महा लक्ष्मी पूजा कैसे करे ? लक्ष्मी मंत्र और माँ लक्ष्मी पूजन सामग्री | laxmi ji ki puja kaise kare

दोस्तों  mahalakshmi pujan ka sampurna vidhi vidhan  हमारे घरों में विभिन्न प्रकार के पर्व और समारोह होते रहते हैं इस समारोह और पर्व के शुभ अवसर पर हम अपने घर में विभिन्न प्रकार के देवी देवताओं की पूजा विधि विधान से करते हैं जिससे देवी देवताओं की कृपा हम पर बनी रहे

असीमित महालक्ष्मी जी की पूजा आराधना भी प्रमुख रूप से दीपावली के दिन किया जाता है जिससे हमारे घर में माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहे और घर में सुख शांति धन समृद्धि बनी रहे।

महालक्ष्मी व्रत की विधि , महालक्ष्मी पूजन की सरल विधि, महालक्ष्मी पूजन मंत्र, लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित PDF , महालक्ष्मी पूजन मुहूर्त, पूजा विधिमहालक्ष्मी पूजा कैसे करनी चाहिए?, लक्ष्मी जी का हवन कैसे करें?, महालक्ष्मी पूजन कब है, mahalaxmi puja vidhi, महालक्ष्मी पूजा कैसे की जाती है, mahalaxmi puja, mahalaxmi pujan vidhi, महालक्ष्मी पूजन समय,

 

अधिकांश लोग मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए दिन प्रतिदिन पूजा आराधना करते हैं और उनसे बिनती करते हैं कि हमारे घर में धन संपन्नता बनी रहे लोग सुबह और शाम माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए मंत्रोचार भी करते हैं।

भारत माता लक्ष्मी की पूजा पैसे होनी चाहिए हम अपने घर में माता लक्ष्मी की पूजा किस विधि विधान से करें जिससे माता लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहे और हमारा घर परिवार कुशल मंगल रह सके। माता लक्ष्मी की पूजा करने से पहले हम यह जान लें कि मां लक्ष्मी को क्या-क्या पसंद है

मां लक्ष्मी को क्या-क्या पसंद है ?

हिंदू सनातन धर्म में जितने भी देवी देवता हैं उनकी पसंद अलग अलग है उनके अलग-अलग वाहन है अलग-अलग शक्तियां हैं और अलग-अलग निवास स्थान भी है ऐसे में माता लक्ष्मी जी को क्या-क्या पसंद है आइए जानते हैं .

इम्यूनिटी बढ़ाने वाले ड्राई फूड कौन से हैं ?

  1. माता लक्ष्मी को पुष्प में कमल और गुलाब प्रिय है।
  2. फलों में श्रीफल, सीताफल, बेर, अनार व सिंघाड़े प्रिय हैं।
  3. सुगंध के रूप में माता लक्ष्मी को केवड़ा, गुलाब, चंदन के इत्र पसंद है।
  4. अनाज के रूप में माता लक्ष्मी को अक्षत के रूप में चावल पसंद है
  5. मिठाई के रूप में केसर की मिठाई या हलवे का नैवेद्य पसंद है।
  6. प्रकाश के रूप में गाय के घी का दीपक जलाएं अथवा तिल्ली या मूंगफली के तेल का दीपक जलाएं
  7. आभूषण के रूप में मां लक्ष्मी को सोने के आभूषण प्रिय हैं। तथा रत्न भी प्रिय है
  8. खाद्य के रूप में गन्ना, कमल गट्टा, खड़ी हल्दी, बिल्वपत्र, पंचामृत, गंगाजल, सिंदूर, भोजपत्र प्रिय है
  9. गाय के गोबर से चौकी को लीप कर ऊन के आसन पर लक्ष्मी पूजन करें.

मां लक्ष्मी पूजन कैसे करें ?

माता लक्ष्मी की पूजा करने से पहले चौकी पर लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति पूरब या पश्चिम दिशा में रखकर करें ध्यान रहे कि लक्ष्मी जी गणेश जी की दाहिनी ओर रखें.

लक्ष्मी जी के पास कलश रखकर लक्ष्मी जी के सामने बैठ कर अपने पास चावल रख ले और पूजा करें सभी प्रकार की सामग्री अपने पास रख ले नारियल को लाल वस्त्र में लपेटकर कलर्स के पास रखें।

कलश के पास घी का दीपक जलाएं एक दीपक चौकी के दाएं तरफ और दूसरा माता लक्ष्मी के चरणों में रखें और एक दीपक गणेश जी के पास रखें.

एक लाल वस्त्र बिछाकर उस पर नवग्रह प्रतीक चावल से बनाएं साथ में गणेश जी को चावल की 16 ढेरिया लगाकर नवग्रह व षोडश मातृका के बीच स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं.

