भैरव को बुलाने का मंत्र क्या है ? बटुक भैरव मंत्र एवं संपूर्ण साधना विधि जाने !

Kaal bhairav baba ko bulane ka mantra ?  आज हम आपके साथ Bhairav Ko Bulane ka Mantra शेयर करने वाले हैं| आप इसे चाहे तो भैरव को बुलाने का मंत्र समझे या Bhairav ko Bulane ki Sadhana समझे, क्योंकि यह दोनों एक ही है| भैरव को बुलाने का मंत्र क्या है? बटुक भैरव मंत्र साधना विधि क्या है? bhairav nath mantra? bhairav nath mantra kya hota hai?

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भैरव बाबा को माता काली का पुत्र कहा जाता है और काल भैरव बाबा की पूजा विशेष तौर पर शनिवार के दिन की जाती है| मध्यप्रदेश के जबलपुर के बाजना मठ में भैरव बाबा की बाल रूप की मूर्ति स्थापित है| ऐसा कहा जाता है कि यह सिद्ध तांत्रिक मंदिर भी है,जहां शनिवार को अगर कोई भक्त तेल चढ़ाता है और भैरव बाबा की पूजा करता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उसकी सभी परेशानियां दूर हो जाती है| bhairav nath mantra? kaal bhairav ko bulane ka mantra? काल भैरव का मंत्र? काल भैरव का मंत्र क्या है? काल भैरव का मंत्र का जाप कैसे करे?

भैरव को बुलाने का मंत्र क्या है ? What is the mantra to call Bhairav

भैरव बाबा के वैसे तो अनगिनत रूप है और उन अनगिनत रूप में से हम आपको बटुक Bhairav ko Bulane ka Mantra बताएंगे| आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, बटुक भैरव बाबा बहुत जल्दी ही खुश हो जाते हैं और यह अपने भक्तों की सभी मनोकामना जल्द ही पूरी कर देते हैं|

बटुक भैरव बाबा को दुर्गा माता का पुत्र माना जाता है, साथ ही इन्हें शंकर भगवान का अवतार भी माना जाता है| अगर कोई व्यक्ति इन्हें अपना इष्ट मानकर इनकी साधना चालू करता है,तो उसकी जिंदगी के सभी दुख और दर्द दूर हो जाते हैं|

इसके अलावा अगर आपकी कुंडली में किसी भी प्रकार का ग्रह दोष चल रहा है,तो आप Batuk Bhairav ji ke Mantra ki Sadhana करके उसे समाप्त कर सकते हैं|अगर कोई साधक बटुक भैरव बाबा को अपना इश्ट मानकर रोजाना इनके मंत्रों की श्रद्धा पूर्वक जाप करता है और बटुक भैरव बाबा में आस्था रखता है तो भैरव बाबा 24 घंटे अपने उस साधक के साथ होते हैं और उसकी रक्षा करते हैं|

भैरव बाबा के मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति के ऊपर किसी भी प्रकार के भूत प्रेत का असर नहीं होता है ना ही कोई नेगेटिव एनर्जी उसके ऊपर अटैक कर पाती है|

kaal bhairav

जो कोई भी व्यक्ति बटुक भैरव बाबा के मंत्र का जाप करता है तो उसके घर में किसी भी प्रकार का जादू टोना या कोई भी बुरी शक्ति अपना प्रभाव नहीं दिखा पाती है| बटुक भैरव बाबा का तीनों लोकों में ऐसा प्रभाव है कि काल भी इनके नाम से कापता है|

जब साधक बटुक भैरव साधना चालू करता है,तो साधना चालू होने के कुछ दिन बाद ही उसे कुछ ना कुछ बटुक भैरव बाबा की साधना से संबंधित अनुभूतियां होने लगती है| इसके साथ ही साधना के दौरान उसके साथ कई चमत्कार भी होने लगते हैं, आइए आगे जानते हैं कि, भैरव को बुलाने का मंत्र क्या है और भैरव को बुलाने के लिए बटुक भैरव साधना कैसे करें|

बटुक भैरव मंत्र क्या है ? What is Batuk Bhairav Mantra?

ॐ बं बटुक-भैरवाय नमः

ॐ ह्रीं बटुकाय वां क्षौं क्षौं आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं बटुकाय स्वाहा

बटुक भैरव मंत्र साधना विधि क्या है और कैसे करे ? What is Batuk Bhairav Mantra Sadhana Method?

