भविष्य जानने की कला कैसे सीखे – भविष्य देखना सीखे

Bhavishya janane ki kala kaise seekhe ? लोगों को अपना भविष्य जानने में बड़ी ही दिलचस्पी होती हैं जब भी कोई छोटा मोटा या बड़ा भविष्यवक्ता आसपास भटकता दिखाई देता है तो उसे अपने भविष्य के बारे में जानने का प्रयास करने लगते हैं भले ही भविष्य बताने वाला व्यक्ति झूठा सही बता रहा हूं पर लोग उसकी बातों को बड़े ध्यान से सुनते हैं.
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अपने भविष्य के विषय में जानने का प्रयास करने लगते हैं ऐसे में अपना भविष्य जानने की कला कैसे सीखे यह भी सवाल व्यक्ति के मन में उठता है बहुत से लोग सोचते हैं कि चलो अपना भविष्य खुद जाने। जो लोग अपना भविष्य जानने के लिए कला सीखना चाहते हैं तो भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अंतर्गत जिसके आधार पर भविष्य जाना जाता है .

ऐसी कई विधाएं प्रचलित हैं जिनका ज्ञान करके अपने भविष्य के विषय में हम जान सकते हैं. भारतीय ज्योतिष शास्त्र में लगभग डेढ़ सौ से अधिक भविष्य बताने वाली ज्योतिष विद्या वर्णित की गई हैं जिनमें दावा किया जाता है कि इनका अध्ययन करने के बाद व्यक्ति अपने भविष्य का अध्ययन खुद कर सकता है।

भविष्य जानने के लिए आप कौन सी विद्या सीखें भविष्य जानने की कला सीखने के लिए सबसे अच्छी विद्या कौन सी रहेगी इस असमंजस का को दूर करने के लिए यहां पर कुछ विधाएं वर्णित की जा रही है जिनमें से कोई एक विद्या आप सीख कर भविष्य जानने की कला सीख सकते हैं.

कुंडली ज्योतिष से भविष्य जानने की कला कैसे सीखे ? | Art of knowing the future from horoscope astrology

भविष्य जानने के लिए कुंडली ज्योतिष विद्या का ज्ञान किया जा सकता है इसके अंतर्गत बेटी के जन्म के समय आकाश के ग्रह नक्षत्र किस स्थिति में होते हैं उसे देख कर कुंडली का निर्धारण करके भविष्य का ज्ञान किया जाता है।
भविष्य का ज्ञान करने के लिए कुंडली ज्योतिष के अंतर्गत 12 राशियों नवग्रह और 27 नक्षत्रों का अध्ययन किया जाता है .

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वर्तमान में इस विद्या के चार भाग है जिसके अंतर्गत नवजात ज्योतिष कतार्चिक ज्योतिष प्रति घंटा या प्रश्न कुंडली और विश्व ज्योतिष विद्या का ज्ञान किया जाता है।इसे जानने के लिए आप किसी महान कुंडली निर्माता और जानकार के पास उस के सानिध्य में रहकर सीख सकते हैं।

लाल किताब से कैसे भविष्य कला सीखे ? | Future art from Lal Kitab

भविष्य जानने के लिए लाल किताब का सहारा लिया जाता है इस किताब के अंतर्गत जून 30 को व्यवहारिक ज्ञान के रूप में देखा जाता है एक प्रकार की कठिन विद्या है लाल किताब के ज्ञाता बिना कुंडली देखे भी भविष्य को बता सकते हैं और बहुत सारी जीवन की समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।red book

लाल किताब से संबंधित भविष्य का ज्ञान कराने के लिए बहुत से भारत में ज्योतिष विद्यालय खोले गए हैं जिनमें आप अपना दाखिला लेकर लाल किताब का अध्ययन कर सकते हैं और भविष्य जानने की कला सीख सकते हैं।

इसके अलावा लाल किताब का अध्ययन करने के लिए किसी लाल किताब ज्ञाता के पास जाकर भी उस के सानिध्य में रहकर भविष्य जानने की कला को सीख सकते हैं।

गणितीय ज्योतिष से भविष्य कला कैसे सीखे ? | Future art from mathematical astrology