बीच में स्वास्तिक के सुपारी रखकर चारों कोनों पर चावल रखें और बीचों-बीच ओम शब्द लिखें।छोटी चौकी के सामने तीन थाली व जल भरकर कलश रखें।

महा लक्ष्मी पूजन सामग्री

  1. ग्यारह दीपक
  2. 2. खील
  3. बताशे
  4. मिठाई
  5. वस्त्र
  6. आभूषण
  7. चन्दन का लेप
  8. सिन्दूर
  9. कुंकुम
  10. सुपारी
  11. पान
  12. फूल
  13. दुर्वा
  14. चावल
  15. लौंग
  16. इलायची
  17. केसर-कपूर
  18. हल्दी-चूने का लेप
  19. सुगंधित पदार्थ
  20. धूप, अगरबत्ती
  21. एक दीपक

व्यापारी भाइयों के लिये अतिरक्त पूजन सामग्री

  1. बहीखाता
  2. कलम और दवात
  3. नकदी की संदूकची

सामग्री की व्यवस्था का क्रम 

  1. लक्ष्मी जी की मूर्ति
  2. गणेश जी की मूर्ति
  3. मिट्टी के दो बड़े दीपक
  4. कलश, जिस पर नारियल रखें,
  5. वरुण
  6. नवग्रह
  7. षोडशमातृकाएं कोई प्रतीक
  8. थालियां अवश्यकता अनुसार
  9. जल का पात्र
  10. यजमान
  11. पुजारी
  12. परिवार के सदस्य और आगंतुक

माँ लक्ष्मी पूजन विधि | Maa laxmi pujan vidhi 

मां लक्ष्मी की पूजा करने के लिए थालियों के सामने यजमान को बैठना चाहिए इसके बाद अपनी भाई और परिवार के सदस्य को बैठा है तथा अन्य आगंतुकों को अपने परिवार के पीछे बैठा कर पूजा शुरू करें.

सभी सामग्रियां लेने के बाद मां लक्ष्मी के पूजा करने से पहले अपने को पवित्रीकरण करें.

पवित्रीकरण करने के लिए अपने हाथ में पूजा के जल पात्र से थोड़ा सा जल लेकर मोतियों के ऊपर छिड़कें और इस मंत्र को पढ़े।

ॐ पवित्रः अपवित्रो वा सर्वावस्थांगतोऽपिवा।
यः स्मरेत्‌ पुण्डरीकाक्षं स वाह्यभ्यन्तर शुचिः॥
पृथ्विति मंत्रस्य मेरुपृष्ठः ग षिः सुतलं छन्दः
कूर्मोदेवता आसने विनियोगः॥

मंत्र पढ़ने के बाद अपने आसन को पवित्र करें और मां लक्ष्मी को प्रणाम करके मंत्र बोले

ॐ पृथ्वी त्वया धृता लोका देवि त्वं विष्णुना धृता।
त्वं च धारय मां देवि पवित्रं कुरु चासनम्‌॥
पृथिव्यै नमः आधारशक्तये नमः

मंत्र पढ़ने के बाद आचमन करें आचमन के लिए पुष्पक चम्मच या अंजली से एक बूंद पानी अपने मुंह में डालकर मंत्र बोले।

ॐ केशवाय नमः

इसके बाद फिर मुंह में पानी डालें और मंत्र बोले

ॐ नारायणाय नमः

अगली बार मुंह में पानी डालें और इस मंत्र को बोलें

ॐ वासुदेवाय नमः

इतना करने के बाद ॐ हृषिकेशाय नमः कहते हुए हाथों को खोलें और अंगूठे के मूल से होंठों को पोंछकर हाथों को धो लें।

एक बार तिलक लगाएं और प्राणायाम अंग न्यास करें.

आचमन आदि करने के बाद आंखें बंद करके प्राणायाम करें तीन बार सांस अंदर ले और छोड़ दे स्वस्तिवाचन करने के लिए हाथ में फूल अक्षत और जब लेकर मंत्रोचार करते हुए परम पिता को प्रणाम करें 12 मिनट जाकर के संकल्प ले .

spiritual adhyatmik yog jadu

संकल्प लेते समय अपने हाथ में अक्षत और जल और द्रव्य ले ले संकल्प लेते समय अपने मन में ध्यान करते हुए कहे के मैं जिस स्थान पर बैठकर आप की पूजा कर रहा हूं उससे मुझे जो मेरी इच्छा है प्राप्त हो इसके बाद कलश पूजा करें.

कलश पूजन के लिए जल में हाथ ले और आवाहन कुआं पूजन मंत्र बोलते हैं पूजा सामग्री कहां है नवग्रहों की पूजा भी करें इसके बाद भगवती षोडश मातृका ओके पूजा करें हाथ में गंध अक्षत फूल लेकर 16 माताओं को नमस्कार करके सामग्री चढ़ा दें.

16 माता की पूजा करने के बाद भगवान गणेश को कलावा बांध दें और अपने हाथ में भी कलावा बांधते हैं तिलक लगाकर माता लक्ष्मी की पूजा प्रारंभ करें माता लक्ष्मी की पूजा करने के लिए आप मंत्र पाठ जो भी करना है वह करें.

माँ लक्ष्मी मंत्र 

धन की देवी माता लक्ष्मी के अनेक रूप है इन की अलग-अलग मंत्रों द्वारा कार्य की सफलता कीजिए पूजा आराधना की जाती है माता लक्ष्मी की अखंड कृपा पाने के लिए निम्नलिखित मंत्रों का जाप करना जरूरी होता.

1. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:

2. धनाय नमो नम:

3. ॐ लक्ष्मी नम:

4. ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:

5. लक्ष्मी नारायण नम:

laxmi yantra devi

 

6. पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम्

7. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:

8 ॐ धनाय नम:

9. ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:

10. ऊं ह्रीं त्रिं हुं फट

उपरोक्त मंत्र माता लक्ष्मी के विभिन्न स्वरूपों और विभिन्न कृपा पाने के लिए याद किए जाते हैं जिनका कम से कम 21 से 108 बार और अधिक से अधिक 1008 बार जाप करें।