पीरियड में सिंदूर लगाना चाहिए कि नहीं : मासिक धर्म में पूजा/नहाना | पीरियड में क्या करें और क्या नहीं सम्पूर्ण जानकारी

period me sindoor lagana chahiye ya nahi ? हिंदू धर्म में महिला का विवाह हो जाने के बाद उसकी मांग में सिंदूर लगाना उसके विवाहित होने का प्रमाण होता है, साथ ही महिला का विवाह जाने के बाद पति की लंबी उम्र के लिए सिंदूर लगाया जाता है।

दूसरी तरफ महिला की मांग में सिंदूर लगाने का कारण उसका सुहाग होता है विवाह होने के बाद यदि महिला सिंदूर नहीं लगाती है, तो उसे हिंदू धर्म के अनुसार अशुभ माना जाता है|

परंतु कुछ ऐसी परिस्थिति आती है जिस दौरान सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं यह एक अलग विषय हो जाता है| क्योंकि कई ऐसे मौके आते हैं जिन मोको पर महिला को सिंदूर लगा ने के लिए रोका जाता है।

सवाल यहां यह है कि एक महिला को पीरियड के दौरान सिंदूर लगाना चाहिए कि नहीं क्या इस समय सिंदूर लगाना उसके लिए शुभ और अशुभ का संकेत देता है, तो आइए हम इस विषय पर अपने आर्टिकल के माध्यम से कुछ जानकारी प्रदान करेंगे|

पीरियड के दौरान महिलाओं को कई प्रकार के कार्य करने के लिए रोक दिया जाता है| जैसे मांग में सिंदूर लगाना पूजा पाठ में बैठना तथा किसी भी प्रकार के शुभ कार्य में शामिल होने के लिए मना कर दिया जाता है| ऐसे में महिला को पीरियड के दौरान सिंदूर लगाना चाहिए कि नहीं पाई है जानते हैं।

पीरियड में सिंदूर लगाना चाहिए कि नहीं ?

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period me sindoor lagana chahiye ya nahi ? भारतीय हिंदू सनातन धर्म की संस्कृति के अनुसार जब कोई महिला मासिक धर्म से गुजर रही है अर्थात पीरियड हो रहा है तो इस दौरान विवाहित महिलाओं को सिंदूर लगाने के लिए मना कर दिया जाता है अर्थात मुझे सिंदूर नहीं लगाना चाहिए |


फिर भी यदि कोई महिला किसी शुभ कार्य समारोह शादी विवाह आदि में जाना चाहे रही है तो इस दौरान उसे साथ सज्जा करना होता है हालाकि विवाहित महिला होने के नाते महिला को सिंदूर लगाना जरूरी है ऐसे में महिला अलग से सिंदूर मंगा कर लगा सकती है।

तीरथ के दौरान महिलाओं को किसी मंदिर पूजा पाठ घर में रखने सिंदूर से अपनी मांग ना भरें। जिस सिंदूर से रोज अपनी मांग भर्ती हैं उस सिंदूर से पीरियड के दौरान मांगने सिंदूर ना लगाएं बल्कि नया सिंदूर मंगा कर ही मांग भरें।

पीरियड के कितने दिन बाद बाल धोना चाहिए ?

किसी भी महिला को जब भी पीरियड आता है उस दौरान महिला बाल नहीं धोती है क्योंकि ऐसा माना जाता है इस दौरान महिला अपवित्र मानी जाती है इसी वजह से उसे विभिन्न प्रकार के अच्छे कार्य करने के लिए रोक दिया जाता है।

इसीलिए मासिक धर्म या पीरियड के दौरान महिला को सिंदूर लगाने के साथ-साथ बाल धोने से भी रोका जाता है। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि पीरियड के दौरान बाल नहीं धोना चाहिए यदि कोई महिला चाहे तो धो सकती है।

waterfall bathing

 

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परंतु रेड के दौरान महिलाएं बाल नहीं होती है क्योंकि पीरियड के समय महिला के शरीर का तापमान अधिक होता है यदि वह बाल धोती है तो उसकी शरीर का ताप कम हो जाता है जिसकी वजह से ब्लीडिंग पर प्रभाव पड़ेगा

हो सकता है कि सही से ब्लडी होने भी दिक्कत हो जाए और मासिक या पीरियड का समय बदल जाता है जिसकी वजह से अगले बार आने वाली पीढ़ी बदलाव दिखाई देता है।

पीरियड में नहाना चाहिए या नहीं|

महिलाओं में होने वाले पीरियड उसके जीवन का एक हिस्सा है जिसको लेकर विभिन्न प्रकार की धार्मिक विडंबना होती पीरियड के दौरान बहुत सारी महिला को विभिन्न प्रकार के कार्यों को करने के लिए रोक दिया जाता है। period me sindoor lagana chahiye ya nahi ?

woman bathe

 

इसी कड़ी में पीरियड के दौरान महिलाओं को नहाना चाहिए कि नहीं यह एक बहुत बड़ी विडंबना है। सही मायने में देखा जाए तो पीरियड के दौरान महिलाओं को अच्छी तरह से स्नान करना चाहिए इससे शरीर की सफाई हो जाती है और विभिन्न प्रकार की बीमारियां होने से रोका जा सकता है।

पीरियड के दौरान पूजा करनी चाहिए या नहीं|

धार्मिक संस्कृति के आधार पर किसी भी महिला को जब पीरियड आता है तो उसे धार्मिक कार्यों विभाग नहीं लेना चाहिए मंदिर पूजा करने की इजाजत नहीं होती है भगवान की मूर्ति को छूना भी अशोक माना जाता है तथा महिलाओं को तो पूजा पाठ करनी के लिए मना किया जाता है।

recitation of durga saptashati

किसी भी महिला को जब पीरियड आता है तो लगभग तीन या चार दिन तक अथवा एक हफ्ता तक पीरियड का दूर रहता है इसलिए कोई भी महिला जब तक उसे मासिक धर्म से निवृत्ति ना हो जाए तब तक पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए उसके बाद ही पूजा-पाठ आदि उसके लिए शुभ होते हैं

पीरियड में पूजा कैसे करे ?

Temple- mandir puja ghar

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हिंदू धर्म के अनुसार महिलाओं को पीरियड के दौरान पूजा पाठ से दूर रखा जाता है क्योंकि इस दौरान उन्हें अशुभ माना जाता है अतः किसी भी महिला को जब पीरियड खत्म हो जाए उसके बाद पूर्ण रूप से नहा कर साफ वस्त्र धारण करके पूजा करनी चाहिए।

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