भविष्य का ज्ञान प्राप्त करने के लिए गणपति ज्योतिष का भी प्रयोग किया जाता है इसे अंक ज्योतिष के नाम से जाना जाता है। गणितीय ज्योतिष में व्यक्ति के ग्रह नक्षत्र राशि आज के अंक निर्धारित करके और जन्म तारीख वरसाद के जोड़ के अनुसार भविष्य का निर्धारण किया जाता है।

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बहुत सारे विद्वान अंक ज्योतिष के ज्ञाता है जिन के सानिध्य में अंक ज्योतिष का अच्छा ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है ऐसे में जो भी व्यक्ति भविष्य की कला सीखना चाहते हैं वह व्यक्ति या तो किसी अंक ज्योतिष के विद्वान के पास रहकर सीखे या फिर भारत में कई प्रदेशों में विद्यालयों में जाकर सीख सकते हैं।

नंदी नाड़ी ज्योतिष से भविष्य जानने की कला कैसे सीखे ? | Future from Nandi Nadi Astrology

नंदी नाड़ी ज्योतिष मूल रूप से दक्षिण भारत की एक भविष्य जानने की प्रचलित विद्या है जिसके अंतर्गत ताड़ पत्र के द्वारा भविष्य का अध्ययन किया जाता है इस विद्या के जन्मदाता भगवान शंकर के गाने नंदी को माना जाता है इसलिए इसे नंदी नाड़ी ज्योतिष कहा जाता है.

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ऐसे में इस विद्या का ज्ञान करने के लिए आप को दक्षिण भारत में पाए जाने वाले बहुत से नंदी नाड़ी ज्योतिष का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। इस विद्या को प्रमुख रूप से सीखने के लिए आपको दक्षिण भारत के प्रमुख विद्यालयों में दाखिला लेकर सीखा जा सकता है .

इसके अलावा वहां पर कई सारे इस विद्या को जाने वाली विद्वान भी हैं जिनके सानिध्य में इस विद्या को सीख कर भविष्य जानने की कला सीख सकते हैं।

पंच पक्षी सिद्धांत से भविष्य जानने की कला कैसे सीखे ? | Future from Panch Pakshi Siddhanta

पंच पक्षी सिद्धांत भी दक्षिण भारत की एक भविष्य जानने की अद्भुत विद्या है इस सिद्धांत के अंतर्गत व्यक्ति के भविष्य को पांच भागों में बांट कर देखा जाता है जिसमें गिद्ध उल्लू कौवा मुर्गा और मोर 5 पक्षियों के नाम से भविष्य की स्थिति ज्ञात की जाती है व्यक्ति का जन्म जिस समय होता है उस समय की स्थिति में कौन सा पक्षी स्थित होता है उसी के आधार पर भविष्य का निर्धारण किया जाता है।

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जब कोई भी व्यक्ति भविष्य जानने की कला को सीखने के लिए उत्सुक है तो उसे इस विद्या के जानने के लिए दक्षिण भारत जाना होगा और वहां पर बहुत ही विद्वान आपको इस विद्या के जानकार मिल जाएंगे।

हस्तरेखा ज्योतिष से भविष्य जानने की कला कैसे सीखें? | Art of knowing the future with palmistry

वैसे तो हस्तरेखा ज्योतिष संपूर्ण भारत में प्रचलित है और इसके जानकार भी पूरे भारत भर में कहीं ना कहीं मिल जाते हैं ऐसे में जिस भी व्यक्ति को हस्तरेखा ज्योतिष के माध्यम से भविष्य जानने की कला सीखना है वह उन व्यक्तियों से मिलकर उन के सानिध्य में सीख सकता है।

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हस्तरेखा ज्योतिष के अंतर्गत हाथों की आड़ी तिरछी और सीधी रेखाओं के अलावा हाथों में कई प्रकार के अन्य चक्र क्रश द्वीप आदि बने होते हैं जिन्हें देखकर भूत और भविष्य का निर्धारण किया जाता है यह एक भारत की बहुत ही प्राचीन विद्या है जो भारत के सभी राज्यों में प्रचलित है।

नक्षत्र ज्योतिष से भविष्य जानने की कला कैसे सीखे? | Art of knowing the future from Nakshatra astrology

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भविष्य जानने की विद्या में नक्षत्र ज्योतिष विद्या भी काफी प्रचलित रही है और आज भी प्रचलित है नक्षत्र विद्या के आधार पर व्यक्ति के जन्म के समय जो नक्षत्र रहता है उसी के अनुसार उसका भविष्य भी निर्धारित होता है ऐसे में इस विद्या को जानकर व्यक्तियों के सानिध्य में रहकर नक्षत्र विद्या का ज्ञान किया जा सकता है.

