जाने असली एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान एवं असली-नकली में फर्क | Ek Mukhi Rudraksh ki pahchan : 1 मुखी रुद्राक्ष धारण विधि, लाभ एवं नुकसान

एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान | Ek Mukhi Rudraksh ki pahchan : नमस्कार दोस्तों हार्दिक स्वागत है आपका आपके इस लेख में आज इस लेख में हम आप लोगों को एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान करने के विषय में जानकारी देंगे क्योंकि एक मुखी रुद्राक्ष के साथ लोगों की आस्था जुड़ी हुई है लेकिन आज के समय में रुद्राक्ष से जुड़ी लोगों की आस्था के साथ विश्वासघात किया जा रहे हैं लोग नकली एक मुखी रुद्राक्ष को बेचकर अंधाधुंध पैसे कमा रहे हैं इसीलिए इस लेख में हम आप लोगों को एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान करने के विषय में जानकारी देंगे इस लेख में हम आप लोगों को रुद्राक्ष की उत्पत्ति और उसके अर्थ के विषय में भी जानकारी देंगे.एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान, Ek Mukhi Rudraksh ki pahchan, एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि, Ek Mukhi Rudraksh dharan karne ki vidhi, एक मुखी रुद्राक्ष के दुष्प्रभाव, Ek Mukhi Rudraksha ke dushprabhav, एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लाभ, Ek Mukhi Rudraksh dharan karne ke Labh ,  एक मुखी रुद्राक्ष कितने दिन में असर करता है, Ek Mukhi Rudraksh Kitne Din Mein Asar karta hai, रुद्राक्ष की उत्पत्ति एवं अर्थ, Rudraksh ki utpati AVN Arth  , एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान कैसे करें, एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान कैसे की जाती है, ek mukhi rudraksha ki asli pehchan kya hai,

इसके साथ ही इस लेख में हम लोगों को बताएंगे कि एक मुखी रुद्राक्ष किस विधि द्वारा धारण किया जाता है और एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से क्या लाभ व हानि होती है इसके विषय में हम आप लोगों को इस लेख में समस्त जानकारी विधिवत तरीके से देंगे अगर आप में से कोई व्यक्ति एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करना चाहता है तो हमने इस लेख में 1 मुखी रुद्राक्ष के विषय में समस्त जानकारी दी है जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे द्वारा दिए गए इस लेख को ध्यान पूर्वक का अंत तक अवश्य पढ़ें.

रुद्राक्ष की उत्पत्ति एवं अर्थ | Rudraksh ki utpati AVN Arth

ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति स्वयं भगवान शिव जी के आंखों के जल बिंदुओं से हुई है इसके पीछे की कथा कुछ इस प्रकार है प्राचीन काल में राजा दक्ष नाम का एक राजा था जो कि भगवान शिव का उपासक था राजा दक्ष की पुत्री सती भगवान शिव जी की उपासक थी राजा दक्ष भगवान विष्णु के उपासक थे इसीलिए वे शिव जी से घृणा करते थे माता सती जी भगवान शिव जी को अपने पति के रूप में पानी के लिए घोर तपस्या करती थी जिसकी वजह से उनके पिता राजा दक्ष सती जी से से क्रोधित रहते थे.

माता सती जी ने घोर तपस्या की और अपने पिता के विरुद्ध जाकर भगवान शिव जी से विवाह कर लिया जिसकी वजह से राजा दक्ष ने अपनी पुत्री से सभी रिश्ते नाते तोड़ लिए कालांतर में एक बार राजा दक्ष यज्ञ किया उन्होंने उस यज्ञ में सभी देवी देवताओं को न्योता दिया लेकिन अपनी पुत्री सती को नहीं बुलाया लेकिन माता सती जी शिवजी की आज्ञा के विरुद्ध जाकर बिना निमंत्रण के ही अपने मायके चली आई इसी क्रम में वे जब यज्ञ के सामने पहुंचती हैं तो राजा दक्ष वहां शिव जी का माता सती जी के सामने घोर अपमान करते हैं जिस अपमान को माता सती जी सहन नहीं कर पाती है.एक मुखी रुद्राक्ष

एवम उस यज्ञ में अपने प्राणों की आहुति दे देती हैं माता सती जी की मृत्यु का समाचार जब भगवान शिव जी को मिलता है तो वह बहुत क्रोधित होते हैं और वीरभद्र का रूप धारण कर लेते हैं जब भगवान शिव जी ने माता सती जी के शव को देखा तो है उसे देखकर विलाप करने लगे इस घटना के पश्चात शिवजी सृष्टि से विमुख हो जाते हैं जिसके कारण सृष्टि पर प्रलय आ जाती है.