  1. Bhairav ko Bulane ka Mantra हम आपको ऊपर दे चुके हैं| आप Bhairav ko Bulane ka Mantra का जाप करके बटुक भैरव बाबा की सिद्धि कर सकते हैं| ऊपर हमने आपको दो मंत्र दिए हैं| आप उसमें से किसी भी मंत्र का इस्तेमाल साधना करने के लिए कर सकते हैं|
  2. हम आपको बता दें कि, बटुक भैरव जी की साधना दो प्रकार की होती है| पहली होती है सात्विक साधना और दूसरी होती है तामसिक साधना| अगर आप घर गृहस्ती वाले हैं, तो आपको बटुक भैरव बाबा की सात्विक साधना करनी चाहिए, क्योंकि इसमें शुद्ध सामग्री का इस्तेमाल होता है और तामसिक साधना में तामसिक सामग्री जैसे कि दारू, मास इत्यादि का इस्तेमाल होता है| नीचे हम आपको बटुक भैरव बाबा की सात्विक साधना के बारे में बता रहे हैं|
  3. बटुक भैरव बाबा की सिद्धि करने के लिए आप स्फटिक की माला का इस्तेमाल कर सकते हैं और अगर आपको यह माला नहीं मिलती है, तो आप चाहे तो रुद्राक्ष की माला का भी इस्तेमाल कर सकते हैं| इसके अलावा आपको साधना करने के लिए लाल रंग के आसन पर बैठना होगा| इसीलिए लाल रंग के आसन की व्यवस्था पहले ही कर ले|
  4. Batuk Bhairav Baba ki Sadhana आप किसी भी शनिवार या फिर रविवार को चालू कर सकते हैं और आपको लगातार यह साधना 21 दिन तक रोजाना एक ही जगह पर और एक ही समय करनी होती है| यह साधना रात में की जाती है|इसलिए आपको रात को 9:00 बजे के बाद नहा धोकर ही बटुक भैरव साधना चालू करनी चाहिए| बटुक भैरव साधना करने में आपका मुंह दक्षिण दिशा की तरफ या फिर पूरब दिशा की ओर होना चाहिए|
  5. बटुक भैरव मंत्र जाप की साधना में आपको बटुक भैरव जी की एक छोटी सी फोटो अथवा मूर्ति स्थापित करनी होती है, साथ ही आपको बटुक भैरव मंत्र को भी मूर्ति के बगल अथवा फोटो के बगल स्थापित करना होता है|
  6. हालांकि आपको Batuk Bhairav Yantra को एक थाली में थोड़ा सा चावल और हल्दी डालकर उसके ऊपर रखना होता है| उसके बाद उस यंत्र के बीच में आपको एक सुपारी भी रखनी होती है और 21 दिन मंत्र साधना के बाद आपको उस सामग्री को और बटुक भैरव यंत्र को बहते हुए पानी में प्रवाहित कर देना होता है|

  1. बटुक भैरव जी की साधना में आपको धूप और देसी घी का दीपक इस्तेमाल करना होता है और आपको रोजाना इन्हें लगातार 21 दिन तक छुहारे का प्रसाद चढ़ाना होता है और प्रसाद चढ़ाने के बाद आपको उसे छत पर डाल देना होता है, ताकि पक्षी उसे खा ले|
  2. जब आप पहले दिन बटुक भैरव जी की साधना चालू करें तो आपको सबसे पहले Mantra जाप करने से पहले गणेश भगवान, अपने गुरु जी की और अपने कुल देवता की वंदना करनी है और उनसे अपनी साधना को सफल बनाने की आज्ञा लेनी है| इसके बाद आपको लगातार 21 दिन तक रोजाना 1-3 या फिर पांच माला का जाप करने का संकल्प लेना है| आपको लगातार 21 दिन तक एक निश्चित संख्या में ही जाप करना है|
  1. – आप जितने भी Mantra का जाप करते हैं, आपको उसका दशांश यानी कि दसवां हिस्सा मंत्र से आहुति देकर हवन करना होता है| आप हफ्ते में एक दिन या रोजाना भी हवन कर सकते हैं और साधना के आखिरी दिन को हवन करने के बाद आपको एक माला जाप की आहुति दूध से बनी हुई खीर से देनी होती है| ऐसा करने से बटुक भैरव बाबा प्रसन्न होते हैं|
  2. आपको हर रविवार को या फिर शनिवार को मीठी रोटी का बटुक भैरव जी को भोग लगाना होता है और उसके बाद उसको किसी कुत्ते को दे देना होता है|
  3. – जब आप बटुक भैरव जी की साधना चालू करेंगे और जब 10-11 दिन साधना करते हुए बीत जाएंगे, तो आपको थोड़ी थोड़ी अनुभूतियां होना चालू हो जाएगी, परंतु आपको घबराना नहीं है| आपका जॉप जितनी श्रद्धा पूर्वक होगा और आप जितने लगन से मंत्रों का जाप करेंगे,आपको सफलता भी उतनी जल्दी मिलेगी| 21 दिन के बाद मंत्र साधना समाप्त होने के बाद भी आप चाहे तो रोजाना बटुक भैरव जी के मंत्रों का एक माला का जाप कर सकते हैं|ऐसा करने से बटुक भैरव जी आपके ऊपर कृपा बनाए रखेंगे|
  4. नोट: आपको Batuk Bhairav Ji ki Sadhana में पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करना होगा, क्योंकि बटुक भैरव बाबा भी बिल्कुल Hanumanji की तरह ही होते हैं| इसलिए आपको इनकी साधना में मन के साथ-साथ अपने तन को भी पवित्र रखना पड़ेगा |

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