[pdf] संपूर्ण संघ गीत माला लिरिक्स : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संपूर्ण लिस्ट | sangh geet mala

संघ गीत माला |sangh geet mala : हेलो दोस्तो नमस्कार स्वागत है आपका हमारे आज के इस नए लेख में आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से संघ गीत माला के बारे में बताएंगे संघ गीत माला संघ की शाखा के अलावा संघ के समस्त कार्यों में गाए जाते हैं संघ के गीतों को (RSS Sangh Geet) कहां जाता है जैसे कि ” हे जन्मभूमि भारत “जैसे गीत बहुत ही खूबसूरत के साथ गाए जाते हैं.

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यह सारे गीत आपको स्वर के साथ यूट्यूब पर भी सुनने को मिलेंगे लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे संघ गीत माला लिखित रूप में देंगे जो आगे चलकर आपके लिए काफी मददगार साबित होंगे इसके अलावा आज हम आपको संघ गीत माला की लिस्ट देंगे उस लिस्ट में बहुत से ऐसे संघ गीत होंगे जो संघ के समस्त कार्यों में आप के लिए सहायक होंगे.

तो चलिए आज हम आपको इस लेख में संघ गीत माला के बारे में बताएंगे और उसके कुछ ऐसे गीत देंगे जो आपको बहुत ही अच्छे लगेंगे और कुछ गीतों की लिस्ट देंगे जो आगे चलकर आपके काम आएंगी उसके अलावा संघ गीत माला क्या है ? RSS का फुल फॉर्म क्या है ? इसके बारे में भी जानकारी देंगे अगर आप इन सभी विषयों के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें ताकि आप लोगों को इन सभी विषयों की संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके।

RSS का फुल फॉर्म क्या है ? | RSS ka full form kya hai ?

RSS का फुल फॉर्म Rashtriya Swayamsevak Sangh होता है आर एस एस को हिंदी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कहते हैं हमारे भारत में सबसे बड़ा और प्रमुख संगठन RSS है भारत के इस प्रमुख संगठन में हिंदू धर्म के लोग अधिकतर जुड़े होते हैं हिंदू धर्म के सभी व्यक्ति स्वयंसेवक अपना परिचय देते हुए इस संगठन में प्रवेश करते हैं इस संगठन का परिचय देते वक्त वह सेवक कहता है मैं एक सामान्य स्वयंसेवक हूं मैं RSS से जुड़ा हूं ।

RSS की स्थापना 27 सितंबर 1925 में विजयदशमी के दिन ” केशव बलिराम हेडगेवार “ द्वारा रखी गई थी RSS के मुख्यालय , नागपुर , महाराष्ट्र भारत आदि जगहों पर स्थित है आज के कलयुग में RSS को भारत का सबसे बड़ा कर्म आंदोलन माना जाता है हमारे पूरे विश्व में यह शाखा कोने कोने में फैली हुई है।

संघ गीत pdf | Sangh geet pdf

इस लिंक पर जाकर आप आसानी से संघ गीत pdf |sangh geet pdf डाउनलोड कर सकते हैं.

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संघ गीत माला क्या है ? | Sangh geet mala kya hai ?

कुछ कहानियों द्वारा हमें इस बात के बारे में पता चला है कि कलयुग में शक्ति का एकमात्र साधन संघ था संघ का मतलब होता है जो लोग एकजुट होकर संघ के रूप में रहते हैं संगठित रहते हैं उनमें ही शक्ति होती है। इसीलिए आज हमने आपके लिए संघ के गीत की यह माला तैयार की है.

song

साथियों संघ के गीत का यह माला तैयार किया गया है , जो संघ के कार्यक्रम में ‘ एकल गीत ‘ व ‘ गण गीत ‘ के रूप में गाया जाता है। समय पर आपको इस माला के जरिए गीत शीघ्र अतिशीघ्र मिल जाए ऐसा हमारा प्रयास है। आप की सुविधा को ध्यान में रखकर हमने इसका मोबाइल ऐप भी तैयार किया है जिस पर आप आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं।

संघ गीत माला | Sangh geet mala

यह सभी संघ गीत समस्त धार्मिक कार्यों में गाए जाते हैं यह सभी संघ गीत माला बहुत ही प्रसिद्ध है यह गीत अगर आप किसी भी सभा में बैठकर गाएंगे तो आपकी तारीफ होगी लेकिन इन गीतों को गाने के लिए आपके स्वर और मुंह से निकले हर एक शब्द सही होने चाहिए तभी आपका गीत तारीफ के लायक होगा.