भगवान विष्णु जी ने जब सृष्टि के इस हाल को देखा तो उन्होंने माता सती जी के शरीर के 51 टुकड़े कर दिए शास्त्रों में ऐसा कहा जाता है कि माता सती जी के शरीर के वे भाग जिस भी स्थान पर गिरे वह स्थान शक्तिपीठ के नाम से प्रसिद्ध हो गया उस समय भगवान शिव जी जब तन्द्रा से निकले तो माता सती जी के शव को देखकर वे विलाप करने लगे विलाप करते समय उनकी आंखों से जो जल बिंदु गिरे वहीं से रुद्राक्ष का वृक्ष उत्पन्न हो गया.

एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान | Ek Mukhi Rudraksh ki pahchan

एक मुखी रुद्राक्ष पेड़ पर होता है रुद्राक्ष का पेड़ अन्य वृक्षों के समान ही दिखता है रुद्राक्ष के पेड़ की पत्तियां लंबी होती हैं रुद्राक्ष के वृक्ष में पहले सफेद रंग का फूल निकलता है जो कि कुछ समय पश्चात फल का रूप धारण कर लेता है और उसी फल के अंदर जो गुठली उत्पन्न होती है वही असली रुद्राक्ष है वैसे तो रुद्राक्ष के फल पकने के पश्चात अपने आप ही गिर जाते हैं और ऐसा कहा जाता है कि बीनने के पश्चात पानी या फिर तेल में कुछ समय के लिए डाल दिया जाता है.

ताकि असली रुद्राक्ष को निकालने में कठिनाई ना हो लेकिन आज के समय में रुद्राक्ष से जुड़ी लोगों की आस्था के साथ विश्वासघात किया जा रहा है आजकल बाजार में रुद्राक्ष की तरह दिखाई देने वाले रुद्राक्ष को भेजकर व्यापारी अंधाधुंध पैसे कमा रहे हैं हालांकि यह पूरी तरह से रुद्राक्ष के जैसा ही दिखाई देता है जिसे पहचानना बहुत मुश्किल है लेकिन कुछ ऐसे उपाय हैं.

जिनका प्रयोग करके आज भी असली रुद्राक्ष का पता लगाया जा सकता है क्योंकि शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि नकली रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति को रुद्राक्ष से होने वाले लाभ नहीं मिलते हैं बल्कि ऐसा रुद्राक्ष धारण करने का कोई भी मतलब नहीं होता है इसीलिए रुद्राक्ष धारण करने से पहले उसकी पहचान करना आवश्यक है.

1. एक मुखी रुद्राक्ष की आकार

अगर एक मुखी रुद्राक्ष की आभा को अच्छे से जांच परख कर देखा जाए तो एक मुखी रुद्राक्ष की आभा बिल्कुल अर्धचंद्र के समान दिखाई देती है साधारण भाषा में आप इसे काजू के आकार का भी समझ सकते हैं एक मुखी रुद्राक्ष की सतह बिल्कुल ही वक्र के समान होती है एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान करने का सरल तरीका यह है क्योंकि एक मुखी रुद्राक्ष के बीच में एक धारी इस तरह से बनी हुई होती है जिससे एक मुखी रुद्राक्ष दो भागों में प्रतीत होता है एक मुखी रुद्राक्ष में एक धारी के अलावा भगवान शिव से संबंधित चिन्न भी आपको दिखाई दे सकते हैं. एक मुखी रुद्राक्ष

