जाने सबसे शक्तिशाली 7 मंत्र – ब्रह्मांड में सबसे शक्तिशाली मंत्र कौन से है? | Brahmand me sabse shaktishali mantra

ब्रह्मांड में सबसे शक्तिशाली मंत्र | Brahmand me sabse shaktishali mantra : भारत का सबसे पुराना सनातन धर्म जिसे अब हिंदू धर्म के नाम से जाना जाता है हमें मंत्रों का उच्चारण और उसके महत्व को विशेष दर्जा मिला है हिंदू धर्म के धर्म शास्त्रों में मंत्रों का उच्चारण करते वक्त यदि सही से किया जाता है तो जागृत करने वाले व्यक्ति का जीवन बदल जाता है।

यदि मंत्रों का उच्चारण सही तरीके से नहीं किया जा रहा है तो उनका प्रतिफल सही से नहीं मिलता है ऐसे में मंत्र का जाप करने वाला व्यक्ति विचलित हो जाता है, उसका विश्वास मंत्रों से उठ जाता है। सनातन धर्म के धर्म ग्रंथों में लिखे गए जितने भी मंत्र हैं वह हमारी जीवन शैली को प्रभावित करते हैं ब्रह्मांड में उपस्थित अनेक ग्रह नक्षत्र व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करते रहते हैं.

उनकी शुभ और अशुभ घड़ियां व्यक्ति के जीवन में उतार-चढ़ाव लाती हैं ऐसे में मंत्र ही एक ऐसा सहारा है जिनका जाप करके ग्रहों की ग्रह दशा को सुधारा जाता है। ऐसा माना जाता है कि बल्कि यह विश्वास है कि मंत्रों का उच्चारण सही किया जाता है तो व्यक्ति पूरी तरह से बदल जाता है.

brahmad ke shaktishali mantra ब्रह्मांड में सबसे शक्तिशाली मंत्र

उसका जीवन सुख समृद्धि से भरपूर होकर प्रफुल्लित हो जाता है। मंत्र जीवन का वह हिस्सा है जिन को जागृत करने पर व्यक्ति के अंदर असीम शक्तियां भी उत्पन्न हो जाती हैं. यहां तक कि वह सनातन धर्म में वर्णित देवी देवताओं के समकक्ष हो जाता है। शास्त्रों में ऐसे अनेकों हजारों मंत्र हैं जो अत्यधिक प्रभावशाली और चमत्कारी होते हैं किसी भी समस्या के समाधान के लिए मंत्रों का निर्माण किया गया है।

हमारी वैदिक शास्त्र वेद ने दिए गए मंत्र त्रुटि रहित और यथार्थ हैं जिनका एक एक अक्षर जीवन की एक एक परिभाषा को बदल देते हैं हमारे धर्म ग्रंथों में वर्णित मंत्र इतने चमत्कारी और प्रभावशाली हैं यदि श्रद्धा और विश्वास के साथ याद किया जाता है एक चमत्कारिक परिणाम मिलता है।

ब्रह्मांड में सबसे शक्तिशाली मंत्र कौन सा है ? | Brahmand me sabse shaktishali mantra kaun sa hai ?

ब्रह्मांड में सबसे शक्तिशाली मंत्र की बात की जाती है तो देखा जाता है कि सबसे अधिक शक्तिशाली मंत्र के रूप में ॐ है। यह मंत्र वेद शास्त्रों में वर्णित जितने भी मंत्र है उन्हें सबसे अधिक प्रभावशाली माना जाता है।

om mantra kya hai ,manta kaise bole

यह मंत्र ब्रह्मा विष्णु महेश तीनों देवताओं का संयुक्त रूप माना जाता है इसी मंत्र में दुनिया का सृजन पतन और पालन-पोषण निहित है इस मंत्र के जाप से जीवन की सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।

ॐ की महिमा कितनी है ? | Om ki mahima kitni hai ?

यह मंत्र 3 अक्षरों अ, ऊ और म् से मिलकर बना हुआ है। इस मंत्र में ब्रह्मा विष्णु और महेश तीनों को संयुक्त रूप से जप किया जाता है। इन्हीं तीन शब्दों में संपूर्ण सृष्टि समाई हुई होती है और इसकी ध्वनि हमेशा ब्रह्मांड में गूंजती है.

इसीलिए जब ॐ  का उच्चारण किया जाता है तो सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है हालांकि आम जनमानस को इस भवन को सुन पाना असंभव है परंतु यदि इसका निरंतर अभ्यास किया जाए तो सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने से आपको ॐ शब्द की धुन सुनाई देने लगती है। इस मंत्र की महिमा इतनी प्रबल है कि हमारे ऋषि-मुनियों हैं जितने भी मंत्र हैं उनमें ओम को पहले जोड़ दिया जिससे सभी मंत्रों की शक्ति हजारों गुना बढ़ जाती है.

ॐ का उच्चारण करते समय नियम और सावधानियां क्या हैं ?

