यन्त्र और यंत्र साधना क्या है ? What is Yantra and yntra sadhna in hindi ?

अगर हम भारत india की बात करें तो भारत में असम और बंगाल bangal को तंत्र-मंत्र  tantra-mantra का केंद्र माना जाता है, वही जितने भी तांत्रिक Tantrik  हैं उन सब का केंद्र बिंदु आसाम का कामाख्या मंदिर है। असम के कामाख्या मंदिर में ऐसे कई सिद्ध तांत्रिक है जो असंभव कार्य भी चुटकी बजाकर कर देते हैं। Tantra kya hai tantra sadhna ke bare me kab kuch jane !

इस पर विश्वास करने का एक कारण यह भी है कि जब व्यक्ति अपने सामर्थ्य अनुसार कोशिश करने के बावजूद अपनी मनचाही चीजें अथवा अपने मनचाहे काम नहीं कर पाता तब वो तंत्र मंत्र आदि का सहारा लेता है।

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तंत्र मंत्र में ऐसी कई साधनाएं और विधियां बताई गई है जिसके द्वारा सामान्य मनुष्य असंभव से असंभव कार्य आसानी से कर सकता है।

मंत्र यंत्र और तंत्र यह तीनों शब्द वैदिक संस्कृत के हैं। इसीलिए बहुत से लोग ऐसा मानते हैं कि वैदिक काल से ही मांत्रिक तांत्रिक और यांत्रिक प्रचलन हुआ है।

अतः यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि प्राचीन काल से ही लोगों की तंत्र मंत्र में गहरी रुचि रही है और आज भी कई ऐसे लोग हैं जो इस पर अटूट विश्वास करते हैं।! यह पोस्ट आप OSir.in वेबसाइट पर पढ़ रहे है !

तंत्र-मंत्र और यंत्र यह तीनों एक दूसरे के पूरक है, इसीलिए जो व्यक्ति साधना करना चाहता है या फिर जिसे तंत्र विद्या में इंटरेस्ट है उसे इन तीनों के बारे में जानकारी रखना अति आवश्यक है।

इसलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको यंत्रों के बारे में जानकारी देने वाले हैं।हमने अपने पिछले आर्टिकल में आपको मंत्र के बारे में जानकारी दी है। आप हमारे इस ब्लॉग पर उस जानकारी को पढ़ सकते हैं |

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आइए जानते हैं कि यंत्र क्या होते हैं ? तांत्रिक साधना में यंत्रों का क्या महत्व होता है ? –Let us know what instruments are? And what is the importance of instruments? In tantric practice.

यंत्र और मंत्र को किसी भी प्रकार से अलग नहीं समझा जा सकता। अगर यंत्र एक शरीर है तो मंत्र उसकी आत्मा है। जैसे हमारे शरीर में हमारी आत्मा रहती है, उसी प्रकार विभिन्न प्रकार के देवी देवता सदा सिद्ध यंत्र में निवास करते हैं।

इसीलिए आपने देखा होगा कि जिस व्यक्ति के पास किसी देवी या देवता की फोटो या फिर मूर्ति की पूजा करने का प्रबंध नहीं होता, वह उस देवी देवता से संबंधित यंत्रों को लाकर अपने घर में स्थापित करता है और उसकी श्रद्धा पूर्वक पूजा करता है।

यंत्रों की पूजा करने से भी उतना ही लाभ मिलता है जितना किसी देवी देवता की फोटो या मूर्ति की पूजा करने से मिलता है।

हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ श्रीमद भगवत गीता में कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति के पास देवी या देवता की मूर्ति या फिर प्रतिमा नहीं है, तो वह फिर यंत्र की पूजा कर सकता है, क्योंकि यंत्र देवी देवता के आवास के रूप में जाने जाते हैं।

यंत्रों के अंदर अद्भुत शक्तियां एवं रहस्य छुपा हुआ है, इसलिए यंत्रों को सर्व सिद्धि योग का दरवाजा भी कहा जाता है।