1.अब जाग उठो कमर कसो
2. अमरत्व के पुजारी हम
3.अभिमानाने भारावुनि मन
4. ऐ वतन वतन मेरे आबाद रहे तू
5. ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी क़सम
6.ऐ मालिक तेरे बन्दे हम प्रार्थना
7.आसेतु हिमाचल सारा
8.आसेतु हिमाचल राष्ट्र देव न
9.आव्हान द्यावया आम्हा
10.आर्योंका केसरिया निशान
11.आया समय जवान जागो भारत भूमि पुकारती
12.आई तुझ्याच पायी
13.आओ मिलकर करें प्रतिज्ञा
14.आओ हम सब मिलकर गाएं
15.आज एकदा पुन्हा
16.आर्त भक्तिने स्मरता केशव
17.आरंभ है प्रचंड बोले मस्तकों के झुण्ड
18.आरती: माँ सरस्वती वंदना
19.आया समय जवान जागो भारत भूमि पुकारती
20.आम्ही हिंदु ही तर अमुची
21.आम्ही बी-घडलो तुम्ही बी-घडना
22.आम्ही गड्या डोंगरचं रहाणारं
23.अभिनंदन हे! मौन तपस्वी
24. अब तक सुमनों पर चलते थे
25. अब के बरस तुझे धरती की रानी

1. हे जन्म भूमि भारत हे कर्म भूमि भारत

Sangh geet mala

हे जन्म-भूमि भारत
हे जन्म-भूमि, हे कर्म भूमि भारत
हे वन्दनीय भारत, अभिनन्दनीय भारत।।
जीवन सुमन चढ़ाकर आराधना करेंगे
तेरा जन्म-जन्म भर हम वन्दना करेंगे।
हम अर्चना करेंगे।।1।।हे जन्म-भूमि भारत

महिमा महान् तू है, गौरव निधान तू है
तू प्राण है हमारी, जननी समान तू है
तेरे लिये जियेंगे, तेरे लिये मरेंगे
तेरे लिये जन्म भर, हम साधना करेंगे
हम अर्चना करेंगे।।2।।
हे जन्म-भूमि भारत

जिनका मुकुट हिमालय, जग जगमगा रहा है
सागर जिसे रतन की, अंजुलि चढ़ा रहा है
वह देश है हमारा, ललकार कर कहेंगे
उस देश के बिना हम, जीवित नहीं रहेंगे
हम अर्चना करेंगे॥3॥हे जन्म-भूमि भारत

जो संस्कृति अभी तक दुर्जय सी बनी है
जिसका विशाल मन्दिर, आदर्श का धनी है
उसकी विजय-ध्वजा ले, हम विश्व में चलेंगे
संस्कृति सुरभि पवन, बन हर कुञ्ज में बहेंगे
हम अर्चना करेंगे।।4।।
हे जन्म-भूमि भारत

शाश्वत स्वतन्त्रता का,
जो दीप जल रहा है
आलोक का पथिक जो, अविराम चल रहा है
विश्वास है कि पल भर, रुकने उसे न देंगे
उस दीप की शिखा को, ज्योतित सदा रखेंगे
हे जन्म-भूमि भारत,हे कर्म भूमि भारत।।।।

2. भारत माता तेरा आँचल

तेरा आँचल

भारत माता तेरा आँचल,
हरा-भरा धानी-धानी ।
मीठा-मीठा चम्-चम करता,
तेरी नदियों का पानी ।
हरी हो गयी बंजर धरती,
नाचे झरनो में बिजली ।
सोना-चांदी उगल रही है,
तेरी नदियों का पानी ।

भारत माता तेरा आँचल,
हरा-भरा धानी-धानी ।
मीठा-मीठा चम्-चम करता,
तेरी नदियों का पानी ।