जैसे कि डमरू ,त्रिशूल ,स्वास्तिक किंतु एक मुखी रुद्राक्ष में इस प्रकार की संरचना भौतिक किस्म वाले रुद्राक्ष में ही संभव है ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव का अंश है रुद्राक्ष में भगवान शिव जी का आशीर्वाद समाहित होता है इसीलिए रुद्राक्ष को धारण करने से पहले उसकी जांच परख करना आवश्यक है कई बार लोग ज्यादा कमाने के चक्कर में नकली रुद्राक्ष बेचकर लोगों से अंधाधुंध पैसे लेते हैं हालांकि एक मुखी रुद्राक्ष दुर्लभ माना जाता है यह रुद्राक्ष इतनी आसानी से नहीं मिलता इस रुद्राक्ष में अनेक चमत्कारी गुण पाए जाते हैं जिसकी वजह से एक मुखी रुद्राक्ष का सभी रुद्राक्ष से अलग महत्व है.

वैसे तो एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान इसके बीचो-बीच भाग में बनी एक भारी से की जाती है अगर  आप एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान उसके बीच में बनी एक धारी से कर लेते हैं तो आपको इस रुद्राक्ष की पहचान असली करने के लिए कुछ अन्य तरीकों को भी अपनाना चाहिए क्योंकि बाजार में एक मुखी रुद्राक्ष ऐसे भी मौजूद हैं जो नकली किस्म के होते हैं और वह देखने में बिल्कुल असली रुद्राक्ष जैसे दिखाई देते हैं.

2. पानी द्वारा एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान

आज के समय में बाजार में फाइबर एंड प्लास्टिक के रुद्राक्ष भी बनाकर बेचे जा रहे हैं इसीलिए आप जब भी रुद्राक्ष को खरीदे तो उसकी असली पहचान अवश्य करें एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान करने के लिए एक गिलास पानी लें और उसमें रुद्राक्ष को डाल दें अगर रुद्राक्ष पानी में डूब जाएगा तो वह रुद्राक्ष असली रुद्राक्ष होगा लेकिन अगर रुद्राक्ष पानी के ऊपर तैरता है तो ऐसा रुद्राक्ष नकली है आप इस तरह पानी के माध्यम से एक मुखी रुद्राक्ष की असली पहचान कर सकते हैं.

3. तेल द्वारा एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान

एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान करने के लिए तेल भी एक सरल उपाय हैं एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान करने के लिए रुद्राक्ष को तेल से भरे डिब्बे में डाल दें और उसे कुछ समय तक उस डिब्बे में पड़ा रहने दे अगर रुद्राक्ष असली होगा तो उसका रंग नहीं बदलेगा लेकिन अगर रुद्राक्ष रंगहीन हो गया है तो पूरी तरह से वह रुद्राक्ष नकली रुद्राक्ष है.

एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि | Ek Mukhi Rudraksh dharan karne ki vidhi

रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर इक्कीस मुखी तक होते हैं और प्रत्येक रुद्राक्ष को अलग विधि द्वारा धारण किया जाता है शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि प्रत्येक रुद्राक्ष धारण करने का अलग महत्व और अलग लाभ प्राप्त होता है यहां हम आप लोगों को जानकारी के लिए एक मुखी रुद्राक्ष को किस विधि द्वारा धारण किया जाता है इसके विषय में जानकारी देने जा रहे हैं.

क्योंकि बहुत से लोग एक मुखी से लेकर 21 मुखी तक के रुद्राक्ष को एक ही विधि से धारण करते हैं लेकिन प्रत्येक रुद्राक्ष को अलग विधि द्वारा धारण किया जाता है अगर आप में से कोई व्यक्ति एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करना चाहता है तो वह हमारे द्वारा दी गई विधि से 1 मुखी रुद्राक्ष को धारण कर सकता है.