सनातन धर्म के धर्म ग्रंथों में वर्णित मंत्र अपने में एक असीम शक्ति रखते हैं परंतु धर्म ग्रंथों में वर्णित मंत्रों का जाप किया जाता है तो व्यक्ति को असीम शक्तियां प्राप्त होती हैं. ऐसे में मंत्रों का उच्चारण करते समय विशेष सावधानियां बरतनी पड़ती है। मंत्रों का उच्चारण करते समय निम्नलिखित सावधानियां करनी पड़ती है.

1. ॐ का सही उच्चारण

ॐ ब्रम्हांड का सबसे बड़ा मंत्र माना गया है इस मंत्र को हमेशा ब्रह्म मुहूर्त में अथवा शाम के समय विधि विधान से करने से ही लाभ मिलता है मंत्र का उच्चारण सही होना चाहिए तथा मंत्रोचार के समय अपने रीड की हड्डी को सीधा रखते हुए जाप करें. ध्यान रहे कि मंत्र जाप करने के बाद कम से कम 10 मिनट तक पानी का स्पर्श बिल्कुल ना करें।

2. तामसिक भोजन ना करें

ओम मंत्र का उच्चारण करने वाले व्यक्ति को कभी भी तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए इससे मंत्र का प्रभाव सेहत के लिए उल्टा होता है ज्योतिष के अनुसार ओम मंत्र ईश्वरी शक्तियों से भरपूर होता है. इसलिए कभी भी किसी प्रकार का तामसिक भोजन ना करें।ओम मंत्र के जाप करने से हर प्रकार के वास्तु दोष नष्ट हो जाते हैं।

ओम मंत्र के अत्यधिक प्रभाव को और लाभ पाने के लिए अपने मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाकर उसके ऊपर ओम मंत्र लिखें और मंगलवार को दोपहर मैं इसे मुख्य द्वार पर निर्मित करें इससे धन समस्या और वास्तु समस्याएं समाप्त हो जाते हैं व्यक्ति को धन वैभव समृद्धि मिलती है।

ॐ का सटीक और सरल प्रयोग क्या है ?

ओम मंत्र का जाप करने के लिए दाहिने हाथ में तुलसी की पत्ती लेकर 108 बार मंत्रोचार करें और तुलसी की पत्ती को मंत्र जप ले के बाद पानी में डाल दें और यही पानी पीएं।

मंत्र कितने प्रकार के होते हैं ? | Mantra kitne prakar ke hote hai ?

सनातन धर्म में 33 कोटि के देवता माने जाते हैं इन देवताओं को प्रसन्न करने के लिए सनातन धर्म में तीन प्रकार के मंत्रों का वर्णन किया गया है। सभी प्रकार के देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग मंत्रों को दिया गया है । सनातन धर्म में मंत्रों को उच्चारण की दृष्टि से तीन प्रकार से वर्णित किया गया है।

सात्विक, तांत्रिक और साबर :

इन सभी मंत्रों का अपना अलग-अलग महत्व है। नियमित और शुद्ध मन स्वयं की कल्याण और लोगों के कल्याण के लिए जाट किए जाने वाले मंत्र सात्तविक होते हैं।

साल में एक बार या दो बार जाप कर सिद्ध किए जाने वाले मंत्र तांत्रिक मंत्र होते हैं जिन्हें तंत्र मंत्र करने वाले जादू दोनों के रूप में प्रयोग किए जाते हैं उन्हें तांत्रिक मंत्र कहते हैं तथा कुछ मंत्र ऐसे होते हैं जो साथी और तांत्रिक विद्या ओं के लिए सामान्य भाषा में होती है उन्हें साबर मंत्र कहा जाता है।

कुछ शक्तिशाली अन्य मंत्र :

नमो स्तवन अनंताय सहस्त्र मूर्तये, सहस्त्रपादाक्षि शिरोरु बाहवे.
सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते, सहस्त्रकोटि युग धारिणे नम:”

1. कष्टों से मुक्ति पाने के लिए शक्तिशाली मंत्र

क्लेशनाशक मंत्र : ॐ श्रीकृष्णाय शरणं मम। या कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:॥

मंत्र प्रभाव :

इस मंत्र का निरंतर जाप करने से घर परिवार में कलर और विभिन्न प्रकार के कष्ट क्लेस मिट जाते हैं और घर में खुशियां आती हैं। इस मंत्र को प्रमुख रूप से केवल कृष्ण के उपासना को जपना चाहिए .

2. शांतिदायक मंत्र

जीवन में शांति प्राप्त करने के लिए हमेशा राम राम राम शब्द जापा जाता है यह शब्द भगवान राम की महिमा का शब्द है इसे जपने से मन शांति होता है .

राम.. राम,.राम.