मस्त हवा जब लहराती है,
दूर-दूर तक पहुंचाती है ।
तेरे ऊँचे-ऊँचे पर्वत,
निडर बहादुर सेनानी ।

भारत माता तेरा आँचल,
हरा-भरा धानी-धानी ।
मीठा-मीठा चम्-चम करता,
तेरी नदियों का पानी ।

3. हम जैसे चलते है तुम भी चलो ना

हम जैसे चलते है तुम भी चलो ना

हम जैसे चलते हैं , तुम भी चलो ना।
हम जैसे रहते हैं , तुम भी रहो ना। ।
बहती हुई नदियां देखो , कल-कल बहती है ,
कल-कल बहती है और , सागर में मिल जाती है।
नदिया यह कहती है , तुम भी कहो ना ,
हम जैसे बहते हैं , तुम भी बहो ना
हम जैसे चलते हैं , तुम भी चलो ना। ।
पत्थर की मूरत देखो , पहले तो यह पत्थर थी ,
घावों को सहते – सहते , कष्टों को सहते – सहते सूरत बन गई।
मूरत यह कहती है , तुम भी कहो ना
हम जैसे सहते हैं , तुम भी सहो ना
हम जैसे चलते हैं , तुम भी चलो ना। ।
जलता हुआ दीपक देखो , जगमग – जगमग करता है ,
जगमग – जगमग करता है , अंधेरा दूर करता है ,
दीपक यह कहता है , तुम भी कहो ना
हम जैसे चलते हैं , तुम भी चलो ना
हम जैसे चलते हैं , तुम भी चलो ना
हम जैसे रहते हैं , तुम भी रहो ना
हम जैसे चलते हैं , तुम भी चलो ना। । 

4. उठो जवानो हम भारत के स्वाभी मान सरताज़ है

soldier

उठो जवानो हम भारत के स्वाभी मान सरताज़ है
अभिमन्यु के रथ का पहिया, चक्रव्यूह की मार है
चमके कि ज्यों दिनकर चमका है
उठे कि ज्यो तूफान उठे
चले चाल मस्ताने गज सी
हँसे कि विपदा भाग उठे
हम भारत की तरुणाई है
माता की गलहार है
अभिमन्यु के रथ का पहिया। ।
खेल कबड्डी कहकर
पाले में न घुस पाये दुश्मन
प्रतिद्वंदी से ताल ठोक कर
कहो भाग जाओ दुश्मन
मान जीजा के वीर शिवा हम
राणा के अवतार है
अभिमन्यु के रथ का पहिया। ।
गुरु पूजा में एकलव्य हम
बैरागी के बाण है
लव कुश की हम प्रखर साधना
शकुंतला के प्राण है
चन्द्रगुप्त की दिग्विजयों के
हम ही खेवनहार है
अभिमन्यु के रथ का पहिया। ।
गोरा, बदल, जयमल, पत्ता,
भगत सिंह, सुखदेव, आज़ाद
केशव की हम ध्येय साधना
माधव बन होती आवाज़
आज नहीं तो कल भारत के
हम ही पहरेदार है
अभिमन्यु के रथ का पहिया। ।
उठो जवानो हम भारत के स्वाभी मान सरताज़ है
अभिमन्यु के रथ का पहिया, चक्रव्यूह मार है। ।

FAQ : संघ गीत माला

संघ का अर्थ क्या है ?

संघ का अर्थ होता है समुदाय , सभा और संगठन ।

संघ गीत किसकी रचना है ?

संघ गीत की रचना बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय जीने की थी ।

संघ के तीन प्रकार कौन से हैं ?

संघ के तीन प्रकार निम्नलिखित है। 1. संयोग 2. कारण 3. गैर कारण

निष्कर्ष

दोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से संघ गीत माला के बारे में बताया इसके अलावा हमने आपको संघ गीत माला की संपूर्ण लिस्ट दिए उस लिस्ट में से आप हमारे भारत के प्रसिद्ध गीत को पढ़ सकते हैं और यह सभी गीत किसी धार्मिक या फिर फेस्टिवल के मौके पर गाय भी जा सकते हैं उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा दिए गए संघ गीत आपको अच्छे लगे होंगे और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुए होंगे।

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