एक मुखी रुद्राक्ष

ओम नमः शिवाय मंत्र

  1. रुद्राक्ष को धारण करने से पहले अच्छा कर्म करें ताकि आप रुद्राक्ष धारण करने के योग्य हो जाएं
  2. एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें
  3. रुद्राक्ष का संबंध भगवान शिवजी से है और ऐसा कहा जाता है कि रुद्राक्ष भगवान शिवजी का अंश है इसीलिए रुद्राक्ष धारण करने से पहले भगवान शिवजी का पूजन करना चाहिए
  4. एक मुखी रुद्राक्ष को चांदी या सोने के तार में धारण करें लेकिन चांदी सोने का तार महंगा होने के कारण इसे लाल धागे में भी धारण किया जा सकता है
  5. शास्त्रों के अनुसार एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का सबसे अच्छे दिन महाशिवरात्रि माना गया है इसीलिए आपको एक मुखी रुद्राक्ष को शिवरात्रि के दिन धारण करना चाहिए
  6. एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले उस पर गंगाजल छिड़ककर उसे शुद्ध करें
  7. उसके बाद भगवान शिव जी के समक्ष एक मुखी रुद्राक्ष को रखकर शिवजी के ओम नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें
  8. तत्पश्चात रुद्राक्ष को लाल धागे में पिरो कर पूर्व दिशा में अपना मुंह करके भगवान शिव जी को याद करते हुए धारण करें

एक मुखी रुद्राक्ष कितने दिन में असर करता है ? | Ek Mukhi Rudraksh Kitne Din Mein Asar karta hai ?

अगर रुद्राक्ष की आस्था से जुड़ा कोई व्यक्ति रुद्राक्ष को सही विधि से धारण करता है तो सामान्यता एक मुखी रुद्राक्ष का असर 21 दिनों में दिखाई देने लगता है  लेकिन शास्त्रों में ऐसा कहा जाता है कि कुंभ, धनु एवं मेष राशि के जातकों द्वारा एक मुखी रुद्राक्ष को धारण किए जाने पर उन्हें इस रुद्राक्ष का असर जल्दी दिखाई देने लगता है.

क्योंकि एक मुखी रुद्राक्ष इन राशियों के अनुकूल होता है अगर किसी व्यक्ति को रुद्राक्ष से जुड़े लाभ को प्राप्त करना है तो उसे रुद्राक्ष को हमेशा सही विधि द्वारा धारण करना चाहिए आवश्यकता है कि रुद्राक्ष धारण करने से पहले किसी पुरोहित से संपर्क करें और उनकी बताई गई विधि के अनुसार रुद्राक्ष के नियमों का पालन करते हुए उसे धारण करें.

एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लाभ | Ek Mukhi Rudraksh dharan karne ke Labh

शास्त्रों के अनुसार एक मुखी रुद्राक्ष का संबंध भगवान शिवजी से है इसे अगर उचित विधि से धारण किया जाए तो धारण करता को अनेक तरह के लाभ प्राप्त होते हैं जानकारी के लिए यहां हम आप लोगों को उन लाभ के विषय में बताएंगे जो 1 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से प्राप्त होते हैं लेकिन ऐसा कहा जाता है कि 1 मुखी रुद्राक्ष के लाभ उसी व्यक्ति को प्राप्त होते हैं जो इस रुद्राक्ष के नियमों का पूरी तरीके से ध्यान रखते हुए धारण करता है और धारण करने के पश्चात भी 1 मुखी रुद्राक्ष के नियमों का भली-भांति पालन करता है.reading padhai padhna

  1.  धार्मिक मान्यता के अनुसार 1 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से आध्यात्मिक उन्नति एवं एकाग्रता में वृद्धि होती है एक मुखी रुद्राक्ष धारण करना विद्यार्थियों के लिए बहुत फायदेमंद है.
  2. एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने से सकारात्मक ऊर्जा तथा नेतृत्व करने की शक्ति प्राप्त होती है.
  3. एक मुखी रुद्राक्ष में भगवान शिव का आशीर्वाद होता है जो जातक एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करता है उसके जीवन के कष्ट दूर हो जाते हैं.
  4. उचित तरीके से एक मुखी रुद्राक्ष धारण किया जाए तो धारण करता को सामाजिक प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है.
  5. इस रुद्राक्ष को धारण करने से मस्तिष्क शांत रहता है.
  6. एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने से परिवारिक क्लेश समाप्त हो जाता है और परिवार में सुख समृद्धि का आगमन होता है.
  7. संतान उत्पत्ति से जुड़ी समस्याएं के लिए 1 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात भगवान शिवजी का पूजन करना चाहिए.

