जप माला टूटने का मतलब क्या होता है? माला टूटना शुभ है या अशुभ? माला जप के लाभ जाने !

Mala tutna shubh hota hai ya ashubh ?  हमारे धर्म ग्रंथों में माला जपना विशेष रहा है पुराणों के अनुसार माला जपने से देवता प्रसन्न होते थे व्यक्ति जिसे इष्ट देवता की आराधना के लिए मंत्र के साथ माला जपता था वे देवता प्रसन्न होकर उचित इच्छाएं पूर्ण कर देते पुराणों में हर देवी देवता के लिए माला जपने के विषय में बताया गया है | mala jap ki prakriya kya hai ?

यह भी बताया गया है कि कौन सी माला किस देवी या देवता के लिए जपने चाहिए पुराणों में एक नहीं कई प्रकार की महिलाओं का जाप अलग अलग तरीके से अलग-अलग देवी-देवताओं के लिए दिया गया है|माला जपने से और भगवान की पूजा अर्चना करने से मंत्र सिद्ध हो जाते हैं परंतु इन मालाओं के टूट जाना शुभ है या अशुभ यह विषय जानना आवश्यक है।

बड़े-बड़े तपस्वी माला का जाप करते रहते हैं इसके अलावा बहुत से लोग पूजा करते समय एक माला का जाप करते हैं जो भी व्यक्ति भगवान की पूजा अर्चना करते समय माला का जाप करते हैं। यदि उनकी माला कभी टूट जाती है तो ऐसे में वह क्या करें ?क्योंकि माला टूटना शुभ है या अशुभ |

इस विषय पर भी जानना आवश्यक होता है। माला जपने से आध्यात्मिक लाभ होता है तथा वैज्ञानिक लाभ भी इसमें छिपे हुए होते हैं |विज्ञान इस तथ्य को मानता है की माला जपने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

माला जपने का आधार क्या है ? What is the basis of chanting the rosary?

किसी भी प्रकार की माला टूटने से पहले यह जान लेना आवश्यक है कि माला को जप करते समय क्यों प्रयोग किया जाता है वह तो यह बता दो कि माला का संबंध व्यक्ति की द्वारा मंत्रोचार करते समय संख्या की मान की नहीं होता
कहने का तात्पर्य यह है कि जो व्यक्ति माला जाप करता है तो लगभग हर माला में 108 गाने होते हैं |

तुलसी की माला का प्रयोग

जिससे कोई भी व्यक्ति 108 बार मंत्र जाप करता है तो वह हर बार एक माला की मणि घुमा देता है जिससे उसकी संख्या कम से कम 27 या 108 बार पूर्ण होने में आसानी हो जाती है इसीलिए माला जाप किया जाता है|

माला जाप की प्रक्रिया क्या है ? What is the process of rosary chanting?

माला जाप करना निश्चित संख्या में मंत्र जाप करने से है वास्तव में माला की दानी एक मंत्र होते हैं और निश्चित संख्या में जाप करने से व्यक्ति को अच्छा फल प्राप्त होता है मंत्र कुछ निश्चित अक्षरों में निहित होते हैं इसलिए इन्हें जाप करते समय एक विशिष्ट क्रम में बोले जाते हैं और एक निश्चित संख्या में जप करने से अच्छा असर होता है और यदि जो व्यक्ति माला जाप कर रहा है वह हर बार एक मंत्र जाप करता है तो वह सिद्ध हो जाता है।

 

मंत्र जाप करते समय कुछ विशेष प्रकार की दुनिया उत्पन्न होती हैं जो सकारात्मक ऊर्जा देती हैं मंत्र जाप करते समय आसान मुद्रा में सुखासन या पद्मासन में बैठकर जाप किया जाता है इसके अलावा माला को जॉब करते समय हाथों की मध्यमा और अनामिका तथा अंगूठे का प्रयोग किया जाता है।

माला जाप करते समय तर्जनी उंगली का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा यह सिद्ध किया जाता है कि तर्जनी उंगली में नकारात्मक ऊर्जा होती है जिस से व्यक्ति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है इसलिए तर्जनी उंगली जाप करते समय निषिद्ध मानी जाती है।

माला टूटने शुभ होता है या अशुभ बताये ? Is breaking a garland good or bad ?

मंत्रोचार और माला जाप करते समय यदि किसी की माला टूट जाती है तो एक प्रकार से अशुभ नहीं है पर जो माला टूट गई है उसे फेंकना नहीं चाहिए, बल्कि उसे पुनः किसी नए धागे में गूथकर प्रयोग में लाना चाहिए।इसके अलावा यदि आप की माला टूट गई है और मोती बिखर गए हैं तो नई माला लेकर उस माला के मोती उसने डाल ले।

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ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जो पहले माला जाप की जा रही थी वह माला सिद्ध माला हो जाती हैं इसलिए उसके मूर्ति जो भी बचे हैं उन्हें दूसरी माला में डालकर अपनी संख्या पूरा करें। इससे दूसरी नई माल आपकी प्रभावशाली रहती है।

माला का जाप करते समय सावधानियां कौन सी हैं ? What are the precautions while chanting the rosary?