 

मंत्र प्रभाव :

राम राम शब्द की महिमा को स्वयं उनके भक्त हनुमान जानते थे वह हमेशा राम-राम सही कहा करते थे कहा जाता है कि इस शब्द का उच्चारण निरंतर करने से मन शांत होकर चिंताओं से मुक्त हो जाता है और मन में उत्पन्न होने वाले नकारात्मक विचार नष्ट होकर हृदय निर्मल बन जाता है।

3. चिंता मुक्ति मंत्र

भगवान भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए और जीवन में चिंता मुक्त होने के लिए इस मंत्र का जाप निरंतर किया जाता है यह भी बहुत थी शक्तिशाली मंत्र है

ॐ नम: शिवाय।

मंत्र प्रभाव :

इस मंत्र का निरंतर जप करने से भगवान भोलेनाथ व्यक्ति को चिंता मुक्त करके उसके जीवन में शांति धन वैभव भर देंगे यह एक महामंत्र है और ब्रह्मांड का शक्तिशाली मंत्र रुद्राक्ष की माला के साथ जब किया जाता है.

4. संकटमोचन मंत्र

विभिन्न प्रकार के संकटों से मुक्ति पाने के लिए हनुमान जी के इस मंत्र को ब्रह्मांड का प्रमुख शक्तिशाली मंत्र माना जाता है।

ॐ हं हनुमते नम:।

मंत्र प्रभाव :

हनुमान जी की इस मंत्र का प्रतिदिन जाप करने से आने वाले सभी प्रकार के संकट परास्त होकर व्यक्ति को सफलता की ओर ले जाते हैं और व्यक्ति के अंदर एक आत्मविश्वास बढ़ता है . हनुमान जी को गुड़ चना सिंदूर चढ़ाकर विभिन्न प्रकार के संकटों से मुक्ति के लिए जाप किया जाता है यह मृत्यु तुल्य संकट से छुटकारा दे देता है.

भगवान विष्णु के विभिन्न मंत्र कौन से हैं ?

ब्रह्मांड में भगवान विष्णु को श्रीहरि कहा जाता है और भगवान विष्णु सभी प्रकार की समृद्धि के लिए होते हैं इनकी भक्ति भावना के लिए बहुत से मंत्र शास्त्रों में वर्णित हैं यहां पर कुछ मंत्र दिए जाते हैं।

1. पहला मंत्र :

ॐ नमो नारायण। या श्रीमन नारायण नारायण हरि-हरि।

2. दूसरा मंत्र :

ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।

3. तीसरा मंत्र :

ऊं नारायणाय विद्महे।
वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

4. चौथा मंत्र :

त्वमेव माता च पिता त्वमेव।
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।।
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव।
त्वमेव सर्व मम देवदेव।।

5. पांचवां मंत्र :

शांताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशम्।
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम्।।
लक्ष्मीकान्तंकमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्।
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्।।

मंत्र प्रभाव :

भगवान विष्णु को ब्रह्मांड का पालनहार कहा जाता है इनका स्मरण करने के लिए पीला वस्त्र और फूल चढ़ाकर मंत्र जाप किया जाता है। भगवान विष्णु के साथ उनकी धर्मपत्नी मां लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है. इनके मंत्रों का जाप करने से सकारात्मक विचार से युक्त खुशहाल जीवन बन जाता है।

6. महामृत्युंजय मंत्र :

सदा शिव भोलेनाथ का यह मंत्र निरंतर जाप करने से व्यक्ति मृत्यु से कठिन कष्ट को जीत लेता है और मृत्यु के बाद से मोक्ष की प्राप्ति होती है।ब्रह्मांड का यह शक्तिशाली मंत्र निरंतर जाप करने से जीवन के सभी प्रकार के कष्ट से व्यक्ति मुक्त हो जाता है।

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिंपुष्टिवर्द्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धानान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।

महामृत्युंजय मंत्र मृत्यु और काल को टाल देने वाला मंत्र है इसीलिए भगवान शंकर के शिवलिंग पर दूध जल धतूरा चढ़ाकर इस मंत्र को जाप किया जाता है।

7. गायत्री महामंत्र :

 

 

यह मंत्र ऋग्वेद में वर्णित और चारों वेदों में वर्णित महा मंत्रों में सबसे बड़ा मंत्र माना जाता है यह मंत्र हमें सत मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। जीवन में ज्ञान आनंद प्राण पवित्रता पाप ताप विनाशक तथा सन्मार्ग की ओर प्रेरित करने वाला मंत्र है।

ॐ भूर्भुव स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न प्रचोदयात् ।।

मंत्र का प्रभाव

इस मंत्र का निरंतर सुबह शाम जाप करने से जीवन पूर्ण रूप से आनंदित हो जाता है तथा घर में सुख समृद्धि और वैभव प्राप्त होता है। इसी तरह से हमारे शास्त्रों में अनेक महामंत्र ब्रह्मांड के सभी शक्तिशाली मंत्रों में शामिल हैं परंतु यह कुछ मंत्र ऐसे मंत्र हैं जिन्हें निरंतर श्रद्धा भाव भक्ति पूर्वक सात्विक मन से निरंतर जाप करने से जीवन में प्रत्येक बाधाएं समाप्त हो जाती हैं और जीवन मृत्यु उपरांत मोक्ष की ओर अग्रसर हो जाता है आत्मा को पूर्ण संतुष्टि प्राप्त हो जाती है।

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