रोग नाशक मंत्र pdf फ्री डाउनलोड : हर तरह के रोग निवारण मंत्र और विधि | Rog Nashak Mantra pdf

रोग नाशक मंत्र pdf | Rog Nashak Mantra pdf : हेलो दोस्तो नमस्कार स्वागत है आपका हमारे आज के इस नए लेख में आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से रोग नाशक मंत्र pdf के बारे में बताने वाले हैं वेदों में शब्द को ब्राह्मण कहा गया है यह शब्द और उन से बने मंत्र विशाल व्यक्ति के परिचायक कहे गए हैं.

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मंत्रों की यही ताकत व्यक्ति को व्यापक असाध्य से असाध्य रोगों का निवारण करने में सक्षम माना जाता है आज के समय में आधुनिक विज्ञान भी इसे स्वीकार करता है कि मंत्रों के बल पर कुछ भी संभव किया जा सकता है मंत्रों में वह शक्ति है जिसकी सहायता से मनुष्य अपने जीवन के बड़े से बड़े संकट को पार कर सकता है मंत्रों से निकलने वाली ऊर्जा ना सिर्फ आपके आभा मंडल को बल्कि आपके वातावरण को भी शुद्ध करती है.

एक बार ऐसा होता है कि कुछ लोग आध्यात्मिक की शक्ति पर विश्वास नहीं करते हैं लेकिन जो लोग भी आध्यात्मिक ईशक्ति पर विश्वास करते हैं उन्हें मंत्रों के अलौकिक चमत्कार का ज्ञान अवश्य होता है इसीलिए आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से रोग नाशक मंत्र pdf के बारे में बताएंगे इसके अलावा रोग दूर करने के अन्य मंत्र के बारे में भी जानकारी देंगे अगर आप रोग नाशक मंत्र के बारे में संपूर्ण जानकारी चाहते हैं तो आप हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।

रोग नाशक मंत्र pdf | Rog Nashak Mantra pdf

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रोग नाशक मंत्र pdf | Rog Nashak Mantra pdf Download pdf 

रोग नाशक मंत्र | Rog Nashak Mantra

 रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा, तु कामान् सकलानभीष्टान् त्वामाश्रीतनां न विपन्नराणां, त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।।

 

1. कैंसर रोग नाशक मंत्र

ॐ नम: शिवाय शंभवे कर्केशाय नमो नम:।

यह कैंसर रोग नाशक मंत्र है इस मंत्र के द्वारा आप किसी भी तरह के कैंसर रोग से छुटकारा पा सकते हैं.

2. मस्तिष्क रोग नाशक मंत्र

ॐ उमा देवीभ्यां नम:।

यह मस्तिष्क रोग नाशक मंत्र है इस मंत्र के द्वारा आप अपने मस्तिष्क संबंधित किसी भी प्रकार रोग जैसे सिरदर्द , हिस्टीरिया, याददाश्त आदि जैसी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं.

3. आंखों के रोग नाशक मंत्र

आंखों की खुजली

ॐ शंखिनीभ्यां नम:।

यह आंख का रोग नाशक मंत्र है इस मंत्र के द्वारा जातक को मोतियाबिंद , रतौंधी , नेत्र ज्योति कम आदि जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है.

4. हृदय रोग नाशक मंत्र

ॐ नम: शिवाय संभवे व्योमेशाय नम:।

यह हृदय रोग नाशक मंत्र है इस मंत्र के द्वारा हृदय से संबंधित जितनी भी पेड़ आए हैं सभी प्रकार की पीड़ा दूर हो जाती है.

5. स्नायु रोग नाशक मंत्र

ॐ धं धर्नुधारिभ्यां नम:।

यह स्नायु रोग नाशक मंत्र है इस मंत्र के द्वारा आप अपने स्नायु से संबंधित रोग नष्ट हो जाते हैं

6. कान संबंधी रोग नाशक मंत्र

ॐ व्हां द्वार वासिनीभ्यां नम:।

इस मंत्र का जाप करने से काम संबंधित जितने भी रोग होते हैं वह दूर हो जाते हैं.

7. कफ संबंधी रोग नाशक मंत्र

ॐ पद्मावतीभ्यां नम:।

इस मंत्र का जाप करने से कफ संबंधित रोग नष्ट हो जाते हैं.

8. श्वास रोग नाशक मंत्र

ॐ नम: शिवाय संभवे श्वासेशाय नमो नम:।

इस मंत्र का जाप करने से श्वास संबंधित सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं.

9. पक्षाघात रोग नाशक मंत्र

ॐ नम: शिवाय शंभवे खगेशाय नमो नम:।

इस मंत्र का जाप करने से पक्षाघात जैसे रोग समाप्त हो जाते हैं.