भगवान की भक्ति के लिए लोगों ने कई तरीके अपनाए हैं| कभी यज्ञ, कभी कीर्तन,भजन आदि के माध्यम से पूजा अर्चना तथा अपने अमन चयन के लिए भगवान की आराधना करते रहते हैं ।हमारे ऋषि मुनि अन्य साधु संत भगवान भजन के लिए अक्सर मंत्रोचार के साथ साथ माला का जाप करते रहते हैं।

माला जाप करने से मंत्र अत्यधिक प्रभावशाली हो जाते हैं मन को एकाग्र कर देता है और उसका प्रभाव भी शीघ्र दिखाई देता है ।मंत्र जप करने के तरीके माला के माध्यम से भी होता है|
परंतु माला का जाप करने मात्र से कुछ नहीं होने वाला है बल्कि माला जाप करते समय क्या क्या सावधानियां होनी चाहिए यह आवश्यक होता है।

  • माला का जप करने से पहले यह ध्यान देना आवश्यक है कि जो माला आप मंत्रोचार और जब करने के लिए प्रयोग कर रहे हैं उस माला में कम से कम 108 मोती जरूर होनी चाहिए।
  • माला जाप करना मंत्रों को सिद्ध करने के लिए किया जाता है इसलिए शास्त्रों में वर्णित है है कि मंत्रोचार और माला जाप करते समय तर्जनी अंगुली का स्पर्श बिल्कुल नहीं होना चाहिए।
  • मंत्र जाप के लिए प्रयोग की जाने वाली माला जाप करते समय किसी वस्त्र से ढका होना चाहिए अथवा माला गोमुखी होनी चाहिए।
  • माला का जाप करते समय अपने मन में स्थिर भाव से प्रार्थना करते करते रहे कि जिस मंत्र के लिए माला जाप कर रहे हैं वह सफल हो।
  • माला जाप करने वाले व्यक्ति को कभी भी दूसरे की माला का जाप नहीं करना चाहिए बल्कि माला जाप करने के लिए स्वयं नई माला खरीदने और उसी से जाप करें।
  • जिस माला का जाप हम कर रहे हैं वह माला कभी भी गले में धारण ना करें यदि गले में भी माला पहनना चाहते हैं तो कोई नई माला खरीद कर पहन ले ।
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अलग अलग माला के प्रयोग के लाभ क्या हैं ? What are the benefits of using different beads?

आदि काल से आज तक सभी लोगों ने देखा होगा कि बड़े-बड़े ऋषि मुनि साधु महात्मा संत बैरागी सभी लोग कई तरह की अलग-अलग मालाएं लेकर जॉब करते हैं। आखिर इन मालाओं को अलग-अलग जाप करने से क्या लाभ है आइए जानते हैं अलग-अलग मालाओं से जपने से क्या लाभ है।

रुद्राक्ष की माला का जाप करने से लाभ : Benefits of chanting Rudraksha beads

रुद्राक्ष की माला भगवान शिव के लिए जाप करने से अत्यधिक लाभ मिलता है क्योंकि रुद्राक्ष की माला भगवान शिव के लिए विशेष मानी गई है।

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रुद्राक्ष की माला का जाप करने से भगवान शंकर अपनी कृपा बरसाते हैं रुद्राक्ष की माला जाप करते समय भगवान भोलेनाथ का महामंत्र जिसे महामृत्युंजय मंत्र कहा जाता है अथवा लघु महामृत्युंजय मंत्र कहां जाता है का जाप किया जाता है। महादेव शिव शंकर भोलेनाथ आदि नामों से जाने जाने वाले भगवान शिव का महामंत्र नीचे दिया गया है इसके अलावा रुद्राक्ष की माला माता पार्वती के लिए भी जाप की जाती है।

भगवान shiv के लिए मंत्र 

ॐ त्र्यम्‍बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्‍धनान् मृत्‍योर्मुक्षीय मामृता

माता पार्वती के लिए मंत्र

ऊँ साम्ब शिवाय नमः और ऊँ गौर्ये नमः।।

स्फटिक की माला का जाप करने से लाभ : Benefits of chanting rhinestone beads

स्फटिक की माला मां सरस्वती और मां लक्ष्मी के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है अतः धन प्राप्ति और विद्या प्राप्ति के लिए यदि कोई भी व्यक्ति मंत्रोचार और माला का जाप करता है तो उसे स्फटिक की माला जॉब करनी चाहिए इससे एकाग्रता संपन्नता और शांति मिलती है।

माता सरस्वती और मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए माला के रूप में जाप करने के लिए नीचे मंत्र दिए जा रहे हैं।

सरस्वती मंत्र

या कुंदेंदु तुषार हार धवला या शुभ्र वृस्तावता ।
या वीणा वर दण्ड मंडित करा या श्वेत पद्मसना ।।

या ब्रह्माच्युत्त शंकर: प्रभृतिर्भि देवै सदा वन्दिता ।
सा माम पातु सरस्वती भगवती नि:शेष जाड्या पहा ॥

देवी सूक्त से सरस्वती मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेणसंस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

श्री लक्ष्मी बीज मन्त्र:

