताई गई जानकारी प्राप्त हो गई होगी.

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