एक मुखी रुद्राक्ष के दुष्प्रभाव | Ek Mukhi Rudraksha ke dushprabhav

रुद्राक्ष के उत्पत्ति भगवान शिव जी के आंखों के जल से हुई है रुद्राक्ष में भगवान शिव जी का आशीर्वाद समाहित है एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने से जातक को किसी भी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है लेकिन अगर कोई व्यक्ति एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के पश्चात इसके नियमों का पालन नहीं करता है या फिर इस रुद्राक्ष को गलत विधि द्वारा धारण करता है तो उसे कुछ इस प्रकार के दुष्प्रभाव हो सकते हैं.

  1. शारीरिक स्वास्थ्य खराब हो जाना
  2. अच्छी खासा व्यवसाय का एकदम से रुकना
  3. त्वचा से संबंधित विकार
  4. पारिवारिक क्लेश उत्पन्न होना

किस राशि को कौन सा रुद्राक्ष पहनना चाहिए ? | Kis Rashi ko kaun sa Rudraksh pehanna chahiye ?

अगर आप में से कोई भी व्यक्ति इस बात की जानकारी चाहता है कि कौन सी राशि में कौन सा रुद्राक्ष पहनना चाहिए तो आज हम आपको बताने वाले हैं कि किस राशि के अनुसार कौन सा रुद्राक्ष पहनना शुभ माना जाता है.

1. मेष राशि के अनुसार रुद्राक्ष

तीन मुखी रुद्राक्ष

2. वृष राशि के अनुसार रुद्राक्ष

छः मुखी रुद्राक्ष

3. मिथुन के अनुसार रुद्राक्ष

चार मुखी रुद्राक्ष

4. कर्क के अनुसार रुद्राक्ष

दो मुखी रुद्राक्ष

5. सिंह के अनुसार रुद्राक्ष

12 मुखी रुद्राक्ष

6. कन्या के अनुसार रुद्राक्ष

चार मुखी रुद्राक्ष

7. तुला के अनुसार रुद्राक्ष

आठ मुखी रुद्राक्ष

8. वृश्चिक के अनुसार रुद्राक्ष

तीन मुखी रुद्राक्ष

9. धनु के अनुसार रुद्राक्ष

पांच मुखी रुद्राक्ष

10. मकर के अनुसार रुद्राक्ष

सात मुखी रुद्राक्ष

11. कुम्भ के अनुसार रुद्राक्ष

आठ मुखी रुद्राक्ष

12. मीन के अनुसार रुद्राक्ष

दस मुखी रुद्राक्ष

FAQ: एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान

एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान कैसे करते हैं ?

एक मुखी रुद्राक्ष के बीचो बीच में एक ऐसी धारी बनी होती है जिससे या रुद्राक्ष दो भागों में प्रतीत दिखाई देता है इस तरह एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान की जाती है.

एक मुखी रुद्राक्ष कैसा होता है ?

एक मुखी रुद्राक्ष देखने में अर्धचंद्र के आकार का होता है.

कैसे पता करें एक मुखी रुद्राक्ष असली है या नकली ?

एक मुखी रुद्राक्ष की असली पहचान करने के लिए इसे पानी में डालें अगर रुद्राक्ष पानी के ऊपर तैरता है तो वह नकली है अगर रुद्राक्ष पानी में नहीं तैर रहा है तो वह असली रुद्राक्ष है.

निष्कर्ष

दोस्तों जैसे कि आज इस लेख के माध्यम से हमने आप लोगों को एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान करने के विषय में जानकारी दी है इसके साथ ही इस लेख हमने आप लोगों को रुद्राक्ष की उत्पत्ति और उसके अर्थ के विषय में भी बताया इसके अलावा हमने आप लोगों को एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान करने के विभिन्न तरीकों के विषय में जानकारी दी है.

इसके साथ ही इस लेख में एक मुखी रुद्राक्ष को किस तरह से धारण किया जाता है इसे धारण करने से क्या लाभ और क्या हानि होती है इसके विषय में हमने आप लोगों को इस लेख में संपूर्ण जानकारी विधिवत तरीके से प्रदान की है अगर आपने हमारे द्वारा दिए गए इस लेख को अच्छे से पढ़ा होगा तो आप लोगों को एक मुखी रुद्राक्ष के विषय में समस्त जानकारी प्राप्त हो गई होगी हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आप लोगों को पसंद आई होगी और निश्चित ही आप लोगों के लिए फायदेमंद भी साबित हुई होगी.

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