ॐ श्री ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः।।

लक्ष्मी प्रा​र्थना मंत्र:

नमस्ते सर्वगेवानां वरदासि हरे: प्रिया।

मूल मंत्र

ॐ ऎं सरस्वत्यै ऎं नमः।

सरस्वती मंत्र

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः।
रने के लिए कुछ उनके प्रभावी मंत्र के बार में बता रहे हैं।

मां लक्ष्मी के प्रिय मंत्र  श्री लक्ष्मी बीज मन्त्र:

ॐ श्री ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः।।

लक्ष्मी प्रा​र्थना मंत्र:

नमस्ते सर्वगेवानां वरदासि हरे: प्रिया।
या गतिस्त्वत्प्रपन्नानां या सा मे भूयात्वदर्चनात्।।

श्री लक्ष्मी महामंत्र:

ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।

माता लक्ष्मी के अन्य मंत्र

ॐ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:।।

ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।

ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:।।

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:।।

पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम् ।।

ऊं ह्रीं त्रिं हुं फट।।

हल्दी की माला का जाप करने से लाभ : Benefits of chanting turmeric garland

हल्दी की माला का जाप अपनी मनोकामनाओं को पूर्ति के लिए किया जाता है यह माला बृहस्पति देव तथा मां बगलामुखी के लिए प्रयोग की जाती है इस माला के जाप करने से व्यक्ति को ज्ञान और संतान की प्राप्ति होती। बृहस्पति देव और मां बगलामुखी के लिए मंत्र नीचे दिए जा रहे हैं|

बृहस्पति देव के मंत्र 

1- देवानां च ऋषीणां च गुरुं का चनसन्निभम।

2- बुद्धि भूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पितम।

3- ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।

4- ऊं बृं बृहस्पतये नम:। और

5- ऊं अंशगिरसाय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि तन्नो जीव: प्रचोदयात्।

बगलामुखी माता बीज मंत्र

ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानाम वाचं मुखम पदम् स्तम्भय। जिव्हां कीलय बुद्धिम विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा।।

चन्दन की माला का जाप करने से लाभ : Benefits of chanting sandalwood garland

चंदन की माला का जाप भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है भगवान कृष्ण की स्तुति के लिए सफेद चंदन की माला तथा लाल चंदन की माला का प्रयोग किया जा सकता है हो सके तो लाल चंदन की माला का जाप करें। भगवान कृष्ण के लिए नीचे दिए गए मंत्रों का जाप माला के रूप में किया जाता है|

“ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात”.

“कृं कृष्णाय नमः”

“हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे”

“ऊं श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा”

“ओम क्लीम कृष्णाय नमः”

तुलसी की माला का जाप करने से लाभ : Benefits of chanting Tulsi garland

भगवान विष्णु और उनके अवतारों के लिए तुलसी की माला जाप करना सर्वोत्तम माना जाता है। हालांकि तुलसी की माला वैष्णव परंपरा के लोग अधिक करते हैं इसलिए तुलसी की माला जाप करने के लिए वैष्णो परंपरा का पालन करना अनिवार्य होता है।

तुलसी की माला से कभी भी देवी पार्वती और शिव जी के मंत्र का जाप नहीं किया जाता है। भगवान विष्णु और उनके अवतारों के लिए निम्नलिखित मंत्र जप किए जाते हैं।

भगवान विष्णु और उनके अवतारों के लिए मंत्र 

ॐ नमोः नारायणाय. ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय। विष्णु गायत्री महामंत्र- ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि।

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।
हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।

ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

ॐ विष्णवे नम:

ॐ हूं विष्णवे नम:

ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।

लक्ष्मी विनायक मंत्र

दन्ताभये चक्र दरो दधानं,
कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया
लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।

धन-वैभव एवं संपन्नता का मंत्र

ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।

सरल मंत्र  

ॐ अं वासुदेवाय नम:
– ॐ आं संकर्षणाय नम:
– ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
– ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:
– ॐ नारायणाय नम:

विष्णु के पंचरूप मंत्र 

ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

मूंगे की माला का जाप करने से लाभ : Benefits of chanting coral beads

मूंगे की माला हनुमान जी की सिद्धि के लिए जाप की जाती है। हनुमान जी के सिद्ध करते समय मूंगे की माला जाप करके मंत्र सिद्ध किए जाते हैं हनुमान जी के मंत्र इस प्रकार है।

हनुमान जी के मंत्र 

ॐ दक्षिणमुखाय पच्चमुख हनुमते करालबदनाय-
नारसिंहाय ॐ हां हीं हूं हौं हः सकलभीतप्रेतदमनाय स्वाहाः ।।

ॐ पूर्वकपिमुखाय पच्चमुख हनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रु सहंरणाय स्वाहा।।

मर्कटेश महोत्साह सर्वशोक विनाशन।।

इस तरह से दिए गए सभी मंत्र में कोई एक मंत्र माला के रूप में सिद्ध करने के लिए जाप किया जा सकता है जिनकी सिद्धि होने पर सभी प्रकार से धन वैभव समृद्धि प्राप्त हो जाती है।

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