शाम को शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए या नहीं ?

sham ko shivling par jal chadana chahiye ki nahi हिंदू सनातन धर्म के अनुसार प्रमुख देवी देवताओं में ब्रह्मा विष्णु महेश को ईश्वर माना गया है और महेश या शिव या भोलेनाथ शंकर आदि नामों से जगत विख्यात महादेव सबसे अधिक पूजनीय ईश्वर है। हिंदू धर्म में सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवता शिवजी हैं।

इन्हें सृष्टि का संहार करने वाले देवता माना जाता है कहा जाता है कि जब अपना यह तीसरा नेत्र खोलते हैं तो संपूर्ण ब्रह्मांड हिल जाता है भगवान शिव निश्चल स्वभाव के हैं इसीलिए इन्हें भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता है।

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आदि देव महादेव की पूजा करने से भगवान शिव बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं वही जब क्रोध में होते हैं तो अपने तीसरे नेत्र के द्वारा सृष्टि को भस्म कर सकते हैं।

भगवान भोलेनाथ एक ऐसे देवता हैं जिन पर दूध जल धतूरा बेलपत्र आदि चढ़ाकर पूजा की जाती है और भगवान भोलेनाथ बहुत जल्दी प्रसन्न होकर समस्या से मुक्ति देते हैं।

भगवान भोलेनाथ की पूजा शिवलिंग के रूप में की जाती है जिस पर गाय के दूध और जल से अभिषेक किया जाता है और ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करके भोलेनाथ को प्रसन्न किया जाता है।

भगवान भोलेनाथ का प्रमुख दिन सोमवार है और इस दिन भोलेनाथ की पूजा सभी स्त्री-पुरुष करते हैं तथा मंत्र जाप द्वारा भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं इसके अलावा भगवान शिव के लिए शिवरात्रि का दिन सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है और हिंदू सनातन धर्म के अनुसार सावन महीने के सोमवार को भगवान शिव की पूजा को सबसे विशेष माना जाता है।

शाम को शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए या नहीं ?

भगवान शिव की भक्ति करने वाले अधिकांश भक्तों को यह भ्रम रहता है कि शाम के बाद भगवान शिव लिंग पर जल चढ़ाना चाहिए या नहीं तो इस भ्रम को दूर करते हुए बताना चाहूंगा कि शाम के बाद या शाम के समय शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए।

आपने देखा होगा कि भगवान शिव के मंदिर में शिवलिंग के ऊपर एक घड़ा रखा जाता है जिसमें से 24 घंटे जल टपकता रहता है ऐसे में यह मन में कभी नहीं लाना चाहिए कि शिवलिंग पर शाम के बाद जल चढ़ाना चाहिए कि नहीं अर्थात शिवलिंग पर कभी भी जल चढ़ाया जा सकता है इसमें किसी प्रकार का कोई नुकसान या हानि होने वाली नहीं है।

तथा जिन भक्तों को यह लगता है कि शाम के बाद शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए तो ऐसे लोगों को बेहिचक चाहे जब जल चढ़ा सकते हैं क्योंकि भगवान शिव को 24 घंटे जल चढ़ाने की प्रक्रिया बहुत महत्वपूर्ण है।

कहा जाता है कि जब समुद्र मंथन में विष का घड़ा निकला था तो भगवान शिव ने उसे पान कर लिया और अपने गले के नीचे उस विष को नहीं जाने दिया था जिसकी वजह से उनका मस्तिष्क हमेशा गर्म रहता है इसीलिए भगवान शिव के ऊपर 24 घंटे जल घड़े से टपका ते रहने की बात आती है।

ऐसे में भगवान शिव की पूजा और आराधना करने वाले भक्तों को जब चाहे तब जल चढ़ाने का कार्य कर सकते हैं और जिस दिन चाहे उस दिन जल चढ़ा सकते हैं परंतु सोमवार का दिन भगवान शिव के लिए विशेष महत्व होता है।

शिवलिंग पर कौन-कौन सी चीजें चढ़ा सकते हैं ?

भक्तों यदि आप भगवान शिव के उपासक हैं तो आपको पता होगा कि भगवान शिव पर केवल जल चढ़ा देने से भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं परंतु बहुत से भक्तों के मन में यह सवाल भी आता है कि जल के अलावा शिवलिंग पर और क्या-क्या चढ़ा सकते हैं।

आइए हम यह भी जान लेते हैं कि शिवलिंग पर जल के अलावा और कौन-कौन से पदार्थ चढ़ा सकते हैं जिससे भगवान शिव प्रसन्न हो जाए।

कहा जाता है कि भगवान शिव एक और औघड़ देवता भी हैं तथा अपने शरीर में भस्म लगाए रहते हैं इनके अलावा इनके श्रंगार भी अन्य देवताओं से अलग हैं जैसे,

  1. गले में सांप पहनने में
  2. मृगछाला हाथ में
  3. काले तिल
  4. बेल पत्र
  5. धतूरा के फल
  6. त्रिशूल दूसरे हाथ में डमरू
  7. माथ पर चंद्रमा

विराजमान रहता है।

भगवान शिव अपनी जटाओं में गंगा को भी स्थान दिया है तथा हमेशा तपस्या में लीन रहने वाले देवता है ऐसे में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए हम जल के अलावा और कई प्रकार के पदार्थ अभिषेक के रूप में चढ़ा सकते हैं।

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के भक्त गण

  1. ताजे बेलपत्र
  2. धतूरे का फल
  3. नारियल
  4. शहद
  5. चीनी
  6. घी
  7. केसर
  8. चंदन
  9. भांग
  10. इत्र

आदि को अर्पित करते हैं शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव को यह सभी चीजें बहुत ज्यादा पसंद होती हैं और प्रसन्न होकर समस्या भी समाप्त कर देते हैं।

शिवलिंग की पूजा से लाभ

शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि भगवान शिव का मंत्र ओम नमः शिवाय जाप करते हुए शिवलिंग की पूजा की जाती है तो व्यक्ति की हर समस्या दूर हो जाती है।

विभिन्न प्रकार की वस्तुएं भगवान शिव के ऊपर चढ़ाने से व्यक्ति को अलग-अलग लाभ प्राप्त होते हैं| जैसे-

  • जल और बेलपत्र चढ़ाने से व्यक्ति का स्वभाव शांत आचरण अच्छा रहता है।
  • यदि शिवलिंग पर शहद चढ़ाया जाता है तो व्यक्ति के विचारों में मीठापन आ जाता है|
  • दूध और दही चढ़ाने से स्वास्थ्य लाभ होता है और शक्ति मिलती है
  • चंदन चढ़ाने से व्यक्ति के व्यक्तित्व में आकर्षण आ जाता है जिससे मान सम्मान में भी वृद्धि होती है।