अंगूठा शास्त्र से भविष्य की कला कैसे सीखे? | Art of the future from Thumb Shastra

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अंगूठा शास्त्र दक्षिण भारत की एक प्रचलित विद्या रही है इस विद्या के माध्यम से व्यक्ति के अंगूठे की छाप लेकर उभरी हुई रेखाओं का अध्ययन करके उसके भविष्य का निर्धारण किया जाता है। अंगूठा शास्त्र का ज्ञान करने के लिए भारत की दोनों की मुलाकात करना होगा जो इस विद्या के अच्छे जानकार हैं उन के सानिध्य में इसे प्राप्त किया जा सकता है।

चीनी ज्योतिष से भविष्य जानने की कला कैसे सीखे? | Art of knowing the future from Chinese astrology

चीनी ज्योतिष के अंतर्गत पूरे वर्ष को 12 पशुओं के नाम पर बांटा गया और उनकी राशियां संबंधित पशु से स्पष्ट की जाती है। व्यक्ति का भविष्य पूरे साल का चूहा बैल चीता दिल्ली ड्रैगन सर्प बकरी वानर मुर्गा कुत्ता और सूअर के आधार पर किया जाता है। इसी आधार पर व्यक्ति जिस वर्ष जन्म लेता है उसी वर्ष मैं उसके चरित्र गुण और भाग्य का निर्धारण करके भविष्य बताया जाता है.

वैदिक ज्योतिष से भविष्य जानने की कला कैसे सीखे? | Art of knowing the future from Vedic astrology

वैदिक ज्योतिष ग्रह नक्षत्र राशि चक्र जन्म के आधार पर भविष्य का निर्धारण किया जाता है इस विद्या के अंतर्गत नक्षत्रों की गणना और गति को ध्यान में रखकर भविष्य का ज्ञान किया जाता है।भारत में आदिकाल से वैदिक ज्योतिष का प्रचलन रहा है और आज भी इसकी जानकार मिल जाते हैं .

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इस विद्या को सीखने के लिए आप किसी वैदिक सनातन धर्म के महान विद्वान के सानिध्य में रहकर सीखा जा सकता है।

टैरो कार्ड से भविष्य जानने की कला कैसे सीखे? | Art of knowing the future with tarot cards

टैरो कार्ड ताश के पत्तों की तरह कुछ कार्ड होते हैं जिनमें व्यक्ति का भविष्य और भाग्य निर्धारित होता है इसके जानकार व्यक्ति के भविष्य और भाग्य का निर्धारण करने के साथ-साथ देश-विदेश में होने वाली विभिन्न प्रकार की घटनाओं के विषय में भी भविष्यवाणी कर देते हैं .

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इस विद्या को जानने के लिए आप भारत में बहुत से टैरो कार्ड के विद्वान मिलेंगे उनके सानिध्य में रहकर प्राप्त कर सकते हैं। टैरो कार्ड एक प्रकार की भविष्य बताने वाली मशीन की तरह होते हैं आपने देखा होगा कि बहुत से रेलवे स्टेशनों पर एक भविष्य बताने वाली मशीन लगी हुई होती है जिसमें सिक्का डालो और आपका भविष्य निकल कर आ जाता है.

ऐसे ही टैरो कार्ड को भी निकाला जाता है जिसके माध्यम से उसमें आपका भविष्य स्पष्ट हो जाता है। भविष्य जानने की कला कैसे सीखे भविष्य हमारे लिए इतना जानना जरूरी है इस तरह के तमाम सवाल यदि आपके मन में उठते हैं तो आपको एक बार यह भी मन में आता होगा कि भविष्य जानने की कला सीखी जाए .

ऐसे में भविष्य की कला सीखने के लिए आपको भारत में बहुत से ऐसे ज्योतिष शास्त्र के विद्यालय मिल जाएंगे जहां पर भविष्य से संबंधित ज्योतिषी ज्ञान कराया जाता है। अतः आप ऐसे विद्यालयों में दाखिला लेकर ज्योतिष शास्त्र का अध्ययन कर सकते हैं या फिर किसी ऐसे भविष्यवक्ता से मिलकर भी उसके सानिध्य में रहकर भविष्य जानने की कला सीखी जा सकती है।

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