अगर यंत्र को किसी अच्छे मुहूर्त में विधि विधान से बनाकर अपने शरीर पर धारण किया जाए या फिर उसे अपने घर में स्थापित किया जाए तो व्यक्ति को मनचाहा फल प्राप्त होता है और उसकी मनोकामनाएं पूरी होती है।

यंत्र मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं | जिनके बारे में हम आपको नीचे विस्तार से बता रहे हैं –

  1. – रेखा प्रधान
  2. – संख्या प्रधान
  3. – आकृति प्रधान
  4. – बीजाक्षर प्रधान

यंत्र साधना क्या है ? What is Yantra Sadhana?

यह एक ऐसी साधना है जिसमें अपनी मंजिल को जल्दी प्राप्त किया जा सकता है। सभी देवी देवताओं और ग्रहों की यंत्र बनाने की विधि और यंत्रों को सिद्ध करने की विधि अलग-अलग होती है।

किसी शुभ त्यौहार अथवा पर्व जैसे की लोहड़ी, दशहरा, दीपावली, होली या ग्रहण काल में किसी भी यंत्र को सरलता से सिद्ध किया जा सकता है।

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सामान्य तौर पर यंत्र को बनाने के लिए भोजपत्र या फिर कागज का इस्तेमाल होता है परंतु यंत्रों के निर्माण में विभिन्न बहुमूल्य वस्तुओं जैसे कि तांबा पीतल अष्टधातु चांदी और सोने का इस्तेमाल किया जाता है।

इसके अलावा कभी-कभी दुर्लभ जड़ी बूटियों और जानवरों के अंगों का इस्तेमाल भी किया जाता है।

इसके अलावा स्फटिक के यंत्र भी बहुत ही कारगर साबित होते हैं। यंत्र 3 सिद्धांतों क्रिया, आकृति और शक्ति का ही एक रूप है। यंत्र में ब्रह्मांड की सभी रचनाएं समाहित हैं। इसलिए पंडितों द्वारा इसे विश्व विशेष को दर्शाने वाली आकृति भी कहा जाता है।

यंत्र के अंदर मंत्रों के साथ असीम शक्तियां समाहित होती है। यंत्रों का इस्तेमाल सभी प्रकार के कामों को पूरा करवाने के लिए किया जाता है।जैसे विभिन्न लोग इसका इस्तेमाल अलग-अलग प्रयोजनों के लिए करते हैं।जैसे कि कई लोग यंत्रों का इस्तेमाल धंधा वृद्धि के लिए करते हैं।

कई लोग यंत्र का इस्तेमाल घर में सुख शांति के लिए करते हैं। कई लोग यंत्रों का इस्तेमाल घर में बुरी नजर ना लगे उसके लिए करते हैं। कई लोग पढ़ाई में उनके बच्चों का मन लगे |! यह पोस्ट आप OSir.in वेबसाइट पर पढ़ रहे है !

इसके लिए यंत्रों का इस्तेमाल करते हैं तथा कई लोग घर में देवी देवताओं का निवास रहे और घर में सकारात्मक ऊर्जा रहे, इसलिए यंत्रों का इस्तेमाल करते हैं।

यंत्रों में बुरी शक्तियों को समाप्त करने की क्षमता होती है। यंत्र हमारे घरों को नकारात्मक शक्तियों से बचा कर रखता है।

यंत्र को धारण करने से उसकी पूजा करने से या फिर किसी विशेष स्थान पर उसे रखने से व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती है और उसके सभी काम सफलतापूर्वक संपन्न होते हैं तथा उसकी प्रगति होती है।

मंत्र मारण उच्चाटन सम्मोहन वशीकरण विद्वेषण स्तंभन शत्रु बाधा निवारण के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। इसके अलावा यंत्र बिना नुकसान के साधक को सुख समृद्धि और वैभव प्रदान करता है। इसीलिए ही हमारे प्राचीन ग्रंथों में तंत्र मंत्र यंत्र की विशेष महिमा बताई गई है।

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