10. पेट-दर्द, जलोदर, कब्ज, अम्लपित्त आदि रोग नाशक मंत्र

pet dard

‘ॐ शूं शूल धरिणीभ्यां नमः’

अगर किसी भी व्यक्ति को पेट दर्द , जलोदर, कब्ज, अम्लपित्त आदि जैसी समस्याएं होती हैं तो उस व्यक्ति को ऊपर दिए गए मंत्र का मंगलवार के दिन रात के समय अनानाद से निश्चिंत होने के बाद सफेद वस्त्र धारण करके कुश के आसन पर विराजमान होने के बाद अपने सामने चीनी की कटोरी में थोड़ी सी सफेद अजवाइन रखकर ऊपर दिए गए मंत्र का 108 बार जाप सिद्ध करें.

इस मंत्र का जाप करने से पेट संबंधित कष्ट दूर हो जाते हैं अगर आप ऊपर दिए गए मंत्र का 11 बार जाप करके सफेद अजवाइन को अभिमंत्रित करके रोगी के शरीर पर बांध देते हैं तो आपको पेट-दर्द, जलोदर, कब्ज, अम्लपित्त आदि जैसी समस्याएं कभी भी परेशान नहीं करती है।

11. कंठमाला य गले के दर्द दूर रोग नाशक मंत्र

‘ॐ चिं चित्राघण्टाभ्यां नमः’

कंठमाला यानी कि अगर आपके गले में दर्द है और आप उस दर्द को दूर करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको ऊपर दिए गए मंत्र का 108 बार जाप करना है उसके पश्चात प्रतिदिन 11 बार इस मंत्र को पढ़कर जल अभिमंत्रित करके उसका सेवन सुबह और शाम करें इस मंत्र के जाप से कंठ माला गले का दर्द आदि का निवारण हो जाता है.

रोग नाशक मंत्र करने की विधि | Rog Nashak Mantra Karne Ki Vidhi

Disease

अगर आप में से किसी भी व्यक्ति को रोग नाशक मंत्र का जाप करना है तो उस मंत्र के जाप की विधि आपको अवश्य पता होनी चाहिए। रोग नाशक मंत्र का जाप करने के लिए आपको इन चीजों की आवश्यकता होगी।

1. कुश आसन
2. गोमुखी
3. रुद्राक्ष माला
4. पंचमात्र
5. आचमनी
6. शुद्ध जल

आदि चीजों की आवश्यकता अवश्य ही लगती है। तो चलिए अब स्टेप बाय स्टेप जानते हैं कि रोग नाशक मंत्र जाप करने की विधि कहां से शुरू होती है।

1. आचमन क्रिया

  1. प्रथम आचमन – ॐ केशवाय नम:
  2. द्वितीय आचमन – ॐ नारायणाय नम:
  3. तृतीय आचमन – ॐ माधवाय नम:
  4. चतुर्थ आचमन – हस्त प्रक्षालन।
  5. उसके पश्चात ॐ गोविंदाय नम: बोलकर हाथ धो लें।

हमारे हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि किसी भी मंत्र का जाप करने के लिए पूर्व दिशा या फिर पश्चिम दिशा की ओर मुख करके ही मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए तो मंत्रों का उच्चारण करने के लिए सबसे पहले स्नान आदि से निश्चिंत हो जाए उसके बाद शुद्ध वस्त्र धारण कर लें उसके पश्चात कुश के आसन पर बैठ जाएं और ऊपर दी गई विधि के द्वारा आचमन करें उसके पश्चात आपको जो भी रोग है.

उसके द्वारा आप रोग नाशक मंत्र का चयन करके 5 माला नियमित रूप से जाप करें मंत्र जाप करने के लिए आपको माला गौमुख में रखनी होगी अर्थात गोमुख से तर्जनी उंगली बाहर की ओर होनी चाहिए इसी प्रकार आपको इन मंत्रों का उच्चारण करना है मंत्रों का उच्चारण आपको तेज गति में करना है लेकिन मंत्रों के शब्द का उच्चारण स्पष्ट होना चाहिए दिन में एक ही बार इन मंत्रों का जाप करना है आप चाहे तो मंत्रों का जाप करने की संख्या बढ़ा सकते हैं।

रोग दूर करने के अन्य मंत्र | Rog Dur karne ke liye Anya Mantra

वैसे तो हमारे हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा कहा गया है कि मंत्रों का उच्चारण बहुत ही आवश्यक होता है जो भी व्यक्ति अध्यात्म पर विश्वास करता है वह मंत्रों का उच्चारण अवश्य करता है मंत्र का उच्चारण करने से आपके मस्तिष्क को शांति मिलती है लेकिन आप में से कई ऐसे व्यक्ति होंगे.

जिन्हें इस बात की जानकारी नहीं होगी कि कुछ मंत्रों द्वारा जातक बड़ी से बड़ी बीमारी से मुक्ति पा सकता है अगर आप चाहे तो शारीरिक और मानसिक दोनों बीमारियों से निजात पा सकते हैं तो आइए आज हम आपको रोग दूर करने के कुछ ऐसे मंत्र बताएंगे जो बहुत ही शक्तिशाली होंगे।

1. दुर्गा सप्तशती का पाठ

क्या आप जानते हैं कि मां दुर्गा एक ऐसी देवी हैं जिन्हें कई रूपों में विभाजित किया गया है इन्हें पापनाशिनी भी कहा जाता है मां दुर्गा मनुष्य के पाप ही नहीं बल्कि उनके रोगों का नाश भी करती हैं।

Durga

अगर आप में से कोई भी व्यक्ति अपने सभी प्रकार के रोगों से छुटकारा पाना चाहता है तो ऐसे में उसे दुर्गा सप्तशती जिससे मां दुर्गा की प्रार्थना की जाती है उसका जाप करने से कई प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं अर्थात एक अत्यंत शक्तिशाली रोग नाशक मंत्र का जाप करने से हर प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं या मंत्र मां दुर्गा द्वारा दिया गया है।

रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान् ।

त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति”

2. हनुमान मंत्र

वैसे तो पवन पुत्र हनुमान बहुत ही बलशाली देवता माने जाते हैं हनुमान जी को असंभव कार्यों को संभव करने के लिए माना जाता है हनुमान भगवान की ताकत कुछ ऐसी है कि जो भी जातक प्रतिदिन इन्हें याद करता है या फिर इनके प्रिय मंत्रों का जाप करता है तो उसकी हर प्रकार की समस्या का निवारण हो जाता है.

हनुमान भगवान को याद करने से वातावरण शुद्ध हो जाता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है इनके मंत्रों का जाप करने से शरीर स्वस्थ हो जाता है और मन मस्तिष्क भी सही रहता है इस मंत्र का नियमित जाप करने से सभी प्रकार के रोग का निवारण हो जाता है।

“ॐ नमो भगवते आंजनेय महाबलाय स्वाहा”

3. महामृत्युंज्य मंत्र

भगवान शिव का सबसे बड़ा मंत्र

महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव को समर्पित किया गया है शिव की पूजा और उपासना में इस मंत्र का प्रयोग विशेष रूप से किया जाता है क्योंकि यह मंत्र भगवान शिव का प्रिय मंत्र है महामृत्युंजय मंत्र एक ऐसा मंत्र है जिसके उच्चारण से मृत्यु पर भी विजय प्राप्त की जा सकती है महामृत्युंजय मंत्र आपको सभी प्रकार की घटनाओं से बचाता है उसी प्रकार इस मंत्र का जाप करने से सभी प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं महामृत्युंजय मंत्र इस प्रकार है ;

“ॐ त्रयम्बकम यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्” 

FAQ : रोग नाशक मंत्र pdf

रोग नाशक मंत्र कौन सा है?

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌।

उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌॥

यह मंत्र भगवान शिव का मंत्र है इस मंत्र के द्वारा आप किसी भी प्रकार के रोग को दूर कर सकते हैं।

 

रोगों से मुक्ति कैसे पाए?

अगर आप में से कोई भी व्यक्ति हर प्रकार के रोगों से मुक्ति पाना चाहता है तो आज हम उसे एक ऐसा उपाय बताएंगे जिसके माध्यम से वह सभी प्रकार के रोगों को दूर कर सकता है रोग से मुक्ति पाने के लिए 21 दिन तक लगातार स्नानादि से निश्चिंत होने के बाद गायत्री मंत्र का जाप करें गायत्री मंत्र बहुत ही शक्तिशाली होता है इस मंत्र का नियमित जाप करने से उस व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर हो जाती है।रोग दूर करने का एक ऐसा उपाय हैं रोग दूर करने के लिए बुधवार के दिन प्रतिदिन गाय को अपने वजन के बराबर चारा खिलाएं। 

सबसे शक्तिशाली मंत्र कौन सा है?

ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात् -

या एक गायत्री मंत्र है इस मंत्र का जाप करने से बुरे सपने का प्रभाव नष्ट हो जाता है और सभी प्रकार की समस्याएं भी दूर हो जाती हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम रोग नाशक मंत्र pdf के बारे में बताया इसके अलावा रोग को दूर करने के अन्य मंत्र और रोग नाशक मंत्र का जाप करने की विधि के बारे में जानकारी दी है रोग नाशक मंत्र ओं के द्वारा आप किसी भी प्रकार के रोग को दूर कर सकते हैं अगर आपने हमारे इस लेख को अच्छे से पढ़ा है तो आपको रोग नाशक मंत्र के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई होगी उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुई होगी।

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